नवरात्र कब से स्टार्ट है

  1. Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र कब से कब तक? जान लें नवरात्रि के नौ दिनों के नियम
  2. नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि
  3. राम नवमी 2023 कब है? शुभकामना शयरी फोटो (Ram Navami Wishes Quotes Images)
  4. Gupt Navratri 2023:June 19 Gupt Navratri begins worship of ten Mahavidyas is fruitful
  5. Navratri 2021: जानें कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि में क्यों करते हैं कलश स्थापना
  6. Gupt Navratri 2023:June 19 Gupt Navratri begins worship of ten Mahavidyas is fruitful
  7. Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र कब से कब तक? जान लें नवरात्रि के नौ दिनों के नियम
  8. राम नवमी 2023 कब है? शुभकामना शयरी फोटो (Ram Navami Wishes Quotes Images)
  9. Navratri 2021: जानें कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि में क्यों करते हैं कलश स्थापना
  10. नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि


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Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र कब से कब तक? जान लें नवरात्रि के नौ दिनों के नियम

Chaitra Navratri Date 2021: चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्र शुरू हो जाते हैं। इस बार ये तिथि 13 अप्रैल को पड़ रही है। नवरात्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। इस दौरान लोग उपवास रख मां भगवती की अराधना करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने से तमाम इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। नवरात्र पूजा का पूर्ण फल आपको प्राप्त हो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। नवरात्र में क्या करें: -नवरात्र में संभव हो तो प्रतिदिन मंदिर जाकर मां दुर्गा के दर्शन करें। -मान्यता है कि नवरात्र में देवी को प्रतिदिन साफ जल अर्पित करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। -नवरात्र में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। साफ कपड़े पहनें और संभव हो तो नंगे पैर रहें। -नवरात्र में नौ दिनों तक व्रत रखने से मां की कृपा तो प्राप्त होगी ही साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहेगा। -नवरात्र में नौ दिनों तक माता को विशेष श्रृंगार से सजाना चाहिए। -नवरात्र के आठवें दिन माता दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन माता स्रोत पाठ और ध्यान पाठ करना चाहिए। -नवरात्र में अखंड ज्योत जलानी चाहिए। मान्यता है कि इससे मां का आशीर्वाद जल्दी प्राप्त हो जाता है। -नवरात्रों में हर व्यक्ति को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। नवरात्र में क्या न करें: -नवरात्र में सात्विक भोजन करना चाहिए। -इन नौ दिनों में लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं किया जाता है। -नवरात्र में दाढ़ी, नाखून व बाल नहीं कटवाने चाहिए। -इन नौ दिनों में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। -नवरात्र में अगर घर में कलश स्थापना की है या फिर अखंड ज्योत जला रखी है तो घर खाली न छोड़ें। -नवरात्र ...

नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि

नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि Navratri Kab Hai Importance In Hindi: नवरात्रि नो दिनों तक चलने वाला (nine days of Navratri) महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व हैं. 2021 में Navratri festival की date 7 अक्टूबर 2021, से 15 अक्टूबर तक चलेगे. इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा एवं रामायण की कथा का चित्रण रामलीलाओं के द्वारा स्थान स्थान पर किया जाएगा. नवरात्रि की समाप्ति के अगले दिन विजय पर्व के रूप में दशहरा मनाया जाता हैं. शरद ऋतु से पहले पड़ने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्र भी कहा जाता हैं. आरती, इतिहास, कथा, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानकारी बता रहे हैं. Navratri 2021 Kab Hai Importance Pooja Vidhi In Hindi नवरात्रि एवं दुर्गा पूजा का पर्व लगभग सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता हैं. इन आश्विन नवरात्र के दौरान दुर्गा के भक्तों द्वारा 9 दिनों तक अखंड व्रत रखा जाता हैं. तथा माँ दुर्गा की आरती पूजा आराधना के साथ व्रत को हर सांय अथवा दसवें दिन तोड़ा जाता हैं. नवरात्र कब है (navratri why is celebrated, history information in hindi) आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक यह व्रत माना जाता हैं. प्रतिपदा के दिन प्रातः अभयः स्नानादि करके संकल्प करे और स्वयं या पंडितों द्वारा मिट्टी की वेदी बनाकर जौ बोना चाहिए. उसी पर घट स्थापन करे. घट के ऊपर कुल देवी की प्रतिमा स्थापित कर उनका पूजन करे तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करायें. वैष्णव लोग राम की मूर्ति स्थापित कर रामायण का पाठ करते हैं. कहीं कहीं नवरात्र भर रामलीला भी हुआ करती हैं. नवरात्र आरती (Navratri Aarti, Maa Durga Aarti, Jai Ambe Gauri Arti In Hindi) Telegram Group Shardiya Navratri 2021 Navratri Calendar Date & October • 7 अक्टूबर 202...

