Pcod symptoms in hindi

  1. पीसीओडी क्या हैं
  2. पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार
  3. PCOD और PCOS के बीच आपको भी है कंफ्यूजन, तो जान‍िए यहां दोनों के बीच क्‍या है अंतर
  4. पीसीओएस में क्‍या खाएं, क्‍या न खाएं, भोजन, आहार, परहेज, डाइट टिप्‍स
  5. पीसीओडी का घरेलू उपचार, कारण और लक्षण
  6. PCOD Kya Hota Hai: पीसीओडी क्या हैं? कारण और उपचार
  7. पीसीओडी का घरेलू उपचार
  8. PCOS Symptoms in Hindi


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पीसीओडी क्या हैं

काफी लोगों का यह सवाल रहता है की आखिर PCOD Kya hai in Hindi | यह महिलाओ में होने वाली हार्मोनल समस्या है। पीसीओडी ( PCOD ) यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर की समस्या आमतौर पर महिलायों के अंदर असंतुलन बिगडने से होती हैं। आज कल जीवनशैली में महिलाए न वक्त पर खाती हैं , न वक्त पर सोती हैं, न ही खुद की सेहत पर ध्यान दे रही हैं। इसी कारन यह समस्या महिलयो में बढ़ती ही जा रही हैं। लाखो महिलाये पीसीओडी से प्रभावित हैं। पहले यह समस्या 30 से 35 साल की उम्र में ज्यादा थी, लेकिन आजकल 18 से 20 साल की उम्र में यह पीसीओडी की समस्या आम हो गयी है। इस समस्या से अंडेदानी में छोटी छोटी गांठे बन जाती हैं , इसी के कारण हार्मोनल समस्या , परेशानियां बढ़ने लगी हैं। महावारी की दिक्कत भी इसी कारण होती हैं , महावारी न आने से वजन काफी बढ़ जाता हैं और महिलायों को कंसीव करने में भी समस्या आति हैं , यदि कंसीव हो भी हो जाए तो गर्भपात होने का खतरा ही रहता हैं। पीसीओडी के लक्षण | pcod symptoms in Hindi • वजन बढ़ना • महामारी अनियमित होना • शरीर पर या चेहरे पर बाल आना • बालो का झड़ना • सोने में परेशानी • मुहासे या तैलीय त्वचा • थकान महसूस होना • मूड में अचानक बदलाव आना पीसीओडी उपचार | PCOD Treatment in Hindi बहुत सारे लोग यह जानना चाहते हैं कि PCOD का इलाज क्या है। पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर एक हार्मोनल समस्या हैं इसका उपचार भी लम्बा चलता हैं| वैसे तो सबसे पहले आपको एक पीसीओडी से बचाव कुझ बातो पर ध्यान रखकर पीसीओडी से बचा जा सकता हैं, जिसमे शामिल हैं :’ • वक्त पर खाना खाए • वक्त पर दवा ले • वजन को कम करे • मसालेदार चीजों से दूर रहे और परहेज करे • शराब और नशीली चीजों का सेवन न कर।

पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार

• • • • • • • • • • • • PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovary Disease) दो शब्द हैं जो अक्सर एक दूसरे के समानार्थक रूप से प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन वे बिल्कुल एक जैसे नहीं हैं। पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में कई छोटी सिस्ट होते हैं, जो अनियमित मासिक धर्म, अंडाशय की आकार में वृद्धि और हार्मोनल विकार का कारण बनते हैं। यह एक पुरानी शब्दावली है जो आजकल ज्यादा प्रयोग नहीं होता है। दूसरी तरफ, PCOS एक व्यापक शब्द है जो प्रायः महिलाओं के हार्मोनल विकारों को बताता है। PCOS में कई लक्षण होते हैं, जैसे अनियमित मासिक धर्म, एंड्रोजेन के उच्च स्तर और अंडाशयों का बढ़ा हुआ आकार, वजन बढ़ना, मुँहासे, अत्यधिक बालों का बढ़ना और इंसुलिन प्रतिरोध शामिल हैं। पीसीओडी को नियंत्रित करने के लिए बहुत से उपाय होते हैं। परन्तु इससे पहले, यह महत्वपूर्ण है कि हम पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में अधिक जानें। पीसीओडी क्या है?(What is PCOD?) पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के अंडाशय में अनेक सिस्ट बन जाते हैं। यह एक आम समस्या है जो दर्द, अनियमित मासिक धर्म, बालों की अधिक वृद्धि और गर्भाधान में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। समय रहते इस समस्या का पता चलते ही उसका इलाज कराना जरूरी होता है। पीसीओडी की जांच करवानी चाहिए और पीसीओडी के कारण/ पीसीओडी क्यों होता है? पीसीओडी समस्या के कई कारण हो सकतें हैं। आइए यहां पीसीओडी के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानें। • हार्मोनल असंतुलन : प्राकृतिक रूप से महिलाओं के शरीर में उत्तेजक और निरोधक हार्मोन होते हैं जो मासिक धर्म नियंत्रित करते हैं। पीसीओडी में इन हार्मोनों में असंतुलन होता है, जिससे अंडाशय में गोलियां ब...

