पुनर्नवा टेबलेट के फायदे

  1. पुनर्नवा के 6 फायदे और 4 नुकसान
  2. Uses and Health Benefits of Punarnava Kadha in Hindi
  3. दिव्य लिथोम टेबलेट के फायदे और सेवन विधि
  4. पुनर्नवा (Punarnava) — Herbal Arcade
  5. पुनर्नवा के फायदे और इसके दुष्प्रभाव
  6. Zandu Punarnava Benefits In Hindi: झंडू पुनर्नवा के फायदे, उपयोग और नुकसान
  7. पुनर्नवादि मंडूर के फायदे, घटक द्रव्य,उपयोग विधि और नुकसान – MyBapuji


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पुनर्नवा के 6 फायदे और 4 नुकसान

पुनर्नवा (Punarnava) एक तरह का पौधा है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पुनर्नवा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। पुनर्नवा के फूल या पत्तियों को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर सेवन करने से कई बीमारियां भी दूर होती है। क्योंकि पुनर्नवा में एंटी-कैंसर, एंटी-डायबिटिक, एंटी-इन्फ्लेमेशन जैसे गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी लाभदायक साबित होते हैं। लेकिन पुनर्नवा का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके अधिक सेवन से स्वास्थ्य को फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं पुनर्नवा के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं। पुनर्नवा के फायदे 1- आजकल ज्यादातर लोग मोटापा (Obesity) बढ़ने की वजह से परेशान हैं और मोटापा कई बीमारियों के पनपने का कारण बनता है। इसलिए इसको कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है, मोटापा को कंट्रोल करने के लिए पुनर्नवा का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए नियमित रूप से पुनर्नवा के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। 2- पुनर्नवा का सेवन डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि पुनर्नवा में एंटी डायबिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है। 3- पुनर्नवा की जड़ को पीलिया (Jaundice) के इलाज में आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए पीलिया की बीमारी होने पर पुनर्नवा का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। पीलिया की बीमारी होने पर पुनर्नवा का सेवन करने से पीलिया की बीमारी में काफी हद तक आराम मिलता है। 4- पुनर्नवा का सेवन करने से कैंसर (Cancer) जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा कम होता है। क्योंकि पुनर्नवा में एंटी कैंसर प्रभाव पाए जाते हैं, जो कैंसर के जोखिम को क...

Uses and Health Benefits of Punarnava Kadha in Hindi

आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटी मौजूद होती हैं, जो हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकती हैं। इन्हीं में से एक है पुनर्नवा। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका पौधा बरसात के मौसम में जीवित रहता है और गर्मियों में सूख जाता है। इसमें मौजूद कई गुणों के कारण इसका नाम पुनर्नवा रखा गया है। कई लोग इसका इस्तेमाल अपने खाने में भी करते हैं। खासतौर पर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इसका इस्तेमाल मसालों के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसका काढ़ा भी बनाकर पिया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। चलिए जानते हैं पुनर्नवा काढ़ा (Health benefits of Punarnava Kadha) बनाने की विधि और इसके फायदे? कैसे बनाएं पुनर्नवा काढ़ा (How to Make Punarnava Kadha) सबसे पहले पुनर्नवा की 30 से 40 पत्तियां लें। अब एक पैन में 1 गिलास गर्म पानी चढ़ाएं। इसमें पुनर्नवा की पत्तियों को डालें और अच्छे से उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर पी जाएं। इसके अलावा आप पुनर्नवा की पत्तियों को सूखाकर इसका पाउडर तैयार करके रख सकती हैं। जरूरत पढ़ने पर इसके पाउडर को पानी में मिक्स करके भी पिया जा सकता बै। लेकिन ध्यान रहे कि किसी आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाहनुसार की इसका सेवन करें। बिना डॉक्टरी सलाह के इसका सेवन करने से बचें। क्योंकि यह आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। पुनर्नवा काढ़ा पीने के फायदे (Health Benefits of Punarnava Kadha) डायबिटीज को करे कंट्रोल पुनर्नवा की पत्तियों में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होता है, जो आपके दिल की बीमारी को करे दूर दिल से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप पुनर्नवा का काढ़ा पी सकते हैं, इससे आपको कई सकारात्मक लाभ म...

