प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के दो गुणों को लिखें।

  1. : समविभव पृष्ठ क्या है ? इसके दो गुणों को लिखें। (What is principle of su..
  2. अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय एवं लौह
  3. Hindi Mind
  4. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के दो गुणों को लिखें। Write two properties of diamagnetic substance.
  5. क्यूरी का नियम क्या है
  6. पदार्थ
  7. प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के गुण लिखिए ।


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: समविभव पृष्ठ क्या है ? इसके दो गुणों को लिखें। (What is principle of su..

Views: 5,069 10 cm long is on an U-shaped wire of negligible resistance and it is connected to a spring of spring constant 0.5 Nm − 1 (see figure). The assembly is kept in a uniform magnetic field of 0.1 T. If the strip is pulled from its equilibrium position and released, the number of oscillations it performs before its amplitude decreases by a factor of e is N. If the mass of the strip is 50 grams, its resistance 10Ω and air drag negligible, N will be close to Views: 5,938 590 nm and an unknown wavelength, illuminates Young's double slit and gives rise to two overlapping interference patterns on the screen. The central maximum of both lights coincide. Further, it is observed that the third bright fringe of known light coincides with the 4 th bright fringe of the unknown light. From this data, the wavelength of the unknown light is Views: 5,938 V = d × 4 π E 0 ​ 1 ​ [ O A 9 ​ ]. = 3 × 8 × 1 0 − 2 4 × 9 × 1 0 0 × 10 × 1 0 − 0 × 2 ​ ​ = 15 × 2 ​ × 1 0 2 = 1600 2 ​ ​ 8. घन के प्रत्येक कोने पर समान आवेश − q स्थित है। यदि घन की प्रत्येक भुजा की लम्बाई b है, तो इसके केन्द्र पर रखे + q आयेश की स्थितिज ऊर्जा होगी (a) 4 π ε 0 ​ b 8 2 q ​ ​ (b) π e 0 ​ b − 8 2 a 2 ​ ​ (c) π e 0 ​ b − 4 2 a 2 ​ ​ (d) 3 π e 0 ​ b ​ − 4 g 2 ​ : समविभव पृष्ठ क्या है ? इसके दो गुणों को लिखें। (What is principle of superp : परावैद्युत पदार्थ किसे कहते हैं। परावैद्युतांक को परिभाषित करें। (What is dielect constant) 8 : विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को परिभाषित करें तथा इसके मात्रक को लिखें। (Define ek its u...

अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय एवं लौह

प्रश्न : 3. अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय एवं लौह-चुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकीय गुणों की तुलना कीजिए। or प्रतिचुम्बकीय, अनुचुम्बकीय तथा लौह चुम्बकीय पदार्थों में अन्तर – उत्तर- अनुचुम्बकीय, प्रतिचुम्बकीय एवं लौह-चुम्बकीय पदार्थों के गुणों की तुलना- क्र. अनुचुम्बकीय पदार्थ प्रतिचुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय पदार्थ 1. ये पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक द्वारा हल्का-सा आकर्षित होते हैं। ये पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक द्वारा हल्का-सा प्रतिकर्षित होते हैं। ये पदार्थ कम शक्तिशाली चुम्बक द्वारा भी आकर्षित होते 2. इन पदार्थों को शक्तिशाली चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई क्षेत्र के समान्तर हो जाती है। इन पदार्थों को शक्तिशाली चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई क्षेत्र के लम्बवत् हो जाती है। इन पदार्थों को किसी भी चुम्बक के ध्रुवों के मध्य लटकाने पर इनकी लम्बाई क्षेत्र के समान्तर हो जाती है। 3. ये पदार्थ कम तीव्रता वाले क्षेत्र से अधिक तीव्रता वाले क्षेत्र की ओर जाते हैं। ये पदार्थ अधिक तीव्रता वाले क्षेत्र से कम तीव्रता वाले क्षेत्र की ओर जाते हैं। इसका व्यवहार अनुचुम्बकीय पदार्थ के समान होता है। 4. इन पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता का मान 1 से अधिक होता है। इन पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बकशीलता का मान 1 से कम होता है। इन पदार्थों की आपेक्षिक चुम्बक शीलता का मान बहुत अधिक होता है। 5. इन पदार्थों के स्थायी चुम्बक नहीं बनाये जा सकते। इन पदार्थों के भी स्थायी चुम्बक नहीं बनाये जा सकते। इन पदार्थों के स्थायी चुम्बक बनाये जाते हैं। 6. इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक, किन्तु कम होती है। इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है। इन पदार्थों की चुम्बकीय प्रव...

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प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के दो गुणों को लिखें। Write two properties of diamagnetic substance.

