नेजल ड्रॉप्स

  1. प्रवासाच्या याद्या
  2. नोजल ड्रॉप डालें, बच्चे की बंद नाक में मिलेगी राहत लेकिन रखिए इन बातों का खास ध्यान
  3. ईयर ड्रॉप और नेजल स्‍प्रे के स्‍टोरेज में ना बरतें कोताही, जानें इनके प्रयोग और स्‍टोरेज का सही तरीका
  4. एलमेट 0.1% नेजल ड्रॉप्स : इस्तेमाल , साइड इफेक्ट, कीमत और विकल्प देखें
  5. नोजी नोज नेज़ल ड्रॉप्स: देखें उपयोग, दुष्प्रभाव, कीमत और विकल्प
  6. कोल्ड और एलर्जी से परेशान हैं? ये है इसका आयुर्वेदिक इलाज
  7. How to use Saline Nasal Drops for Baby
  8. प्राइवेट अस्पताल में 800 रुपए देने होंगे, जनवरी के आखिरी हफ्ते से मिलेगी


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प्रवासाच्या याद्या

येत्या ३१ तारखेला इस्त्रायलला जाणार आहे. या देशाबद्दल मला फार आकर्षण आहे. त्यांचं राष्ट्रप्रेम आणि आपलं अस्तित्व कायम राखण्यासाठीचे त्यांचे जीवापाड प्रयत्न फार भावतात. इस्त्रायलमध्ये ऐतिहासिक स्थळं तर बघण्यासारखी आहेतच पण तिथला निसर्ग वेगळाच आहे. शिवाय तेल अवीव हे अगदी आधुनिक शहर आहे, जिथे जगातल्या इतर मोठ्या शहरांची वैशिष्ट्यं तर दिसतातच पण तिथे खास इस्त्रायलचा ठसा पण बघायला मिळतो. तर जायची तयारी सुरू झाली आहे. आजच व्हिसासाठीची कागदपत्रं सबमिट केली आहेत. कुठल्याही प्रवासाला जायचं म्हटलं की मला उत्साह येतो. जिथे जाणार आहे तिथल्या ठिकाणांबद्दल माहीत करून घ्यायचं, तिथे काय खायलाप्यायला मिळतं ते शोधायचं, तिथे काय बनतं त्याबद्दल माहिती घ्यायची आणि असं सगळं होमवर्क करून मग प्रवासाला निघायचं. अर्थात अगदी प्रवासाचा कार्यक्रम अगदी काटेकोर पाळायचा नाही. तिथे पोचल्यावर एखाद्या दिवशी वाटलं की आज काहीच करायचं नाही, तर नुसतंच रस्त्यावरच्या एखाद्या कॅफेत बसून रस्त्यावरची गर्दी न्याहाळत शांतपणे कॉफी किंवा हॉट चॉकलेट पित बसायचं. चहा मला भारतीयच आवडतो, त्यामुळे बाहेर गेलं की फक्त कॉफी किंवा हॉट चॉकलेटच. तर सध्या मी इस्त्रायलमय झालेय. तिथल्या लोकांशी संपर्क साधणं, त्यांच्याशी मेलवर, मेसेजवर बोलणं सुरू आहे. प्रवासासाठी वेगवेगळ्या याद्या करणं हे तर माझं फार म्हणजे फार लाडकं काम आहे. त्यानुसार वेळोवेळी याद्या करणं सुरू आहे. आतापर्यंत मी ज्या काही याद्या केल्या आहेत त्याबद्दलच आजची ही पोस्ट. माझ्या प्रवासासाठीच्या याद्या अशा असतात. पहिली यादी – आपण जिथे जातो आहोत तिथल्या ठिकाणांची. म्हणजे आपण एखादा देश बघायला जात असू तर आपल्याला मोजक्या वेळात तो संपूर्ण देश बघणं शक्य नसतं. मग आपल्या हातात जो वे...