PCOD और PCOS के बीच आपको भी है कंफ्यूजन, तो जान‍िए यहां दोनों के बीच क्‍या है अंतर

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) सुनने में एक जैसे लग सकते हैं लेकिन कई मायनों में दोनों एक-दूसरे से अलग हैं। ये दोनों ओवरीज यानी अंडाशय से जुड़ी दो अलग-अलग चिकित्सीय स्थितियां है। जो महिलाओं में हार्मोनल गड़बड़ी पैदा के वजह से होती है। दोनों स्थितियों में महिला प्रजनन की क्षमता प्रभावित होती हैं, और PCOD को हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल और डाइट से प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन PCOS में प्रॉपर ट्रीटमेंट और केयर की आवश्‍यकता होती है। यहां हम PCOD और PCOS, उनके बीच अंतर, इसके जोखिमों और इससे बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। PCOD क्या है? एक महिला की प्रजनन प्रणाली को समझे तो हर दूसरे महीने में प्रत्येक अंडाशय एक अंडा पैदा करता है जो या तो शुक्राणु के संपर्क में आने पर निषेचित हो जाता है या मासिक धर्म में नष्‍ट हो जाता है। लेकिन पीसीओडी जैसी स्थितियों में, अंडाशय बहुत सारे अपरिपक्व या आंशिक रूप से परिपक्व अंडे को रिलीज करता हैं जो धीरे-धीरे एक समय में सिस्ट के रुप विकसित होने लगते हैं। पीसीओडी अत्यधिक एण्ड्रोजन उत्पादन के वजह से होता है, जो हर महीने उत्पादित oocytes यानी अंडे की परिपक्वता में बाधा डालता है। पीसीओडी की वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्‍या आती है। इस समस्‍या को व्यायाम, दवाओं और जीवनशैली/आहार में बदलाव के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। PCOS क्या है? पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक जटिल स्थिति है, जिसमें एण्ड्रोजन के बढ़े हुए स्तर की वजह से अनियमित मासिक चक्र, और/या एक या दोनों अंडाशय में छोटे सिस्ट बनने की समस्‍या होने लगती है। एक अल्ट्रासाउंड मूल्यांकन के दौरान हर महीने 1...

पीसीओएस में क्‍या खाएं, क्‍या न खाएं, भोजन, आहार, परहेज, डाइट टिप्‍स

पॉलीसिस्टिक ओवरी डिस्‍ऑर्डर यानि पीसीओडी (पीसीओएस) से ग्रस्‍त महिलाओं के अंडाशय में कई छोटे सिस्‍ट (गांठे) बन जाते हैं। पीसीओडी की समस्या१५-४५ वर्षीय लड़कियों एवंमहिलाओं में अधिकतर देखी जातीहै। पॉलीसिस्टिक ओवरी का आकार और घनत्‍व सामान्य ओवरी की तुलना मेंबड़ा होता है। सेक्‍स हार्मोन के असंतुलित होने और शरीर के पुरुष हार्मोन का उत्‍पादन शुरु करने पर पीसीओडी की समस्‍या होने लगती है। (और पढ़ें - पीसीओडी का संबंध मासिक धर्म में गड़बड़ी और शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्‍तर बढ़ने से है। माहवारी में गड़बड़ी के कारण सामान्‍य मासिक धर्म में देरी होना या तीन महीने से ज्‍यादा समय तक माहवारी ही न आने की दिक्‍कत हो सकती है। पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित माहवारी, प्रजनन क्षमता में कमी आना, असामान्‍य रूप से वजन बढ़ना और घटना, ह्रदय से संबंधित समस्‍याएं होना, (और पढ़ें - • • • • • • पीसीओएस से ग्रस्‍त महिलाओं में अगर आपके शरीर में पर्याप्‍त मात्रा में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तो ऐसी स्थिति में रक्त शर्करा स्तर(ब्‍लड शुगर लेवल) बढ़ सकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस (इसमें शरीर ठीक तरह से इंसुलिन का प्रयोग नहीं कर पाती है) की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है। (और पढ़ें - अगर आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्‍या है तो आपका शरीर रक्त शर्करा(ब्‍लड शुगर लेवल) को सामान्‍य रखने के लिए उच्‍च मात्रा में इंसुलिन बनाने लगता है। इंसुलिन का स्‍तर अधिक होने पर ओवरी में एंड्रोजन (पुरुषों में होने वाला हार्मोन) जैसे कि टेस्‍टोस्‍टेरोन ज्‍यादा बनने लगता है।शरीर में फैट की मात्रासामान्‍य स्‍तर से ज्‍यादा होने पर भी इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस वजन घटाने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है और इसलिए पीसी...

