प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया होती है

  1. प्रकाश संश्लेषण और श्वसन की क्रिया में क्या अंतर है
  2. [हिन्दी] प्रकाश संश्लेषण MCQ [Free Hindi PDF]
  3. प्रकाश संश्लेषण की प्रकाशिक अभिक्रिया का वर्णन कीजिए।
  4. [Solved] प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया के दौरान
  5. प्रकाश संश्लेषण क्या है? प्रक्रिया, प्रभाव व महत्व
  6. प्रकाश संश्लेषण परिभाषा, चरण, समीकरण, प्रक्रिया और आरेख
  7. प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं? महत्व, सिद्धांत और आवश्यकताएं


Download: प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया होती है
Size: 27.49 MB

प्रकाश संश्लेषण और श्वसन की क्रिया में क्या अंतर है

इस धरती पर सभी जीवों के लिए चाहे वे जानवर हों या पेड़ पौधे सभी के लिए ऊर्जा आवश्यक है। इस ऊर्जा को प्राप्त करने के जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है। सभी जीव ऊर्जा प्राप्ति के लिए भोजन पर निर्भर हैं। सभी जंतु तो अपना भोजन पौधे तथा अन्य जीवों से प्राप्त कर लेते हैं किन्तु उनके भोजन प्राप्ति का मूल और आखरी स्रोत पौधे ही हैं। पौधे स्वपोषी होते हैं अर्थात वे अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। पौधों द्वारा अपना भोजन स्वयं तैयार करने की यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है और यह क्रिया वास्तव में सजीवों के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है। इसका कारण यह है कि इस क्रिया के द्वारा न केवल सभी जीवों को भोजन मिलता है बल्कि उनके श्वसन के लिए वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा को भी यह संतुलित रखता है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के साथ साथ एक और क्रिया सभी के अस्तित्व के लिए अनिवार्य है वह क्रिया है श्वसन की क्रिया। प्रकाश संश्लेषण से प्राप्त भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए उसका ऑक्सीकरण जरुरी है और इस क्रिया के लिए श्वसन की आवश्यकता पड़ती है। इस क्रिया के द्वारा ही भोजन को ऊर्जा के रूप में परिवर्तित किया जाता है और जीवन से सम्बंधित सारी क्रियाओं के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है। इस प्रकार प्रकाश संश्लेषण और श्वसन का जीवन की मूलभूत क्रियाओं में काफी महत्वपूर्ण स्थान है। आज के इस पोस्ट में इन्ही के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे जैसे प्रकाश संश्लेषण क्या है, प्रकाश संश्लेषण की परिभाषा क्या है प्रकाश संश्लेषण के मुख्य घटक और प्रकाश संश्लेषण की रासायनिक अभिक्रिया क्या है इसी तरह श्वसन क्या है श्वसन की परिभाषा क्या है श्वसन कितने प्रकार का होता है एरोबिक या ऑक्सी श्वसन और एनारोबिक या अना...

[हिन्दी] प्रकाश संश्लेषण MCQ [Free Hindi PDF]

