राजस्थान में सिंचाई का मुख्य स्रोत क्या है

  1. Rajasthan News: सीएम गहलोत का बांसवाड़ा दौरा, 2500 करोड़ की अपर हाईलेवल केनाल परियोजना का किया शिलान्यास
  2. राजस्थान की सिंचाई परियोजना प्रश्न उत्तर
  3. Rajasthan ki Sinchai Pariyojana राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजना
  4. देश की खबरें
  5. राजस्थान की सिंचाई परियोजना
  6. राजस्थान में सिंचाई परियोजना – Studywhiz


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Rajasthan News: सीएम गहलोत का बांसवाड़ा दौरा, 2500 करोड़ की अपर हाईलेवल केनाल परियोजना का किया शिलान्यास

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को बांसवाड़ा के लंकाई में अपर हाई लेवल केनाल परियोजना के अंतर्गत अनास नदी पर साइफन निर्माण और मगरदा में 2500 करोड़ रुपए की अपर हाई लेवल केनाल परियोजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना से जिले की 6 तहसीलों के 338 गांवों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। सीएम गहलोत ने बांसवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत छोटी सरवा को पंचायत समिति में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की। उन्होंने समारोह में कहा कि केनाल परियोजना आदिवासी अंचल की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इससे सिंचाई जल सुनिश्चितता के चलते क्षेत्र में सतत रूप से विकास संभव हो सकेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह परियोजना अंचल के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सभी क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधाएं बढ़ें। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य जिलों के विकास में राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है। जनजाति विकास कोष की राशि 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए की गई है। इससे क्षेत्र में पानी, सड़क, स्वास्थ्य सहित अन्य विकास कार्य कराए जा रहे हैं। बेणेश्वर धाम के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं से पशुपालकों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है। लम्पी रोग से दुधारू गायों की मृत्यु होने पर पशुपालकों को 40 हजार रुपए की सहायता राशि 16 जून को वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना में अब दो दुधारू गाय और भैंस का भी 40 हजार रुपए प्रति पशु निशुल्क बीमा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं से आमजन को राहत...

राजस्थान की सिंचाई परियोजना प्रश्न उत्तर

राजस्थान की सिंचाई परियोजना प्रश्न उत्तर – राजस्थान जीके के क्वेश्चन राजस्थान की हर एग्जाम में पूछे जाते हैं। हम राजस्थान के सभी एग्जाम को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की सिंचाई परियोजना से संबंधित 20 ऐसे क्वेश्चन आंसर जो राजस्थान के हर एग्जाम में बार-बार पूछे जाते हैं। Q 1.) राजस्थान मे नहरो द्वारा सिंचाई कितने प्रतिशत होती है [A] 1.47 प्रतिशत [B] 60.36 प्रतिशत [C] 25 प्रतिशत [D] 31.09 प्रतिशत Answer :- D Also Read Topic Wise Completed Rajasthan History Impotent Questions Answer Topic Wise Completed Rajasthan Economy Impotent Questions Answer Topic Wise Completed Rajasthan Polity Impotent Questions Answer Topic Wise Completed Rajasthan Geography Impotent Questions Answer Topic Wise Completed Rajasthan arts and Culture Impotent Questions Answer Q 6.) पॉचना सिंचाई परियोजना राजस्थान मे कौनसे जिले मे है [A] टोंक [B] करौली [C] श्रीमाधोपुर [D] भीलवाडा Answer :- B Q 7.) निम्न मे से राजस्थान राज्य मे मिट्टी से बना बॉध कौनसा है [A] पॉचना [B] बीसलपुर [C] जाखम [D] मेजा Answer :- A Q 8.) भाखड़ा नागल परियोजना का हिस्सा राजस्थान मे कितना प्रतिशत है [A] 22 % [B] 15.22 % [C] 22.15 % [D] 25 % Answer :- B Q 9.) निम्न मे से पोंग बॉध राजस्थान मे किस नदी पर बनाया गया है [A] सतलज [B] व्यास [C] चिनाव [D] रावी Answer :- B Q 10.) मेंजा बॉध राजस्थान मे कौनसी नदी पर बनाया गया है [A] बनास [B] कोठारी [C] लूनी [D] सूकड़ी Answer :- B This Article Important URL

