नरसिंह जयंती 2023

  1. नरसिंह जयंती 2023: नरसिंह जयंती 2023 की पूजा कैसे करें ?
  2. Narsingh Jayanti 2023: नरसिंह जयंती व्रत से होंगी सभी मनोकामनाएं पूर्ण
  3. Narasimha Jayanti 2023: विष्णूला का घ्यावा लागला होता नरसिंह अवतार? अधर्माचा असा फोडला कोतळा
  4. नरसिंह जयंती 2023 कथा : मई में कब है Narsingh Jayanti, जानिए भगवान शिव ने नरसिंह का क्रोध शांत करने के लिए क्या किया
  5. नरसिंह जयंती का महत्व
  6. Narasimha Jayanti 2023 Kab Hai Puja Muhurat Vidhi Upay To Please Lord Narsingh
  7. Narasimha Jayanti 2023 Date


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नरसिंह जयंती 2023: नरसिंह जयंती 2023 की पूजा कैसे करें ?

Narsingh Jayanti 2023: 4 मई 2023 को नरसिंह जयंती मनाई जाएगी. पुराणों के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में अवतार लिया था और हिरण्यकश्यप का वध किया था. नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु आधे शेर और आधे मानव के रूप में अवतार लिया था. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि को कुछ खास चीजें अर्पित करने से भय, दुख और शत्रु का नाश होता है. इन सामग्री को चढ़ाने से अलग-अलग लाभ मिलता है. संतान पर संकट के बादल नहीं मंडराते. आइए जानते हैं नरसिंह जयंती का मुहूर्त, पूजा सामग्री और विधि.

Narsingh Jayanti 2023: नरसिंह जयंती व्रत से होंगी सभी मनोकामनाएं पूर्ण

जानें नरसिंह चतुर्दशी के बारे में खास वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाया जाता है। नरसिंह अवतार रूप में भगवान का स्वरूप बहुत विकराल था, लेकिन मूल रूप से वह सौम्य, सुन्दर एवं कल्याणकारी थे। नरसिंह जयंती के दिन प्रात उठकर स्नान करें तथा नरसिंह मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। भगवान को फूल तथा चंदन अर्पित करें था विशेष कृपा पाने के लिए खास प्रकार के प्रसाद भी समर्पित कर सकते हैं। नरसिंह भगवान के हैं नाम अनेक नरसिंह भगवान को नरहरि, उग्र विर माहा विष्णु, हिरण्यकशिपु अरी के नाम से भी जाना जाता हैं। नरसिंह भगवान की प्रार्थना भी जानें नरसिंहदेव, के बारे में कई तरह की प्रार्थनाएँ की जाती हैं जिनमे कुछ प्रमुख ये हैंः ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ।। नरसिंह चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कथा भी है रोचक नरसिंह जयंती से जुड़ी पौराणिक कथा भी प्रचलित है। नरसिंह चतुर्दशी के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को इस कथा को सुनने से विशेष लाभ होता है। इस पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में कश्यप नाम के एक ऋषि रहते थे। उनकी पत्नी का नाम दिति था। कश्यप ऋषि के हिरण्याक्ष तथा हिरण्यकश्यप दो पुत्र थे। हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर मारा था। हिरण्याक्ष के वध से हिरण्यकश्यप बहुत दुखी हुआ और उसे कठोर तपस्या की। उसकी कठोर तपस्या के परिणामस्वरूप ब्रह्मा जी ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। इस वरदान से हिरण्यकश्यप बहुत अहंकारी हो गया और उसने अपनी प्रजा से स्वयं को देवता की भांति पूजने का आदेश दिया। इससे हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद बहुत दुखी था। भक्त प्रह्लाद विष्णु का उपासक था इसलिए हिरण्यकश्यप उस...

Narasimha Jayanti 2023: विष्णूला का घ्यावा लागला होता नरसिंह अवतार? अधर्माचा असा फोडला कोतळा