राम नवमी 2023 कब है? शुभकामना शयरी फोटो (Ram Navami Wishes Quotes Images)

Ram Navami 2023 Quotes Photos: चैत्र राम नवमी शुभ मुहूर्त, कथा और शुभकामना शायरी फोटो Chaitra Ram Navami Date 2023: राम नवमी हिंदूओं का वैदिक त्योहार है जिसे भगवान् राम के जन्मोत्सव से जुड़ा यह पवित्र 30 मार्च 2023 को गुरूवार के दिन मनाया जा रहा है। यहाँ श्रीराम का जन्म कब हुआ, उनके जन्म की कहानी और शुभकामना संदेश की पिक्चर दी गयी है। Ram Navmi 2023 Date Kab Hai Shubh Mahurat 2023 में चैत्र राम नवमी कब है? शुभ मुहूर्त (Ram Navami Shubh Muhurat) रामनवमी भगवान राम के जन्म का उत्सव है, जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ता है। २०२३ में चैत राम नवमी 30 मार्च को बृहस्पतिवार के दिन है, और नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09:07 बजे से आरम्भ हो रही है जो 30 मार्च को रात्रि 11:30 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2023, को सुबह 11:17 बजे से दोपहर 01:46 बजे तक रहेगा। राम नवमी डेट 2023 30 मार्च (गुरूवार) नवमी तिथि शुरु 29 मार्च 2023, 09:07 PM से नवमी तिथि समाप्त 30 मार्च 2023, 11:30 PM तक शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2023, सुबह 11:17 बजे से दोपहर 01:46 तक Ram Navami Wishes Quotes Photos 2023: राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ शायरी फोटोज, इमेजेज, हिंदी में राम नवमी भगवान राम का जन्मोत्सव है, इसलिए इस दिन श्रीराम की पूजा और राम चरित मानस का पाठ किया जा सकता हैं। साथ ही इसी दिन नवरात्रि का समापन होने के कारण व्रत रखकर मां भगवती की आराधना और कन्या पूजन करने का भी विशेष महत्व है। यदि आप भी श्रीराम जन्मोत्सव के पावन अवसर पर आपने दोस्तों और परिवारजनों को रामनवमीं की शुभकामनायें (Wishes) देना चाहते हैं तो...

Gupt Navratri 2023:June 19 Gupt Navratri begins worship of ten Mahavidyas is fruitful

