Navratri ka dusra din

  1. Shardiya Navratri 2022
  2. navratri 2nd day maa brahmacharini puja shubh muhrat aaj ka panchang in hindi
  3. चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हाचारिणी का होता है इस दिन करे विधि विधान से पूजा अर्चना,देखे विधि
  4. नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां को ऐसे करें प्रसन्न, जानें आरती, मंत्र और सभी जानकारी
  5. Navratri Ke Dusre Din Mata Brahmacharini Roop Ki Pooja, Maa Brahmacharini Vart Katha and Pooja Vidhi
  6. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं संदेश, Happy Navratri 2nd Day Wishes In Hindi, Navratri ka Dusra Din Image, मां ब्रह्मचारिणी के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो, नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं हिंदी स्टेटस, नवरात्रि स्पेशल स्टेटस, शुभ नवरात्रि स्टेटस, Maa Brahmacharini, Navratri Day 2 Status, Navratri Quotes, Happy Navratri Day 2 Wishes For Whatsapp
  7. ब्रह्मचारिणी माता की पौराणिक कथा सहित जानें 8 रहस्य


Download: Navratri ka dusra din
Size: 17.16 MB

Shardiya Navratri 2022

नवरात्र का दूसरा दिन( NavratrI Ka Dusra Din)है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी( Maa Brahmacharini ) की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। अर्थात तप का आचरण करने वाली शक्ति को हम बार-बार नमन करते हैं। Shardiya Navratri 2022 | NavratrI Ka Dusra Din ऐसा है मां का स्वरूप नवरात्रि के दूसरे दिन पूजित ब्रह्मचारिणी आंतरिक जागरण का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां सृष्टि में ऊर्जा के प्रवाह, कार्यकुशलता और आंतरिक शक्ति में विस्तार की जननी हैं। ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं। इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है। जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में हाथ में कमंडल है यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त हैं। भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी बनाती हैं। ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है। अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं। इस प्रकार हजारो से कठोर तपस्या करने के कारण देवी ब्रह्मचारिणी के पूर्व जन्म का शरीर दूबला पतला और एकदम क्षीण हो गया। उनकी यह निर्बल दशा देखकर उनकी माता मैना को बहुत दुख हुआ। माता मैना ने उनकी इस कठोर तपस्या से बाहर निकालने के लिए उन्हे आवाज दी‘उमा’, अरे! नहीं, ओ! नहीं!’ तभी से ब्रह्मचारिणी देवी को‘उमा’ नाम से जाना गया। देवी को इस तरह कठोर तपस्या करते देख तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। देवता, ऋषि, मुनि औ...

navratri 2nd day maa brahmacharini puja shubh muhrat aaj ka panchang in hindi

3 अप्रैल,रविवार, 13 चैत्र (सौर) शक 1943, 19 चैत्र मास प्रविष्टे 2079, 1 रमजान सन् हिजरी 1443, चैत्र शुक्ल द्वितीया मध्याह्न 12 बजकर 39 मिनट तक उपरांत तृतीया, अश्विनी नक्षत्र मध्याह्न 12 बजकर 37 मिनट तक तदनंतर भरणी नक्षत्र, वैधृति योग प्रात: 7 बजकर 52 मिनट तक पश्चात विषकुम्भ योग, कौलव करण, चंद्रमा मेष राशि में (दिन-रात)। राशिफल : ग्रहों की स्थिति आज कुछ खास नहीं, भारी नुकसान के बन रहे हैं योग, मेष, वृष, मिथुन वाले रखें विशेष ध्यान सूर्य और चंद्रमा का समय सूर्योदय - 6:09AM सूर्यास्त - 6:4-PM चन्द्रोदय - Apr 037:22AM चन्द्रास्त - Apr 038:44PM नवरात्रि का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी की होगी पूजा, नोट कर लें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती, भोग और कथा आज के शुभ मुहूर्त- • ब्रह्म मुहूर्त- 04:37ए एमसे05:23ए एम • अभिजित मुहूर्त-12:00पी एमसे12:50पी एम • विजय मुहूर्त- 02:30पी एमसे03:20पी एम • गोधूलि मुहूर्त-06:27पी एमसे06:51पी एम • सर्वार्थ सिद्धि योग- 06:09ए एमसे12:37पी एम • निशिता मुहूर्त- 12:01ए एम,अप्रैल 04से12:47ए एम,अप्रैल 04 नवरात्रि के बाद एक ही दिन में बदलेगी 2 ग्रहों की चाल, मिलेंगे शुभ- अशुभ परिणाम, देखें अपनी राशि का हाल आज के अशुभ मुहूर्त- • राहुकाल-05:06पी एमसे06:40पी एम • यमगण्ड- 12:25पी एमसे01:58पी एम • आडल योग- 06:09ए एमसे12:37पी एम • विडाल योग- 12:37पी एमसे06:08ए एम,अप्रैल 04 • गुलिक काल- 03:32पी एमसे05:06पी एम • दुर्मुहूर्त- 05:00पी एमसे05:50पी एम

चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हाचारिणी का होता है इस दिन करे विधि विधान से पूजा अर्चना,देखे विधि

चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हाचारिणी का होता है इस दिन करे विधि विधान से पूजा अर्चना,देखे विधि चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. 23 मार्च 2023 को मां ब्रह्माचारिणी की पूजा होगी. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से संयम और त्याग की भावना जागृत होती है,देखे मंत्र से लेकर पूजा विधि तक- चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हाचारिणी का होता है इस दिन करे विधि विधान से पूजा अर्चना,देखे विधि चैत्र नवरात्रि 2023 दूसरे दिन का मुहूर्त चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 22 मार्च 2023, रात 08.20 चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 23 मार्च 2023, रात 06.20 शुभ (उत्तम मुहूर्त) – सुबह 06.22 – सुबह 0754 लाभ (उन्नति मुहूर्त) – दोपहर 12.28 – दोपहर 01.59 चैत्र नवरात्रि 2023 दूसरे दिन के शुभ योग इंद्र योग – 23 मार्च, सुबह 06.16 – 24 मार्च, सुबह 03.43 सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनकर देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए. चूंकी ये तपस्या की देवी है और तपस्वी अधिकतर सफेद या पीला वस्त्र धारण करते हैं. वैसे माता रानी का प्रिय रंग लाल है लेकिन इस दिन देवी को सफेद वस्तुएं अर्पित करने से भाग्य चमक उठता है. माता को शक्कर या पंचामृत का भोग लगाएं और ऊं ऐं नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. ध्यान रहे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा निराहर रहकर की जाती है तभी पूजा का फल मिलता है. कहते हैं नवरात्रि के दूसरे दिन इस विधि से पूजा करने पर जीवन के कठिन संघर्षों में भी व्यक्ति अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होता और सफलता प्राप्त करता है! चैत्र नवरात्री का दूसरा दिन माँ ब्रम्हाचारिणी का होता है इस...

नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां को ऐसे करें प्रसन्न, जानें आरती, मंत्र और सभी जानकारी

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा (chandraghanta Maa) स्वरूप की अराधना की जाती है। पौराणिक ग्रंथों में मां चंद्रघंटा को अलौकिक शक्तियां दिलाने वाली देवी माना गया है। इनके शरीर का रंग सोने की तरह चमकीला है। इस देवी के दस हाथ हैं और इनकी मुद्रा युद्ध में उद्यत रहने की होती है। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह यानी शेर है। ऐसी मान्यता है कि देवी की साधना और भक्ति करने से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। इस देवी के माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्र विराजमान है। इसीलिए इस देवी को चंद्रघंटा कहा गया है। जानिए नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती… नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) : नवरात्रि के तीसरे दिन मां का साज-श्रृंगार करें। फिर पुष्‍प, दुर्वा, अक्षत, गुलाब, लौंग कपूर आदि से मां की पूजा-अर्चना करें। चाहें तो एक चौकी पर साफ वस्‍त्र बिछाकर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा को स्‍थापित करें। व्रत का संकल्‍प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा समेत सभी देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इस दिन मां को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद यानी पंचामृत से स्‍नान कराएं और उन्हें मिष्‍ठान और फल का अर्पण करें। इस दिन मां के इस स्वरूप की कथा सुनकर आरती उतारें। मां को हलवे का भोग लगा सकते हैं। चंद्रघंटा शक्ति की पूजा और साधना से मणिपुर चक्र जाग्रत होता है। इनकी पूजा करने से वीरता-निर्भरता एवं विनम्रता का विकास होता है। इनकी पूजा से मुख, नेत्र तथा सम्पूर्ण काया में कान्ति बढ़ने लगती है। मां चन्द्रघंटा की पूजा करने वालों को शान्ति और सुख का अनुभव होने लगता है। मां चन्द्रघंटा की कृपा से हर तरह के पाप और सभी बाधाएं दूर हो जा...