Narasimha Jayanti 2023: धर्माच्या रक्षणासाठी वैशाख महिन्याच्या शुक्ल पक्षाच्या चतुर्दशी तिथीला भगवान विष्णूने नरसिंहाच्या रूपात अवतार घेऊन हिरण्यकश्यपाचा वध केला, असे पुराणात म्हटले आहे. भगवान विष्णू अर्धा सिंह आणि अर्धा मानव अशा नरसिंह अवतारात प्रकट झाले आणि... • • Last Updated : May 03, 2023, 08:21 IST • Mumbai, India • • • • • • • मुंबई, 03 मे : नरसिंह जयंती उद्या 4 मे 2023 रोजी साजरी केली जाईल. धर्माच्या रक्षणासाठी वैशाख महिन्याच्या शुक्ल पक्षाच्या चतुर्दशी तिथीला भगवान विष्णूने नरसिंहाच्या रूपात अवतार घेऊन हिरण्यकश्यपाचा वध केला, असे पुराणात म्हटले आहे. भगवान विष्णू अर्धा सिंह आणि अर्धा मानव अशा नरसिंह अवतारात प्रकट झाले होते. नरसिंह जयंती 2023 मुहूर्त वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तारीख सुरू होते - 3 मे 2023, रात्री 11.49 वाजता वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तारीख संपेल - 4 मे 2023, रात्री 11.44 वाजता पूजेची वेळ - सकाळी 10.58 - दुपारी 1.38 संध्याकाळ मुहूर्त - 04:16 - 06:58 (भगवान नरसिंहाने हिरण्यकश्यपचा संधिप्रकाशातच वध केला होता, त्यामुळे संध्याकाळी पूजा करणे चांगले होईल.) रवि योग - सकाळी 05:38 - रात्री 09:35 व्रत पारण वेळ - 05 मे 2023 रोजी सकाळी 05:38 नंतर (यावेळी चतुर्दशी नरसिंह जयंती पारणाच्या दिवशी सूर्योदयापूर्वी समाप्त होईल, शास्त्रानुसार व्रत पारण सूर्योदयानंतरच केले जाते, त्यामुळे 05 मे रोजी सूर्योदयानंतर व्रत पारण करता येईल. ) नरसिंह अवताराची कथा पौराणिक कथेनुसार, भाऊ हिरण्यक्षाच्या हत्येमुळे हिरण्यकशपू देवांवर क्रोधित झाला आणि तो भगवान विष्णूला आपला शत्रू मानू लागला. कठोर तपश्चर्येने त्याला अजिंक्य-अमर होण्याचे वरदान मिळाले होते. कोणताही नर किंवा प्राणी त्याला मारू शकत नाही,...

नरसिंह जयंती 2023 कथा : मई में कब है Narsingh Jayanti, जानिए भगवान शिव ने नरसिंह का क्रोध शांत करने के लिए क्या किया

अपने भाई की मृत्यु से दुखी और क्रोधित हिरण्यकशिपु ने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प किया। सहस्रों वर्षों तक उसने कठोर तप किया। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। वरदान प्राप्त करके उसने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया, लोकपालों को मारकर भगा दिया और स्वत: संपूर्ण लोकों का अधिपति हो गया। देवता निरुपाय हो गए थे। वे असुर हिरण्यकशिपु को किसी प्रकार से पराजित नहीं कर सकते थे। इस वरदान के बाद हिरण्यकश्यप ने प्रभु भक्तों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया, लेकिन भक्त प्रहलाद के जन्म के बाद हिरण्यकश्यप उसकी भक्ति से भयभीत हो जाता है, उसे मृत्युलोक पहुंचाने के लिए प्रयास करता है। इसके बाद भगवान विष्णु भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लेते हैं और हिरण्यकश्यप का वध कर देते हैं। भगवान नरसिंह में वे सभी लक्षण थे, जो हिरण्यकश्यप के मृत्यु के वरदान को संतुष्ट करते थे। भगवान नरसिंह द्वारा हिरण्यकश्यप का नाश हुआ किंतु एक और समस्या खड़ी हो गई। भगवान नरसिंह इतने क्रोध में थे कि लगता था, जैसे वे प्रत्येक प्राणी का संहार कर देंगे। यहां तक कि स्वयं प्रह्लाद भी उनके क्रोध को शांत करने में विफल रहा। सभी देवता भयभीत हो भगवान ब्रह्मा की शरण में गए। परमपिता ब्रह्मा उन्हें लेकर भगवान विष्णु के पास गए और उनसे प्रार्थना की कि वे अपने अवतार के क्रोध शांत कर लें किंतु भगवान विष्णु ने ऐसा करने में अपनी असमर्थता जतलाई। भगवान विष्णु ने सबको भगवान शंकर के पास चलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि चूंकि भगवान शंकर उनके आराध्य हैं इसलिए केवल वही नरसिंह के क्रोध को शांत कर सकते हैं। और कोई उपाय न देखकर सभी भगवान शंकर के पास पहुंचे। उसी समय भगवान शंकर ने एक वि...

नरसिंह जयंती का महत्व

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि अर्ध सिंह और अर्ध मानव रूप में भगवान नरसिंह , अपने भक्त प्रह्लाद को उसके दुष्ट पिता हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा बड़े उत्साह से मनाए जाने वाले इस पर्व पर , भक्त भगवान विष्णु की प्रार्थना और पूजा - अर्चना करते हैं और बुराई से बचने का आशीर्वाद मांगते हैं। इस दिन , भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह के मंदिरों में विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। भगवान नरसिंह की मूर्ति का दूध , शहद , दही , घी और चीनी से बने पंचामृत से अभिषेक करके , नए वस्त्रों और आभूषणों से विभूषित किया जाता है। भक्त , भगवान नरसिंह को फूल , फल और मिठाई अर्पित करके सुख , समृद्धि और रक्षा का आशीर्वाद मांगते हैं। इस अवसर पर , भारत के कुछ हिस्सों में कढ़ी चावल और होलिगे जैसे विशेष प्रसाद बनाए और वितरित किए जाते हैं। साथ ही , भक्त उपवास और भक्ति पाठ और भजन - कीर्तन करते हैं। यह पर्व , भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। इस दिन लोग रंग - बिरंगे वस्त्र और आभूषण पहनते हैं और सड़कों पर बड़ी - बड़ी शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। नरसिंह जयंती का महत्व/Importance of Narasimha Jayanti हिंदुओं के इस महत्वपूर्ण पर्व पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान नरसिंह के प्रकट होने का जश्न मनाता है जो अपने भक्त प्रह्लाद को , उसके दुष्ट पिता हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए अवतरित हुए थे। उन्होंने इस अवतार में दानव का वध कर धर्म की स्थापना की थी। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई और पाप पर धर्...