Rajasthan ki Sinchai Pariyojana राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजना

राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजना Rajasthan ki Sinchai Pariyojana Rajasthan ki Sinchai Pariyojana राजस्थान भारत के अन्दर क्षेत्रफल के हिसाब से बहुत बड़े राज्यों में एक है राजस्थान भारत का एक अर्ध शुष्क राज्य है इसी कारण से राजस्थान में सिंचाई के लिए जल संसाधनों का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है वर्तमान में राजस्थान में 100 प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाएँ और लघु सिंचाई योजनाएँ हैं, जिनका कुल कमांड क्षेत्र लगभग 25 लाख हेक्टेयर है Image Source – Google | Images By- और राज्य के अन्दर बहुत से ऐसे इलाके भी है जंहा लोग पीने के पानी के लिए भी इन परियोजना के ऊपर निर्भर करते है इसलिए राज्य के अन्दर बहुत सी नदी परियोजना और नहर परियोजना चल रही इस artical में हम आपको राजस्थान की प्रमुख सिंचाई परियोजना के बारे में विस्तार से बतायेंगे | इन्दिरा गांधी नहर जल परियोजना IGNP- • इंदिरा गांधी नहर भारत की सबसे लंबी नहर है | • पहले राजस्थान नहर के रूप में जाना जाता था, इसे 2 नवंबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इंदिरा गांधी नहर का नाम दिया गया था। • इंदिरा गांधी नहर जीवन रेखा/मरूगंगा भी कहा जाता है। • इंदिरा गांधी नहर की प्रारंभिक रूपरेखा इंजीनियर कंवरसेन ने बनाई थी । • I.G.N.P. के निर्माण का मुख्य उद्द्देश्य रावी व्यास नदियों के जल से राजस्थान को आवंटित 86 लाख एकड़ घन फीट जल को उपयोग में लेना है। • यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजना है • इन्दिरा गांधी नहर जल परियोजना IGNP का मुख्यालय (बोर्ड) जयपुर में है। • इस नहर का उद्गम पंजाब में फिरोजपुर के निकट सतलज-व्यास नदियों के संगम पर बने हरिके बैराज से होता है • I.G.N.P. पंजाब व हरियाणा में बहने के पश्चात राजस्थान हनुमानगढ के ...

देश की खबरें

देश की खबरें | मान ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बीबीएमबी के हिमाचल को पानी देने के कदम का विरोध किया Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल प्रदेश द्वारा सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की शर्त को खत्म करने के केन्द्र के ‘एकतरफा फैसले’ का बुधवार को विरोध किया। चंडीगढ़, 14 जून पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल प्रदेश द्वारा सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की शर्त को खत्म करने के केन्द्र के ‘एकतरफा फैसले’ का बुधवार को विरोध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिखे पत्र में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र सरकार ने इस संबंध में 15 मई को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अध्यक्ष को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इन निर्देशों के माध्यम से सरकार ने बीबीएमबी के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वह अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के मौजूद तंत्र को इस शर्त पर समाप्त कर दें कि हिमाचल प्रदेश द्वारा ली जाने वाली पानी की कुल मात्रा बिजली के क्षेत्र में उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में कम रहेगी। उच्चतम न्यायालय ने बिजली के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 7.19 प्रतिशत तय की है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि बीबीएमबी हिमाचल प्रदेश द्वारा जलापूर्ति/सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने संबंधी तकनीकी व्यवहार्यता का अध्ययन सिर्फ तभी करेगा जब उसमें बीबीएमबी का इंजीनियरिंग ढांचा शामिल हो और वह ऐसा अनुरोध प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर हिमाचल प्रदेश को आवश्यक तकनीकी जरूरतों के बारे में बताएगा। मुख्यमंत्री मान के अ...

