Pitambar mein kaun sa samas hai

  1. नीलगाय में कौन सा समास है?
  2. पंकज में कौन सा समास है? Pankaj Mein Kaun Sa Samas Hai
  3. 'विद्यार्थी' में कौन
  4. पीताम्बर में कौन सा समास है? पीताम्बर का समास
  5. Pitambar Kaun Sa Samas Hai
  6. पीताम्बर में कौन सा समास है? Pitambar Mein Kaun Sa Samas Hai
  7. Pitambar Kaun Sa Samas Hai
  8. पीताम्बर में कौन सा समास है? Pitambar Mein Kaun Sa Samas Hai
  9. नीलगाय में कौन सा समास है?
  10. 'विद्यार्थी' में कौन


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नीलगाय में कौन सा समास है?

नीलगाय शब्द में समास (NilgaiMein Kaun sa Samas Hai) नीलगायमें प्रयुक्त समास का नाम क्या है? नीलगाय में कर्मधारय समास है। NilgaiMein Kaun sa Samas Hai? NilgaiShabd mein Karmdharay Samas Hai. नीलगाय का समास विग्रह क्या है? नीलगाय का समास विग्रहनीली है जो गायहै। Nilgai ka Samas Vigrah kya hai? Nili hai jo gai नीली है जो गायका समस्त पद है? नीलगाय कर्मधारय समास किसे कहते है? कर्मधारय समास की परिभाषा: ऐसा समास वाक्य जिसका पहला पद इस समास में उत्तर पद प्रधान रहता है और वाक्य के विभाजन करते समय दोनों पदों के बीच में “के समान, है जो, रूपी”इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है। इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है। उदाहरण: पीताम्बर, नीलगगन, महावीर, महापुरुष महाकवि: महान कवि महापुरुष: महान है जो पुरुष दुर्जन: दुष्ट है जो जन चन्द्रमुख: चन्द्र जैसा मुख कृष्णसर्प: काला सर्प महाकाव्य: महान काव्य महावीर: महान वीर अधमरा: आधा है जो मरा नवयुवक: नव है जो युवक महात्मा: महान है जो आत्मा कर्मधारय समास के बारे में विस्तार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें कर्मधारय समास के उदाहरण • नील कमल: नील के समानकमल। • सूरजमुख: सूरज के समानमुख। • महारत्न: महान है जोरत्न। • प्रधानाध्यापक: प्रधान है जोअध्यापक। • महाराज: महान है जोराजा। प्रयुक्त में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि पूर्व पद और उत्तर पद में विशेषण और विशेष्य के साथ-साथ उपमान और उसमें का संबंध भी देखने को नजर आ रहा है। अतः यह सभी उदाहरण कर्मधारय समास के अंतर्गत आएंगे। • पीलामणि: पीला है जोमणि। • पीतांबर: पीत है जोअंबर। • महात्मा: महान है जोआत्मा। • महाराज:...

पंकज में कौन सा समास है? Pankaj Mein Kaun Sa Samas Hai

पंकज का अर्थ है “पंक” का अर्थ होता है कीचड़ और “ज” का अर्थ होता है जन्म, इसलिए पंकज का अर्थ होता है “कीचड़ मे उत्पन्न होने वाला या जन्म लेने वाला”। आज हम पंकज में कौन सा समास है? पंकज का समास विग्रह (Pankaj Mein Samas Vigrah) क्या होता है? इन प्रश्नो पर चर्चा करंगे तथा साथ में आपको इन प्रश्नो के उतर देने की कोशिश करंगे क्योकि ऐसे प्रश्न अक्सर परीक्षा में पूछ लिए जाते है। हमारे द्वारा पहले दिए गए प्रश्नो के उतर भी देख सकते है जैसे – 5. सारांश पंकज में कौन सा समास है? पंकज का समास विग्रह क्या होता है? पंकज शब्द में बहुव्रीहि समास होता है। तथा पंकज का समास विग्रह कीचड़ मे जन्म लेने वाला होता है। पंकज शब्द में बहुव्रीहि समास होने का कारण है की इसमें पहला पद प्रधान है • पंकज शब्द में समास – बहुव्रीहि समास • पंकज का समास विग्रह – वह जो कीचड़ मे जन्म लेता है। पंकज का शाब्दिक अर्थ क्या होता है? • पंकज में समस्त पद का अर्थ – पंक + ज।अर्थात् – पंक (कीचड़) में जन्म लेता है। • पंकज का अर्थ है “पंक” का अर्थ होता है कीचड़ और “ज” का अर्थ होता है जन्म, इसलिए पंकज का अर्थ होता है “कीचड़ मे उत्पन्न होने वाला या जन्म लेने वाला”। • पंकज, कमल का पर्यायवाची है। • कीचड़ से उत्पन्न होने वाला। पंकज से समन्धित अन्य उदाहरण • नीरज = नीर से जन्म लेनेवाला— कमल • वारिज = वारि से जन्म लेनेवाला–कमल • जलज = जल से जन्म लेनेवाला–कमल • अंबुज = अंबु से जन्म लेनेवाला–कमल इसी तरह कमल के लिए अन्य समास हैं— शतपत्र, शतदल, जलजात (जल से जात— उत्पन्न अब्ज–अप् (पानी) +ज़)। पंकज के समानार्थी शब्द शतपत्र, शतदल, जलजात, नीरज, वारिज, नीरज, अंबुज सारांश Q. Pankaj में कौन सा समास है? Ans. पंकज शब्द में बहुव्रीहि समास होता है ...