Gupt Navratri 2023: 19 जून से हो रहे हैं।‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ , शीघ्र फलदायी है दस महाविद्याओं की उपासना 19 जून से ‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। साल में चार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्य 19 जून से ‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। साल में चार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है। ये दस महाविद्याएं—मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। गुप्त नवरात्रों में साधक और तांत्रिकों का देवी की अराधना करना अधिक प्रचलित है। लेकिन बहुत से गृहस्थ भी गुप्त नवरात्रों में देवी की उपासना करते हैं। त्रेता युग में ये बहुत धूमधाम से मनाए जाते थे। मां कालीपहले दिन दस महाविद्याओं में प्रथम मां काली की पूजा होती है। इनकी साधना से विरोधियों पर विजय प्राप्ति होती है। मां ताराऐसी मान्यता है कि सबसे पहले महर्षि वसिष्ठ ने इनकी उपासना की थी। इन्हें तांत्रिकों की देवी माना गया है। इनकी उपासना से आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां त्रिपुर सुंदरीइन्हें ललिता या राज राजेश्वरी भी कहा जाता है। इनकी पूजा से धन, ऐश्वर्य, भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां भुवनेश्वरीइनकी साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मां छिन्नमस्ताइनकी साधना से सभी चिंताएं दूर होती हैं और समस्त कामनाएं पूरी होती हैं। मां त्रिपुर भैरवीइनकी उपासना से जीवन सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। मां धूमावतीइन...

Navratri 2021: जानें कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि में क्यों करते हैं कलश स्थापना

Navratri 2021: हिंदू पंचाग के अनुसार एक वर्ष में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती है और 2 नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है. आपको बता दें कि चैत्र और शारदीय मुख्य नवरात्रि हैं, जिसे देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि में 9 दिनों तक मां शक्ति के 9 रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों को काफी पवित्र माना जाता है. इन दिनों में कोई भी शुभ काम किए जा सकते हैं. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर (गुरुवार) से हो रही है जिसका समापन 15 अक्टूबर (शुक्रवार) को होगा. दरअसल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. पुराणों में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में क्यों की जाती है मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा और क्या है कलश स्थापना का महत्व. क्यों होती है मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा नवरात्रि पर मां दूर्गा की पूजा की जाती है. बंगाल में इसे दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन मां शक्ति की स्थापना की जाती है और समापन के दिन उनका विसर्जन कर दिया जाता है. हर साल पितृ पक्ष के बाद ही नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस समय पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में हर दिन अलग-अलग देवी को समर्पित है. शुरुआत के तीन दिनों में मां दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा रूप की पूजा की जाती है. इसके बाद के तीन दिन यानी चौथे, पांचवे और छठे दिन जीवन में शांति देने वाली माता लक्ष्मी जी को पूजा जाती है. सातवें दिन कला और ज्ञान की देवी को पूजा जाता है. वहीं आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित होता है. आखिरी दिन यानी नवमी के दिन मां सिद्धिद...

Gupt Navratri 2023:June 19 Gupt Navratri begins worship of ten Mahavidyas is fruitful

Gupt Navratri 2023: 19 जून से हो रहे हैं।‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ , शीघ्र फलदायी है दस महाविद्याओं की उपासना 19 जून से ‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। साल में चार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्य 19 जून से ‘गुप्त’ नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। साल में चार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है। ये दस महाविद्याएं—मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। गुप्त नवरात्रों में साधक और तांत्रिकों का देवी की अराधना करना अधिक प्रचलित है। लेकिन बहुत से गृहस्थ भी गुप्त नवरात्रों में देवी की उपासना करते हैं। त्रेता युग में ये बहुत धूमधाम से मनाए जाते थे। मां कालीपहले दिन दस महाविद्याओं में प्रथम मां काली की पूजा होती है। इनकी साधना से विरोधियों पर विजय प्राप्ति होती है। मां ताराऐसी मान्यता है कि सबसे पहले महर्षि वसिष्ठ ने इनकी उपासना की थी। इन्हें तांत्रिकों की देवी माना गया है। इनकी उपासना से आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां त्रिपुर सुंदरीइन्हें ललिता या राज राजेश्वरी भी कहा जाता है। इनकी पूजा से धन, ऐश्वर्य, भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां भुवनेश्वरीइनकी साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मां छिन्नमस्ताइनकी साधना से सभी चिंताएं दूर होती हैं और समस्त कामनाएं पूरी होती हैं। मां त्रिपुर भैरवीइनकी उपासना से जीवन सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। मां धूमावतीइन...

Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र कब से कब तक? जान लें नवरात्रि के नौ दिनों के नियम

Chaitra Navratri Date 2021: चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्र शुरू हो जाते हैं। इस बार ये तिथि 13 अप्रैल को पड़ रही है। नवरात्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। इस दौरान लोग उपवास रख मां भगवती की अराधना करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने से तमाम इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। नवरात्र पूजा का पूर्ण फल आपको प्राप्त हो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। नवरात्र में क्या करें: -नवरात्र में संभव हो तो प्रतिदिन मंदिर जाकर मां दुर्गा के दर्शन करें। -मान्यता है कि नवरात्र में देवी को प्रतिदिन साफ जल अर्पित करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। -नवरात्र में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। साफ कपड़े पहनें और संभव हो तो नंगे पैर रहें। -नवरात्र में नौ दिनों तक व्रत रखने से मां की कृपा तो प्राप्त होगी ही साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहेगा। -नवरात्र में नौ दिनों तक माता को विशेष श्रृंगार से सजाना चाहिए। -नवरात्र के आठवें दिन माता दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन माता स्रोत पाठ और ध्यान पाठ करना चाहिए। -नवरात्र में अखंड ज्योत जलानी चाहिए। मान्यता है कि इससे मां का आशीर्वाद जल्दी प्राप्त हो जाता है। -नवरात्रों में हर व्यक्ति को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। नवरात्र में क्या न करें: -नवरात्र में सात्विक भोजन करना चाहिए। -इन नौ दिनों में लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं किया जाता है। -नवरात्र में दाढ़ी, नाखून व बाल नहीं कटवाने चाहिए। -इन नौ दिनों में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। -नवरात्र में अगर घर में कलश स्थापना की है या फिर अखंड ज्योत जला रखी है तो घर खाली न छोड़ें। -नवरात्र ...

राम नवमी 2023 कब है? शुभकामना शयरी फोटो (Ram Navami Wishes Quotes Images)

Ram Navami 2023 Quotes Photos: चैत्र राम नवमी शुभ मुहूर्त, कथा और शुभकामना शायरी फोटो Chaitra Ram Navami Date 2023: राम नवमी हिंदूओं का वैदिक त्योहार है जिसे भगवान् राम के जन्मोत्सव से जुड़ा यह पवित्र 30 मार्च 2023 को गुरूवार के दिन मनाया जा रहा है। यहाँ श्रीराम का जन्म कब हुआ, उनके जन्म की कहानी और शुभकामना संदेश की पिक्चर दी गयी है। Ram Navmi 2023 Date Kab Hai Shubh Mahurat 2023 में चैत्र राम नवमी कब है? शुभ मुहूर्त (Ram Navami Shubh Muhurat) रामनवमी भगवान राम के जन्म का उत्सव है, जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च या अप्रैल के महीने में पड़ता है। २०२३ में चैत राम नवमी 30 मार्च को बृहस्पतिवार के दिन है, और नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09:07 बजे से आरम्भ हो रही है जो 30 मार्च को रात्रि 11:30 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2023, को सुबह 11:17 बजे से दोपहर 01:46 बजे तक रहेगा। राम नवमी डेट 2023 30 मार्च (गुरूवार) नवमी तिथि शुरु 29 मार्च 2023, 09:07 PM से नवमी तिथि समाप्त 30 मार्च 2023, 11:30 PM तक शुभ मुहूर्त 30 मार्च 2023, सुबह 11:17 बजे से दोपहर 01:46 तक Ram Navami Wishes Quotes Photos 2023: राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ शायरी फोटोज, इमेजेज, हिंदी में राम नवमी भगवान राम का जन्मोत्सव है, इसलिए इस दिन श्रीराम की पूजा और राम चरित मानस का पाठ किया जा सकता हैं। साथ ही इसी दिन नवरात्रि का समापन होने के कारण व्रत रखकर मां भगवती की आराधना और कन्या पूजन करने का भी विशेष महत्व है। यदि आप भी श्रीराम जन्मोत्सव के पावन अवसर पर आपने दोस्तों और परिवारजनों को रामनवमीं की शुभकामनायें (Wishes) देना चाहते हैं तो...