नोजल ड्रॉप डालें, बच्चे की बंद नाक में मिलेगी राहत लेकिन रखिए इन बातों का खास ध्यान

Read Also अमेरिका से भारत को मिल चुकी है 50 करोड़ डालर की मदद रायपुर। बदले मौसम में सर्दी जुखाम होना आम बात है, लेकिन यह समस्या अगर बच्चे और नवजात शिशु को हो तो यह काफी तकलीफदयक हो जाता है। छोटे बच्चो को सर्दी होने पर नाक बंद भी हो जाती है ऐसे में एक मात्र उपाय है, नोजल ड्रॉप, जिससे बच्चे की बंद नाक तुरंत खुल जाती है। लेकिन क्या आपको नोजल ड्रॉप इस्ताल करने का सही तरीका पता है आइए जानते है इसके फायदे। एक बार सील खुलने के बाद नहीं करें दोबारा इस्तेमाल नोजल ड्रॉप का इस्तेमाल करने के वक्त एक बात को सबसे पहले ध्यान में रखना चाहिए। नोजल ड्रॉप अगर एक बार खुल जाए तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि आपका बच्चा या घर का कोई भी व्यक्ति अगर बीमार है और उसे नाक बंद होने की समस्या हो रही है तो नोजल ड्रॉप का सील खोल कर एक बार उसका इस्तेमाल करें, लेकिन अगर दोबारा बच्चा या कोई भी सदस्य बीमार पड़ता है तो आप उसी नोजल ड्रॉप का इस्तेमाल नहीं करें। दोबारा के उपयोग के लिए नया नोजल ड्रॉप लेकर आएं। कभी भी खुले हुए नोजल ड्रॉप को 1 हफ्ते से ज्यादा नहीं रखना चाहिए। बच्चे को कैसे दें नेजल ड्रॉप्स बच्चे को नेजल ड्रॉप्स देते समय कुछ विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। चलिए जानते हैं इस बारे में- शिशु को नेजल ड्रॉप्स देते समय सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। ताकि आपके हाथों में लगी गंदगी से शिशु को कोई नुकसान न हो। Read Also Ed की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने फूंका भाजपा और ED का पुतला IMG 20230207 WA0040 डॉक्टर की सलाहनुसार ड्रॉपर या सिरिंच में सही मात्रा में डोज लें। इसके बाद शिशु को अपने गोद में आराम से लिटाएं। फिर अपने एक हाथ से उनके मुंह को पकड़ें, ताकि वह अपना मुंह ज्यादा न ह...

ईयर ड्रॉप और नेजल स्‍प्रे के स्‍टोरेज में ना बरतें कोताही, जानें इनके प्रयोग और स्‍टोरेज का सही तरीका

How to use Ear Drop And Nasal Spray : आमतौर पर जब कान में किसी तरह की समस्‍या होती है या नाक बंद हो जाता है, तो हम दवा की दुकान से सबसे पहले ईयर ड्रॉप और नेजल स्‍प्रे खरीदते हैं. इनका इस्‍तेमाल करते हैं. इनकी मदद से कान और नाक की ज्‍यादातर समस्‍याएं आसानी से दूर हो जाती हैं. नाक और साइनस क्षेत्र की ज्‍यादातर समस्याओं के इलाज के लिए डॉक्‍टर भी ऐसी ही दवाओं को खरीदने और इस्‍तेमाल करने की सलाह देते हैं. नेजल स्प्रे ओवर-द-काउंटर (over the counter) या प्रिस्क्रिप्शन दवाओं के रूप में भी उपलब्ध हैं. ऐसे में हम नेजल स्‍प्रे और ईयर ड्रॉप्‍स का इस्‍तेमाल तो करते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इनका सही उपयोग और रखने के तरीके में छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं. नेज़ल ड्रॉप के इस्तेमाल करने का सही तरीका -सबसे पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से धो लें और इसके बाद ही नोज ड्रॉप हाथ में लें. -अब लेबल पर लिखे निर्देशों को अच्‍छी तरह से पढ़ें. -अब अपनी नाक से धीरे से हवा को बाहर की तरफ फेकें. -पहले बैठ जाएं और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाकर रखें. आप चाहें तो आप कंधे के नीचे एक तकिया रखकर लेट सकते हैं. -अब नाक में लगभग 1 सेमी अंदर की तरफ एप्‍लीकेटर को डालें.ध्‍यान रहे कि नाक के छेदों के किनारों को ना छुएं. -अब नाक में ड्रॉपर की मदद से कुछ बूंदों को डालें. -कुछ देर तक इसी स्थिति में सिर का उठाकर रखें जिससे दवा नाक के अंदर फैल जाए. इसे भी पढ़ें: नोजल स्‍प्रे को इस तरह करें स्‍टोर -नोजल स्‍प्रे को हमेशा ठंडी और सूखी जगह पर ही स्टोर करें. -इन दवाओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें. -एक्सपायरी डेट चेक करें और अगर डेट निकल गई है तो इसे फेंक दें. ईयर ड्रॉप्स के इस्तेमाल करने का सही तरीका -ईयर ड्रॉप्स ...