सही उत्तर हरितलवक है। Key Points • प्रकाश संश्लेषण: • प्रकाश संश्लेषण की परिभाषा में कहा गया है कि प्रक्रिया विशेष रूप से हरितलवक में प्रकाश संश्लेषी वर्णक जैसे पर्णहरिम a, पर्णहरिम b, केरोटीन और जैंथोफिल के माध्यम से होती है। • सभी हरे पादप और कुछ अन्य स्वपोषी जीव प्रकाश संश्लेषण कार्बन डाईऑक्साइड, जल और सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके पोषक तत्वों को संश्लेषित करने के लिए करते हैं। • प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का उपोत्पाद ऑक्सीजन है। • प्रकाश संश्लेषण तब होता है जब पादप कार्बन डाईऑक्साइड और जल को ग्लूकोस और ऑक्सीजन में बदलने के लिए प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करते हैं। • पत्तियों में सूक्ष्म कोशिकीय अंग होते हैं जिन्हें हरितलवक के रूप में जाना जाता है। • प्रत्येक हरितलवक में पर्णहरिम नामक हरे रंग का वर्णक होता है। • प्रकाश ऊर्जा पर्णहरिम अणुओं द्वारा अवशोषित की जाती है जबकि कार्बन डाईऑक्साइड और ऑक्सीजन पत्तियों के बाह्यत्वचीय में स्थित रंध्र के छोटे छिद्रों के माध्यम से प्रवेश करती हैं। • प्रकाश संश्लेषण का एक अन्य उपोत्पाद ग्लूकोस और फ्रुक्टोस जैसी शर्करा है। • इन शर्कराओं का उपयोग पादप ऊर्जा स्रोत के रूप में करते हैं, जो उन्हें वृद्धि में मदद करता है। • प्रकाश संश्लेषण हरे पादप के अलावा अन्य जीवों पर भी लागू होता है। • इनमें कई प्राककेंद्रकी जैसे सायनोबैक्टीरिया, बैंगनी जीवाणु और हरे सल्फर जीवाणु शामिल हैं। • यह जीव हरे पादप की तरह ही प्रकाश संश्लेषण का प्रदर्शन करते हैं। • प्रकाश संश्लेषण के दौरान उत्पादित ग्लूकोस का उपयोग विभिन्न कोशिकीय क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। • इस भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया का उपोत्पाद ऑक्सीजन है।​ सही उत्तर 1 और 2 दोनों है। Key Points • प...

प्रकाश संश्लेषण की प्रकाशिक अभिक्रिया का वर्णन कीजिए।

अनेक प्रयोगों के आधार पर प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में निम्न परिकल्पनाएँ प्रेक्षित हुई हैं – • पर्णहरित एवं सहायक वर्णकों द्वारा अवशोषित प्रकाश ऊर्जा का उपयोग जल प्रकाशिक अपघटन (Photolysis of water) में होता है, जिसमें O 2, H +तथा इलेक्ट्रॉनों (e –) का निष्कासन होता है। • निष्कासित इलेक्ट्रॉन का प्रवाह प्रकाश तंत्रों (Photosystems) के विभिन्न ग्राहियों से होता है, जिसमें अन्तिम रूप से ATP एवं NADPH + H +के रूप में ऊर्जा संग्रहित होती है। • प्राप्त उच्च ऊर्जा के अणु (ATP एवं NADPH + H +) CO 2के अपचयन में सहायक होते हैं, जिस शर्करा (carbohydrates) का उत्पादन होता है। अतः प्रकाश संश्लेषण एक ऑक्सीकरण-अपचयन (redox) अभिक्रिया है, जिसमें जल का ऑक्सीकरण तथा कार्बनडाइऑक्साइड का अपचयन होता है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मुख्यतः दो चरणों में सम्पन्न होती है, ये चरण एक-दूसरे से भिन्न होते हैं किन्तु परस्पर पूरक होते हैं। ये चरण इस प्रकार हैं – I.प्रकाशिक अभिक्रियाएँ(Light reactions) – प्रथम चरण में प्रकाशिक अभिक्रियाएँ प्रकाश की उपस्थिति में सम्पन्न होती हैं। इसमें स्वांगीकरण शक्ति (Assimilatory power) को निर्माण होता है। प्रकाशिक अभिक्रिया हरितलवक में ग्रेना (Granna) में सम्पन्न होती है। II.अप्रकाशिक या ब्लैकमेन अभिक्रियाएँ(Dark or Blackman reactions) – इस चरण में होने वाली अभिक्रियाओं के लिए प्रकाश की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती है। इस अभिक्रिया में स्वांगीकरण शक्ति का प्रयोग CO 2के शर्करा में अपचयन हेतु किया जाता है। यह अभिक्रिया हरितलवक के स्ट्रोमा में सम्पन्न होती है। ताप गुणांक (temperature factor) एवं अन्य प्रयोगों से यह सिद्ध किया जा चुका है कि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रकाश से...