Navratri 2021: जानें कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, नवरात्रि में क्यों करते हैं कलश स्थापना

Navratri 2021: हिंदू पंचाग के अनुसार एक वर्ष में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती है और 2 नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है. आपको बता दें कि चैत्र और शारदीय मुख्य नवरात्रि हैं, जिसे देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि में 9 दिनों तक मां शक्ति के 9 रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों को काफी पवित्र माना जाता है. इन दिनों में कोई भी शुभ काम किए जा सकते हैं. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर (गुरुवार) से हो रही है जिसका समापन 15 अक्टूबर (शुक्रवार) को होगा. दरअसल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. पुराणों में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि में क्यों की जाती है मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा और क्या है कलश स्थापना का महत्व. क्यों होती है मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा नवरात्रि पर मां दूर्गा की पूजा की जाती है. बंगाल में इसे दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि के पहले दिन मां शक्ति की स्थापना की जाती है और समापन के दिन उनका विसर्जन कर दिया जाता है. हर साल पितृ पक्ष के बाद ही नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस समय पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में हर दिन अलग-अलग देवी को समर्पित है. शुरुआत के तीन दिनों में मां दुर्गा की शक्ति और ऊर्जा रूप की पूजा की जाती है. इसके बाद के तीन दिन यानी चौथे, पांचवे और छठे दिन जीवन में शांति देने वाली माता लक्ष्मी जी को पूजा जाती है. सातवें दिन कला और ज्ञान की देवी को पूजा जाता है. वहीं आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित होता है. आखिरी दिन यानी नवमी के दिन मां सिद्धिद...

नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि

नवरात्र कब है 2021 महत्व एवं पूजा विधि Navratri Kab Hai Importance In Hindi: नवरात्रि नो दिनों तक चलने वाला (nine days of Navratri) महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व हैं. 2021 में Navratri festival की date 7 अक्टूबर 2021, से 15 अक्टूबर तक चलेगे. इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा एवं रामायण की कथा का चित्रण रामलीलाओं के द्वारा स्थान स्थान पर किया जाएगा. नवरात्रि की समाप्ति के अगले दिन विजय पर्व के रूप में दशहरा मनाया जाता हैं. शरद ऋतु से पहले पड़ने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्र भी कहा जाता हैं. आरती, इतिहास, कथा, महत्व और पूजा विधि के बारे में जानकारी बता रहे हैं. Navratri 2021 Kab Hai Importance Pooja Vidhi In Hindi नवरात्रि एवं दुर्गा पूजा का पर्व लगभग सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता हैं. इन आश्विन नवरात्र के दौरान दुर्गा के भक्तों द्वारा 9 दिनों तक अखंड व्रत रखा जाता हैं. तथा माँ दुर्गा की आरती पूजा आराधना के साथ व्रत को हर सांय अथवा दसवें दिन तोड़ा जाता हैं. नवरात्र कब है (navratri why is celebrated, history information in hindi) आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक यह व्रत माना जाता हैं. प्रतिपदा के दिन प्रातः अभयः स्नानादि करके संकल्प करे और स्वयं या पंडितों द्वारा मिट्टी की वेदी बनाकर जौ बोना चाहिए. उसी पर घट स्थापन करे. घट के ऊपर कुल देवी की प्रतिमा स्थापित कर उनका पूजन करे तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करायें. वैष्णव लोग राम की मूर्ति स्थापित कर रामायण का पाठ करते हैं. कहीं कहीं नवरात्र भर रामलीला भी हुआ करती हैं. नवरात्र आरती (Navratri Aarti, Maa Durga Aarti, Jai Ambe Gauri Arti In Hindi) Telegram Group Shardiya Navratri 2021 Navratri Calendar Date & October • 7 अक्टूबर 202...