एलमेट 0.1% नेजल ड्रॉप्स : इस्तेमाल , साइड इफेक्ट, कीमत और विकल्प देखें

एलमेट 0.1% नेजल ड्रॉप्स सामान्य सर्दी जुकाम या फ्लू, हे बुखार और अन्य एलर्जी के कारण होने वाले नेजल कंजेशन ( बंद नाक) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है.. यह नाक की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है जिससे बंद नाक की समस्या से आराम मिलता है. एलमेट 0.1% नेजल ड्रॉप्स का इस्तेमाल आपके डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही किया जाना चाहिए. यह केवल अस्थायी राहत प्रदान करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल बार-बार या सुझाए गए समय से अधिक अवधि तक न करें.. आमतौर पर इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने नाक को हल्के से ब्लो करना चाहिए, इसके बाद एक नॉस्ट्रिल में दवा डालते समय दूसरे को बंद रखें तथा तेजी से खींचें ताकि दवा नाक में गहराई तक चली जाए. फिर यही प्रक्रिया दूसरी नाक में दोहराएं. यह बहुत तेज़ी से राहत देता है और कई घंटों तक रह सकता है. अगर आप इस दवा का अक्सर इस्तेमाल करते हैं या बहुत लंबे समय के लिए करते हैं, तो इससे आपके लक्षण बेहतर होने की बजाय और भी खराब हो सकते हैं. इसके सबसे आम दुष्प्रभाव गले और नाक में , जलन, मिचली आना , सिर दर्द और सूखी नाक हैं. यह आमतौर पर हल्का होता है लेकिन अगर वे आपको परेशान करते हैं या दूर नहीं होते हैं, तो आपके डॉक्टर उन्हें रोकने या कम करने के तरीकों का सुझाव दे सकते हैं. यह आमतौर पर एक सुरक्षित दवा है, लेकिन अगर आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे ह्रदय संबंधी समस्याएं या हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) या अधिक ऐक्टिव थायरॉइड ग्रंथि या ग्लूकोमा या प्रोस्टेट के बढ़ने जैसी समस्याएं हैं, तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें. यह सुनिश्चित करने के लिए आप सुरक्षित हैं अपने डॉक्टर को अन्य दवाओं के बारे में बता दें जिनका सेवन आप कर रहे हैं. अगर आप गर...