पीसीओडी का घरेलू उपचार, कारण और लक्षण

PCOD और PCOS वो हेल्थ रिलेटेड कंडीशन है जिसका असर महिलाओं के अंडाशय यानी ओवरी पर पड़ता है। ओवेरी वो ऑर्गन है जो progesterone और estrogen नामक होर्मोनेस बनाती है, जिनका काम पीरियड्स साइकिल को रेगुलेट करना होता है। इसके साथ ही ओवेरी Relaxin, Inhibin and Male Hormone Androgens भी बनाती है। आजकल की बात की जाए तो कम से कम 10 % महिलाएं PCOD से ग्रसित हैं। PCOD के मुकाबले PCOS की वजह से जरुरत से ज्यादा मेल हॉर्मोन बनते है। इन हॉर्मोन के असंतुलन की वजह से कई बार पीरियड्स साइकिल अनियमित हो जाते हैं जिससे महिला को आगे चलके गर्भ धारण करने में बहुत मुश्किलें आती हैं। पीसीओडी क्या है? – P C O D Kya Hota H PCOD यानि Polycystic Ovarian Disease वो मेडिकल कंडीशन हैं जिसमें महिला की ओवेरी यानि अंडाशय बड़ी संख्या में इममैच्योर या आंशिक रूप से मैच्योर अंडे बनाती है। समय के साथ ये अंडे सिस्ट बन जाते है। सिस्ट की वजह से ओवेरी बढ़ जाती है और उसमें बड़ी मात्रा में मेल होर्मोनेस का स्राव होने लगता है जिससे महिलाओ को बाँझपन, अनियमित मासिक धर्म, बालो का झाड़ना और असमान्य रूप से वजन के बढ़ने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। PCOD को लाइफस्टाइल में और डाइट में बदलाव लाकर ठीक किया जा सकता है। कई बार PCOD हेरिदिटी की वजह से भी हो जाता है। अगर पहले उनके परिवार में किसी महिला को ये परेशानी थी तो उनको भी हो सकती है। पीसीओडी के लक्षण – PCOD Problems Symptoms in Hindi • एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का ज्यादा बनना। • अनियमित पीरियड्स भी इसका एक लक्षण है। • चेहरे पर अत्यधिक बाल का निकलना भी एक लक्षण है। • कई लडकियों या महिलाओ को चेहरे पर मुंहासे निकलने लगते हैं। • जब महिला को पीरियड्स होते हैं तब उनको हैवी ब्लीडिं...

PCOD Kya Hota Hai: पीसीओडी क्या हैं? कारण और उपचार

पीसीओडी क्या हैं (PCOD Meaning in Hindi) PCOD kya hota hai? आईये जानते है। पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज ( पीसीओडी ) महिलाओं में एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) की अधिकता से होने वाला विकार हैं। पीसीओडी के लक्षणों में अनियमित माहवारी या पीरियड्स नहीं आना, दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द, संतान प्राप्ति में कठिनाई होना है। संबंधित बीमारियों में टाइप 2 डायबिटिज, मोटापा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हृदय की समस्याएं, अवसाद की समस्या और एंडोमेट्रियल कैंसर भी शामिल हैं। इन्दिरा आईवीएफ की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. शिल्पा गुलाटी बताती हैं कि इस बीमारी से प्रभावित महिलाओं के दिमाग में आमतौर पर कई सवाल होते हैं जैसे कि पीसीओडी की समस्या में जल्दी गर्भवती कैसे हो सकते हैं ? पीसीओडी में आईवीएफ प्रोटोकॉल क्या है? पीसीओडी और आईवीएफ विफलता कैसे संबंधित है? क्या पीसीओडी के लिए कोई फर्टिलिटी विशेषज्ञ है? क्या पीसीओडी में आईवीएफ अंडे की गुणवत्ता को प्रभावित करता है? पीसीओडी उपचार में पहली बार में आईवीएफ सफलता की दर क्या है ? पीसीओडी वंशानुगत होने के साथ ही पारिस्थितिक कारकों का मिलाजुला रूप है इसके अलावा वजन की समस्या, कम शारीरिक गतिविधि के साथ परिवार में इस तरह का पूर्व इतिहास शामिल है। चिकित्सा निदान निम्नलिखित पर आधारित है – ओवुलेशन नहीं होना, उच्च एण्ड्रोजन स्तर, साथ ही पीसीओडी का कोई इलाज नहीं है। उपचार पद्धति में जीवनशैली में बदलाव जैसे वजन कम करना और व्यायाम को शामिल किया जा सकता है। मेटफोर्मिन और एंटी-एण्ड्रोजन भी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त स्थायी रूप से मुँहासे व अनचाहे बाल हटाने का उपचार लिया जा सकता है। इन्दिरा आईवीएफ की निःसंतानता एवं आईवीएफ स्पेशलिस्ट ड...

