प्रदोष काल टाइम टुडे 2023

  1. Pradosh Vrat 2023: जानें इस साल कब
  2. Guru Pradosh Vrat 2023: कब है गुरु प्रदोष व्रत? पूजा समय पर बना है अमृत
  3. 2023 प्रदोषम
  4. Pradosh Vrat 2023 Know Phalgun Month Krishn Pradosh Puja Muhurat Date Significance
  5. Pradosh Vrat 2023: कष्टों को हरने और मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए रहें प्रदोष व्रत,जानें शिव पूजा की सरल विधि
  6. Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत आज, जानें समय, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
  7. Pradosh Vrat 2023: मार्च महीने में कब कब पड़ेगा प्रदोष व्रत, जानें इसकी पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त


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Pradosh Vrat 2023: जानें इस साल कब

Pradosh Vrat 2023: इस व्रत को उत्तर भारत में प्रदोष व्रततथा दक्षिण भारत में प्रदोषम के नाम से जाना जाता है। व्रत में भगवान शिव की स्तुति की जाती है। मान्यताओं कि माने तो शुक्रवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत अधिक फलदायी होता है। आगे प्रदोष व्रत क्या है, व्रतका क्या महत्व है, व्रत की प्रदोष व्रत क्या है? मुख्य रूप से यह व्रत शिव व शक्ति को समर्पित है। यह व्रत शुक्ल व कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी पर पड़ता है। वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रत्येक वार के हिसाब से प्रदोष व्रत है। सात वारों के लिए सात व्रत हैं। प्रदोष व्रत की मान्यता और इसका फल प्रदोष व्रत तिथि 2023 प्रदोष व्रत: दिनांक और दिन समय बुध प्रदोष व्रत: 4 जनवरी 2023, बुधवार तिथि प्रारंभ - 10:01 AM 3 जनवरी तिथि समाप्त - 12:00 पूर्वाह्न, 05 जनवरी गुरु प्रदोष व्रत: 19 जनवरी 2023, गुरुवार तिथि प्रारम्भ - 01:18 AM 19 जनवरी तिथि समाप्त - 09:59 PM, 20 जनवरी गुरु प्रदोष व्रत: 2 फरवरी 2023, गुरुवार तिथि प्रारम्भ - 04:26 AM 02 फरवरी तिथि समाप्त - 06:57 AM 03 फरवरी शनि प्रदोष व्रत: 18 फरवरी 2023, शनिवार तिथि प्रारंभ - 11:36 AM 17 फरवरी तिथि समाप्त - 08:02 AM 18 फरवरी शनि प्रदोष व्रत: 4 मार्च 2023, शनिवार तिथि प्रारम्भ - 11:43 AM, 04 मार्च तिथि समाप्त - 02:07 AM 05 मार्च रवि प्रदोष व्रत: 19 मार्च 2023, रविवार तिथि प्रारम्भ - 08:09 AM, मार्च 19 तिथि समाप्त - 04:55 AM, 20 मार्च सोम प्रदोष व्रत: 3 अप्रैल 2023, सोमवार तिथि प्रारम्भ - 06:24 AM, अप्रैल 03 तिथि समाप्त - 08:05 PM, 04 अप्रैल सोम प्रदोष व्रत: 17 अप्रैल 2023, सोमवार तिथि प्रारम्भ - 03:46 AM 17 अप्रैल तिथि समाप्त - 01:27 AM 18 अप्रैल बुध प्रदोष व्रत: 3 मई 2023, बुधवार तिथि ...

