प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है

  1. प्रकाश के व्यतिकरण से क्या तात्पर्य है? इसके लिए आवश्यक प्रतिबन्ध क्या हैं?
  2. प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है?
  3. प्रकाश का विवर्तन क्या है?(Diffraction of Light) : परिभाषा, सूत्र
  4. प्रकाश के अपवर्तन से क्या तातपर्य है ?
  5. प्रकाश का विवर्तन क्या है, फ्रेनल तथा फ्राउनहोफर विवर्तन, परिभाषा, उदाहरण
  6. एकी तीसरी कक्षा की ऊर्जा क्या होगी ? (च) प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर..
  7. RBSE Class 10 Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश
  8. प्रकाश का विवर्तन
  9. प्रकाश का विवर्तन
  10. प्रकाश का विवर्तन क्या है, फ्रेनल तथा फ्राउनहोफर विवर्तन, परिभाषा, उदाहरण


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प्रकाश के व्यतिकरण से क्या तात्पर्य है? इसके लिए आवश्यक प्रतिबन्ध क्या हैं?

समान आवृत्ति की दो प्रकाश-तरंगें जिनके आयाम समान हों, जब किसी माध्यम में एक साथ चलती हैं तो माध्यम के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रकाश की तीव्रता उने तरंगों की अलग-अलग तीव्रताओं के योग से भिन्न होती है। कुछ स्थानों पर प्रकाश की तीव्रता न्यूनतम (लगभग शून्य) होती है, जबकि कुछ स्थानों पर प्रकाश की तीव्रता अधिकतम होती है। प्रकाश-तरंगों की इस घटना को प्रकाश का व्यतिकरण कहते हैं। जिन स्थानों पर तीव्रता न्यूनतम होती है, उन स्थानों पर हुए व्यतिकरण को ‘विनाशी-व्यतिकरण’ तथा जिन स्थानों पर तीव्रता अधिकतम होती है, उन स्थानों पर हुए व्यतिकरण को संपोषी व्यतिकरण’, कहते हैं। प्रकाश के व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्ते प्रकाश के व्यतिकरण के लिए आवश्यक शर्ते निम्नलिखित हैं| • दोनों प्रकाश-स्रोत ‘कला सम्बद्ध’ होने चाहिए, अर्थात् दोनों स्रोतों से प्राप्त तरंगों के बीच कलान्तर समय के साथ स्थिर रहना चाहिए। • दोनों तरंगों की आवृत्तियाँ (अथवा तरंगदैर्घ्य) बराबर होनी चाहिए। • दोनों तरंगों के आयाम बराबर होने चाहिए। • प्रकाश के दोनों स्रोतों के बीच दूरी बहुत कम होनी चाहिए जिससे दोनों तरंगाग्र एक ही दिशा में चलें और फ्रिजें अधिक चौड़ी बने। • दोनों प्रकाश-स्रोत बहुत संकीर्ण होने चाहिए। Categories • • (31.9k) • (8.8k) • (764k) • (261k) • (257k) • (218k) • (248k) • (2.9k) • (5.2k) • (664) • (121k) • (72.1k) • (3.8k) • (19.6k) • (1.4k) • (14.2k) • (12.5k) • (9.3k) • (7.7k) • (3.9k) • (6.7k) • (63.8k) • (26.6k) • (23.7k) • (14.6k) • (25.7k) • (530) • (84) • (766) • (49.1k) • (63.8k) • (1.8k) • (59.3k) • (24.5k)

प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है?

