नवरात्रि का आठवां दिन

  1. navratri 2021 shardiya navratri 8th day of navratri maa shailputri puja vidhi shubh muhrat aarti katha and mantra
  2. चैत्र नवरात्रि आठवां दिन: जानें इस दिन किस देवी की कैसे करें उपासना
  3. Shardiya Navratri 2022 Maha Ashtami Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Bhog And Color
  4. देवी महागौरी
  5. Maha Ashtami Puja:नवरात्रि का आठवां दिन है मां महागौरी को समर्पित, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती
  6. Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, देवी महागौरी की पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, भोग एवं आरती, यहां पढ़ें
  7. माँ महागौरी
  8. 8th day of navratri: माता महागौरी की पूजा विधि, मंत्र और उपाय जानें


Download: नवरात्रि का आठवां दिन
Size: 10.71 MB

navratri 2021 shardiya navratri 8th day of navratri maa shailputri puja vidhi shubh muhrat aarti katha and mantra

Navratri 8th Day : नवरात्रि के आठवें दिन होती है मां महागौरी की पूजा, नोट कर लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती और कथा 8th day of navratri maa mahagauri puja : 9 अप्रैल शनिवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान 8th day of navratri maa mahagauripuja : 9 अप्रैल शनिवार को चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है।चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है। इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं। मां का स्वभाव शांत है। आइए जानते हैं मां महागौरी की पूजा विधि, महत्व, मंत्र, भोग औरआरती... मां महागौरी पूजा विधि... • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। • मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है। • मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें। • मां को रोली कुमकुम लगाएं। • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें। • मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं। • मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें। • मां की आरती भी करें। • अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें। 14 अप्रैल से शुरू होंगे इन राशियों के अच्छे दिन, जमकर बरसेगी सूर्य देव की कृपा मां महागौरी मंत्र मंत्र: या देव...

चैत्र नवरात्रि आठवां दिन: जानें इस दिन किस देवी की कैसे करें उपासना

नवरात्रि आठवां दिन, माँ महागौरी देवी : 20 अप्रैल 2021 (मंगलवार) नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा का विधान बताया गया है । माँ महागौरी माँ दुर्गा का आठवां स्वरुप हैं। महागौरी को आदि शक्ति माना गया है। बताया जाता है कि मात्र आठ वर्ष की छोटी सी आयु में महागौरी देवी ने घोर तपस्या की थी यही वजह है जिसके चलते नवरात्रि के आठवें दिन माता की पूजा की जाती है। जब महादेव को पाने के लिए देवी ने घोर तपस्या की जिसके चलते उनका शरीर काला पड़ गया था तब शिव जी ने माता की भक्ति से प्रसन्न होकर उनपर गंगाजल डाला था जिससे देवी गौर वर्ण की हो जाती हैं और तभी से उनका नाम महागौरी देवी पड़ा। बैल के वाहन पर विराजमान महागौरी देवी की चार भुजाएं हैं। बेहद सरस और सुलभ रूप में सफ़ेद वस्त्र पहनी महागौरी देवी ने दाहिने तरफ के ऊपर वाले हाथ को अभय मुद्रा में किया हुआ है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल थामा हुआ है। देवी के बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। महागौरी देवी की पूजा में ‘श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः, महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ’ मन्त्र का जाप अवश्य करें। बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय कैसे करें महागौरी देवी की पूजा • स्नान आदि कर के पूजा की शुरुआत करें। • महागौरी देवी का मन में ध्यान करें और उनके सामने दीपक आदि जलाएं। • महागौरी देवी की पूजा में सफ़ेद या पीले रंग के फूल का उपयोग अवश्य करें। • महागौरी देवी की पूजा में नारियल, हलवा, पूड़ी और सब्जी इत्यादि का भोग लगाया जाता है। • पूजा के बाद आरती करें। • मान्यता है कि अगर महागौरी देवी जी की पूजा मध्यरात्रि में की जाये तो ये अधिक फलदायी साबित हो सकती है। इस दिन किस रंग के...