'विद्यार्थी' में कौन

Your small help can make life of poor students and needy students दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के बीच व्हाट्सएप पर फेसबुक पर शेयर करें,Friends, if you liked this post, then share it among your friends on WhatsApp on Facebook. Team Studyandupdates Mail US :- WhatsApp on - 7979946092

पीताम्बर में कौन सा समास है? पीताम्बर का समास

Peetambar mein kaun sa samas hai? Peetambar ka samas-vigrah kya hota hai? पीताम्बर में कौन सा समास है? कर्मधारय समास – पीताम्बर शब्द में कर्मधारय समास है। पीताम्बर में समास का उपभेद विशेषण विशेष्य कर्मधारय समास है Peetambar mein kaun sa Samas hota hai? Karmdharay Samas – Peetambar shabd mein Karmdharay Samas hai. पीताम्बर का समास-विग्रह क्या है? Peetambar ka Samas-Vigrah kya hai? पीताम्बर शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा : Advertisement समास (समस्त पद) समास-विग्रह पीताम्बर : पीत है जो अम्बर Peetambar : Peet hai jo ambar क्योंकि पीताम्बर में कर्मधारय समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी कर्मधारय समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (कर्मधारय समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं। Advertisement कर्मधारय समास –[ सूत्र-विशेषणं विशेष्येण बहुलम ] –जिस समास में पूर्वपद विशेषण या उपमा सूचक और उत्तर पद विशेष्य अथवा संज्ञा हो तो उसे कर्मधारय समास कहते है। विग्रह करने पर दोनों पद एक ही कारक या विभक्ति में होते है। जैसे-महात्मा-महान आत्मा। कर्मधारय समास के उदाहरण – विशेषण विशेष्य कर्मधारय समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए। Advertisement समास (समस्त पद) – समास-विग्रह महावीर – महान वीर लालमणि – लाल है जो मणि चंद्रबदन – चंद्र के समान मुख चन्द्रमुख – चन्द्र जैसा मुख नीलकमल – नीला कमल परमानंद – परम है जो आनंद नीलकंठ – नीला है जो कंठ मृगनयनी – मृग के समान नयन दुर्जन – दुष्ट है जो जन अधमरा – आधा है जो मरा समास की परिभाषा ...

Pitambar Kaun Sa Samas Hai

Pitambar Kaun Sa Samas Hai: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में पीताम्बर में कौन सा समास है? (Pitambar Kaun Sa Samas Hai) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है | Pitambar Kaun Sa Samas Hai पीताम्बर में प्रयुक्त समास का नाम – पीताम्बर में कर्मधारय समास है। पीताम्बर में कर्मधारय समास है।इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है! कर्मधारय समास की परिभाषा जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा ऐसे शब्दों का मेल हो, जिनमें से एक विशेष्य तथा दूसरा विशेषण होता है, या एक उपमेय तथा दूसरा उपमान होता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं। कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण : मृगलोचन = मृग के सामान लोचन कनकलता – कनक के समान लता घनश्याम – घन के समान श्याम (काला) विद्याधन – विद्या रूपी धन भवजल – भव रूपी जल इसे भी पढ़े: आशालता आशा की लता नरसिंह नर रूपी सिंह प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय स्त्रीरत्न – स्त्री रूपी रत्न आर्टिकल में अपने पढ़ा कि पीताम्बर मे कौन से समास का प्रयोग किया गया है ? हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