[Solved] प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया के दौरान

सही उत्तर कार्बन- डाई-ऑक्साइड का अपचयन है। अवधारणा: • प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सभी हरे पौधे, कुछ जीवाणु और कुछ प्रोटिस्ट (यूग्लीना) सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा का उपयोग करके शर्करा का उत्पादन करते हैं, जो बदले में कोशिकीय श्वसन के माध्यम से सभी जीवित जीवों द्वारा उपयोग किए जाने वाले ईंधन ATP का उत्पादन करता है। • प्रकाश संश्लेषण कोशिका के क्लोरोप्लास्ट में होता है। • प्रकाश-संश्लेषण की अभिक्रिया सामान्यतः इस प्रकार लिखी जाती है: • 6CO 2 + 6H 2O →C 6H 12O 6 + 6O 2 • प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया दो चरणों में होती है: • प्रकाश अभिक्रिया (प्रकाश रासायनिक चरण) • अप्रकाशी अभिक्रिया (जैव संश्लेषण चरण) व्याख्या: प्रकाश अभिक्रिया: • प्रकाश अभिक्रिया केवल प्रकाश की उपस्थिति में ही होती है। • प्रकाश अभिक्रियाथाइलेकोइड झिल्लियों में होती है। • प्रकाश अभिक्रियामें प्रकाश अवशोषित होता है, और ऊर्जा का उपयोग जल से इलेक्ट्रॉनों को NADPHऔर झिल्ली में प्रोटॉन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। • प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया के दौरान निम्नलिखित प्रमुख घटनाएँ घटित होती हैं: • जल का प्रकाश-अपघटन : • इसमें जल प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉनों और ऑक्सीजन में विभाजित हो जाता है और NADPH और ATP उत्पन्न करता है। • फोटोफॉस्फोरिलिकरण: • फोटोफॉस्फोरिलिकरण वह प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से ATP को कोशिका अंगक (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट) द्वारा ADP और अकार्बनिक फॉस्फेट (P) से संश्लेषित किया जाता है। • nadp का अपचयन: • NADP प्रकाश संश्लेषण प्रकाश अभिक्रियाओं में अपचयित होता है जिसे केल्विन चक्र में उपभोगकर लिया जाताहै और पौधों और जंतुओं दोनों में कई अन्य एनाबोलिक अभिक्रियाओं में उ...

प्रकाश संश्लेषण क्या है? प्रक्रिया, प्रभाव व महत्व

पौधों को हम उत्पादक एवं स्वपोषक भी कहते हैं। इसका कारण यह है कि वे अपने आसपास की चीजों जैसे सूरज की रौशनी, ऑक्सीजन आदि से खाना स्वयं बना लेते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) नाम से प्रसिद्ध है। प्रकाश संश्लेषण क्या है? (definition of photosynthesis in hindi) सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिन्थेसिस) कहते है। प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगो जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पौधों की हरी पत्तियों की कोंशिकाओं के अन्दर कार्बन डाइआक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्बोहाइड्रेट और बाद में जटिल काबोहाइड्रेट का निर्माण होता है।इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च (मंड) आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। प्रकाश संश्लेषण की अभिक्रिया प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) प्रक्रिया के दो प्रकार हैं: इस प्रक्रिया में CO 2को इलेक्ट्रान मिलता हैं और पानी ऑक्सीकृत हो जाता है यानि पानी में परिवर्तित हो जाता है। परिणामस्वरूप कारबोहाइडरेट ऑक्सीजन के साथ रिहा होता है। यह प्रक्रिया श्वसन के प्रतिभार के रूप में काम करती है। सभी प्राणी अपने श्वास के द्वारा जो छोड़ते है, यह प्रक्रिया उसको ऑक्सीजन में बदल के वायुमंडल में छोर देती है। ऑक्सीजन रहित संश्लेषण (p...