Shardiya Navratri 2022 Maha Ashtami Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Bhog And Color

Navratri 8th Day Ashtami Puja:आज शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है. इस दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. पौराणिक कथा के अनुसार कठोर तपस्या से माता ने गौर वर्ण प्राप्ति किया था जिस कारण इनका नाम महागौरी पड़ा. शास्त्रों की मान्यता के अनुसार, मां महागौरी की पूजा से भक्तों धन, ऐश्वर्य, और सुख साधनों की वृद्धि होती है. मां महागौरी का स्वरूप बेहद शांत और सौम्य है. माता महागौरी की पूजा से मन की पवित्रता बनी रहती है. साथ ही हर मनोकामना की पूर्ति होती है. आइए जानते हैं आज महाअष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा कैसे करें और उनकी पूजा में किन बातों का ध्यान रखना होता है. यह भी पढ़ें • Chaitra Navratri 2023: साल 2023 में चैत्र नवरात्रि की ये हैं प्रमुख तिथियां, जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व • अक्टूबर 2022 में त्योहारी अवधि के दौरान बिक्री 28.81 प्रतिशत बढ़ी: ऑटो डीलर संघ • बेंगलुरु और भोपाल के बाद अब मुंबई एयरपोर्ट पर गरबा की धूम, पैसेंजर्स के साथ झूमकर नाचे क्रू मेंबर्स पंचांग के अनुसार, आज अष्टमी तिथि शाम 4 बजकर 37 मिनट तक है. संधि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 4 बजकर 13 मिनट से 5 बजकर 01 मिनट तक है. इसके अलावा इस दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत सुबह 4 बजकर 43 मिनट से है. वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक है. इसके साथ ही अमृत काल का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 25 मिनट तक है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबित ये सभी मुहूर्त मां महागौरी की पूजा के लिए उत्तम हैं. महागौरी पूजा विधि | Mahagauri Puja Vidhi नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है. इस दिन माता की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजन का भी विधान है. ऐसे में मां महागौरी की पूजा करने ...

देवी महागौरी

महत्वपूर्ण जानकारी • • रविवार, 22 अक्टूबर 2023 महागौरी, दुर्गा के नौ रूपों में से आठवाँ स्वरूप है। नवरात्रि के त्योहार के आठवें दिन महागौरी की पूजा व आर्चना की जाती है। सभी भक्त इस दिन महागौरी की पूजा और आराधना करते है। महागौरी, माता पार्वती का आठवां अवतार माना जाता है। महागौरी को श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है। महागौरी सभी आभूषण व वस्त्र सफेद हैं। महागौरी के नाम से माता की पूर्णतयः गौर वर्ण का पता चलता है। माँ महागौरी उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द के फूल से दी गई है। एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं। तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम ‘गौरी’ पड़ा। देवी महागौरी को अन्नपूर्णा, ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी भी कहा जाता है। महागौरी का स्वरूप इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- ’अष्टवर्षा भवेद् गौरी।’ इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है। महागौर की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार, देवी महागौरी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखती हैं। जो देवी की पूजा करता है, उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जा...

Maha Ashtami Puja:नवरात्रि का आठवां दिन है मां महागौरी को समर्पित, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती

Durga Puja Ashtami Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Mantra In Hindi: नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। नवरात्रि मुख्य रूप से शक्ति की आरधना करने के दिन होते हैं। कहा जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में नियम और निष्ठा के साथ मां आदिशक्ति के नौं स्वरूपों का पूजन करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं नवरात्रि के नौं दिनों के दौरान पड़ने वाली अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन को दुर्गा अष्टमी या फिर महाअष्टमी कहा जाता है। अष्टमी तिथि को मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी के पूजन का विधान है। 03 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। तो चलिए जानते हैं अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा विधि और महत्व के बारे में... दुर्गाष्टमी 2022 पूजा विधि इस दिन मां दुर्गा के साथ उनके आठवें स्वरूप महागौरी माता का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। फिर चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद पुष्प लेकर मां का ध्यान करें। अब मां की प्रतिमा के आगे दीपक चलाएं और उन्हें फल, फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें और देवी मां की आरती उतारें। वहीं यदि आप पूरी नवरात्रि के व्रत रखते हैं तो अष्टमी को हवन जरूर करवाना चाहिए। Disclaimer हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन...