राजस्थान की सिंचाई परियोजना

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • राजस्थान में सिंचाई का मुख्य स्रोत क्या है • सिंचित क्षेत्रफल % कुओं द्वारा – 69.88 सर्वाधिक सिंचाई – जयपुर • नहरों द्वारा – 28.86 सर्वाधिक सिंचाई – गंगानगर • तालाब व अन्य साधनों द्वारा– 1.26 भीलवाड़ा में। Rajasthan ki sichai Pariyojna • सिंचाई परियोजनाएं तीन प्रकार की होती हैं- (i) वृहद् स्तर (ii) मध्यम स्तर (iii) लघु स्तर। • बहुउद्देशीय- वह परियोजना, जिसके अनेक उद्देश्यों जैसे- पेयजल विद्युत, सिंचाई एवं अन्य कार्य़ों हेतु जल उपलब्ध होता है। • वृहद्- वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 10 हजार हैक्टेयर से अधिक हो। • मध्यम- वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 2 हजार से अधिक तथा 10 हजार हैक्टेयर तक हो। • लघु- वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 2 हजार हैक्टेयर तक हो। Indira Gandhi Nahar Pariyojana – IGNP ( राजस्थान नहर ) • 1948 में कंवरसैन ने IGNP की रूपरेखा बनाई। • उद्घाटन- 31 मार्च, 1958 में गृहमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने किया। • प्रारूप (रूपरेखा)– राजस्थान फीडर हरिके बैराज ( सतलज व्यास संगम) से मसीता वाली (हनुमानगढ़) तक है। इसकी कुल लम्बाई 204 किमी. है। • यह पंजाब- हरियाणा में 170 किमी. तथा राजस्थान में 34 किमी. है। • मुख्य नहर : इसके दो भाग हैं- प्रथम भाग- मसीतावाली (हनुमानगढ़) से पूंगल, छतरगढ़ (बीकानेर) तक। इसकी लम्बाई 189 किमी. है। Indira Gandhi Nahar Pariyojana in Hindi द्वितीय भाग- पूंगल, छतरगढ़ से मोहनगढ़ (जैसलमेर) तक आता है। इसकी लम्बाई 256 किमी. है। इंदिरा गांधी मुख्य नहर की लंबाई कितनी है • अतः मुख्य नहर की लम्बाई 189 + 256 = 445 किमी. है तथा Ig...

राजस्थान में सिंचाई परियोजना – Studywhiz

• राजस्थान कृषि प्रधान राज्य है। • लोग जीवन- स्तर के लिए कृषि पर निर्भर हैं। कृषि विकास सिंचाई पर निर्भर करता है। • राजस्थान के पश्चिम भाग में मरूस्थल है। • मानसून की अनिश्चितता के कारण “कृषि मानसून का जुआ” जैसी बात कई बार चरितार्थ होती है। राजस्थान में सिंचाई के प्रमुख साधन हैं – • नहरें, तालाब, कुएं और नलकूप है। • सबसे अधिक सिंचाई नहरें और कुंओ से होती है। कुएं और नलकूप सिंचाई के सर्वोत्तम साधन है। • कुल सिंचित प्रदेश का लगभग 60 प्रतिशत भाग पर सिंचाई कुओं व नलकूपों से होता है। • कुएं और नलकूप द्वारा सिंचाई के लिए पानी का मीठा होना, जल स्तर का गहरा नहीं होना तथा उपजाऊ भूमि का होना आवश्यक है। • नहरों द्वारा सतही जल का सबसे अधिक उपयोग होता हैं। • राज्य में सतत् प्रवाही नदियों के अभाव में नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्र कम है। • राज्य के दक्षिण-पूर्वी, पठारी एवं पथरीले भागों में तालाबों द्वारा सिंचाई की जाती है। • राजस्थान की बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं और सिंचाई की वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं को आधुनिक भारत के मंदिर की संज्ञा दी गई है। • बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के उद्देश्य विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल, मछली पालन, वृक्षारोपण, अकाल और सूखे के समय जल की सुविधा, क्षेत्रीय आर्थिक विकास आदि निर्धारित किये गये हैं। राजस्थान की प्रमुख बहुउद्देशीय, वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाएं भांखड़ा-नांगल बहुउद्देशीय परियोजना – • यह भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह बांध सतलज नदी पर पंजाब के होशियारपुर ज़िले में बनाया गया है। • यह परियोजना पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। • भांखड़ा-नांगल में राजस्थान का हिस्सा 15.2 प्रतिशत है। • भां...