प्रकाश संश्लेषण परिभाषा, चरण, समीकरण, प्रक्रिया और आरेख

प्रकाश संश्लेषण परिभाषा प्रकाश संश्लेषण पौधों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया है, जिसमें हरे वाले और प्रकाश संश्लेषक बैक्टीरिया शामिल हैं। विद्युत चुम्बकीय विकिरण रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। यह पानी और कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन और कार्बोहाइड्रेट में बदलने के लिए प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करता है। • प्रकाश संश्लेषण से उत्पादित कार्बोहाइड्रेट अणु न केवल पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा हस्तांतरण को शक्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक ऊर्जा हैं, बल्कि असंख्य प्रकार के बायोमोलेक्यूल्स बनाने के लिए आवश्यक कार्बन अणु भी हैं। • प्रकाश संश्लेषण एक प्रकाश-संचालित ऑक्सीकरण और कमी प्रतिक्रिया है जिसमें प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग पानी को गर्म करने और इसे ऑक्सीकरण करने के लिए किया जाता है, जिससे हाइड्रोजन आयन और ऑक्सीजन गैस बनती है और फिर कार्बन डाइऑक्साइड में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, जो कार्बनिक अणुओं को कम करता है। • ऑटोट्रॉफ़ शब्द का उपयोग प्रकाश संश्लेषक जीवों का वर्णन करने के लिए किया जाता है क्योंकि वे ऊर्जा के स्रोत के रूप में सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से ग्लूकोज जैसे रासायनिक ईंधन को संश्लेषित करने में सक्षम होते हैं। • अन्य जीव जो विभिन्न जीवों से आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करते हैं, वे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑटोट्रॉफ़्स पर निर्भर करते हैं। • प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक प्राथमिक तत्वों में से एक हरा वर्णक है जिसे क्लोरोफिल कहा जाता है। यह हरे पौधों के साथ-साथ कुछ जीवाणुओं में क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है। • वर्णक सूर्य के प्रकाश को पकड़ने के लिए महत्वपूर्ण है, जो तब प्रकाश संश्लेषण की संपूर्ण प्रक्रियाओं को संचालित करेगा। प्रकाश स...

प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं? महत्व, सिद्धांत और आवश्यकताएं

किसी भी पौधे के लिए प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया बहुत ही जरूरी होती है। प्रकाश संश्लेषण अक्सर कक्षा 6 7 8 वाले बच्चों को पढ़ाया जाता है ताकि वह इस प्रक्रिया का महत्व समझ सके। परंतु अक्सर बच्चे केवल परिभाषा को पढ़कर यह नहीं समझ पाते हैं कि प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं? (prakash sanshleshan ki kriya ka rasayanik samikaran likhiye) क्योंकि अक्सर किताबों में किताबी भाषा का प्रयोग किया जाता है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए आज के इस लेख में हम बहुत ही आसान भाषा में जानेंगे कि प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं ? (prakash sanshleshan ki kriya ka rasaynik samikaran likhiye) ताकि सभी बच्चे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को विस्तार से समझ पाए। इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का हमारे जीवन में क्या महत्व है। तो चलिए शुरू करते हैं। प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं? (prakash sanshleshan ki paribhasha den) प्रकाश संश्लेषण को ही इंग्लिश में फोटोसिंथेसिस कहते हैं।सभी हरे-भरे पौधे स्वपोषी होते हैं और अपने लिए स्वयं ही भोजन बनाते हैं। हरे पौधे सूर्य के प्रकाश से निकलने वाली क्लोरोफिल नामक वर्णक की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल के साथ मिलकर भोज्य पदार्थों यानी कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं और ऑक्सीजन को बाहर निकालते हैं। यही प्रक्रिया ही प्रकाश संश्लेषण का लाती है। जिस प्रकार पौधों की हरी पत्तियों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करके भोजन बनता है इसलिए इन्हें Kitchen House of the plant हैं। प्रकाश संश्लेषण क्रिया का महत्व एक स्वपोषी पौधों के लिए प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का बहुत ही अधिक महत्व है। जिनमें से कुछ मुख्य महत्व की जानकारी नीचे बताई गई है:- • प्रका...