पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा

  1. Alankar अलंकार की परिभाषा, 3 भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  2. वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, और उदाहरण
  3. अलंकार
  4. अलंकार किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद तथा प्रकार)
  5. रूपक अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  6. Alankar in Hindi


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Alankar अलंकार की परिभाषा, 3 भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी

Alankar in Hindi परिभाषा: अलंकारकहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात् भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनानेवाले चमत्कारपूर्ण मनोरंजक ढंग कोअलंकारकहते है। “अलंकरोति इति अलंकारः“- जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है। भारतीय साहित्य में अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- अलम + कार, यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण। मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवृत्ति ने ही नए अलंकारों को जन्म दिया गया है। अलंकार, कविता-कामिनी के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। भूषण बिना न सोहई – कविता, बनिता मित्त अलंकार के भेद अलंकार को व्याकरण शास्त्रियों ने उनके गुणों के आधार पर तीन भी किया हैं– शब्दालंकार, अर्थालंकारऔर उभयालंकार। हमारे पाठ्यक्रम में शब्दालंकारऔर अर्थालंकारतथा उनके उपभेदों का अध्ययन किया जाता है। शब्दालंकार (Shabd Alankar) जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार समाप्त हो जाये वहाँ शब्द अलंकार (Shabd Alankar -शब्दालंकार) होता है। शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार, शब्द के दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ, ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टी होती है। जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द के रख देने से उस शब्द का अस्तित्व न रहे उसे शब्दालंकार कहते हैं। शब्दालंकार के भेद • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • पुनरुक्ति अलंकार • विप्सा अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार • श्लेष अलंकार अनुप्रास अलंकार अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु + प्रास, यहाँ पर अनु का अर्थ है- बार -बार और प्रास का अर्थ...

वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, और उदाहरण

प्रस्तुत लेख में वीप्सा अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण, इसकी पहचान कैसे करें आदि जानकारी उपस्थित है। यह लेख अलंकार की जानकारी के साथ-साथ वीप्सा अलंकार की समस्त जानकारी देने में कारगर है। इस लेख का अध्ययन आप सभी प्रकार की परीक्षाओं जिनमें अलंकार के प्रश्न पूछे जाते हैं के लिए कर सकते हैं। शब्दों की बार-बार आवृत्ति के कारण इस अलंकार की उत्पत्ति हुई है। जैसा कि हम जानते हैं अलंकार का कार्य काव्य की शोभा को बढ़ाना होता है। यह काव्य में प्रयुक्त होकर काव्य की शोभा के साथ चमत्कार उत्पन्न करने की क्षमता भी रखते हैं। अलंकार को काव्य का आभूषण भी माना जाता है। वीप्सा अलंकार परिभाषा:- जहां आदर,घृणा,हर्ष,शोक,विस्मय आदि भावों को प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने के लिए किसी शब्द की आवृत्ति होती है,वहां वीप्सा अलंकार होता है। जैसे – हा! हा! इन्हें रोकन कौं टोक न लगावौ तुम विसद-विवेक ज्ञान गौरव-दुलार हौ। । इस उदाहरण में ‘ हा!‘ शब्द की आवृत्ति द्वारा गोपियों के विरह की तीव्रता को प्रकट किया गया है ,अतः यहां विपदा अलंकार है। वीप्सा का अर्थ जहां शब्द की बार-बार आवृत्ति हो किंतु उसकी अर्थ भिन्नता ना हो वहां वीप्सा माना जाता है। वीप्सा का अर्थ की आवृत्ति। वीप्सा अलंकार के उदहारण 1 कातर दिति करि चौदसि हेरि-हेरि। 2 मेरी करुणा हा-हा खाती। 3 जांति पाँति हमतैं बड़ नाहीं ,नाहिंन बसत तुम्हारी छैयाँ। । 4 सुलगि सुलगि दगधै भै छारा। 5 हहलि हहलि अधिका हिय काँपे। यह भी पढ़ें व्याकरण विशेषण की परिभाषा, भेद, तथा उदाहरण निष्कर्ष – उपरोक्त अध्ययन में हमने पाया कि वीप्सा अलंकार के अंतर्गत शब्दों की बार-बार आवृत्ति होती है, जिसका मुख्य कारण वाक्य में प्रयोग होकर उसकी तीव्रता आदि को व्यक्त करना होता है। विप्सा का अर्...

अलंकार

अलंकार (Figure of Speech) परिभाषा: अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘आभूषण’, जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं काव्यशरीर, अर्थात् भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनानेवाले चमत्कारपूर्ण मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है। “ अलंकरोति इति अलंकारः“- जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है। भारतीय साहित्य में अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- अलम + कार, यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण। मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवृत्ति ने ही नए अलंकारों को जन्म दिया गया है। अलंकार, कविता-कामिनी के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। भूषण बिना न सोहई – कविता, बनिता मित्त संस्कृत व्याकरण अलंकार देखे– संस्कृत अलंकार अलंकार के भेद अलंकार को व्याकरण शास्त्रियों ने उनके गुणों के आधार पर तीन भी किया हैं – शब्दालंकार, अर्थालंकार और उभयालंकार। हमारे पाठ्यक्रम में शब्दालंकार और अर्थालंकार तथा उनके उपभेदों का अध्ययन किया जाता है। शब्दालंकार (Shabd Alankar) जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार समाप्त हो जाये वहाँ शब्द अलंकार (Shabd Alankar -शब्दालंकार) होता है। शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार, शब्द के दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ, ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टी होती है। जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द के रख देने से उस शब्द का अस्तित्व न रहे उसे शब्दालंकार कहते हैं। शब्दालंकार के भेद • ...

