रंगोली का चित्र

  1. रंगोली(१९६२ चलचित्र)
  2. Aripan Or Rangoli Importance Of Indian Hindu Festival Know Different Types Of Aripan In Mithila Culture Astro Special
  3. कला शिक्षा पाठ योजना रंगोली


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रंगोली(१९६२ चलचित्र)

अनुक्रम • 1 संक्षेप • 2 चरित्र • 3 मुख्य कलाकार • 4 दल • 5 संगीत • 6 रोचक तथ्य • 7 परिणाम • 7.1 बौक्स ऑफिस • 7.2 समीक्षाएँ • 8 नामांकन और पुरस्कार • 9 बाहरी कड़ियाँ संक्षेप [ ] चरित्र [ ] मुख्य कलाकार [ ] गुरुदत दल [ ] संगीत [ ] रोचक तथ्य [ ] परिणाम [ ] बौक्स ऑफिस [ ] समीक्षाएँ [ ] नामांकन और पुरस्कार [ ] बाहरी कड़ियाँ [ ] • रंगोली

Aripan Or Rangoli Importance Of Indian Hindu Festival Know Different Types Of Aripan In Mithila Culture Astro Special

Mithila Culture: भारतीय परंपरा में होते हैं विभिन्न प्रकार के 'अरिपन', जानें किन अवसरों पर कैसे अरिपन बनाने का है महत्व Aripan Importance: सफदे रंग के पिठार से बनी और लाल सिंदूर से सजी अरिपन मिथिला संस्कृति की धरोहर है, जोकि भारतीय संस्कृति को दर्शाती है. विभिन्न अवसरों पर में इसे अलग-अलग आकार में बनाया जाता है. Aripan Importance in Mithila culture: अरिपन का महत्व मिथिला की लोक संस्कृति से जुड़ा हुआ है. खासकर शुभ-मांगलिक कार्यों में अरिपन बनाए जाते हैं. चावल के आटे में पानी मिलाकर अरिपन बनाया जाता है और इसमें रंग भरने के लिए हल्दी और सिंदूर का प्रयोग किया जाता है. यह भारतीय प्राचीन परंपरा का अंग है, जिसका उल्लेख प्राचीन पुस्तकों में भी मिलता है. अरिपन मिथिला कला का एक प्रकार है, जोकि खासकर बिहार के मिथिला क्षेत्र से उत्पन्न हुई. मिथिला में आंगन, फर्श और दीवारों पर चित्रकारी या अरिपन बनाने की परंपरा काफी पुरानी है. अलग-अलग उत्सव और त्योहारों में विभिन्न तरह के अरिपन बनाए जाते हैं. वेद-पुराणों में मिलता है अरिपन उल्लेख भले ही वर्तमान समय में अरिपन बनाने की कला से महिलाएं दूर होती जा रही हैं, लेकिन नए-नए कला, रंग और आकार के साथ आज भी कई मौकों पर अरिपन बनाए जाते हैं. इनमें स्वास्तिक अरिपन की परंपरा वैदिक काल से मानी जाती है. अरिपन वेद में सर्वतोभद्र नाम से आया है. पौराणिक समय में 41 स्वास्तिक को आपस में जोड़कर अरिपन बनाए जाते थे. इसमें भगवान विष्णु के चार भुजाओं को रेखांकित किया जाता था. गरुड़ पुराण में तुलसी के पास अरिपन बनाए जाने का उल्लेख मिलता है. इसके अनुसार तुलसी के पौधे से निकलने वाले स्वास्थ्यवर्धक वायु के कारण इसे तुलसी के नीचे बनाया जाता है. आज भी तुलसी के पास अरिपन ...

कला शिक्षा पाठ योजना रंगोली

पाठ विश्लेषण :- • इस पाठ से छात्र रंगोली बनाने की कला से परिचित होंगे । • इस अध्याय में विभिन्न प्रकार की रंगोली के बारे में बताया गया है । • छात्र त्योहारों वह विभिन्न पर्वों पर रंगोली बना सकेंगे । सामान्य उद्देश्य :- • छात्र विषय वस्तु का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे । • छात्र रंगोली के प्रयोग के बारे में जान सकेंगे । • पाठ श्रवण में मनोयोग , पूर्वक सुनने की क्षमताओं का विकास करना । • छात्रों में कल्पना शक्ति का विकास करना । • छात्रों को रंगोली के प्रयोग के साथ मौखिक अभिव्यक्ति का विकास करना । विशिष्ट उद्देश्य :- • छात्र अपने घर में रंगोली बनाने में निपुण हो सकेंगे । • छात्र विद्यालय के उत्सव ने रंगोली बना सकेंगे । • छात्र विभिन्न प्रकार की रंगोली प्रतियोगिता में रुचि लेंगे । सामान्य सहायक शिक्षण सामग्री :– • श्वेत वर्तिका • लपेट फलक • चित्र • चार्ट्स • संकेतक • गुलाल • रंग • कागज , पेंसिल , कैंची • अन्य कक्षा कक्ष शिक्षण में उपयोगी सहायक सामग्री । छात्राध्यापक क्रिया छात्र क्रिया 1. हमारे देश को कैसा देश कहा जाता है ? त्योहारों का देश 2. किसी त्योहार के आने से पूर्व क्या किया जाता है ? घरों की साफ-सफाई व सजावट की जाती है 3. घर के आंगन को कैसे सजाया जाता है ? रंगोली बनाकर 4. रंगोली कैसे बनाई जाती है ? समस्यात्मक प्रश्न उद्देश्य कथन :– अच्छा बच्चों ! आज हम रंगोली बनाने के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे । प्रस्तुतीकरण :– छात्र अध्यापक व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी । शिक्षण बिंदु छात्र अध्यापक क्रियाएं छात्र क्रियाएं मूल्यांकन रंगोली बनाने की प्रायोजना विकासात्मक प्रश्न :- 1. घर के आंगन को सजाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है ? 2. रंग...