पीताम्बर में कौन सा समास है? Pitambar Mein Kaun Sa Samas Hai

किसी भी पेपर में आपसे ये प्रश्न पूछ लिया जाये की पीताम्बर में कौनसा समास है? पीताम्बर का समास विग्रह (Pitambar Mein Samas Vigrah) क्या है? तो इसका उत्तर पता होना चाहिए। Q. पीतांबर में कौन सा समास है? A तत्पुरुष B द्वंद C अव्ययीभाव समास D बहुव्रीहि Answer: सही उत्तर विकल्प (D) पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास होता है। तो आज की इस पोस्ट में आपको पीतांबर में कौनसा समास है? पीतांबर का समास विग्रह क्या है? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले है। अन्य उदाहरण भी है जैसे – 6. सारांश पीताम्बर में कौनसा समास है? पीताम्बर का समास विग्रह क्या है? पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास है। तथा पीताम्बर शब्द का समास विग्रह पीत अंबर हैं जिनके (कृष्ण) या पीत है जो अंबर (वस्त्र)—पीले रंग का वस्त्र विशेष होता है। सामान्य रूप में पीताम्बर श्री कृष्ण को बोला जाता है क्योकि वह पीले रंग के वस्त्र धारण करते थे। • पीताम्बर शब्द में समास – बहुब्रीहि समास • पीताम्बर शब्द का समास विग्रह – पीत अंबर हैं जिनके कृष्ण पीताम्बर से समन्धित उदाहरण • गिरिधर – गिरि (पहाड़) को धारण करनेवाला कृष्ण • • ब्रजवल्लभ – ब्रज का वल्लभ (स्वामी) कृष्ण • नंदनंदन – नंद का नंदन (पुत्र) कृष्ण • मुरारि – मुर (राक्षस का नाम) के अरि (शत्रु) –कृष्ण पीतांबर का शाब्दिक अर्थ क्या होता है? पीताम्बर शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है पीत यानी पीले रंग का और अंबर यानी वस्त्र। इसे शास्त्रों में पहने वाले आदमियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो केवल पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। धार्मिक संस्कृति में, यह आमतौर पर जैन धर्म के सम्मानित साधुओं द्वारा पहना जाता है। पीताम्बर शब्द से समन्धित प्रश्न उत्तर Q. पीताम्बर शब्द कि...

Pitambar Kaun Sa Samas Hai

Pitambar Kaun Sa Samas Hai: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में पीताम्बर में कौन सा समास है? (Pitambar Kaun Sa Samas Hai) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है | Pitambar Kaun Sa Samas Hai पीताम्बर में प्रयुक्त समास का नाम – पीताम्बर में कर्मधारय समास है। पीताम्बर में कर्मधारय समास है।इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है! कर्मधारय समास की परिभाषा जहाँ उत्तर पद प्रधान हो तथा ऐसे शब्दों का मेल हो, जिनमें से एक विशेष्य तथा दूसरा विशेषण होता है, या एक उपमेय तथा दूसरा उपमान होता है तो उसे कर्मधारय समास कहते हैं। कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण : मृगलोचन = मृग के सामान लोचन कनकलता – कनक के समान लता घनश्याम – घन के समान श्याम (काला) विद्याधन – विद्या रूपी धन भवजल – भव रूपी जल इसे भी पढ़े: आशालता आशा की लता नरसिंह नर रूपी सिंह प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय स्त्रीरत्न – स्त्री रूपी रत्न आर्टिकल में अपने पढ़ा कि पीताम्बर मे कौन से समास का प्रयोग किया गया है ? हमे उम्मीद है कि ऊपर दी गयी जानकारी आपको आवश्य पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।