दिव्य लिथोम टेबलेट के फायदे और सेवन विधि

• किडनी स्टोन में लाभकारी • पेशाब में जलन होना • क्रॉनिक किडनी रोग • • और किडनी से संबंधित कोई अन्य समस्या यह भी पढ़ें : किडनी स्टोन में लाभकारी– किडनी में स्टोन मिनरल और नमक के मेल से बनता है इसका आकार कंकड़ जैसा होता है जिसकी वजह से हमें कई तरह की समस्याएं बनती है जैसे की पेशाब करते समय दर्द होना मूत्र में खून का आना या थोड़ा-थोड़ा करके पेशाब आना । किडनी स्टोन के लिए पतंजलि की दिव्य लिथोम टेबलेट अत्यंत लाभकारी है। पेशाब में जलन होना– किडनी स्टोन की वजह से यह समस्या उत्पन्न होती है और कई बार तो पेशाब में असामान्य गंदगी आती है और पेशाब के द्वारा खून की समस्या भी बनती है इसके लिए यह मेडिसिन कारगर है। क्रॉनिक किडनी रोग– धीरे-धीरे गुर्दे की कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है तो उसे क्रॉनिक किडनी रोग कहा जाता है इसमें लास्ट में किडनी काम करना बंद कर देती है इसे क्रॉनिक किडनी फैलियर भी कहा जाता है इसके लिए लिथोम टैबलेट एक कारगर औषधि है। ग्लौमेरुलोनेफ्राइटिस– किडनी में सूजन कि जो समस्या बनती है उसको ग्लौमेरुलोनेफ्राइटिस कहते हैं इसकी शुरुआत धीरे-धीरे होती है और बाद में यह बड़ा रूप ले लेती है। • गोखरु ( Gokharu ) • पाषाणभेद ( Pashanbhed ) • पुनर्नवा ( Punarnava ) • आदि लिथोम टेबलेट कीमत Price of lithom tablet – यह 60 टैबलेट का पैक 300 रूपए का आता हैं । 60 टैबलेट यानी कि 35 ग्राम। सेवन विधी – Method of use lithom tablet – खाना खाने के बाद 2-2 टैबलेट हल्के गर्म पानी से सुबह ओर शाम को इस्तेमाल करे। नुकसान और साइड इफेक्ट्स Side effects of Patanjali lithom tablet – यह एक आयुर्वेदिक दवा हैं जिसके साइड इफेक्ट बहुत कम या फ़िर ना के बराबर ही होते हैं। इसके साइड इफेक्ट के बारे मैं अभी तक क...

पुनर्नवा (Punarnava) — Herbal Arcade

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • पुनर्नवा क्या है? (Punarnava kya hai?) प्रकति की गोद में ऐसी जड़ी बूटियां और औषधियां है जो हमारे जीवन को स्वस्थ बनाने में मदद करती है| प्राचीन काल से ही उतम स्वास्थ्य के लिए देशी जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जा रहा है| इनमे से पुनर्नवा भी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो हमारे सेहत में सुधार कर आयु बढ़ाने में मदद करती है| इसका पौधा बरसात के महीनों में उष्णकटिबंधीय प्रदेशो में पाया जाता है| यह भारत में सभी स्थानों पर आसानी से मिल जाता है| भारत के कुछ क्षेत्रो में इसे भोजन पकाने में भी इस्तेमाल किया जाता है और क्या आपको पता है की यह सबसे अधिक आपके लीवर को एक दम स्वस्थ रखने में मदद करता है, या कहे तो यह लीवर को पुनः जीवित करने के लिए वरदान है| पुनर्नवा एक ऐसी औषधि है जो कई प्रकार के रोगों को शरीर से दूर रखने और उनके उपचार में भी मदद करती है| इसका सेवन करने वाले लोग गंभीर बीमारियों के चपेट में आने से भी बचते हैं| आमतौर पर जड़ी-बूटी के रूप में पाया जाता है लेकिन इसे टेबलेट और पाउडर के रूप में सबसे ज्यादा लोगों के द्वारा खरीदा जाता है| इस कारण इसका सेवन करने में काफी मदद मिलती है और लोग इससे लाभदायक परिणाम भी प्राप्त करते हैं| आइये इसके फायदों के बारे में विस्तार से जानते है| बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Punarnava ki akriti) पुनर्नवा का बहुवर्षायु शाक भारतवर्ष में वर्षा ऋतु में सब जगह उत्पन्न होता है| इसकी दो जातियां लाल और सफेद पाई जाती हैं| इसका पौधा जमीन पर फैलने वाला होता है| इसका तना बैंगनी रंग का होता है| इसके पत्ते विपरीत दिशा मे फैले हुए लचीले व हरे रंग के होते है| प्रत्येक पत्ता दो प...