अलंकार किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद तथा प्रकार)

Image: Alankar Kise Kahate Hain अलंकार (Alankar): अलंकार का शाब्दिक अर्थ है, जिस तरह स्त्री की शोभा उसकी गहने और आभूषण होते हैं और इसी प्रकार प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। अर्थात किसी भी तरह की वस्तु को जो अलंकृत करता है। वह अलंकार कहलाता है। कामशास्त्र के आचार्य की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा है। काव्य की शोभा को बढ़ाने वाले शब्दों को ही अलंकार कहा जाता है। संक्षेप में काव्यशरीर, अर्थात भाषा को शब्दार्थ के द्वारा सुसज्जित और सुंदर बनाने वाले चमत्कार पूर्ण मनोरंजन शब्द को ही अलंकार कहते हैं। “अलंकरोति इति अलंकारः” जो भी शब्द अलंकृत करता है, उसे अलंकार कहते हैं। भारतीय साहित्य में उपमा रूपक, अनुप्रास, अनन्वय, यमक, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतियोक्ति आदि प्रमुख अलंकार है। अलंकार किसी दो शब्द से मिलकर बना है, जो अलम और कार अर्थात अलम+कार के संधि से बना है। यहां आलम का अर्थ है कि आभूषण। हमारे समाज में बहुत ही सौंदर्य फूल वस्तु है, जिनकी अलंकृत होने से अलंकारों को जन्म दिया है। अलंकार कविता कामिनी के सौंदर्य को और भी बढ़ाने वाले तत्व है। उदाहरण: कविता – भूषण बिना न सोहई (बनिता मित्त) विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार क्या है? अलंकार शब्द सौंदर्य और अलंकरण का पर्याय कहलाता है। इसका मतलब है, जिस शब्द के द्वारा किसी वस्तु व्यक्ति अर्थात पदार्थ को अलंकृत करता है, उसे अलंकार कहते हैं। अलंकार के प्रकार अलंकार को तीन भागों में बांटा गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्द अलंकार किसे कहते हैं (Shabd Alankar Kise Kahate Hain) ऐसे शब्द जो काव्य में चमत्कार केवल शब्द पर ही आश्रित रहते हैं। अर्थात जब शब्दों के बदलने पर चमत्कार नष्ट हो जाता है या कम हो जाता है...

रूपक अलंकार की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप रूपक अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने चलिए आज हम रूपक अलंकार की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। रूपक अलंकार किसे कहते हैं जिस अथार्त जहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच के अंतर को समाप्त करके उसे एक कर दिया जाता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। बीती विभावरी जागरी अम्बर-पनघट में डुबा रही, तारघट उषा – नागरी। 2. अधिक रूपक अलंकार जिस रूपक अलंकार में उपमेय में उपमान की तुलना में कुछ न्यूनता का बोध होता है वहाँ पर अधिक रूपक अलंकार होता है। 3. न्यून रूपक अलंकार जिस रूपक अलंकार में उपमान की तुलना में उपमेय को न्यून दिखाया जाता है वहाँ पर न्यून रूपक अलंकार होता है। जैसे :- जनम सिन्धु विष बन्धु पुनि, दीन मलिन सकलंक सिय मुख समता पावकिमि चन्द्र बापुरो रंक।।

Alankar in Hindi

- Advertisement - प्रिय विद्यार्थियों आज के इस लेख में हम आपको काव्य की शोभा अर्थात अलंकारों की महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे. अलंकार क्या है, अलंकार कितने प्रकार के होते हैं, अलंकार के कितने भेद होते हैं? (what is Alankar in Hindi, types of Alankar in Hindi, Examples of Alankar in Hindi) इन सभी प्रश्नों का उत्तर इस लेख को पढ़ने के पश्चात आपको मिल जाएगा. Sandeh alankar in Hindi (संदेह अलंकार) Alankar in Hindi by multi-knowledge.com What is Alankar in Hindi ( अलंकार क्या है) “काव्यशोभाकरान् धर्मानलंकारान् प्रत्यक्षते” काव्य की शोभा बढाने वाले शब्दों को अलंकार का शाब्दिक अर्थ “ आभूषण” होता है. जिस प्रकार किसी स्त्री या पुरुष की शोभा या सुंदरता को बढ़ाने के लिए आभूषण का प्रयोग होता है उसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने के लिए अलंकार का प्रयोग होता है. दूसरे शब्दों में “किसी बात को ऐसे ढंग से प्रस्तुत करना कि जिससे शब्द या अर्थ अथवा दोनों से चमत्कार उत्पन्न हो जाये तथा काव्य का सौन्दर्य बढ जाये, काव्य की शोभा बढाने वाले इन धर्मों को ही “अलंकार” कहते हैं”। Part of Alankar in Hindi (अलंकार के भेद ) मुख्य रुप से अलंकार तीन प्रकार के होते हैं – 1.शव्द अलंकार 2.अर्थालंकार 3.उभया अलंकार । 1.शव्दालंकार – जो अलंकार शव्दों के व्दारा चमत्कार उत्पन्न कर काव्य की शोभा बढाते हैं, शब्दालंकार (Shabdalankar in Hindi) कहलाते हैं। 1.अनुप्रास अलंकार (anupras Alankar) 2.यमक अलंकार (yamak Alankar) 3.पुनरुक्ति अलंकार (punarukti Alankar) 4.विप्सा अलंकार (vipsa Alankar) 5.वक्रोक्ति अलंकार (vakrokti Alankar) 6.शलेष अलंकार(slesh Alankar) 2.अर्थालंकार- जो अलंकार अर्थ के व्दारा चमत्कार उत्पन्न कर काव्य ...