पीताम्बर में कौन सा समास है? Pitambar Mein Kaun Sa Samas Hai

6. सारांश पीताम्बर में कौनसा समास है? पीताम्बर का समास विग्रह क्या है? पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास है। तथा पीताम्बर शब्द का समास विग्रह पीत अंबर हैं जिनके (कृष्ण) या पीत है जो अंबर (वस्त्र)—पीले रंग का वस्त्र विशेष होता है। सामान्य रूप में पीताम्बर श्री कृष्ण को बोला जाता है क्योकि वह पीले रंग के वस्त्र धारण करते थे। • पीताम्बर शब्द में समास – बहुब्रीहि समास • पीताम्बर शब्द का समास विग्रह – पीत अंबर हैं जिनके कृष्ण पीताम्बर से समन्धित उदाहरण • गिरिधर – गिरि (पहाड़) को धारण करनेवाला कृष्ण • • ब्रजवल्लभ – ब्रज का वल्लभ (स्वामी) कृष्ण • नंदनंदन – नंद का नंदन (पुत्र) कृष्ण • मुरारि – मुर (राक्षस का नाम) के अरि (शत्रु) –कृष्ण पीतांबर का शाब्दिक अर्थ क्या होता है? पीताम्बर शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है पीत यानी पीले रंग का और अंबर यानी वस्त्र। इसे शास्त्रों में पहने वाले आदमियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो केवल पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। धार्मिक संस्कृति में, यह आमतौर पर जैन धर्म के सम्मानित साधुओं द्वारा पहना जाता है। पीताम्बर शब्द से समन्धित प्रश्न उत्तर Q. पीताम्बर शब्द किस समास का उदाहरण है? Ans. पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास का उदाहरण है। Q. पीत अंबर हैं जिनके कृष्ण में कौन सा समास है? Ans. पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास होता है। Q. Pitambar में कौन सा समास है? Ans. पीताम्बर शब्द में बहुब्रीहि समास होता है। Q. पीत अंबर हैं जिनके कृष्ण का समस्त पद क्या होगा? Ans. पीत अंबर हैं जिनके कृष्ण का समस्त पद पीताम्बर होगा। Q. पीताम्बर का समास विग्रह संस्कृत में क्या होता है? Ans. पीताम्बर शब्द का संस्कृत में समास विग्रह – पीत अंबर हैं जिनके कृष्...

नीलगाय में कौन सा समास है?

नीलगाय शब्द में समास (NilgaiMein Kaun sa Samas Hai) नीलगायमें प्रयुक्त समास का नाम क्या है? नीलगाय में कर्मधारय समास है। NilgaiMein Kaun sa Samas Hai? NilgaiShabd mein Karmdharay Samas Hai. नीलगाय का समास विग्रह क्या है? नीलगाय का समास विग्रहनीली है जो गायहै। Nilgai ka Samas Vigrah kya hai? Nili hai jo gai नीली है जो गायका समस्त पद है? नीलगाय कर्मधारय समास किसे कहते है? कर्मधारय समास की परिभाषा: ऐसा समास वाक्य जिसका पहला पद इस समास में उत्तर पद प्रधान रहता है और वाक्य के विभाजन करते समय दोनों पदों के बीच में “के समान, है जो, रूपी”इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है। इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है। उदाहरण: पीताम्बर, नीलगगन, महावीर, महापुरुष महाकवि: महान कवि महापुरुष: महान है जो पुरुष दुर्जन: दुष्ट है जो जन चन्द्रमुख: चन्द्र जैसा मुख कृष्णसर्प: काला सर्प महाकाव्य: महान काव्य महावीर: महान वीर अधमरा: आधा है जो मरा नवयुवक: नव है जो युवक महात्मा: महान है जो आत्मा कर्मधारय समास के बारे में विस्तार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें कर्मधारय समास के उदाहरण • नील कमल: नील के समानकमल। • सूरजमुख: सूरज के समानमुख। • महारत्न: महान है जोरत्न। • प्रधानाध्यापक: प्रधान है जोअध्यापक। • महाराज: महान है जोराजा। प्रयुक्त में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि पूर्व पद और उत्तर पद में विशेषण और विशेष्य के साथ-साथ उपमान और उसमें का संबंध भी देखने को नजर आ रहा है। अतः यह सभी उदाहरण कर्मधारय समास के अंतर्गत आएंगे। • पीलामणि: पीला है जोमणि। • पीतांबर: पीत है जोअंबर। • महात्मा: महान है जोआत्मा। • महाराज:...

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