नोजी नोज नेज़ल ड्रॉप्स: देखें उपयोग, दुष्प्रभाव, कीमत और विकल्प

नोजी नोज नेज़ल ड्रॉप्स सामान्य सर्दी जुकाम या फ्लू, हे बुखार और अन्य एलर्जी के कारण होने वाले नेजल कंजेशन ( बंद नाक) के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है.. यह नाक की रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है जिससे बंद नाक की समस्या से आराम मिलता है. नोजी नोज नेज़ल ड्रॉप्स का इस्तेमाल आपके डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही किया जाना चाहिए. यह केवल अस्थायी राहत प्रदान करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल बार-बार या सुझाए गए समय से अधिक अवधि तक न करें.. आमतौर पर इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने नाक को हल्के से ब्लो करना चाहिए, इसके बाद एक नॉस्ट्रिल में दवा डालते समय दूसरे को बंद रखें तथा तेजी से खींचें ताकि दवा नाक में गहराई तक चली जाए. फिर यही प्रक्रिया दूसरी नाक में दोहराएं. यह बहुत तेज़ी से राहत देता है और कई घंटों तक रह सकता है. अगर आप इस दवा का अक्सर इस्तेमाल करते हैं या बहुत लंबे समय के लिए करते हैं, तो इससे आपके लक्षण बेहतर होने की बजाय और भी खराब हो सकते हैं. इसके सबसे आम दुष्प्रभाव गले और नाक में , जलन, मिचली आना , सिर दर्द और सूखी नाक हैं. यह आमतौर पर हल्का होता है लेकिन अगर वे आपको परेशान करते हैं या दूर नहीं होते हैं, तो आपके डॉक्टर उन्हें रोकने या कम करने के तरीकों का सुझाव दे सकते हैं. यह आमतौर पर एक सुरक्षित दवा है, लेकिन अगर आपको किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे ह्रदय संबंधी समस्याएं या हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) या अधिक ऐक्टिव थायरॉइड ग्रंथि या ग्लूकोमा या प्रोस्टेट के बढ़ने जैसी समस्याएं हैं, तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें. यह सुनिश्चित करने के लिए आप सुरक्षित हैं अपने डॉक्टर को अन्य दवाओं के बारे में बता दें जिनका सेवन आप कर रहे हैं. अगर आप गर्भवत...

कोल्ड और एलर्जी से परेशान हैं? ये है इसका आयुर्वेदिक इलाज

Written by |Updated : January 5, 2017 8:40 AM IST • • • • • Read this in अनुवादक – Usman Khan क्रोनिक कोल्ड या पर्सिस्टन्ट रिनिट्स (persistent rhinitis) एक आम समस्या है। नाक से पानी बहना, खुजली होना, नाक बंद रहना और बार-बार आंखें लाल रहना इसके आम लक्षण हैं। ये एलर्जी घर की धूल और पालतू या अन्य जानवरों की वजह से हो सकती है। मुंबई स्थित कैराली आयुर्वेदिक सेंटर के मैनेजर डॉक्टर राहुल डोगरा के अनुसार, ये जरूरी नहीं है कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप हर बार एंटीबायोटिक दवाओंका ही सहारे लें। बल्कि आप आयुर्वेदिक दवाओं से भी राहत पा सकते हैं। Also Read • • • आयुर्वेद में ठंड को वात-कफाजा प्रतिशया के रूप में जाना जाता है। अमा (टोक्सिन), असतमया (व्यक्ति के आसपास के वातावरण में किसी भी तरह का परिवर्तन) और विरुद्ध आहार (खानेपीने का गलत कॉम्बिनेशन) से कोल्ड और एलर्जी की समस्या हो सकती है। अमा से पाचन और चयापचय बिगड़ सकता है। खानेपीने के गलत कॉम्बिनेशन जैसे-मछली के साथ दूध, फ्रूट जूस के साथ दूध, शहद के साथ मक्खन और रात को खाने के बाद आइसक्रीम से एलर्जी हो सकती है। क्रोनिक कोल्ड का यह है आयुर्वेदिक उपचार अगर लक्षण पुराने और गंभीर हैं, तो पंचकर्म उपचार सही होता है। यह अमा को राहत देने और त्रिदोष को संतुलित करने में मदद करता है। ऐसे लोग जिन्हें पाचन की समस्या नहीं है उनके लिए नसया उपचार (नेजल ड्रॉप्स थेरेपी) बेहतर है। ऐसे में अनु तालिया या शदबिंदु तालिया हर्बल ऑयल से आराम मिलता है। पंचकर्म उपचार के बाद आयुर्वेदिक दवाएं सांस की प्रतिरोधक क्षमता और ऊपरी श्वसन तंत्र की शक्ति में सुधार करने के लिए सहायक मानी जाती हैं। पुरानी ठंड के लिए आयुर्वेदिक दवाएं • महालक्ष्मी विलास रस • क्नाकासावम ...

