सागरिका चक्रवर्ती

  1. Rani Mukerji Mrs Chatterjee Vs Norway And Kapil Sharma Zwigato Box Office Collection Day 4 Monday
  2. Mrs Chatterjee Vs Norway:अब Ott पर धूम
  3. The Curious Case Of Baby Ariha In Germany Has Put A Strained Case Of Cultural Differences, Which The Authorities Ignore
  4. Mrs Chatterjee Vs Norway: Real life Mrs Chatterjee living away from kids, know reason. Mrs Chatterjee Vs Norway: आज भी बच्चों से अलग रह रही हैं रियल लाइफ मिसेज चटर्जी, जानें वजह।
  5. सागरिका चक्रवर्ती, जिस पर श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे आधारित है, नॉर्वे के राजदूत के दावों की निंदा करती है


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Rani Mukerji Mrs Chatterjee Vs Norway And Kapil Sharma Zwigato Box Office Collection Day 4 Monday

Box Office Collection: बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी 'ज्विगाटो’, ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ की हालत भी खराब, दोनों फिल्मों ने चौथे दिन इतने कमाए Box Office Collection: कपिल शर्मा की ‘ज्विगाटो’ और रानी मुखर्जी की ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ का बॉक्स ऑफिस पर हाल बुरा है. हालांकि कमाई के मामले में रानी की फिल्म कपिल शर्मा की फिल्म से आगे है. Box Office Collection: कपिल शर्मा की ‘ज्विगाटो’ और रानी मुखर्जी की पावर पैक्ड परफॉर्मेंस वाली फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ इस शुक्रवार (17 मार्च) को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. रानी मुखर्जी स्टारर लीगल ड्रामा ने ऑडियंस को इम्प्रेस तो किया लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा गई. वहीं ज्विगाटों में भी कपिल की दमदार एक्टिंग के बावजूद फिल्म को ऑडियंस ने पहले ही दिन नकार दिया. ऐसे में दोनों फिल्मों की ओपनिंग खराब रही थी हालांकि वीकेंड पर रानी की फिल्म के कलेक्शन में थोड़ा इजाफा जरूर हुआ. चलिए यहां जानते हैं ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’‘ज्विगाटो’ ने रिलीज के चौथे दिन यानी पहले मंडे को कितना कलेक्शन किया है. ‘ मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे ’ का मंडे टेस्ट कैसा रहा ? ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर कपिल शर्मा की ज्विगाटो, कब्ज़ा और हॉलीवुड की एक फिल्म रिलीज हुई थी. हालांकि इन सबमें रानी की फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ को ऑडियंस ने थोड़ा पसंद किया है. कमाई की बात करें तो करीब 535 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई इस फिल्म ने पहले दिन 1.27 करोड़ रुपये कमाए. वहीं दूसरे दिन फिल्म की कमाई 2.26 करोड़ रुपये रही और तीसरे दिन ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ ने 2.89 करोड़ रुपये का कारोबार किया. वहीं फिल्म के चौथे दिन यानी पहले मंडे क...

Mrs Chatterjee Vs Norway:अब Ott पर धूम

Mrs Chatterjee vs Norway: अब OTT पर धूम-धड़ाका करेगी रानी की मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे, जानें कब देगी दस्तक विस्तार मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में रानी मुखर्जी की दमदार एक्टिंग और कंटेंटे की जमकर तारीफ हुई थी। फिल्म को क्रिटिक्स से खूब सराहना भी मिली थी। अब मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे को ओटीटी पर स्ट्रीम कर दिया गया है। रानी मुखर्जी ने मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के साथ लंबे वक्त बाद सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की। फिल्म में उन्होंने एक मां का दमदार किरदार निभाया, जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। फिल्म में रानी की परफॉर्मेंस की हर तरह तारीफ हुई, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। इस फिल्म को बनाने के लिए सागरिका चक्रवर्ती की किताब ‘द जर्नी ऑफ ए मदर’ का सहारा लिया गया है। 2011 की घटना है। नॉर्वेजियन चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज ने ‘बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार’ के आरोप में सागरिका के दो बच्चों को उनसे जबरन ले लिया। दो साल के अथक संघर्ष के बाद वह अपने बच्चों को दोबारा हासिल कर सकीं। भारत के विदेश मंत्रालय को भी इस मामले में दखल देना पड़ा। नॉर्वे सरकार और अपने पति के परिवार के खिलाफ सागरिका ने पूरे दम-खम से कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार अपने दोनों बच्चों को वापस पाया। ‘मिसेस चैटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ फिल्म के केंद्र में यही घटना है। फिल्म में मुख्य किरदार का नाम देविका चैटर्जी है। पर्दे पर इस किरदार को निभाया है रानी मुखर्जी ने। वहीं उनके पति की भूमिका में हैं टालीवुड के अभिनेता अनिर्बान भट्टाचार्य। यह भी पढ़ें:

The Curious Case Of Baby Ariha In Germany Has Put A Strained Case Of Cultural Differences, Which The Authorities Ignore

