Nalanda vishwavidyalaya history in hindi

  1. धोलावीरा
  2. नालंदा विश्वविद्यालय किसने बनवाया था
  3. नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास कुछ ऐसा जिसपर हर भारतीय को गर्व होगा
  4. भारत के प्रमुख प्राचीन विश्वविद्यालय
  5. Nalanda University: The Oldest Known University Destroyed by Invaders


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धोलावीरा

धोलावीरा (गुजरात) मानचित्र दिखाएँ गुजरात स्थान निर्देशांक 23°53′18.98″N 70°12′49.09″E / 23.8886056°N 70.2136361°E / 23.8886056; 70.2136361 23°53′18.98″N 70°12′49.09″E / 23.8886056°N 70.2136361°E / 23.8886056; 70.2136361 प्रकार बसाहट क्षेत्रफल 47हे॰ (120 एकड़) इतिहास काल संस्कृति स्थल टिप्पणियां स्थिति भग्नावशेष सार्वजनिकअभिगम हाँ हड़प्पा, मोहन जोदडो, गनेरीवाला, राखीगढ, धोलावीरा तथा लोथल ये छः पुराने महानगर पुरातन संस्कृति के नगर है। जिसमें धोलावीरा और लोथल भारत में स्थित है। इस जगह का खनन पुरातत्त्व विभाग के डॉ॰ आर. एस. बिस्त ने किया था। धोलावीरा का 100 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार था। प्रांत अधिकारियों के लिये तथा सामान्य जन के लिये अलग-अलग विभाग थे, जिसमें प्रांत अधिकारियों का विभाग मजबूत पत्थर की सुरक्षित दीवार से बना था, जो आज भी दिखाई देता है। अन्य नगरों का निर्माण कच्ची पक्की ईंटों से हुआ है। धोलावीरा का निर्माण चौकोर एवं आयताकार पत्थरों से हुआ है, जो समीप स्थित खदानो से मिलता था। ऐसा लगता है कि धोलावीरा में सभी व्यापारी थे और यह व्यापार का मुख्य केन्द्र था। यह कुबेरपतियों का महानगर था। ऐसा लगता है कि सिन्धु नदी समुद्र से यहाँ मिलती थी। भूकंप के कारण सम्पूर्ण क्षेत्र ऊँचा-नीचा हो गया। आज के आधुनिक महानगरों जैसी पक्की गटर व्यवस्था पांच हजार साल पहले धोलावीरा में थी। पूरे नगर में धार्मिक स्थलों के कोई अवशेष नहीं पायें गए हैं। इस प्राचीन महानगर में पानी की जो व्यवस्था की गई थी वह अद्दभुत है। आज के समय में बारिस मुश्किल से होती है। बंजर जमीन के चारो ओर समुद्र का पानी फैला हुआ है। इस महानगर में अंतिम संस्कार की अलग-अलग व्यवस्थाएँ थी। भारत, जापान तथा विश्व के अन्य निष्णांत...

नालंदा विश्वविद्यालय किसने बनवाया था

गुप्तकालीन सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने 415-454 ई.पू. नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की थी। महाराज शकादित्य, सम्भवत: गुप्तवंशीय सम्राट कुमार गुप्त, 415-455 ई., ने इस जगह को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया। उसके बाद उनके उत्तराधिकारी अन्य राजाओं ने यहाँ अनेक विहारों और विश्वविद्यालय के भवनों का निर्माण करवाया। इनमें से गुप्त सम्राट बालादित्य ने 470 ई. में यहाँ एक सुंदर मंदिर बनवाकर भगवान बुद्ध की 80 फीट की प्रतिमा स्थापित की थी।

नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास कुछ ऐसा जिसपर हर भारतीय को गर्व होगा

