पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

  1. HBSE 12th Class Hindi Vyakaran अलंकार – Haryana Board Solutions
  2. अलंकार : परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  3. अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार » Hindikeguru
  4. NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz II Hindi Chapter 2
  5. अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  6. Alankar in Hindi अलंकार
  7. अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  8. Alankar in Hindi अलंकार
  9. Alankar in Hindi
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HBSE 12th Class Hindi Vyakaran अलंकार – Haryana Board Solutions

Haryana State Board Haryana Board 12th Class Hindi Vyakaran अलंकार अलंकार प्रश्न 1. अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। उत्तर: अलंकार शब्द का अर्थ है-आभूषण या गहना। जिस प्रकार स्त्री के सौंदर्य-वृद्धि में आभूषण सहायक होते हैं, उसी प्रकार काव्य में प्रयुक्त होने वाले अलंकार शब्दों एवं अर्थों में चमत्कार उत्पन्न करके काव्य-सौंदर्य में वृद्धि करते हैं; जैसे- “खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा। किसलय का आँचल डोल रहा।” साहित्य में अलंकारों का विशेष महत्त्व है। अलंकार प्रयोग से कविता सज-धजकर सुंदर लगती है। अलंकारों का प्रयोग गद्य और पद्य दोनों में होता है। अलंकारों का प्रयोग सहज एवं स्वाभाविक रूप में होना चाहिए। अलंकारों को जान-बूझकर लादना नहीं चाहिए। प्रश्न 2. अलंकार के कितने भेद होते हैं ? सबका एक-एक उदाहरण दीजिए। उत्तर: साहित्य में शब्द और अर्थ दोनों का महत्त्व होता है। कहीं शब्द-प्रयोग से तो कहीं अर्थ-प्रयोग के चमत्कार से और कहीं-कहीं दोनों के एक साथ प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में वृद्धि होती है। इस आधार पर अलंकार के तीन भेद माने जाते हैं- 1. शब्दालंकार, 2. अर्थालंकार, 3. उभयालंकार। 1. शब्दालंकार-जहाँ शब्दों के प्रयोग से काव्य-सौंदर्य में वृद्धि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है; जैसे. “चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।” 2. अर्थालंकार-जहाँ शब्दों के अर्थों के कारण काव्य में चमत्कार एवं सौंदर्य उत्पन्न हो, वहाँ अर्थालंकार होता है; जैसे “चरण-कमल बंदौं हरि राई।” 3. उभयालंकार-जिन अलंकारों का चमत्कार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित होता है, उन्हें उभयालंकार कहते हैं; जैसे “नर की अरु नल-नीर की, गति एकै कर जोइ। जेतौ नीचौ है चले, तेतौ ऊँचौ होइ ॥” प्रमुख अलंकार- 1. अनुप...