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, देवी महागौरी की पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, भोग एवं आरती, यहां पढ़ें

Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंगे जो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। हालांकि उन शहरों में नौकरी ज्यादा होती है जहां पर आबादी ज्यादा है और जहां पर कारोबारी कार्य ज्यादा होता है। इसीलिए कई लोगों को नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर जाना पड़ता है। ऐसे शहरों में जाकर भी उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल रही हैं तो उन्हें करना चाहिए कौनसा वार। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं Sun Transit into Gemini जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा। Budhaditya Yoga...

माँ महागौरी

माता महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। सच्चे मन से भक्तों द्वारा की गई प्रार्थना माँ अवश्य स्वीकर करती हैं। महागौरी के नाम का अर्थ, महा मतलब महान/बड़ा और गौरी मतलब गोरी। देवी का रंग गोरा होने के कारण ही उन्हें महागौरी कहा गया। माता महागौरी का स्वरूप देवी महागौरी की चार भुजाएँ हैं और वे वृषभ की सवारी करती हैं। वे दाहिने एक हाथ से अभय मुद्रा धारण की हुईं हैं, वहीं दूसरे दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएँ एक हाथ में डमरू तथा दूसरे बाएँ हाथ से वे वर मुद्रा में है। पौराणिक मान्यताएँ पौराणिक मान्याताओं के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए गर्मी, सर्दी और बरसात का बिना परवाह किए कठोर तप किया था जिसके कारण उनका रंग काला हो गया था। उसके बाद शिव जी उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और गंगा के पवित्र जल से स्नान कराया जिसके बाद देवी का रंग गोरा हो गया। तब से उन्हें महागौरी कहा जाने लगा। ज्योतिषीय संदर्भ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं। मंत्र ॐ देवी महागौर्यै नमः॥ प्रार्थना मंत्र श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ स्तुति या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ ध्यान मंत्र वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥ पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥ पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥ प्रफुल...

8th day of navratri: माता महागौरी की पूजा विधि, मंत्र और उपाय जानें

देवी माँ के आठवें रूप को महागौरी कहा जाता है, और उनकी अष्टमी के दिन पूजा (नवरात्रि के आठवें दिन) की जाती है। वह श्वेताम्बरधारी (सफेद कपड़े पहने हुए), वृषारुढ़ा (बैल की सवारी), चतुर्भुजी (चार हाथ हैं) और शांभवी (आनंद और खुशी प्रदान करती है) सहित अन्य नामों से भी जानी जाती हैं। नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग यज्ञ और आहुति देने का कार्य भी करते हैं, कन्या भोज और जरूरतमंदों की सेवा भाव करने का भी इस दिन बड़ा महत्व है। महागौरी की पूजा से बुद्धि प्रखर होती है। बैंक, अनालिटिक्स, अकाउंट्स, मीडिया आदि की जॉब करने वालों को महागौरी का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए। माता महागौरी की कृपा से बुध ग्रह मजबूत होता है। यदि आप अपने जीवन में किसी भी तरह के आर्थिक या मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं, तो माता महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। यह पाठ पूरी वैदिक रीति से होना चाहिए। वैदिक रीति से यह पाठ करने के लिए आप हमारे विशेषज्ञ पंडितों से भी संपर्क कर सकते हैं या आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। जानिए माता महागौरी के सौंदर्य रूप के बारे में- नवरात्रि पर्व के दौरान महागौरी का रूप उसके गोरे रंग की तुलना शंख, चंद्रमा और चमेली के फूलों की सफेदी से की जाती है। महागौरी शब्द का शाब्दिक अर्थ महा से महान और गौरी का अर्थ सफेद है। सफेद वृषभ अर्थात बैल पर विराजमान देवी महागौरी को तीन आंखों और चार भुजाओं के साथ चित्रित किया गया है। अपने भक्तों को आशीर्वाद देने और उनके जीवन से सभी भय को दूर करने के लिए, उनकी दो भुजाएं वरदा और अभय मुद्रा में हैं। उसकी दूसरी भुजाओं में त्रिशूल और डमरू है। उसके कपड़े और आभूषण सफेद और शुद्ध ह...