पुनर्नवा के फायदे और इसके दुष्प्रभाव

पुनर्नवा का उपयोग प्राचीन काल से चिकित्सा में किया गया है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेष रूप से लोकप्रिय है। यह संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह लीवर के लिए बेहद अच्छा है और इसमें संक्रमण को होने से रोकता है। यह एक मूत्रवर्धक है और गुर्दे में पथरी को होने से रोक सकता है। यह गठिया और मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा है। यह मूत्र पथ के संक्रमण, भारी मासिक धर्म, फाइब्रॉएड और महिलाओं में थक्के का इलाज करता है। यह मोटापे से लड़ता है और दिल की विफलता को होने से रोकता है। यह आंखों और पाचन के लिए अच्छा है, और एक रेचक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। यह नपुंसकता और स्तंभन दोष को भी ठीक करता है। यह कुछ प्रकार के कैंसर में भी मदद करता है। पुनर्नवा पुनर्नवा, वैज्ञानिक रूप से बोएरहविया डिफ्यूसा के रूप में जाना जाता है, इसका उपयोग कई स्वास्थ्य लाभों के कारण आयुर्वेद में किया जाता है । इसे टारविन, रेड स्पाइडरलिंग, हॉर्स पर्सलेन, रेड हॉगवीड और स्प्रेडिंग हॉगवेड के नाम से भी जाना जाता है। पुर्नवाव शब्द किसी ऐसी चीज़ में तब्दील होता है जो शरीर को पुनर्जीवित करती है और युवाओं को वापस लाती है। यह प्राचीन काल में भारत में इस्तेमाल किया गया है और अत्यधिक प्रभावी है। उपचार के लिए, पौधे के पत्ते, हवाई भाग और जड़ सभी का उपयोग किया जाता है। पौधे की पत्तियों को आमतौर पर भारत के कई हिस्सों में सब्जियों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। पौधे में छोटे बैंगनी, सफेद, कैनाइन या गुलाबी फूल होते हैं, जो चारों तरफ उगते हैं। इस पौधे की दो मुख्य किस्में हैं, लाल और सफेद, और दोनों का उपयोग उनके औषधीय लाभों के लिए किया जाता है। पुनर्नवा में उच्च पोषण सामग्री होती है, यही वजह है कि यह अपने स्वास्थ्य ...