अलंकार : परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

अलंकार– Alankar in Hindi Grammar अलंकरोतिइतिअलंकार: –यहअलंकारकीव्युत्पत्तिहै।जैसेस्वर्णाभूषणनारीशरीरकासौंदर्यबढ़ातेहैंवैसेहीकाव्यकेशरीरभूतशब्दएवंअर्थकोउपमाआदिअलंकारसुशोभितकरतेहैं।संस्कृतकेसभीआचार्योंनेशब्दऔरअर्थकोकाव्यकाशरीरमानाहै। अलंकाररहितकाव्यकीकल्पना, उष्णतारहितअगिनकीकल्पनाकेसमानहीउपहासयोग्यहै।इसभावाभिव्यक्तिकोचंद्रालोकमेंजयदेवनेलिखा– अंगीकरोतियःकाव्यंशब्दार्थानवलंकृति। असौनमन्यतेकस्मातअनुष्णमनलंकृति।। अलंकारशब्दकाशाब्दिकअर्थहोताहै‘ आभूषण‘यागहने, लेकिनशब्दनिर्माणकेआधारपरअलंकारशब्द‘अलम्’और‘कार’दोशब्दोंकेयोगसेबनाहै।‘अलम्’काअर्थहै‘शोभा’तथा‘कार’काअर्थहै‘करनेवाला’। अलंकारकालक्षण– (क.) कथनकेचमत्कारपूर्णप्रकारोंकोअलंकारकहतेहैं। (ख.) शब्दऔरअर्थकावैचित्र्यअलंकारहै। (ग.) काव्यकीशोभाबढ़ानेवालाधर्मोंकोअलंकारकहतेहैं। (घ.) काव्यकीशोभाकीवृद्धिकरनेवालाशब्दार्थकेअस्थिरधर्मोंकोअलंकारकहतेहैं। अलंकारकीउपयोगिता– अलंकारोंकीसहायतासेकाव्यकीरोचकताबढ़जातीहै, अलंकारोंकीसहायतासेवर्णविषयस्पष्टएवंसुबोधहोजाताहै।अलंकारोंकाआवश्यकतानुसारउचितऔरस्वभाविकप्रयोगहीकाव्यकीशोभामेंवृद्धिकरताहै।अनावश्यकअलंकारोंकाआधिक्यशोभाबढ़ानेकीजगहकाव्यकेसौन्दर्यकोकमकरदेताहै। अलंकारकेभेदयाप्रकार–Alankar Ke Bhed Ya Prakar in Hindi शब्दऔरअर्थकोप्रायःसभीआचार्योंनेकाव्यकाशरीरमाना।काव्यमें तीनप्रकारकेअलंकारमानेगये– 1 . शब्दालंकार–काव्यमेंजबचमत्कारप्रधानतः शब्दालंकारकेभेद– 1. अनुप्रास, 2. विप्सा, 3. पुनरुक्तिप्रकाश, 4. यमक, 5. श्लेष, 6. वक्रोक्ति, 7. पुरुक्तवदाभास। 2 . अर्थालंकार–काव्यमेंजहाँअलंकारसौंदर्यअर्थमेंनिहितहो, वहाँअर्थालंकारप्रयुक्तहोताहै।इनअलंकारोंसेकाव्यमेंप्रयुक्तकिसीशब्दकेस्थानपरउसकासमानार्थीशब्दरखनेपरभीचमत्कारबनारहताह...

अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार » Hindikeguru

4 ३. उभयालंकार :- अलंकार किसे कहते हैं (alankar kise kahate Hain) अलंकार का अर्थ है गहना या आभूषण । काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले शब्द को अलंकार कहते हैं कामशास्त्र के आचार्य की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा “काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।” जो काव्या यह साहित्य को सुसज्जित तथा मनमोहक बनाने के काम आते हैं जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं ठीक उसी प्रकार अलंकर साहित्य यहां काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं या सुंदर तथा रोचक बनाते हैं। अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार अलंकार क्या है (alankar kya hai) १. शब्दालंकार (Shabdalankar Hindi me):- जहां काव्य में चमत्कार केवल शब्द पर ही आश्रित होता है अर्थ अर्थ शब्दों के बदलने पर जहां चमत्कार नष्ट हो जाता है या कम हो जाता है वही शब्द अलंकार होता है शब्दालंकर के मुख्य तीन भागों में बांटा गया है- i. अनुप्रास अलंकार ii. यमक अलंकार iii. श्लेष अलंकार इसके अलावे शब्दालंकार के और चार भेद होते हैं- iv. पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार v. पुनरुक्तावदाभास अलंकार vi. वीप्सा अलंकार vii वक्रोक्ति अलंकार i. अनुप्रास अलंकार (anupras alankar Hindi mein) :- किसी वाक्य या छंद एक ही वर्ण जब बार-बार आए या अनेक बार आए तो वर्णों की इस आवृत्ति को अनुप्रास अलंकार कहते हैं; जैसे – “वामन में बागन में बगरयो बसन्त है।” यहां पर ब, न, वर्णों की बार-बार आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है। ii. यमक अलंकार (yamak alankar Hindi mein):- यमक अलंकार वह अलंकार होता है जिसमें एक ही शब्द बार-बार प्रयोग किया जाता है लेकिन उन शब्दों का अर्थ अलग-अलग निकलता है उसे ही यमक अलंकार कहते हैं; जैसे “जीवन दायक है धन सम जीवन जीवन में धनश्याम।” यहां पर थम जीवन...

NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz II Hindi Chapter 2

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अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है किआभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है-अलम + कार। जिस प्रकार स्त्री की शोभाआभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है। Alankar के बारे में विस्तार से जानने के लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार किसे कहते हैं? Alankar किसी काव्यांश-वाक्यांश की सुंदरता को बढ़ाने वाले शब्द होते हैं जैसे अपने शब्दों के माध्यम से किसी की सुंदरता को चांद की उपाधि देना यह बिना अलंकार के संभव नहीं है। भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित और सुंदर बनाने का काम Alankar का ही है। अलंकरोति इति अलंकार भारतीय साहित्य के अंदर जिन शब्दों के द्वारा किसी वाक्य को सजाया जाता है उन्हें Alankar कहते हैं। • अनुप्रास • उपमा • रूपक • यमक • श्लेष • उत्प्रेक्षा • संदेह • अतिशयोक्ति आदि ये भी पढ़ें : क्लॉज़िज़ अलंकार के भेद Alankar को व्याकरण के अंदर उनके गुणों के आधार पर तीन हिस्सों में बांटा गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्दालंकार अलंकार शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार , जिसके दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ। जब Alankar किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। अर्थात जिस Alankar में शब्दों का प्रयोग करने से कोई चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार कहीं गायब हो जाता है तो, ऐसी प्रक्रिया को शब्दालंकार कहा जाता है। शब्दालंकार के भेद शब्द ...

Alankar in Hindi अलंकार

Learn Alankar in Hindi (अलंकार इन हिंदी) Alankar Ki Paribhasha, Bhed, Udaharan(Examples) & Types in Hindi Grammar अलंकार (Figure of Speech) अलंकार की परिभाषा काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को अलंकार कहते हैं। अलंकार के चार भेद हैं- • शब्दालंकार, • अर्थालंकार, • उभयालंकार और • पाश्चात्य अलंकार। अलंकार का विवेचन शब्दालंकार काव्य में शब्दगत चमत्कार को शब्दालंकार कहते हैं। शब्दालंकार मुख्य रुप से सात हैं, जो निम्न प्रकार हैं-अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश, पुनरुक्तिवदाभास और वीप्सा आदि। 1. अनुप्रास अलंकार एक या अनेक वर्गों की पास-पास तथा क्रमानुसार आवृत्ति को ‘अनुप्रास अलंकार’ कहते हैं। इसके पाँच भेद हैं- (i) छेकानुप्रास जहाँ एक या अनेक वर्णों की एक ही क्रम में एक बार आवृत्ति हो वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है; जैसे- “इस करुणा कलित हृदय में, अब विकल रागिनी बजती” यहाँ करुणा कलित में छेकानुप्रास है। (ii) वृत्यानुप्रास काव्य में पाँच वृत्तियाँ होती हैं-मधुरा, ललिता, प्रौढ़ा, परुषा और भद्रा। कुछ विद्वानों ने तीन वृत्तियों को ही मान्यता दी है-उपनागरिका, परुषा और कोमला। इन वृत्तियों के अनुकूल वर्ण साम्य को वृत्यानुप्रास कहते हैं; जैसे- ‘कंकन, किंकिनि, नूपुर, धुनि, सुनि’ यहाँ पर ‘न’ की आवृत्ति पाँच बार हुई है और कोमला या मधुरा वृत्ति का पोषण हुआ है। अत: यहाँ वृत्यानुप्रास है। (iii) श्रुत्यनुप्रास जहाँ एक ही उच्चारण स्थान से बोले जाने वाले वर्षों की आवृत्ति होती है, वहाँ श्रुत्यनुप्रास अलंकार होता है; जैसे- तुलसीदास सीदति निसिदिन देखत तुम्हार निठुराई’ यहाँ ‘त’, ‘द’, ‘स’, ‘न’ एक ही उच्चारण स्थान (दन्त्य) से उच्चरित होने। वाले वर्षों की कई बार आवृत्ति हुई है, अत: य...

अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है किआभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है-अलम + कार। जिस प्रकार स्त्री की शोभाआभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है। Alankar के बारे में विस्तार से जानने के लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • अलंकार किसे कहते हैं? Alankar किसी काव्यांश-वाक्यांश की सुंदरता को बढ़ाने वाले शब्द होते हैं जैसे अपने शब्दों के माध्यम से किसी की सुंदरता को चांद की उपाधि देना यह बिना अलंकार के संभव नहीं है। भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित और सुंदर बनाने का काम Alankar का ही है। अलंकरोति इति अलंकार भारतीय साहित्य के अंदर जिन शब्दों के द्वारा किसी वाक्य को सजाया जाता है उन्हें Alankar कहते हैं। • अनुप्रास • उपमा • रूपक • यमक • श्लेष • उत्प्रेक्षा • संदेह • अतिशयोक्ति आदि ये भी पढ़ें : क्लॉज़िज़ अलंकार के भेद Alankar को व्याकरण के अंदर उनके गुणों के आधार पर तीन हिस्सों में बांटा गया है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार शब्दालंकार अलंकार शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार , जिसके दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ। जब Alankar किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। अर्थात जिस Alankar में शब्दों का प्रयोग करने से कोई चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार कहीं गायब हो जाता है तो, ऐसी प्रक्रिया को शब्दालंकार कहा जाता है। शब्दालंकार के भेद शब्द ...

Alankar in Hindi अलंकार

Learn Alankar in Hindi (अलंकार इन हिंदी) Alankar Ki Paribhasha, Bhed, Udaharan(Examples) & Types in Hindi Grammar अलंकार (Figure of Speech) अलंकार की परिभाषा काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को अलंकार कहते हैं। अलंकार के चार भेद हैं- • शब्दालंकार, • अर्थालंकार, • उभयालंकार और • पाश्चात्य अलंकार। अलंकार का विवेचन शब्दालंकार काव्य में शब्दगत चमत्कार को शब्दालंकार कहते हैं। शब्दालंकार मुख्य रुप से सात हैं, जो निम्न प्रकार हैं-अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, पुनरुक्तिप्रकाश, पुनरुक्तिवदाभास और वीप्सा आदि। 1. अनुप्रास अलंकार एक या अनेक वर्गों की पास-पास तथा क्रमानुसार आवृत्ति को ‘अनुप्रास अलंकार’ कहते हैं। इसके पाँच भेद हैं- (i) छेकानुप्रास जहाँ एक या अनेक वर्णों की एक ही क्रम में एक बार आवृत्ति हो वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है; जैसे- “इस करुणा कलित हृदय में, अब विकल रागिनी बजती” यहाँ करुणा कलित में छेकानुप्रास है। (ii) वृत्यानुप्रास काव्य में पाँच वृत्तियाँ होती हैं-मधुरा, ललिता, प्रौढ़ा, परुषा और भद्रा। कुछ विद्वानों ने तीन वृत्तियों को ही मान्यता दी है-उपनागरिका, परुषा और कोमला। इन वृत्तियों के अनुकूल वर्ण साम्य को वृत्यानुप्रास कहते हैं; जैसे- ‘कंकन, किंकिनि, नूपुर, धुनि, सुनि’ यहाँ पर ‘न’ की आवृत्ति पाँच बार हुई है और कोमला या मधुरा वृत्ति का पोषण हुआ है। अत: यहाँ वृत्यानुप्रास है। (iii) श्रुत्यनुप्रास जहाँ एक ही उच्चारण स्थान से बोले जाने वाले वर्षों की आवृत्ति होती है, वहाँ श्रुत्यनुप्रास अलंकार होता है; जैसे- तुलसीदास सीदति निसिदिन देखत तुम्हार निठुराई’ यहाँ ‘त’, ‘द’, ‘स’, ‘न’ एक ही उच्चारण स्थान (दन्त्य) से उच्चरित होने। वाले वर्षों की कई बार आवृत्ति हुई है, अत: य...