Nalanda University – भारत दुनिया का एक अद्धभुत देश है। यहां की कला, संस्कृति, त्यौहार, परंपरा, रिवाज सब कुछ अनूठा है। शायद भारत में जितनी विविधता है, दुनिया के किसी देश में नहीं है। भारत ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है। शिक्षा के स्तर पर, आज बेशक भारत दुनिया के फलक पर पिछड़ा हो लेकिन अतीत में एक काल ऐसा भी रहा, जब भारत में स्थित शिक्षण संस्थान (educational institutions) में दुनिया भर से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। यहां पर दी जाने वाली शिक्षा का दुनियाभर में महत्व था। यहां पढ़के विद्याथी गौरान्वित महसूस करते थे। जी हाँ हम बात कर रहे है नालंदा विश्वविद्यालय की, एक ऐसा शैक्षणिक संस्थान जो मशहूर था अपने उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम के लिए। यहां पर बहुत सारे विषयो की पढाई करवाई जाती थी। बिहार राज्य के नालंदा जिला (nalanda district) में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी उस महान संस्थान की गौरव गाथा कहते हैं। जिसे भुलाये नहीं भुलाया जा सकता। भारत बौद्ध धर्म और शिक्षा का केंद्र रहा है। यह एक ऐसा धर्म था जिसने दुनिया को शांति और सद्भावना (peace and harmony) का पाठ पढ़ाया। बौद्ध धर्म का विस्तार न केवल भारत में हुआ बल्कि विश्व के बहुत सारे देशो तक इसने अपनी पहुँच बनाई। इसके केंद्र में तक्षशिला (Takshshila) और नालन्दा जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालय थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म की शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया और इसके प्रसार में योगदान दिया। नालंदा विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र होने के साथ-साथ बौद्ध अनुयायियों के लिए भी बहुत मायने रखता है। दुनिया का एक महान विश्वविद्यालय किस तरह रचा, बसा और फिर उजड़ा, इसे ही हम बताने वाले हैं। इस लेख में हमने nalanda university ka itihas के ...

भारत के प्रमुख प्राचीन विश्वविद्यालय

1/5 - (1 vote) Ancient Universities of India In Hindi, शिक्षा के झेत्र में भारत का वैदिक कल से ही अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। 8 वी शताब्दी से 12 वी शताब्दी के बीच भारत पूरे विश्व में शिक्षा का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र था। जहाँ हम देखते है की शिक्षा का सफ़र गुरुकुल और आश्रमों के माध्यम से शुरू होकर आज विश्वविद्यालयों तक जा पहुचा है। जिनमे आज भी नवीनतम शिक्षा के साथ साथ प्राचीन शिक्षा, संस्क्रती, बेद, पुराण को महत्व दिया जाता है। वैदिक काल के बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया। भारत की शिक्षा प्रणाली भी उतनी ही विकसित होती गयी। प्राचीन समय से ही भारत में नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय,विक्रमशीला विश्वविद्यालय जैसे कई प्राचीन शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गयी थी। जहाँ बिभिन्न देशो के छात्रों ने इन प्राचीन विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का गौरव हासिल किया है। लेकिन आज हम और अधिकतर लोग सिर्फ नालंदा और दूसरी तक्षशिला विश्वविद्यालय के बारे में जाड्या जानते है। लेकिन क्या आप जानते है इन प्राचीन विश्वविद्यालयों के अलावा भी अन्य कई ऐसे विश्वविद्यालय और महाविहार थे जो उस समय शिक्षा के मंदिर थे। तो आइये आज हम यहाँ अपने लेख भारत के सभी प्रमुख प्राचीन विश्वविद्यालयों के बारे में जानते हैं – Table of Contents • • • • • • • • • • नालंदा विश्वविद्यालय – Nalanda university In Hindi नालंदा विश्वविद्यालय भारत शिक्षा के सबसे प्राचीन और सबसे प्रमुख शिक्षा केन्द्रों में से एक है। जिसे नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय और शोध-गहन वर्ग है जो भारत के ऐतिहासिक शहर विहार में स्थित है। नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन की ...

Nalanda University: The Oldest Known University Destroyed by Invaders

In ancient Magadha (modern-day Bihar), India, Nalanda is a prominent Buddhist monastic academy. It was near the city of Rajagriha (now Rajgir) and around 90 kilometres southeast of Pataliputra, and operated from 427 to 1197 CE. Historians consider it to be the world’s first residential university and one of the finest centres of learning in the ancient world. During the Gupta Empire, Nalanda was founded with the help of several Indian and Javanese benefactors, including Buddhists and non-Buddhists. Its faculty featured some of Mahayana Buddhism’s most illustrious academics throughout the course of 750 years. ImageCredit: livehistoryindia The Hindu Vedas and its six philosophies, as well as grammar, medicine, logic, and mathematics, were taught in Nalanda Mahavihara, as were six important Buddhist schools and philosophies such as Yogacara and Sarvastivada. The university was also an important source of the 657 Sanskrit books sent to China by pilgrim Xuanzang and the 400 Sanskrit texts brought to China by Yijing in the 7th century, both of which inspired East Asian Buddhism. It was plundered and destroyed by Muhammad bin Bakhtiyar Khalji’s soldiers, then partially rebuilt and survived until around 1400 CE. It is now a recognized UNESCO World Heritage Site. According to Xuanzang, a Chinese traveller from the early 7th century Tang Dynasty, the name Nland was derived from a Naga — a snake god in Indian traditions–named Nalanda. He suggests that “na-alam-da” means “charity with...