सवाल: प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है? प्रकाश का विवर्तन एक ऐसी घटना है जिसमें एक ठोस वस्तु द्वारा बाधित होने पर प्रकाश तरंगें कई दिशाओं में फैलती हैं, जिससे बिखरा हुआ प्रभाव पैदा होता है। यह प्रभाव सबसे अधिक ध्यान देने योग्य होता है जब उद्घाटन के आकार की तुलना में प्रकाश का स्रोत छोटा होता है जिसके माध्यम से प्रकाश गुजरता है।

प्रकाश का विवर्तन क्या है?(Diffraction of Light) : परिभाषा, सूत्र

जब प्रकाश किसी अवरोध (obstacle) या द्वारक (aperture) पर जिसका आकार प्रकाश के तरंगदैर्घ्य के क्रम का हो, आपतित होता है तो अवरोध या द्वारक के किनारों पर प्रकाश ऋजुरेखीय संचरण से विचलित होकर मुड़ जाता है। जिस स्थान पर ज्यामितीय छाया बननी चाहिए थी वहाँ भी कुछ प्रकाश पहुँच जाता है। अवरोध या द्वारक के किनारों पर प्रकाश का यह मुड़ना प्रकाश का विवर्तन कहलाता है।प्रकाश का विवर्तन अग्रलिखित दो घटनाओं से प्रदर्शित होता है। (i) ज्यामितीय छाया में प्रकाश का पहुँचना (ii) एकसमान प्रदीप्त क्षेत्र में फिन्जों का बनना एक पतली झिर्री से प्रकाश का विवर्तन नीचे चित्र में S एक बिन्दुवत् एकवर्णी (monochromatic) प्रकाश स्रोत है। यह लेन्स L1 के प्रथम फोकस पर रखा है। अतः S1 से चली प्रकाश किरणें लेन्स L1 से अपवर्तन के पश्चात् एक समान्तर किरण-पुंज के रूप में निकलेंगी। समानान्तर किरणों का यह किरण-पुंज एक समतल तरंगाग्र (wavefront) ww' का निर्माण करता है। इस लेन्स L1 के सामने एक लम्बी संकीर्ण स्लिट AB रखी है जिस पर यह समतल तरंगाग्र लम्बवत् लगा होता है। स्लिट की चौड़ाई की चौड़ाई e है। जैसे ही यह तरंगाग्र स्लिट पर आपतित होती है। तो हाइगेन्स के तरंग संचरण सम्बन्धी द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्तानुसार, तरंगाग्र का प्रत्येक बिन्दु नये तरंग उत्पादक स्रोत का कार्य करता हैं तथा इनसे द्वितीयक तरंगिकाएँ निकलने लगती हैं। इन विवर्तित किरणों को लेन्स L2 द्वारा पर्दे YY' पर फोकस कर लिया जाता है। स्लिट से एक नियत कोण पर विवर्तित सभी किरणें पर्दे के एक बिन्दु पर फोकस होती हैं। इस प्रकार पर्दे पर विवर्तन प्रारूप (diffraction pattern) प्राप्त हो जाता है। जो तरंगिकाएँ 𝛉 = शून्य कोण पर विवर्तित होकर पर्दे के केन्द्रीय बिन...

प्रकाश के अपवर्तन से क्या तातपर्य है ?

हेलो दोस्तों तुम्हारे पास क्वेश्चन क्या है कि प्रकाश के अपवर्तन से क्या तात्पर्य मतलब हमें प्रकाश के अपवर्तन के बारे में समझना है ठीक है इसलिए जो है प्रकाश के पतन कम लोग समझते हैं बहुत अच्छे से ठीक है तुम प्रकाश के अपवर्तन के वास्ते हैं तो होता है क्या है कि जब भी कोई प्रकाश किरण किसी एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अपने मार्ग पर ना चलकर अपने मार्ग से कुछ विचलित हो जाती है ठीक है वह या तो अभिलंब से दूर हटेगी या अभिलंब के पास आवेदन की ओर झुके गी अभिनव में क्या होता है इस हम लोग देखेंगे अभी ठीक है लेकिन क्या होता है कि जब भी कोई प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अपने मार्ग से कुछ विशिष्ट हो जाती है ठीक है इसे क्या कहते हैं प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं ठीक है तो अब यहां पर क्या होता है इसको हम लोग लिख कर देख लेते हैं तो यहां तो यह कि हमने यहां पर क्या किया यहां पर हमने लिख कर दिखा क्या कि जब कोई प्रकाश किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो अपने मार्ग से कुछ विचलित बिजनेस का मतलब क्या होता है जो इस का मार्ग है वह उस मार्ग पर चलकर वह कहीं ना कहीं जो है कुछ यहां या वहां कुछ थोड़ा इधर या उधर से होकर जाएगी ठीक है तो इसे क्या कहते हैं प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं ठीक है तो यहां पर हम लोग जो देख लेते हैं यहां पर जो है यह तो फिक्र हमारे पास इसको समझ देते तो यहां पर क्या है सबसे बड़ी चीज क्या है कि यह जो हमारी यह आपको दिख रहा है आती हुई हो इसे कहते हैं क्या आप तेज किरण है क्या है आपतित किरण होती है और जो यह जो है दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है इसे कहते हम लोग क्या अपवर्तक किरण अपवर्तक किरण ठीक है अपवर्तन किरण यहां पर अपवर्तन हो रह...