Alankar in Hindi

4 Shares आज की पोस्ट में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत अलंकार सम्पूर्ण परिचय(Alankar in Hindi) पढेंगे ,इसके अंतर्गत हम अलंकार की परिभाषा (Alankar ki Paribhasha) , अलंकार के भेद (Alankar ke Prakar) , अलंकार के उदाहरण (Alankar ke Udaharan) अच्छे से जानेंगे । पोस्ट के अंत में आपके लिए परीक्षापयोगी महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी दिए गए है । अलंकार का अर्थ एवं परिभाषा – Alankar ki Paribhasha ⇒ अलंकार शब्द दो शब्दों के योग से मिलकर बना है- ‘अलम्’ एवं ‘कार’ , जिसका अर्थ है- आभूषण या विभूषित करने वाला। काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व को अलंकार(Alankar) कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिन उपकरणों या शैलियों से काव्य की सुंदरता बढ़ती है, उसे अलंकार(Alankar) कहते हैं। अलंकारों की विशेषताएँ – Alankar ki Visheshta • अलंकार काव्य सौन्दर्य का मूल है। • अलंकारों का मूल वक्रोक्ति या अतिशयोक्ति है। • अलंकार और अलंकार्य में कोई भेद नहीं है। • ⋅अलंकार काव्य का शोभाधायक धर्म है। • अलंकार काव्य का सहायक तत्त्व है। • स्वभावोक्ति न तो अलंकार है तथा न ही काव्य है अपितु वह केवल वार्ता है। • ध्वनि, रस, संधियों, वृत्तियों, गुणों, रीतियों को भी अलंकार नाम से पुकारा जा सकता है। • अलंकार रहित उक्ति शृंगाररहिता विधवा के समान है। अलंकार के प्रकार – Alankar ke Prakar 1. शब्दालंकार – Shabdalankar जहाँ शब्दों के कारण काव्य की शोभा बढ़ती है, वहाँ शब्दालंकार होता है। इसके अंतर्गत अनुप्रास,यमक,श्लेष और पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार आते हैं। 2. अर्थालंकार – Arthalankar जहाँ अर्थ के कारण काव्य की शोभा में वृध्दि होती है, वहाँ अर्थालंकार होता है। इसके अंतर्गत उपमा,उत्प्रेक्षा,रूपक,अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, अपन्हुति, विरोधाभास आदि अ...

अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार » Hindikeguru

4 ३. उभयालंकार :- अलंकार किसे कहते हैं (alankar kise kahate Hain) अलंकार का अर्थ है गहना या आभूषण । काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले शब्द को अलंकार कहते हैं कामशास्त्र के आचार्य की दृष्टि से अलंकार की परिभाषा “काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।” जो काव्या यह साहित्य को सुसज्जित तथा मनमोहक बनाने के काम आते हैं जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं ठीक उसी प्रकार अलंकर साहित्य यहां काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं या सुंदर तथा रोचक बनाते हैं। अलंकार किसे कहते हैं अलंकार के प्रकार अलंकार क्या है (alankar kya hai) १. शब्दालंकार (Shabdalankar Hindi me):- जहां काव्य में चमत्कार केवल शब्द पर ही आश्रित होता है अर्थ अर्थ शब्दों के बदलने पर जहां चमत्कार नष्ट हो जाता है या कम हो जाता है वही शब्द अलंकार होता है शब्दालंकर के मुख्य तीन भागों में बांटा गया है- i. अनुप्रास अलंकार ii. यमक अलंकार iii. श्लेष अलंकार इसके अलावे शब्दालंकार के और चार भेद होते हैं- iv. पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार v. पुनरुक्तावदाभास अलंकार vi. वीप्सा अलंकार vii वक्रोक्ति अलंकार i. अनुप्रास अलंकार (anupras alankar Hindi mein) :- किसी वाक्य या छंद एक ही वर्ण जब बार-बार आए या अनेक बार आए तो वर्णों की इस आवृत्ति को अनुप्रास अलंकार कहते हैं; जैसे – “वामन में बागन में बगरयो बसन्त है।” यहां पर ब, न, वर्णों की बार-बार आवृत्ति होने के कारण अनुप्रास अलंकार है। ii. यमक अलंकार (yamak alankar Hindi mein):- यमक अलंकार वह अलंकार होता है जिसमें एक ही शब्द बार-बार प्रयोग किया जाता है लेकिन उन शब्दों का अर्थ अलग-अलग निकलता है उसे ही यमक अलंकार कहते हैं; जैसे “जीवन दायक है धन सम जीवन जीवन में धनश्याम।” यहां पर थम जीवन...