नवरात्रि 2023

  1. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023 कब है? जानें तिथि, समय, पूजन विधि और महत्व
  2. Chaitra Navratri 2023: बन रहा है शुभ संयोग, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
  3. Maha Ashtami 2023: इस तारीख को है दुर्गा महाअष्‍टमी, राम नवमी और कन्‍या पूजन, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त
  4. Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt
  5. Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी
  6. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च 2023 ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो
  7. Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt
  8. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023 कब है? जानें तिथि, समय, पूजन विधि और महत्व
  9. Chaitra Navratri 2023: बन रहा है शुभ संयोग, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
  10. Gupt Navratri 2023:इस दिन से शुरू हो रही है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, नोट कर लें पूजा सामग्री की लिस्ट और विधि


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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023 कब है? जानें तिथि, समय, पूजन विधि और महत्व

चैत्र नवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023, बुधवार से हो रही है. पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे से शुरू होगी जो अगले दिन यानी की 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे तक रहेगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 को प्रात:काल 06:23 से लेकर 07:32 बजे तक रहेगा. हालांकि, राहुकाल दोपहर 12:28 से लेकर 01:59 बजे तक रहेगा इसलिए इस समय देवी की पूजा करने से बचें. ये भी पढ़ें – चैत्र नवरात्रि पूजन विधि नौ दिनों की इस विशेष पूजा में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है. 22 मार्च 2023 से शुरू होने वाली पूजा के पहले ही दिन कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में इस दिन सबसे पहले प्रात:काल उठकर स्नान करें फिर उसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत संकल्प करें और पूजा घर के पास एक पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं, जिसपर माता की मूर्ति या उनकी फोटो स्थापित करें. इसके बाद माता पर फल, फूल आदि अर्पित करें. अंत में माता की आर्ति करें और उन्हें भोग लगाएं. चैत्र नवरात्रि का महत्व धार्मिक नजरिए से चैत्र नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है. नौ दिनों में की जानें वाली नौ देवियों की पूजा से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. माना जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से और विधि विधान से मां दुर्गा की आराधना करता है उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. चैत्र नवरात्रि पर की गई पूजा से माता अधिक प्रसन्न होती हैं और आपकी आर्थिक परेशानियां भी दूर करती हैं. (यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रख...

Chaitra Navratri 2023: बन रहा है शुभ संयोग, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में बन रहा है शुभ संयोग, जानें प्रमुख तिथियां और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में बन रहा है शुभ संयोग, जानें प्रमुख तिथियां और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है और लोगों ने पूजा के लिए लगभग तैयारियां शुरू कर दी हैं. आइए जानते हैं सभी 9 तिथियां और शुभ मुहूर्त. Chaitra Navratri 2023: इस साल चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास होने वाले हैं क्योंकि नवरात्रि की शुरुआत बहुत ही शुभ योगों के साथ हो रही है. बता दें कि चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन शुरू हो रहे हैं. इस दौरान भक्तजन 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ( Ghatasthapana Muhurat) नवरात्रि की पूजा की शुरुआत घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ होती हैं और इसका विशेष महत्व माना गया है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में बन रहे शुभ संयोग, घटस्थापना का मुहूर्त ( Chaitra Navratri 2023 Kab Hai) और प्रमुख तिथियां. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से की जाती है और यदि शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाए तो वह अधिक फलदायी मानी गई है. बता दें कि घटस्थापना यानि कलश स्थापना के लिए 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगर. यानि भक्तों के पास कलश स्थापना के लिए केवल 1 घंटा 9 मिनट का ही समय है. ऐसे में संभव हो तो शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें. चैत्र नवरात्रि पर बन रहा है शुभ संयोग इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं और इनकी शुरुआत बेहद ही शुभ संयोग में हो रही है. हि...

Maha Ashtami 2023: इस तारीख को है दुर्गा महाअष्‍टमी, राम नवमी और कन्‍या पूजन, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

Ram Navami 2023 kab hai: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस तरह चैत्र मास की नवरात्रि हिंदू वर्ष की पहली नवरात्रि होती हैं. इन नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. अष्‍टमी तिथि के दिन महाअष्‍टमी मनाई जाती है और मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं आखिरी दिन राम नवमी मनाई जाती है क्‍योंकि चैत्र शुक्‍ल की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्‍म हुआ था. इस साल नवरात्रि पूरे 9 की हैं, यानी कि तिथियों में किसी तरह की घट-बढ़ नहीं हैं. इन 9 दिनों में मां अंबे की आराधना करना बहुत लाभ देता है क्‍योंकि नवरात्रि के 9 दिनों को बेहद शुभ और पवित्र माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी 29 मार्च, बुधवार को रहेगी. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 29 मार्च की रात 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगी. इस दिन मां दुर्गा के आठवें अवतार मां महागौरी की पूजा की जाती है. कुछ लोग इसी दिन हवन-पूजन और कन्‍या पूजन करते हैं. इस बार दुर्गा अष्टमी के दिन रवि योग और शोभन योग बनने से इस समय में किए गए पूजा-उपाय खूब लाभ देंगे. कब है राम नवमी 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राम नवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. 30 मार्च की रात 11 बजकर 30 मिनट तक चैत्र शुक्‍ल नवमी तिथि रहेगी. महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं. साथ ही भगवान राम का जन्मोत्‍सव पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार महानवमी के दिन 4 शुभ योग- सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. इन शुभ योगों को ज्‍योतिष में बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. इनमें किए गए पूजा-पाठ या काम बेहद शुभ फल देते हैं. साथ ही इस...

Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt

Navratri 2023: नवरात्रि के पावन अवसर की सनातन धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता होती है. भक्त पूरे मनोभाव से नवरात्रि के व्रत रखते हैं. मान्यतानुसार साल में 4 तरह की नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें चैत्र नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) और शारदीय नवरात्रि शामिल हैं. गुप्त नवरात्रि दो बार पड़ती है जिनमें से एक माघ माह में और दूसरी आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है. जून के महीने में आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पड़ रही है. इस नवरात्रि की शुरूआत किस दिन होगी, समापन कब होगा और पहले दिन कलश स्थापना किस मुहूर्त में की जाएगी जानिए यहां. गुप्त नवरात्रि की तिथि | Gupt Navratri Date आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ हो रही है जिसका समापन 28 जून के दिन होगा. इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र के साधकों के लिए बेहद खास माना जाता है. कहते हैं नवरात्रि के व्रत में मां दुर्गा ( Ma Durga) के नौं रूपों की पूजा-आराधना की जाती है और भक्तों की हर मनोकामना मां पूरी करती हैं. पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरूआत 19 जून से ही होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना (Kalash Sthapana) 19 जून के दिन ही की जाएगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून सुबह 5:30 बजे से 7:27 बजे के बीच है. इसके दिन सुबह 11 बजकर 55 मिनट से अभिजीत मुहूर्त लग रहा है जो दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है. इस तरह की जा सकेगी पूजा गुप्त नवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स...

Gupt Navratri 2023: जानें कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, यहां है पूरी जानकारी

नई दिल्ली : Gupt Navratri 2023: पूरे साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है. पहली, चैत्र माह में होने वाली वसंत नवरात्रि से शुरु होती है और दूसरी गुप्त नवरात्रि जो आषाढ़ माह में मनाई जाती है. तीसरी, जो अश्विनी मास का वसंती नवरात्रि है और चौथी माघ मास में गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. यानी कि दो वसंत और दो गुप्त नवरात्रि मनाने की खास परंपरा है. वहीं आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है. तंत्र-मत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत खास मानी जाती है. अब ऐसे में इस साल दिनांक 18 जून को सुबह 11:05 मिनट से आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत हो रही है और इसकी समाप्ति अगले दिन दिनांक 19 जून को 11:13 मिनट पर हो रही है. इसलिए उदया तिथि के आधार पर दिनांक 19 जून को नवरात्रि मनाई जाएगी. ये भी पढ़ें - जानें कैसे अलग है ये नवरात्रि दिनांक 19 जून को घर में कलश रखकर नौ दिन तक मां दुर्गा का पाठ करें. इससे घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा और व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होगी. इसके साथही गुप्त नवरात्रि इसलिए भी आलग है, क्योंकि इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला की खास पूजा की जाती है. 9 दिन में मां के नौ स्वरूपों की होती है पूजा आषाढ़ माह के गु्प्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा माता, पांचवें दिन मां स्...

चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च 2023 ‣ Om Asttro / ॐ एस्ट्रो

News & Update ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे ‘ ‘इदं विष्णुर्विचक्रमे त्रेधा निदधेपदम्। समूढ़मस्यपा सुरे स्वाहा’’ जय श्री कृष्णा Om Asttro / ॐ एस्ट्रो आपका हार्दिक स्वागत करता है , आपको हमारी पोस्ट पर प्रतिदिन धर्म , ज्योतिष , वेद , पुराण , शास्त्र , वास्तु , कुंडली एवं त्योहार से जुड़ी जानकारियां मिलती रहेगी । /i> Contents • 1 चैत्र नवरात्रि की तिथियाँ ...