प्रकाश का विवर्तन क्या है, फ्रेनल तथा फ्राउनहोफर विवर्तन, परिभाषा, उदाहरण

जब किसी प्रकाश स्रोत तथा जिस पर प्रकाश गिर रहा है उस पर्दे के बीच में एक अपारदर्शी रोधक एवं इसमें एक छिद्र करके रख दिया जाता है। तो जब प्रकाश स्रोत से प्रकाश गिराया जाता है तो अपारदर्शी अवरोधक की छाया पर्दे पर बनती है। एवं अवरोधक पर छिद्र के कारण प्रकाश का प्रदीप्त क्षेत्र पर्दे पर प्राप्त होता है। इस प्रकार हमें ज्ञात होता है कि प्रकाश ऋजुरेखीय पथ पर चलता है। परंतु यदि अवरोधक तथा छिद्र का आकार छोटा कर दिया जाता है तो प्रकाश छिद्र के किनारों पर ऋजुरेखीय पथ से विचलित हो जाता है। एवं छिद्र के किनारों पर प्रकाश संपूर्ण रूप से मुड़ जाता है। अतः प्रकाश का इस प्रकार छिद्र के किनारों से मोड़ने की प्रक्रिया को प्रकाश का विवर्तन (diffraction in Hindi) कहते हैं। विवर्तन की परिभाषा जब प्रकाश की किरणें किसी अवरोध अथवा छोटा छिद्र (झिर्री) पर पड़ती हैं। तो प्रकाश की किरणें छिद्र तथा अवरोध के किनारों की ओर आंशिक रूप से मुड़ जाती हैं। प्रकाश की किरणों का इस प्रकार मुड़ने की घटना को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं। प्रकाश का विवर्तन फ्रेनल विवर्तन फ्रेनल विवर्तन में प्रकाश स्रोत तथा वह पर्दा, जिस पर अवरोध की प्रतिछाया बनती है वह अवरोध अथवा द्वारक से कम दूरी पर स्थित होता है। इस प्रकार के विवर्तन में लेंसों की आवश्यकता नहीं होती है। तथा इसमें आपाती तरंगाग्र (अवरोध से निकला हुआ प्रकाश) गोलाकार एवं बेलनाकार होता है। फ्राउनहोफर विवर्तन फ्राउनहोफर विवर्तन में प्रकाश स्रोत तथा वह पर्दा, जिस पर अवरोध की प्रतिछाया बनती है वह अवरोध अथवा द्वारक से अधिक दूरी पर स्थित होता है। इस प्रकार के विवर्तन में स्रोत तथा पर्दे को दो लेंसों के फोकस तलों में रखते है। तथा इसमें आपाती तरंगाग्र समतल होता है। पढ़ें… तरंगो...

एकी तीसरी कक्षा की ऊर्जा क्या होगी ? (च) प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर..