Guru Pradosh Vrat 2023: कब है गुरु प्रदोष व्रत? पूजा समय पर बना है अमृत

प्रदोष व्रत को करने से सुख, भाग्य, धन आदि बढ़ता है. इस बार गुरु प्रदोष व्रत के पूजा समय पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त बना है. Guru Pradosh Vrat 2023: माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत को करने से सुख, भाग्य, धन आदि बढ़ता है. दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है. ऐसे ही जो लोग शनि प्रदोष व्रत रखते हैं, उनको पुत्र की प्राप्ति होती है. दिन अनुसार प्रदोष व्रत का फल भी अलग-अलग होता है. इस बार गुरु प्रदोष व्रत की पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त बना हुआ है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है? गुरु प्रदोष व्रत 2023 तिथि पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि 19 जनवरी दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 18 मिट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 20 जनवरी शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर होगा. इस व्रत में त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल की पूजा का मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है, इसलिए गुरु प्रदोष व्रत 19 जनवरी को ही रखा जाएगा. ये भी पढ़ें: 15 जनवरी से खरमास खत्म, पहले सीजन में हैं 28 विवाह मुहूर्त, वैलेंटाइन डे पर भी शादी का शुभ समय गुरु प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त इस दिन तो सुबह से ही पूजा पाठ प्रारंभ हो जाता है, लेकिन शाम की पूजा का महत्व है. 19 जनवरी के गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ है. यह प्रदोष मुहूर्त रात 08 बजकर 30 मिनट तक मान्य है. इस मुहूर्त में विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. गुरु प्रदोष की पूजा समय पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त इस बार गुरु प्रदो...

2023 प्रदोषम

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में नई दिल्ली, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं। आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है। दक्षिण भारत में प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जाना जाता है और इस व्रत को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। कुछ लोग शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रदोष के बीच फर्क बताते हैं। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं। प्रदोष व्रत, प्रदोषम जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं (जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं) वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं। द्रिक पञ्चाङ्ग प्रदोष के दिनों के साथ समय भी सूचीबद्ध करता है जो कि शिव पूजा के लिए उपयुक्त समय है। स्थान आधारित प्रदोष व्रत के दिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रदोष के व्रत का दिन दो शहरों के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह जरुरी नहीं है कि दोनों शहर अलग-अलग देशों में हों क्योंकि यह बात भारत वर्ष के दो शहरों के लिए ...

Pradosh Vrat 2023 Know Phalgun Month Krishn Pradosh Puja Muhurat Date Significance

Pradosh Vrat 2023 Date: प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है. यह व्रत माह की हर त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. महीने का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में होता है. हिंदू धर्म के अनुसार, त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत ( कृष्ण ) 2023 कब ? साल 2023 के फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को है. शनिवार के दिन होने की वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. प्रदोष व्रत ( कृष्ण ) 2023 मुहूर्त फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 17 फरवरी दिन शुक्रवार रात 11 बजकर 36 मिनट पर होगा और 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को शाम 8 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगा. उसके बाद से चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा. • फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ : फरवरी 17, 2023 को 11:36 PM बजे • फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त : फरवरी 18, 2023 को 08:02 PM बजे प्रदोष व्रत ( कृष्ण ) 2023 पूजा मुहूर्त फाल्गुन माह के शनि प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 6:13 मिनट से रात 8:02 मिनट तक है. इस दिन प्रदोष काल में करीब 01 घण्टा 49 मिनट का समय पूजा के लिए मिल रहा है. इसमें आप शिव परिवार की पूजा विधि-विधान के साथ कर सकते हैं. प्रदोष काल में पूजा विधि विधान से करने से हर मनोकामना पूरी होने की मान्यता है. • शनि कृष्ण प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को 06:13 PM से 08 : 02 PM • प्रदोष व्रत पूजा अवधि : 01 घण्टा 49 मिनट शनि प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि एवं मंत्र शनि प्रदोष व्रत के दिन प्रात: ...

Pradosh Vrat 2023: कष्टों को हरने और मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए रहें प्रदोष व्रत,जानें शिव पूजा की सरल विधि