How to use Saline Nasal Drops for Baby

बदलते मौसम में छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम की समस्या काफी ज्यादा होने लगती है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सर्दी-जुकाम के कारण नाक में जब काफी ज्यादा बलगम जमा हो जाता है, तो शिशुओं को सांस लेने में काफी ज्यादा तकलीफ होने लगती है। इस स्थिति में अधिकतर माता-पिता अपने बच्चे को नेजल ड्रॉप्स देना सुरक्षित समझते हैं। नेजल ड्रॉप्स के इस्तेमाल से बंद नाक की समस्या दूर की जा सकती है। लेकिन क्या बच्चों को नेजल ड्रॉप देना सुरक्षित है? अगर आपके मन में भी यह सवाल है, तो आज इस लेख से हम इस बारे में जानेंगे। साथ ही नेजल ड्रॉप देते समय बरती जानें वाली सावधानियों के बारे में भी हम आपको बताएंगे। तो चलिए जानते हैं इस बारे में- क्या शिशुओं को नेजल ड्रॉप देना है सुरक्षित? इसे भी पढ़ें - शिशुओं को कैसे दें नेजल ड्रॉप्स? शिशुओं को नेजल ड्रॉप्स देते समय कुछ विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। चलिए जानते हैं इस बारे में- • शिशु को नेजल ड्रॉप्स देते समय सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं। ताकि आपके हाथों में लगी गंदगी से शिशु को कोई नुकसान न हो। • डॉक्टर की सलाहनुसार ड्रॉपर या सिरिंच में सही मात्रा में डोज लें। • इसके बाद शिशु को अपने गोद में आराम से लिटाएं। • फिर अपने एक हाथ से उनके मुंह को पकड़ें, ताकि वह अपना मुंह ज्यादा न हिला सके। • इसके बाद दूसरे हाथ की मदद से उनके नाक में ड्रॉप डालें। • अगर आपको शिशु के नाक में ज्यादा बलगम दिख रहा है, तो सबसे पहले बलगम को साफ करें उसके बाद ही ड्रॉप डालें। • नाक में ड्रॉप डालते समय ड्रॉपर को शिशु के नाक के अंदर न ले जाएं। ड्रॉप को आपको नाक के छिद्रों के बाहर छोड़ना है, यह खुद-ब-खुद अंदर चला जाएगा। • जब तक ड्रॉप नाक के अंद...

प्राइवेट अस्पताल में 800 रुपए देने होंगे, जनवरी के आखिरी हफ्ते से मिलेगी

केंद्र ने दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को 23 दिसंबर को मंजूरी दी थी। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लिया जा सकेगा। सरकार ने यह भी कहा है कि जिसने तीन डोज ले लिए हैं, उन्हें अतिरिक्त डोज की जरूरत नहीं है। सिर्फ 3 ही डोज पर्याप्त हैं। • इस समय भारत में लग रही वैक्सीन के दो डोज दिए जा रहे हैं। दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेट व्यक्ति सेफ माना जाता है। ऐसे में नेजल वैक्सीन 14 दिन में ही असर दिखाने लगती है। • इफेक्टिव नेजल डोज न केवल कोरोना वायरस से बचाएगी, बल्कि बीमारी फैलने से भी रोकेगी। मरीज में माइल्ड लक्षण भी नजर नहीं आएंगे। वायरस भी शरीर के अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा। • यह सिंगल डोज वैक्सीन है, इस वजह से ट्रैकिंग आसान है। इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं। इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि सुई और सीरिंज का कचरा भी कम होगा। इन्फेक्शन-ट्रांसमिशन ब्लॉक करेगी नेजल वैक्सीन इस नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसका नाम BBV154 था। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्राइमरी और बूस्टर डोज के तौर पर दी जा सकेगी इंट्रानेजल वैक्सीन को कोवैक्सिन और कोवीशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सक...