Q. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के दो गुणों को लिखें। Q. Write two properties of diamagnetic substance. Ans:- 1). प्रतिचुम्बकीय पदार्थ वे हैं जिनमें बाहर से आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र के उल्टी दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरित होता है। 2) ये पदार्थ वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिकर्षित (रिपेल) किये जाते हैं। अर्थात इनका व्यवहार अनुचुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकीय व्यवहार के उल्टा होता है। Post navigation

क्यूरी का नियम क्या है

क्यूरी नियम और क्युरी तापमान की परिभाषा क्या है जिस वक्त किसी पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो ये कितनी सरलता से चुम्बकित हो जाता है इस को चुम्बकीय प्रवृति कहते है। क्यूरी ने प्रयोग किये और पदार्थों के श्रेणीकरण के हिसाब से उन पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति ,तापमान के असर के बारे में बताया । उन्होंने बताया की प्रतिचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति तापमान से अप्रभावित रहती है मतलब प्रति चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृति तापमान पर आश्रित नहीं करती है। अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति (X),इसके परम तापमान (T) के व्युत्क्रमानुपाती होती है। X ∝ 1/T अनुपातिक चिह्न हटाने पर X = C/T दो वैज्ञानिकों क्यूरी व वाइस ने इकट्ठे होकर लौह चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति समझाने के लिए एक नियम दिया जिसको क्यूरी-वाइस नियम कहते है,उन्होंने अपने इस नियम में कहा की ” परम तापमान T पर चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृति का मान निम्न फॉर्मुले द्वारा दिया जाता है ” TC को लौह चुम्बकीय पदार्थ का क्यूरी तापमान कहते है। क्यूरी ताप: जिस वक्त लौह चुम्बकीय पदार्थ को गर्म किया जाता है तो गरमी के कारण लौह चुम्बकीय पदार्थ में पाए जाने वाले डोमेन रचना बर्बाद होने लगती है,यदि तापमान को और ज्यादा बढाया जाए तो डोमेन पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाते है और पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ हो जाते है। अभी अगर तापमान को हटा लिया जाए और पदार्थ को शीतल किया जाए तो पदार्थ पुन: लौह चुम्बकीय पदार्थ हो जाता है मतलब इसमें पुन: अपने गुण वापस आ जाते है। अत: हम क्यूरी तापमान की परिभाषा निम्न तरह दे सकते है ” वह तापमान जिस पर कोई लौह चुम्बकीय पदार्थ पूर्ण रूप से अनुचुम्बकीय पदार्थ हो जाता है उस तापमान को क्यूर...

पदार्थ

अनुक्रम • 1 परिभाषा • 2 विशेषताएँ तथा गुणधर्म • 2.1 भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म • 3 पदार्थ की अवस्थाएं • 3.1 ठोस • 3.2 द्रव • 3.3 गैस • 4 पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन • 5 भारतीय दर्शन में पदार्थ • 6 सन्दर्भ • 7 इन्हें भी देखें • 8 बाहरीकड़ियाँ परिभाषा [ ] पदार्थ की एक सामान्य या पारम्परिक परिभाषा है "कुछ भी जिसमें विशेषताएँ तथा गुणधर्म [ ] पदार्थ के कणों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। • पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है। • पदार्थ के कण अत्यधिक क्षुद्र होते हैं। • पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। • पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं। • पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म [ ] प्रत्येक पदार्थ के विशिष्ट या अभिलाक्षणिक गुणधर्म होते हैं। इन धर्मों को दो वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है- भौतिक गुणधर्म उदाहरणार्थ भौतिक गुणधर्मो को पदार्थ की पहचान या संगठन को परिवर्तित किए बिना पदार्थ की अवस्थाएं [ ] पदार्थ तीन अवस्थाओं- ठोस [ ] ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि। द्रव [ ] द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है। गैस [ ] गैस में कणों के मध्य बन्धन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (Shape) और न ही निश्चित आयतन (Volume) होता है। पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन [ ] पदार्थ तीन भौतिक अवस्था...

प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के गुण लिखिए ।

(i) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ शक्तिशाली चुम्बक से प्रतिकर्षित हो जाते हैं। (i) जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाया जाता है तो वह घूमकर चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् हो जाता है। (iii) जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो वह क्षेत्र के अधिक तीव्रता वाले भाग से कम तीव्रता वाले भाग की ओर चलने लगता है। (iv) यदि किसी प्रतिचुम्बकीय द्रव को U नली में भरकर उसकी भुजा को एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र में रख दें तो उस भुजा में द्रव थोड़ा-सा नीचे दब जाता है। (v) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुम्बकशीलता 1 से थोड़ी कम होती है।