Zandu Punarnava Benefits In Hindi: झंडू पुनर्नवा के फायदे, उपयोग और नुकसान

Zandu Punarnava Benefits In Hindi: दोस्तों पुनर्नवा एक ऐसी औषधि है जो शरीर से कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखने के इलाज में मदद करती है। इसका सेवन करने वाले लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से भी बचते हैं। आपको बता दें इस हर्बल जड़ी-बूटी का स्तेमाल आमतौर पर टेबलेट और पाउडर के रूप में अधिक किया जाता है। ऐसे में आज हम आपके लिए प्यौर पुनर्नवा जड़ी बूटियों से तैयार Zandu Punarnava कैप्सूल के फायदे लेकर आए हैं। दोस्तों आपको बता दें कि पुनर्नवा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो भूख बढ़ाने के साथ-साथ हमारी सेहत को बेहतर बनाकर हमारे स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करती है। इसका पौधा अधिकांश उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में वर्षा के महीनों में उगता है। पुनर्नवा का उपयोग भारत के कुछ हिस्सों जैसे पश्चिम बंगाल और असम में खाना पकाने में भी किया जाता है। आपको बता दें कि Zandu Punarnava कैप्सूल एक ओवर-द-काउंटर मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जिसे Emami Limited कंपनी ने प्राकृतिक पुनर्नवा अर्क के साथ तैयार किया है। आपको बता दें कि पुनर्नवा में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो सेहत को बेहतर बनाने और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार पुनर्नवा गुर्दे की पथरी, पीलिया, मधुमेह, वजन घटाने और कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक करने में कारगर है। तो आइए नीचे झंडू पुनर्नवा के फायदों (Zandu Punarnava Benefits In Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं। आपको बता दें कि पुनर्नवा में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो दिल के सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं। ऐसे में हृदय रोग के लिए या स्वस्थ रहने के लिए Zandu Punarnava कैप्सूल लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आपको बता दें कि पुनर्नवा...

पुनर्नवादि मंडूर के फायदे, घटक द्रव्य,उपयोग विधि और नुकसान – MyBapuji

पुनर्नवादि मंडूर : Punarnavadi Mandoor in Hindi पुनर्नवादि मंडूर एक आयुर्वेदिक दवा है । इस औषधि का उपयोग एनीमिया, फ़ेथिसिस, हेपेटाइटिस, पीलिया, पेट में गड़बड़ी, बवासीर, क्रोनिक कोलाइटिस, गाउट, हाइपरिकेसिमिया, त्वचा रोगों और कृमि संक्रमण जैसे रोगों के उपचार मे किया जाता है । पुनर्नवादि मंडूर में मौजूद प्राकृतिक जड़ी बूटियों को विशेष रूप से गुर्दे की बीमारी के लिए उत्कृष्ट परिणाम देने के लिए जाना जाता है। यह गुर्दे की समस्याओं के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार में से एक है। पुनर्नवादि मंडूर के घटक द्रव्य व निर्माण विधि : पुनर्नवा (साँठी की जड़), निसोत, सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, बायविडंग, देवदारू, कूठ, हल्दी, चित्रकमूल, हरड़, बहेड़ा, आंवला, दंतीमूल, चव्य, इन्द्रजव, कुटकी, पीपलामूल, मोथा, काकड़ासींगी, कालाजीरा, अजवायन और कायफल ये सब औषधियां समभाग लेकर चूर्ण करें। फिर चूर्ण से दूनी मण्डूर भस्म को अठगुने गोमूत्र में पकावें । गोमूत्र चतुर्थांश शेष रहने पर औषधियों का चूर्ण मिलाकर पकावें। जब गोली बांधने लायक हो जाय, तब उतार घोटकर मटर के समान गोलियां बना लें। मूलग्रन्थ में गुड़ मिलाने को लिखा है; हमने सुविधा के लिये अनुपान रूप में मिला लिया है।(भा.प्र.) उपलब्धता: यह योग प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं द्वारा बनाया हुआ आयुर्वेदिक दवा की दुकान पर मिलता है। आवश्यकता पड़ने पर इसे बाजार से खरीद कर सेवन करना चाहिए। मात्रा और सेवन विधि : २ से ४ गोली, दिन में २ बार थोड़े गुड़ के साथ दें। ऊपर मट्ठा अथवा जल पिलावें। आमप्रधान कब्जवाले रोगी को हरड़ का चूर्ण मिलाकर देना चाहिये। यदि उसमें योगराज गूगल मिला दें तो सत्वर लाभ पहुँचता है। पुनर्नवादि मंडूर के उपयोग व फायदे : Benefits of Punarnavadi Ma...