पोषण अभियान 2022

  1. फ़लस्तीन: महिलाओं में पोषण बेहतरी के लिये अभियान
  2. PM Poshan Abhiyan Yojana 2023
  3. PM Poshan Abhiyan Yojana 2023
  4. फ़लस्तीन: महिलाओं में पोषण बेहतरी के लिये अभियान


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फ़लस्तीन: महिलाओं में पोषण बेहतरी के लिये अभियान

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी - विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में, कुपोषण और आयरन की कमी की समस्या का सामना करने के प्रयासों के तहत, सैकड़ों गर्भवती महिलाओं और महिलाओं की देखभाल करने वाली दाइयों को समर्थन मुहैया कराने के लिये, शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया है. फ़लस्तीनी क्षेत्र में यूएन खाद्य एजेंसी के डायरेक्टर समीर अब्देल जाबेर के अनुसार, ये अभियान, समुदायों पर आधारित और ऑनलाइन कार्यक्रमों के ज़रिये, जानकारी बढ़ाने b साझा करने की प्रक्रिया को तेज़ करेगा और उसे सहारा देगा. व्यक्तिगत, घर-परिवारों और समुदाय के स्तर पर, भोजन पकाने की कक्षाएँ चलाई जाएंगी, घरों में ही बाग़ीचे बनाने वाले उपकरण बाँटे जाएंगे और सब्ज़ियाँ और फल उगाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये गतिविधियाँ सोशल मीडिया मंचों के ज़रिये शुरू की जा रही हैं, साथ ही निजी रूप में भी जागरूकता सत्र आयोजित किये जाएंगे. ख़ुराक में दम शिशुओं की माताओं, गर्भवती महिलाओं और नर्सिंग करने वाली महिलाओं को आयरन की प्रचुरता वाले भोजन व रक्त की कमी होने से रोकने पर जानकारी देने वाले सत्र आयोजित किये जाने की योजना बनाई गई है. इन सत्रों में, जागरूकता फैलाने और मनोरंजन करने, पोषण विशेषज्ञों के साथ चर्चा-करने और स्वस्थ व आयरन युक्त भोजन पकाने के प्रशिक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ भी शामिल हैं. ग़ाज़ा में दो महिलाएँ अपने ख़स्ता हाल घरों के पास बैठे हुए. ग़ाज़ा में रहने वाले माता-पिता बहुत निर्धन हालात में रहने के साथ-साथ, अपने बच्चों की बुनियादी खाद्य और पोषण ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाते हैं. स्वास्थ्य व आमोद-प्रमोद व्यक्तियों, परिवारों की सहायता करने और पोषण वाला भोजन खाने की आदतें विकसित करने ...

PM Poshan Abhiyan Yojana 2023

PM Poshan Abhiyan 2.0 2023: हम सब जानते है कि भारत एक विकासशील देश है, किसी भी विकासशील देश में कुपोषण के मामले बच्चो अक्सर पाए जाते है। इसका मुख्य कारण देश में से बहुत से ऐसे लोगों का अभी भी होना है, जो अपना जीवन यापन गरीबी रेखा से नीचे कर रहे है, जिनको दो वक्त का खाना नसीब नही होता है, ऐसे परिवार के बच्चो को कुपोषण बीमारी का शिकार होना पड़ता है। सरकार द्वारा पोषण अभियान के लिए सही पोषण देश रोशन टैगलाइन दी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समग्र पोषण योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया हैं। इस पोषण अभियान के क्या-क्या बिंदु है, इस योजना के माध्यम से हम किस प्रकार देश को कुपोषण से मुक्त बना सकते है आदि के बारे में हमने इस आर्टिकल में बार की है। कृपया आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। विषय सूची • • • • • • • • • • • • पोषण अभियान (Poshan Abhiyan) क्या है? पोषण अभियान केंद्र सरकार के महिला और बाल विकास डिपार्टमेंट की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य देश के गरीब परिवार के नवजात बच्चे से लेकर 6 वर्ष की आयु तक का कुपोषण अभियान के तहत विशेषकर ध्यान रखा जायेगा। योजना के अंतर्गत इन बच्चो के अंदर कुपोषण का कोई लक्षण ना हो इस बात को सुनिश्चित किया जायेगा। साथ ही साथ ऐसे गरीब परिवार जिनके पास दो टाइम का खाना प्रयाप्त नहीं है, उनके नवजात बच्चो को स्तनपान कराने वाली माताओं को भी पोषण योजना में शामिल किया गया है। भारत सरकार द्वारा इस योजना का शुभारंभ 18 दिसंबर 2017 को किया था, जो पहले राष्ट्रीय पोषण अभियान के नाम से किया था। इस योजना के अन्तर्गत हर जिले में अलग अलग क्षेत्रों और पंचायतों में से उन कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है। इ...