पीसीओडी का घरेलू उपचार

महिलाएं अपने जीवन में कई सारी बीमारीओं का सामना करती है। ऐसे में पीसीओडी भी एक ऐसी समस्या बन चुकी है जो लगभग 10 में से एक महिला में यह बीमारी देखने को मिल रही है। जिससे महिलाएं कई सारी समस्याओं का सामना कर रही है। आज इस लेख ( PCOD in Hindi) में पीसीओडी का घरेलू उपचार क्या है, पीसीओडी सिम्टम्स क्या है ( PCOD Problem Symptoms in Hindi) और पीसीओडी की समस्या को हमेशा के लिए कैसे ठीक किया जा सकता है इसके बारे में बताया गया है। पीसीओडी एक ऐसी समस्या है जिससे महिलाएं शारीरिक रूप से परेशानी तो चलती ही है इसके साथ यह समस्या मानसिक रूप से भी महिलाओं को तकलीफ देती है। क्योंकि पीसीओडी से मासिक धर्म में समस्याएं और इसके साथ गर्भवती होने में भी समस्याएं पैदा करती है। और यह बीमारी पहले के मुकाबले बहुत ही ज्यादा और तेजी से बढ़ने लगी है, इसलिए जिन महिलाओं को इस बीमारी के बारे में नहीं पता में महिलाओं में इसके बारे में जागरूकता होनी चाहिए। जिन महिलाओं को यह बीमारी है और इसके साथ जिनको नहीं है दोनों को ही इस बीमारी के बारे में अच्छी तरह से जान लेना चाहिए ताकि वो इससे दूर रह पाए। Table of Contents • • • • • • • • • • महिलाओं में पीसीओडी क्या होता है – What is PCOD problem in females? पीसीओडी महिलाओं पाए जाने वाली बीमारी है जो बहुत तेजी से महिलाओं में बढ़ने लगी है। पीसीओडी एक ओवरी की समस्या है। महिलाओं की ओवरी में कई सारे छोटे आकर में गांठ बन जाते है, जिसे सिस्ट्स भी कहा जाता है, यह गांठ तब बनते हैं जब महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन्स असंतुलित होते हैं और शरीर में हारमोंस बढ़ने लगते हैं जिसमें मेल हार्मोन (एण्ड्रोजन) अधिक बन जाते हैं। पीसीओडी में क्या क्या प्रॉब्लम होती है? पीसीओडी में मुख्य तौर प...

PCOS Symptoms in Hindi

PCOS Symptoms: पीसीओएश की समस्या महिलाओं में काफी आम होती जा रही है. ये ऐसी समस्या है जिसके बारे में काफी महिलाएं जागरुक नहीं हैं. यही कारण है पीसीओएस के लक्षण को लोग समझ नहीं पाते हैं और ये समस्या बढ़ने का कारण बन जाता है. पीसीओएस का ट्रीटमेंट शुरूआती स्टेज में काफी आसान हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको पीसीओएस के लक्षण बताने वाले हैं. इससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर पीसीओएस क्या है. पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या शरीर में हॉर्मोन की गड़बड़ी के कारण होती है जिसकी वजह से महिलाओं की सेक्शुअल हेल्थ और रिप्रोडक्टिव हेल्थ ( प्रजनन स्वास्थ्य) काफी प्रभावित होती है. जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उनके ओवरी में रसौली बनने लगती हैं और साथ ही पीरियड्स साइकिल भी खराब हो जाती है. पीसीओएस के लक्षण - पीरिड्स साइकिल खराब होना - पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग होना - चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्सों पर बालों की ग्रोथ होना. - पिंप्लस और एक्ने की समस्या - जिन लोगों को पीसीओडी की समस्या होती है उनका आमतौर पर वजन तेजी से बढ़ता है. पेट पर चर्बी आने लगती है. - समस्या ज्यादा बढ़ने पर सिर पर बाल कम होने लगते हैं, और स्किन काली पड़ने लगती है. - जो महिलाएं इस समस्या से परेशान हैं उन्हें सिर दर्द होता रहता है. PCOS के कारण होने वाले गलत प्रभाव जो महिलाएं इस समस्या से परेशान हैं उनमें बांझपन होने का खतरा रहता है. इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, एचडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जैसी समस्याएं होने की भी संभावना रहती है. यह भी पढ़ें: Bathua Benefits: ठंड में बहुत सी बीमारियों को दूर करता है बथुआ, पीरियड्स के बहुत फायदेमंद पीसीओएस क्यों होता है? पीसीओएस की समस्या क्यों होती है इसके पीछे क...