Gupt Navratri 2023 Date In June, Navratri Kab Se Shuru Ho Rahi Hai, Kalash Sthapana Ka Shubh Muhurt

Navratri 2023: नवरात्रि के पावन अवसर की सनातन धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता होती है. भक्त पूरे मनोभाव से नवरात्रि के व्रत रखते हैं. मान्यतानुसार साल में 4 तरह की नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें चैत्र नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) और शारदीय नवरात्रि शामिल हैं. गुप्त नवरात्रि दो बार पड़ती है जिनमें से एक माघ माह में और दूसरी आषाढ़ के महीने में मनाई जाती है. जून के महीने में आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पड़ रही है. इस नवरात्रि की शुरूआत किस दिन होगी, समापन कब होगा और पहले दिन कलश स्थापना किस मुहूर्त में की जाएगी जानिए यहां. गुप्त नवरात्रि की तिथि | Gupt Navratri Date आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ हो रही है जिसका समापन 28 जून के दिन होगा. इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र के साधकों के लिए बेहद खास माना जाता है. कहते हैं नवरात्रि के व्रत में मां दुर्गा ( Ma Durga) के नौं रूपों की पूजा-आराधना की जाती है और भक्तों की हर मनोकामना मां पूरी करती हैं. पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 18 जून को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरूआत 19 जून से ही होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना (Kalash Sthapana) 19 जून के दिन ही की जाएगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 जून सुबह 5:30 बजे से 7:27 बजे के बीच है. इसके दिन सुबह 11 बजकर 55 मिनट से अभिजीत मुहूर्त लग रहा है जो दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जा सकती है. इस तरह की जा सकेगी पूजा गुप्त नवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स...

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि 2023 कब है? जानें तिथि, समय, पूजन विधि और महत्व

चैत्र नवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023, बुधवार से हो रही है. पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे से शुरू होगी जो अगले दिन यानी की 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे तक रहेगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 को प्रात:काल 06:23 से लेकर 07:32 बजे तक रहेगा. हालांकि, राहुकाल दोपहर 12:28 से लेकर 01:59 बजे तक रहेगा इसलिए इस समय देवी की पूजा करने से बचें. ये भी पढ़ें – चैत्र नवरात्रि पूजन विधि नौ दिनों की इस विशेष पूजा में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है. 22 मार्च 2023 से शुरू होने वाली पूजा के पहले ही दिन कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में इस दिन सबसे पहले प्रात:काल उठकर स्नान करें फिर उसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत संकल्प करें और पूजा घर के पास एक पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं, जिसपर माता की मूर्ति या उनकी फोटो स्थापित करें. इसके बाद माता पर फल, फूल आदि अर्पित करें. अंत में माता की आर्ति करें और उन्हें भोग लगाएं. चैत्र नवरात्रि का महत्व धार्मिक नजरिए से चैत्र नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है. नौ दिनों में की जानें वाली नौ देवियों की पूजा से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. माना जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से और विधि विधान से मां दुर्गा की आराधना करता है उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. चैत्र नवरात्रि पर की गई पूजा से माता अधिक प्रसन्न होती हैं और आपकी आर्थिक परेशानियां भी दूर करती हैं. (यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रख...

Chaitra Navratri 2023: बन रहा है शुभ संयोग, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में बन रहा है शुभ संयोग, जानें प्रमुख तिथियां और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में बन रहा है शुभ संयोग, जानें प्रमुख तिथियां और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है और लोगों ने पूजा के लिए लगभग तैयारियां शुरू कर दी हैं. आइए जानते हैं सभी 9 तिथियां और शुभ मुहूर्त. Chaitra Navratri 2023: इस साल चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास होने वाले हैं क्योंकि नवरात्रि की शुरुआत बहुत ही शुभ योगों के साथ हो रही है. बता दें कि चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023, बुधवार के दिन शुरू हो रहे हैं. इस दौरान भक्तजन 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ( Ghatasthapana Muhurat) नवरात्रि की पूजा की शुरुआत घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ होती हैं और इसका विशेष महत्व माना गया है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में बन रहे शुभ संयोग, घटस्थापना का मुहूर्त ( Chaitra Navratri 2023 Kab Hai) और प्रमुख तिथियां. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से की जाती है और यदि शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाए तो वह अधिक फलदायी मानी गई है. बता दें कि घटस्थापना यानि कलश स्थापना के लिए 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगर. यानि भक्तों के पास कलश स्थापना के लिए केवल 1 घंटा 9 मिनट का ही समय है. ऐसे में संभव हो तो शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें. चैत्र नवरात्रि पर बन रहा है शुभ संयोग इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं और इनकी शुरुआत बेहद ही शुभ संयोग में हो रही है. हि...

Gupt Navratri 2023:इस दिन से शुरू हो रही है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, नोट कर लें पूजा सामग्री की लिस्ट और विधि

Ashadha Gupt Navratri 2023 Pujan Samagri: इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 जून 2023 से हो रही है। इसका समापन 28 जून को होगा। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। मान्यता है कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे 9 दिन मां दुर्गा के नव स्वरूपों की पूजा करता है, मां अंबे की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान माता रानी की विधि पूर्वक पूजा करने के लिए भक्तों को कुछ पूजन सामग्री की जरूरत होती है। अब जल्द ही गुप्त नवरात्रि शुरू होने वाली है। ऐसे में आपको इन पूजन सामग्रियों को इकट्ठा कर लेना चाहिए। चलिए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की संपूर्ण सामग्री के बारे में... अन्य सामग्री में फूल, फूल माला, आम के पत्ते, बंदनवार, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि सामान पहले से ही एकत्रित करके रख लें।