Navratri Ke Dusre Din Mata Brahmacharini Roop Ki Pooja, Maa Brahmacharini Vart Katha and Pooja Vidhi

नवरात्री के दूसरे दिन माता ब्रम्ह्चारिणी रूप की पूजा नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी रूप की पूजा होती है। इस रूप में देवी को समस्त विद्याओं का ज्ञाता माना गया है। देवी ब्रम्ह्चारिणी भवानी माँ जगदम्बा का दूसरा स्वरुप है। ब्रम्ह्चारिणी ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली। ब्रह्माण्ड को जन्म देने के कारण ही देवी के दूसरे स्वरुप का नाम ब्रम्ह्चारिणी पड़ा। देवी के ब्रम्ह्चारिणी रूप में ब्रम्हा जी की शक्ति समाई हुई है। माना जाता है कि सृष्टी कि उत्पत्ति के समय ब्रम्हा जी ने मनुष्यों को जन्म दिया। समय बीतता रहा , लेकिन सृष्टी का विस्तार नहीं हो सका। ब्रम्हा जी भी अचम्भे में पड़ गए। देवताओं के सभी प्रयास व्यर्थ होने लगे। सारे देवता निराश हो उठें तब ब्रह्मा जी ने भगवान शंकर से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है। भोले शंकर बोले कि बिना देवी शक्ति के सृष्टी का विस्तार संभव नहीं है। सृष्टी का विस्तार हो सके इसके लिए माँ जगदम्बा का आशीर्वाद लेना होगा ,उन्हें प्रसन्न करना होगा। देवता माँ भवानी के शरण में गए। तब देवी ने सृष्टी का विस्तार किया। उसके बाद से ही नारी शक्ति को माँ का स्थान मिला और गर्भ धारण करके शिशु जन्म कि नीव पड़ी। हर बच्चे में १६ गुण होते हैं और माता पिता के ४२ गुण होते हैं। जिसमें से ३६ गुण माता के माने जातें हैं। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विधान है। देवी दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों एवं सिद्धों को अमोघ फल देने वाला है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से मनुष्य को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। तथा जीवन की अनेक समस्याओं एवं परेशानि...

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं संदेश, Happy Navratri 2nd Day Wishes In Hindi, Navratri ka Dusra Din Image, मां ब्रह्मचारिणी के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो, नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं हिंदी स्टेटस, नवरात्रि स्पेशल स्टेटस, शुभ नवरात्रि स्टेटस, Maa Brahmacharini, Navratri Day 2 Status, Navratri Quotes, Happy Navratri Day 2 Wishes For Whatsapp

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं संदेश, Happy Navratri 2nd Day Wishes In Hindi, Navratri ka Dusra Din Image, मां ब्रह्मचारिणी के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो, नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं हिंदी स्टेटस, नवरात्रि स्पेशल स्टेटस, शुभ नवरात्रि स्टेटस, Maa Brahmacharini, Navratri Day 2 Status, Navratri Quotes, Happy Navratri Day 2 Wishes For Whatsapp - The Public शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं संदेश, Happy Navratri 2nd Day Wishes In Hindi, Navratri ka Dusra Din Image, मां ब्रह्मचारिणी के दिन की हार्दिक शुभकामनाएं फोटो, नवरात्रि के दूसरे दिन की शुभकामनाएं हिंदी स्टेटस, नवरात्रि स्पेशल स्टेटस, शुभ नवरात्रि स्टेटस, Maa Brahmacharini, Navratri Day 2 Status, Navratri Quotes, Happy Navratri Day 2 Wishes For Whatsapp |1| या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः शारदीय नवरात्रि की बधाई, मां ब्रह्मचारिणी माता की जय |2| सच्चा है माँ का दरबार मैया सब पर दया करती समान! मैया है मेरी शेरोंवाली, शान है माँ की बड़ी निराली…. मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद में असर बहुत है…!!! हैप्पी नवरात्री! |3| सारा जहान है जिसकी शरण में नमन है उस माँ के चरण में, हम हैं उस माँ के चरणों की धूल, आओ मिलकर मां ब्रह्मचारिणी को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल. शुभ नवरात्रि |4| माँ की आराधना का ये पर्व हैं माँ के नौ रूपों की भक्ति का पर्व हैं बिगड़े काम बनाने का पर्व है भक्ति का दिया दिल में जलने का पर्व हैं मां ब्रह्मचारिणी माता की जय |5| रूठी है, तो माना लेंगे, पास अपने उसे बुला लेंगे, मैय्या है वो दिल की भोली, बातों मे उसे लगा लेंगे, नवरात्रि के दूसरे दिन की ...

ब्रह्मचारिणी माता की पौराणिक कथा सहित जानें 8 रहस्य

Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है और आज है नवरात्र का दूसरा दिन। इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। कौन है मां ब्रह्माचारिणी और किस कारण होती है उनकी पूजा एवं आराधना? उन्हें कौनसा प्रसाद अर्पित किया जाता है, क्या है उनकी पूजा का मंत्र और क्या है उनकी पौराणिक कथा। आओ जानते हैं सबकुछ। कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया। देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा- हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की। यह तुम्हीं से ही संभव थी। तुम्हारी मनोकामना परिपूर्ण होगी और भगवान चंद्रमौलि शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे। अब तपस्या छोड़कर घर लौट जाओ। जल्द ही तुम्हारे पिता तुम्हें बुलाने आ रहे हैं।