निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  1. सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद, सर्वनाम के उदाहरण, Sarvnam in Hindi
  2. हिंदी में सर्वनाम
  3. Nijvachak Sarvanam निजवाचक सर्वनाम परिभाषा, भेद, उदाहरण, प्रकार


Download: निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण
Size: 27.9 MB

सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद, सर्वनाम के उदाहरण, Sarvnam in Hindi

Sarvnam ki paribhasha, Sarvnam ke bhed, Sarvnam ke Udaharan सर्वनाम की परिभाषा : सर्वनाम की परिभाषा है “जो शब्द संज्ञा की जगह पर प्रयुक्त होता है उसे सर्वनाम कहते हैं”। जैसे राम अच्छा लड़का है, वह बहुत होशियार है, वह बड़ों का आदर करता है ।”उपर्युक्त वाक्यों में “वह ” शब्द सर्वनाम है क्योंकि इनका प्रयोग संज्ञा के लिए हुआ है। “किसी शहर में एक लड़का रहता था। उसका नाम राम था। राम के पास एक गाय थी। राम उस गाय को गौरी बुलाता था। राम ने गौरी के लिए एक सुंदर पगहा खरीद दिया था। राम गौरी से अत्यधिक स्नेह करता था। राम गौरी को सुबह-शाम दुह कर शहद जैसा मीठा दूध निकालता था। सभी गाँव वाले गौरी के प्रति राम के स्नेह की तारीफ करते थे।” Advertisement इस छोटी -सी कहानी में जो खास बात यह है कि इसमें राम शब्द की पुनरावृति हुई है जो अटपटा लग रहा है, इसलिए वाक्य में संज्ञा शब्द की बार-बार आवृत्ति से बचने के लिए एक विकल्प है, जिसे सर्वनाम के रूप में जाना जाता है । अब इसी कहानी को पुनः पढ़िये जिसमें राम की जगह स्वाभाविक सर्वनाम के प्रयोग से कहानी का अटपटापन दूर हो गया है। “किसी शहर में एक लड़का रहता था। उसका नाम राम था। उसके पास एक गाय थी। वह उस गाय को गौरी बुलाता था। उसने गौरी के लिए एक सुंदर पगहा खरीद दिया था। वह गौरी से अत्यधिक स्नेह करता था। वह गौरी को सुबह-शाम दुह कर शहद जैसा मीठा दूध निकालता था। सभी गाँव वाले गौरी के प्रति उसके स्नेह की तारीफ करते थे।” Advertisement यहाँ पर राम संज्ञा शब्द के स्थान पर उसके, वह, उसने आदि सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से भाषा-सौन्दर्य की वृद्धि हो गई है। इस प्रकार सर्वनाम संज्ञा की पुनरावृत्ति को रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनाता है। सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना...

हिंदी में सर्वनाम

नमस्कार साथियों 🙏 आपका स्वागत है। आज हम आपको हिंदी विषय के अति महत्वपूर्ण पाठ हिंदी में सर्वनाम – परिभाषा,उदाहरण | सर्वनाम के प्रकार || sarvnam in hindi से परिचित कराएंगे। दोस्तोंआपUPTET,CTET,HTET,BTC,DELED,SUPERTET, या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते होंगे। आप जानते है की परीक्षाओं में हिंदी विषय का उतना ही स्थान है जितना अन्य विषयो का है। इसीलिए हिंदी की महत्ता को देखते हुए हम आपके लिए अपनी वेबसाइट हिंदी में सर्वनाम – परिभाषा,उदाहरण | सर्वनाम के प्रकार || sarvnam in hindi पाठ का विस्तृत रूप से अध्ययन प्रदान कर रहे हैं। आप हमारी वेबसाइट पर हिंदी के समस्त पाठ का विस्तृत अधिगम प्राप्त कर सकेंगे। Pronoun in hindi,सर्वनाम की परिभाषा और प्रकार,सर्वनाम की परिभाषा और उदाहरण,संज्ञा और सर्वनाम की परिभाषा,हिंदी में सर्वनाम,सर्वनाम के प्रकार,sarvnam in hindi,सर्वनाम हिंदी में,sarvnam hindi me, hindi me sarvnam,sarvnam ke prakar, Pronoun in hindi,सर्वनाम किसे कहते हैं परिभाषा,निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं,निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं,सर्वनाम के भेद worksheet,क्रिया किसे कहते हैं,सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं,हिंदी में सर्वनाम,सर्वनाम के प्रकार,sarvnam in hindi,सर्वनाम हिंदी में,sarvnam hindi me, hindi me sarvnam,sarvnam ke prakar, Sarvnam ke bhed,सर्वनाम के भेद worksheet with answers,सर्वनाम किसे कहते हैं और उसके भेद,सर्वनाम के प्रश्न,सर्वनाम की परिभाषा और उदाहरण,सर्वनाम वाक्य उदाहरण,हिंदी में सर्वनाम,सर्वनाम के प्रकार,sarvnam in hindi,सर्वनाम हिंदी में,sarvnam hindi me, hindi me sarvnam,sarvnam ke prakar, Sarvnam ke bhed,सर्वनाम को इंग्लिश में क्या कहते हैं,सर्वनाम अभ...

Nijvachak Sarvanam निजवाचक सर्वनाम परिभाषा, भेद, उदाहरण, प्रकार

निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा (Nijvachak Sarvanam Ki Paribhasha) = निजवाचक सर्वनाम का रूप ‘आप’ है। आप का प्रयोग पुरूष सर्वनाम के रूप में एकवचन में होता है, परन्तु वहाँ वह मात्र आदरभाव प्रदर्शित करने के लिए होता है – जैसे – • मैं अपने घर गया। – इस उदाहरण मे ‘अपने’ निजवाचक सर्वनाम है। • आप आयें। – इस उदाहरण मे ‘आप’ निजवाचक सर्वनाम है। • आप बैठे। – इस उदाहरण मे आप निजवाचक सर्वनाम है। • आप जायें। – इस उदाहरण मे आप निजवाचक सर्वनाम है। निजवाचक ‘आप’ एक ही तरह दोनों वचनों में आता है और तीनों पुरूषों में इसका प्रयोग किया जा सकता है। Nijvachak Sarvanam निजवाचक सर्वनाम निजवाचक सर्वनाम (Nijvachak Sarvanam) ‘आप’ का प्रयोग हम निम्नांकित अर्थों में देख सकते है – 1) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग 2) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग किसी दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए भी होता है। वह मुझे नहीं अपने को मार रहा है। मुझे रूकने को कहा और आप चलते बने। वह अपने को सुधार रहा है। उसने मुझे जाने को कहा और आप चलने का विचार करने लगे। 3) सर्वसाधारण के अर्थ में भी ‘आप’ का प्रयोग होता है। जैसे – – आप भला तो जग भला । – अपने से बलशाली के साथ वैर न करों । – अपने से बड़ों का सम्मान करो। 4) आप का एक रूप आपस भी है। इसका प्रयोग संबंध कारक और अधिकरण कारक में परिलक्षित होता है । जैसे – संबंध कारक – कलाकारों की आपस की बातचीत – राज्यों के आपस के रिश्ते – उनका आपस का मामला अधिकरण कारक – बच्चे आपस में झगड़ते हैं। – लड़के आपस में बातचीत करते हैं। – वे आपस में लड़ते हैं। 5) आप से बने अपना, अपनी और अपने की द्विरूक्ति भी होती है। इसका प्रयोग प्रत्येकता के अर्थ में होता है। जैसे – – अपना-अपना काम करो। – अपनी, अपनी, जगह बैठो। – अपने, अपने घर ज...