एकी तीसरी कक्षा की ऊर्जा क्या होगी ? (च) प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है ? खण्ड-स 3. (क) वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण p ​ के द्विध्रुव को अक्ष में केन्द्र से r दूरी पर वैद्युत विभव का व्यंजक लिखिए। इस वैद्युत द्विध्रुव को 9 0 ∘ घुमा देने पर उसी बिन्दु पर विद्युत विभव क्या होगा ? (ख) X − Y तल में रखी 0.2 मी 2 पृष्ठ क्षेत्रफल की कुण्डली से वोल्ट B = ( 3 i ^ + 4 k ^ ) टेस्ला का बद्ध फ्लक्स ज्ञात कीजिए r रेडियो एक्टिव पदार्थ के नमूने का क्षय नियतांक λ है पइसकीअर्द्ध - आयु Views: 5,889 v = 4 π ε 0 ​ m r ​ e ​ = 2.2 × 1 0 6 m / s 12.3 Atomic Spectra As mentioned in Section 12.1, each element has a characteristic spectrum of radiation, which it emits. When an atomic gas or vapour is excited at low pressure, usually by passing an electric current through it, the emitted radiation has a spectrum which contains certain specific wavelengths only. A spectrum of this kind is termed as emission line spectrum and it एकी तीसरी कक्षा की ऊर्जा क्या होगी ? (च) प्रकाश के विवर्तन से क्या तात्पर्य है ? खण्ड-स 3. (क) वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण p ​ के द्विध्रुव को अक्ष में केन्द्र से r दूरी पर वैद्युत विभव का व्यंजक लिखिए। इस वैद्युत द्विध्रुव को 9 0 ∘ घुमा देने पर उसी बिन्दु पर विद्युत विभव क्या होगा ? (ख) X − Y तल में रखी 0.2 मी 2 पृष्ठ क्षेत्रफल की कुण्डली से वोल्ट B = ( 3 i ^ + 4 k ^ ) टेस्ला का बद्ध फ्लक्स ज्ञात कीजिए r रेडियो एक्टिव पदार्थ के नमूने का क्षय नियतांक λ है पइसकीअर्द्ध - आयु Updated On Dec 31, 2022 Topic Modern Physics Subject Physics Class Class 12 Answer Type Video solution: 1...

RBSE Class 10 Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश

Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 10 Important Questions प्रकाश - परावर्तन तथा अपवर्तन वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 1. प्रकाश का वेग सर्वाधिक होता है: (क) काँच में (ख) पानी में (ग) हवा में (घ) निर्वात में उत्तर: (घ) निर्वात में प्रश्न 2. प्रकाश के अपवर्तन की क्रिया में कौनसी भौतिक राशि अपरिवर्तित रहती है: (क) आवृत्ति (ख) वेग (ग) तरंगदैर्घ्य (घ) इनमें से कोई नहीं उत्तर: (क) आवृत्ति प्रश्न 3. किसी समतल दर्पण पर प्रकाश की किरण अभिलम्बवत् आपतित होती है तो परावर्तन कोण का मान होता है: (क) 90° (ख) 180° (ग) 0° (घ) 45° उत्तर: (ग) 0° प्रश्न 4. अवतल लैंस के सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब सदैव होता है: (क) आभासी व सीधा (ख) वास्तविक एवं सीधा (ग) काल्पनिक एवं उल्टा (घ) वास्तविक एवं उल्टा उत्तर: (क) आभासी व सीधा प्रश्न 5. डायप्टर मात्रक है: (क) फोकस दूरी का (ख) आवर्धन का (ग) लैंस की शक्ति का (घ) विभेदन क्षमता का उत्तर: (ग) लैंस की शक्ति का प्रश्न 6. एक जरा दृष्टि दोष वाला मनुष्य दो लैंसों वाला चश्मा लगाता है, इनमें - (क) ऊपर वाला उत्तल लैंस एवं नीचे वाला अवतल लैंस होगा। (ख) नीचे वाला उत्तल लैंस एवं ऊपर वाला अवतल लैंस होगा। (ग) दोनों उत्तल लैंस लेकिन भिन्न - भिन्न फोकस दूरी के। (घ) दोनों अवतल लैंस लेकिन भिन्न - भिन्न फोकस दूरी के। उत्तर: (ख) नीचे वाला उत्तल लैंस एवं ऊपर वाला अवतल लैंस होगा। प्रश्न 7. धुएँ के आर - पार किसी दूर स्थित प्रकाश स्रोत को देखने पर उसके झिलमिल करते हुए दिखाई देने का कारण है: (क) परावर्तन (ख)अपवर्तन (ग) विवर्तन (घ) वर्ण विक्षेपण उत्तर: (ख)अपवर्तन प्रश्न 8. पतले लैंसों में से आपतित किरण अपने मार्ग से विचलित हुये बिना सीधे उसी दिशा में निकल जाती है। मुख्य अक्...