जॉइन करें टेलीग्राम ग्रुप Pradosh Vrat 2023: कष्टों को हरने और मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए रहें प्रदोष व्रत,जानें शिव पूजा की सरल विधि Pradosh Vrat 2023: सनातन परंपरा में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत को उत्तम उपाय माना गया है. मान्यता है कि प्रदोष तिथि पर प्रदोष काल में शिव पूजन करने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सारे कष्ट पलक झपकते दूर हो जाते हैं और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पंचांग के अनुसार सभी कष्टों को हरने और भगवान शिवसे मनचाहा वरदान दिलाने वाला प्रदोष व्रत 19 मार्च 2023 को पड़ने जा रहा है. गुरुवार के दिन पड़ने प्रदोष व्रत का क्या महत्व है और इस दिन किस समय किस विधि से पूजा की जाए, आइए इसे विस्तार से जानते हैं. देवों के देव महादेव की कृपा बरसाने वाला मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 19 मार्च 2023 को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार शिव पूजा के लिए शुभ मानी जाने वाली त्रयोदशी तिथि 19 मार्च 2023 को प्रात:काल 08:07 बजे से प्रारंभ होकर 20 मार्च 2023 को प्रात:काल 04:55 बजे तक रहेगी. इस दिन प्रदोष काल शाम को 06:31 से प्रारंभ होकर रात को 08:54 बजे तक रहेगा. गुरु प्रदोष व्रत की पूजा सरल विधि भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए तन और मन से पवित्र होकर प्रदोष काल में शिव पूजा करने के लिए लाल रंग के ऊनी आसन पर बैठें. इसके बाद भगवान शिव को सबसे पहले गंगाजल, फिर दूध और उसके बाद फिर गंगाजल अर्पित करें. इसके बाद विधि-विधान से उनका तिलक, अक्षत, भस्म आदि से अभिषेक करें और उनकी प्रिय चीजें जैसे शमी पत्र, बेलपत्र, रुद्राक्ष आदि चढ़ाएं और गुरु प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और रुद्राक्ष की माला से शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जप करें. पूजा के अंत में महादेव की आरती करने के ब...

Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत आज, जानें समय, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व होता है.प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं. प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी खास महत्व होता है. हर महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में.शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है. जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं वह समय शिव पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है. इस दिन जो जातक शिव जी के साथ शनि देव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इस बार शनि प्रदोष प्रत आज 18 फरवरी 2023 को है साथ ही आज महाशिवरात्रि का त्योहार भी है. तो आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि. शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Shani Pradosh Vrat puja vidhi) शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष काल में शिव मंत्र का जाप करें. शनि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें. गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं. शनि की आराधना के लिए सरसों के तेल का दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं. एक दिया शनिदेव के मंदिर में जलाएं. व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करें. शनि प्रदोष व्रत का महत्व (Shani Pradosh Vrat Significa...

Pradosh Vrat 2023: मार्च महीने में कब कब पड़ेगा प्रदोष व्रत, जानें इसकी पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

Pradosh Vrat Date: हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की पूजा सबसे सरल और शीघ्र फलदायी मानी गई है. औढरदानी कहलाने वाले भगवान शिव बहुत ही भोले माने जाते हैं जो सिर्फ जल और पत्ते चढ़ाने मात्र से ही मनचाहा वरदान दे देते हैं. मान्यता है कि प्रदोष तिथि और प्रदोष काल में यदि कोई भक्त भगवान शिव की साधना करता है तो उसके जीवन से सभी कष्ट पलक झपकते दूर हो जाते हैं और उसे जीवन से जुड़े सभी सुख और सौभाग्य प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं कि भगवान शिव की कृपा बरसाने वाला प्रदोष व्रत मार्च महीने में कब-कब पड़ेगा और क्या है इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त. कब पड़ेगा मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत पंचांग के अनुसार मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत 04 मार्च 2023 को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन प्रात:काल 11:43 से प्रारंभ होकर 05 फरवरी 2023 को दोपहर 02:07 बजे समाप्त होगी. शनि प्रदोष व्रत की पूजा के लिए इस दिन सबसे उत्तम मुहूर्त यानि प्रदोष काल सायंकाल 06:23 से रात्रि 08:51 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत की पूजा करने पर न सिर्फ भगवान शिव की कृपा बरसती है, बल्कि कुंडली का शनि दोष भी दूर होता है. ये भी पढ़ें: Holi 2023: किसे और क्यों नहीं देखना चाहिए होलिका दहन, जानें इससे जुड़ी 5 बड़ी मान्यताएं कब पड़ेगा मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत पंचांग के अनुसार मार्च महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 19 तारीख को रविवार के दिन पड़ेगा. हिंदू धर्म में रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर शिव संग सूर्य देवता की कृपा बरसती है. पंचांग के अनुसार भगवान...