Narasimha Jayanti 2023 Kab Hai Puja Muhurat Vidhi Upay To Please Lord Narsingh

Narsingh Jayanti 2023: 4 मई 2023 को नरसिंह जयंती मनाई जाएगी. पुराणों के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में अवतार लिया था और हिरण्यकश्यप का वध किया था. नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु आधे शेर और आधे मानव के रूप में अवतार लिया था. मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि को कुछ खास चीजें अर्पित करने से भय, दुख और शत्रु का नाश होता है. इन सामग्री को चढ़ाने से अलग-अलग लाभ मिलता है. संतान पर संकट के बादल नहीं मंडराते. आइए जानते हैं नरसिंह जयंती का मुहूर्त, पूजा सामग्री और विधि. नरसिंह जयंती 2023 मुहूर्त (Narasimha Jayanti 2023 Muhurat) वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि शुरू - 3 मई 2023, रात 11 बजकर 49 वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि समाप्त - 4 मई 2023, रात 11 बजकर 44 • पूजा का मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 58 - दोपहर 1 बजकर 38 • संध्याकाल मुहूर्त - शाम 04 बजकर 16 - रात 06 बजकर 58 (नरसिंह भगवान ने गोधूलि बेला में ही हिरण्यकश्यप का वध किया था, इसलिए शाम को पूजा करना उत्तम रहेगा) • रवि योग - सुबह 05 बजकर 38 - रात 09 बजकर 35 • व्रत पारण समय - 05 मई 2023 को सुबह 05:38 के बाद (इस बार नरसिंह जयन्ती पारण के दिन चतुर्दशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी, शास्त्रों में व्रत पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है इसलिए 05 मई को उदयीमान सूर्य के बाद व्रत खोल सकते हैं) नरसिंह जयंती पर विष्णु जी को चढ़ाएं 6 खास चीजें (Narasimha jayanti upay) • धन प्राप्ति - नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह का स्मरण करते हुए शाम को पूजा में विष्णु जी को नागकेसर जढ़ा दें. अगले दिन इसे धन स्थान पर रख दें. ये उपाय धन प्राप्ति के लिए अचूक माना गया है. इससे पैसों के संबंधित परेशानिया...

Narasimha Jayanti 2023 Date

Narasimha Jayanti 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान नरसिंह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के चौथेअवतार हैं| भगवान नरसिंह, धर्मकी रक्षा के लिए राक्षस हिरण्यकश्यप को मारने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे| नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिम्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है| आइये जानते हैं इस साल नरसिंह जयंती (Narsingh Jayanti 2023 Date)कब है और क्या है भगवान नरसिम्हा की कथा (Narsingh Jayanti Vrat Katha): नरसिंह जयंती 2023 कब है? (Narsingh Jayanti 2023 Date) हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान नरसिंह का अवतरण वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था| इस साल वर्ष 2023 में यह दिन 04 मई 2023 को, गुरुवार के दिन पड़ रहा है| वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि कीशुरुआत 03 मई 2023 को रात में 11 बजकर 59 मिनट पर होगी| और चतुर्दशी तिथि की समाप्ति अगले दिन 04 मई 2023 को रात में 11 बजकर 44 मिनट पर होगी| Narasimha Jayanti 2021 Date: 25मई2021 Narasimha Jayanti 2022 Date: 14 मई 2022 Narasimha Jayanti 2022 Date: 21 मई 2024 भगवान विष्णु के चौथे अवतार: भगवान नरसिंह (Narasimha Jayanti) नरसिंह जयंती परपूजा और व्रत (Narsingh Jayanti Vrat) नरसिंह जयंती व्रत का पालन करने के नियम और दिशानिर्देश एकादशी उपवास के समान माने जातेहैं| नरसिंह जयंती के दिन भक्त मध्याह्न (हिंदू दोपहर की अवधि) के दौरान संकल्प लेते हैं और सूर्यास्त से पहले संध्याकालके दौरान भगवान नरसिंह पूजन करते हैं|ऐसा माना जाता है कि भगवान नरसिंह सूर्यास्त के दौरान प्रकट हुए थे, जबकि चतुर्दशी प्रचलित थी| पारण,उपवास तोड़ना, अगले दिन उचित समय पर किया जाता है| पूजा करने और ब्राह्मण को दान देने के बाद अगले दिन उपवास तोड़ना चाहिए|चतुर्दशी ति...