प्रकाश का विवर्तन

प्रकाश का विवर्तन यदि किसी प्रकाश-स्रोत तथा पर्दे के बीच कोई अपारदर्शी अवरोध (opaque obstacle), अथवा छिद्र (aperture), रख दिया जाये तो पर्दे पर अवरोध की स्पष्ट छाया (shadow), अथवा छिद्र के कारण प्रदीप्त क्षेत्र (illuminated region) प्राप्त होता है। इससे यह पता चलता है कि प्रकाश ऋजु रेखा में चलता है। परन्तु यदि अवरोध अथवा छिद्र का आकार बहुत छोटा हो (प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की कोटि का) तो अवरोध अथवा छिद्र के किनारों पर प्रकाश ऋजुरेखीय पथ से विचलित हो जाता है अर्थात् किनारों पर प्रकाश आंशिक रूप से मुड़ जाता है। इस प्रकार प्रकाश ज्यामितीय छाया (geometrical shadow) में भी (जहाँ पर पूर्णतया अन्धकार रहना चाहिए था) पहुँच जाता है। विवर्तन किसे कहते हैं अवरोध अथवा छिद्र के तीक्ष्ण किनारों पर प्रकाश के आंशिक रूप से मुड़ने को ‘ विवर्तन‘ कहते हैं। अत: प्रकाश के विवर्तन की आवश्यक शर्त है कि अवरोध अथवा छिद्र का आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की कोटि का होना चाहिए। प्रकाश का विवर्तन तरंग-गति का एक लक्षण है। तरंगों का एक छोटे छिद्र द्वारा विवर्तन चित्र में दिखाया गया है। एक समतल तरंगाग्र एक गत्ते में बने छोटे छिद्र की ओर बढ़ रहा है। तरंगाग्र का अधिकांश भाग गत्ते से परावर्तित होकर लौट जाता है तथा बीच का छोटा-सा भाग छिद्र में से होकर गुजरता है। जैसे ही तरंगाग्र का मध्य भाग छिद्र पर पहुँचता है, हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार, छिद्र नये तरंग-स्रोत का कार्य करने लगता है। अत: छिद्र से गोलीय तरंगाग्र निकलता है जो कि उसी चाल से आगे बढ़ता है जिस चाल से समतल तरंगाग्र छिद्र पर आया था। हम यह जानते हैं कि समांग माध्यम में तरंगाग्र सदैव तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् होता है। अत: जैसा कि चित्र से स्पष्ट है...