PM Poshan Abhiyan Yojana 2023

PM Poshan Abhiyan 2.0 2023: हम सब जानते है कि भारत एक विकासशील देश है, किसी भी विकासशील देश में कुपोषण के मामले बच्चो अक्सर पाए जाते है। इसका मुख्य कारण देश में से बहुत से ऐसे लोगों का अभी भी होना है, जो अपना जीवन यापन गरीबी रेखा से नीचे कर रहे है, जिनको दो वक्त का खाना नसीब नही होता है, ऐसे परिवार के बच्चो को कुपोषण बीमारी का शिकार होना पड़ता है। सरकार द्वारा पोषण अभियान के लिए सही पोषण देश रोशन टैगलाइन दी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समग्र पोषण योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया हैं। इस पोषण अभियान के क्या-क्या बिंदु है, इस योजना के माध्यम से हम किस प्रकार देश को कुपोषण से मुक्त बना सकते है आदि के बारे में हमने इस आर्टिकल में बार की है। कृपया आर्टिकल को अंत तक पढ़ें। विषय सूची • • • • • • • • • • • • पोषण अभियान (Poshan Abhiyan) क्या है? पोषण अभियान केंद्र सरकार के महिला और बाल विकास डिपार्टमेंट की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य देश के गरीब परिवार के नवजात बच्चे से लेकर 6 वर्ष की आयु तक का कुपोषण अभियान के तहत विशेषकर ध्यान रखा जायेगा। योजना के अंतर्गत इन बच्चो के अंदर कुपोषण का कोई लक्षण ना हो इस बात को सुनिश्चित किया जायेगा। साथ ही साथ ऐसे गरीब परिवार जिनके पास दो टाइम का खाना प्रयाप्त नहीं है, उनके नवजात बच्चो को स्तनपान कराने वाली माताओं को भी पोषण योजना में शामिल किया गया है। भारत सरकार द्वारा इस योजना का शुभारंभ 18 दिसंबर 2017 को किया था, जो पहले राष्ट्रीय पोषण अभियान के नाम से किया था। इस योजना के अन्तर्गत हर जिले में अलग अलग क्षेत्रों और पंचायतों में से उन कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है। इ...

फ़लस्तीन: महिलाओं में पोषण बेहतरी के लिये अभियान

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी - विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में, कुपोषण और आयरन की कमी की समस्या का सामना करने के प्रयासों के तहत, सैकड़ों गर्भवती महिलाओं और महिलाओं की देखभाल करने वाली दाइयों को समर्थन मुहैया कराने के लिये, शुक्रवार को एक अभियान शुरू किया है. फ़लस्तीनी क्षेत्र में यूएन खाद्य एजेंसी के डायरेक्टर समीर अब्देल जाबेर के अनुसार, ये अभियान, समुदायों पर आधारित और ऑनलाइन कार्यक्रमों के ज़रिये, जानकारी बढ़ाने b साझा करने की प्रक्रिया को तेज़ करेगा और उसे सहारा देगा. व्यक्तिगत, घर-परिवारों और समुदाय के स्तर पर, भोजन पकाने की कक्षाएँ चलाई जाएंगी, घरों में ही बाग़ीचे बनाने वाले उपकरण बाँटे जाएंगे और सब्ज़ियाँ और फल उगाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये गतिविधियाँ सोशल मीडिया मंचों के ज़रिये शुरू की जा रही हैं, साथ ही निजी रूप में भी जागरूकता सत्र आयोजित किये जाएंगे. ख़ुराक में दम शिशुओं की माताओं, गर्भवती महिलाओं और नर्सिंग करने वाली महिलाओं को आयरन की प्रचुरता वाले भोजन व रक्त की कमी होने से रोकने पर जानकारी देने वाले सत्र आयोजित किये जाने की योजना बनाई गई है. इन सत्रों में, जागरूकता फैलाने और मनोरंजन करने, पोषण विशेषज्ञों के साथ चर्चा-करने और स्वस्थ व आयरन युक्त भोजन पकाने के प्रशिक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ भी शामिल हैं. ग़ाज़ा में दो महिलाएँ अपने ख़स्ता हाल घरों के पास बैठे हुए. ग़ाज़ा में रहने वाले माता-पिता बहुत निर्धन हालात में रहने के साथ-साथ, अपने बच्चों की बुनियादी खाद्य और पोषण ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाते हैं. स्वास्थ्य व आमोद-प्रमोद व्यक्तियों, परिवारों की सहायता करने और पोषण वाला भोजन खाने की आदतें विकसित करने ...