प्रकाश का विवर्तन

प्रकाश का विवर्तन यदि किसी प्रकाश-स्रोत तथा पर्दे के बीच कोई अपारदर्शी अवरोध (opaque obstacle), अथवा छिद्र (aperture), रख दिया जाये तो पर्दे पर अवरोध की स्पष्ट छाया (shadow), अथवा छिद्र के कारण प्रदीप्त क्षेत्र (illuminated region) प्राप्त होता है। इससे यह पता चलता है कि प्रकाश ऋजु रेखा में चलता है। परन्तु यदि अवरोध अथवा छिद्र का आकार बहुत छोटा हो (प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की कोटि का) तो अवरोध अथवा छिद्र के किनारों पर प्रकाश ऋजुरेखीय पथ से विचलित हो जाता है अर्थात् किनारों पर प्रकाश आंशिक रूप से मुड़ जाता है। इस प्रकार प्रकाश ज्यामितीय छाया (geometrical shadow) में भी (जहाँ पर पूर्णतया अन्धकार रहना चाहिए था) पहुँच जाता है। विवर्तन किसे कहते हैं अवरोध अथवा छिद्र के तीक्ष्ण किनारों पर प्रकाश के आंशिक रूप से मुड़ने को ‘ विवर्तन‘ कहते हैं। अत: प्रकाश के विवर्तन की आवश्यक शर्त है कि अवरोध अथवा छिद्र का आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की कोटि का होना चाहिए। प्रकाश का विवर्तन तरंग-गति का एक लक्षण है। तरंगों का एक छोटे छिद्र द्वारा विवर्तन चित्र में दिखाया गया है। एक समतल तरंगाग्र एक गत्ते में बने छोटे छिद्र की ओर बढ़ रहा है। तरंगाग्र का अधिकांश भाग गत्ते से परावर्तित होकर लौट जाता है तथा बीच का छोटा-सा भाग छिद्र में से होकर गुजरता है। जैसे ही तरंगाग्र का मध्य भाग छिद्र पर पहुँचता है, हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार, छिद्र नये तरंग-स्रोत का कार्य करने लगता है। अत: छिद्र से गोलीय तरंगाग्र निकलता है जो कि उसी चाल से आगे बढ़ता है जिस चाल से समतल तरंगाग्र छिद्र पर आया था। हम यह जानते हैं कि समांग माध्यम में तरंगाग्र सदैव तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् होता है। अत: जैसा कि चित्र से स्पष्ट है...

प्रकाश का विवर्तन क्या है, फ्रेनल तथा फ्राउनहोफर विवर्तन, परिभाषा, उदाहरण

जब किसी प्रकाश स्रोत तथा जिस पर प्रकाश गिर रहा है उस पर्दे के बीच में एक अपारदर्शी रोधक एवं इसमें एक छिद्र करके रख दिया जाता है। तो जब प्रकाश स्रोत से प्रकाश गिराया जाता है तो अपारदर्शी अवरोधक की छाया पर्दे पर बनती है। एवं अवरोधक पर छिद्र के कारण प्रकाश का प्रदीप्त क्षेत्र पर्दे पर प्राप्त होता है। इस प्रकार हमें ज्ञात होता है कि प्रकाश ऋजुरेखीय पथ पर चलता है। परंतु यदि अवरोधक तथा छिद्र का आकार छोटा कर दिया जाता है तो प्रकाश छिद्र के किनारों पर ऋजुरेखीय पथ से विचलित हो जाता है। एवं छिद्र के किनारों पर प्रकाश संपूर्ण रूप से मुड़ जाता है। अतः प्रकाश का इस प्रकार छिद्र के किनारों से मोड़ने की प्रक्रिया को प्रकाश का विवर्तन (diffraction in Hindi) कहते हैं। विवर्तन की परिभाषा जब प्रकाश की किरणें किसी अवरोध अथवा छोटा छिद्र (झिर्री) पर पड़ती हैं। तो प्रकाश की किरणें छिद्र तथा अवरोध के किनारों की ओर आंशिक रूप से मुड़ जाती हैं। प्रकाश की किरणों का इस प्रकार मुड़ने की घटना को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं। प्रकाश का विवर्तन फ्रेनल विवर्तन फ्रेनल विवर्तन में प्रकाश स्रोत तथा वह पर्दा, जिस पर अवरोध की प्रतिछाया बनती है वह अवरोध अथवा द्वारक से कम दूरी पर स्थित होता है। इस प्रकार के विवर्तन में लेंसों की आवश्यकता नहीं होती है। तथा इसमें आपाती तरंगाग्र (अवरोध से निकला हुआ प्रकाश) गोलाकार एवं बेलनाकार होता है। फ्राउनहोफर विवर्तन फ्राउनहोफर विवर्तन में प्रकाश स्रोत तथा वह पर्दा, जिस पर अवरोध की प्रतिछाया बनती है वह अवरोध अथवा द्वारक से अधिक दूरी पर स्थित होता है। इस प्रकार के विवर्तन में स्रोत तथा पर्दे को दो लेंसों के फोकस तलों में रखते है। तथा इसमें आपाती तरंगाग्र समतल होता है। पढ़ें… तरंगो...