सभ्यतागत अंतर कोई नयी और अनूठी बात नहीं है. दुनिया में बहुतेरे देश हैं और बहुतेरी सभ्यताएं भी. किसी एक देश की परंपरा दूसरे देश, दूसरी सभ्यता में अजीब निगाहों से भी देखी जा सकती है और कई बार तो एक देश का 'नॉर्म' दूसरी जगह का 'क्राइम' भी बन सकता है. इन विविधताओं का सम्मान करते हुए एक-दूसरे के साथ जीवन निर्वाह करना ही मनुष्यता की मांग है. समस्या तब पैदा होती है, जब कोई देश, समुदाय या सभ्यता यह तय कर बैठता है कि उसका रास्ता ही 'एकमात्र और सच्चा-सही रास्ता है', बाकी सारी रास्ते झूठे हैं. फिलहाल, यही बेबी आरिहा के मामले में हो रहा है. उसके माता-पिता भारतीय हैं लेकिन वह जर्मनी की एक 'जेल' में बंद है. जी हां, नाम उसका भले ही 'फोस्टर केयर' हो, लेकिन 27 महीने की बच्ची, जिसे मां-बाप से जुदा कर दिया है, के लिए तो वह जेल से भी कठिन दुनिया होगी. जर्मन अधिकारियों से होते हुए बात अब संसद और विदेश मंत्रालय के स्तर तक आ गयी है. भारत के 56 सांसदों ने बेबी आरिहा की रिहाई के लिए जर्मन एंबैसडर को पत्र लिखा है और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है. बेबी आरिहा के मसले से फिलहाल भारत और जर्मनी के बीच 5.2 अरब डॉलर की सबमरीन डील पर भी खतरे की परछाईं पड़ सकती है, जिसके लिए जर्मनी के विदेश मंत्री बोरिस पॉस्टोरियस फिलहाल मंगलवार यानी 6 जून को दिल्ली पहुंच चुके हैं. यह मामला नॉर्वे की मिसेज बनर्जी जैसा हाल ही में रानी मुखर्जी की एक फिल्म आई थी, 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे'. बेबी आरिहा की कहानी भी उस फिल्म की मूल नायिका सागरिका चक्रवर्ती की तरह ही दिखती है. 2011 में नॉर्वे के अधिकारियों ने सागरिका के दो बच्चों को उनसे छीनकर फोस्टर केयर में रख दिया था. उन पर भी 'अनुचित पैरेंटिंग' का ...

Mrs Chatterjee Vs Norway: Real life Mrs Chatterjee living away from kids, know reason. Mrs Chatterjee Vs Norway: आज भी बच्चों से अलग रह रही हैं रियल लाइफ मिसेज चटर्जी, जानें वजह।

Sagarika Chakraborty living away from kids: सिने प्रेमियों को रानी मुखर्जी की फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' काफी पसंद आई है। यह एक मां की असली कहानी है जो अपने बच्चों के लिए पूरी नॉर्वे अथॉरिटी से भिड़ जाती है। लोगों को फिल्म ने पूरी तरह से इमोशनल कर दिया। फिल्म के अंत में दिखाया जाता है कि देबिका को आखिरकार अपने बच्चों की कस्टडी मिल जाती है। अनुरूप ने नहीं किया सपोर्ट इंटरव्यू में सागरिका ने कहा कि, अनुरूप ने बच्चों के लिए एक रुपए तक नहीं दिए और ना ही वो नॉर्वे से वापस लौटे। उनके अनुसार, फिल्म में यह दिखाया गया कि रानी मुखर्जी को बच्चों को वापस पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी लेकिन असल जिंदगी में इसके बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए भी उन्हें एक लंबा संघर्ष करना पड़ा। की पढ़ाई सागरिका ने कहा- 'अभिज्ञान और ऐश्वर्या को वापस पाने के बाद मैं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती थी ताकि उनका पालन पोषण कर सकूं। मैंने सॉफ्टवेयर की पढ़ाई की। मेरे पिता दिल के मरीज हैं, मेरे बच्चे वहीं, इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ते हैं। परिवार को चलाने के लिए मुझे बहुत सारे पैसों की जरूरत थी। चार लोगों की जिंदगी मुझ पर निर्भर थी। मैं कोलकाता छोड़कर बाहर रहने और पैसे कमाने के लिए मजबूर हो गई।' कहां है सागरिका सागरिका चक्रवर्ती ने इस इंटरव्यू में खुलासा किया कि वो लंबे समय तक नोएडा में रह रही थीं। लेकिन, अब वो पुणो शिफ्ट हो चुकी हैं। ऐश्वर्या और अभिज्ञान का पालन पोषण उनके नाना नानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा- 'सभी लोगों ने मेरे बच्चों को वापस पाने का संघर्ष देखा है लेकिन अब मैं एक और किताब बच्चों को पाने के बाद के संघर्ष पर लिखने की सोच रही हूं।'

सागरिका चक्रवर्ती, जिस पर श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे आधारित है, नॉर्वे के राजदूत के दावों की निंदा करती है

जैसे ही रानी मुखर्जी की फिल्म श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई, भारत में नॉर्वे के राजदूत हैंस जैकब फ्राइडेनलुंड ने दावा किया कि फिल्म में “तथ्यात्मक अशुद्धियाँ” हैं और कहानी मामले का “काल्पनिक प्रतिनिधित्व” है। इसके तुरंत बाद फिल्म निर्माता निखिल आडवाणी ने सागरिका चक्रवर्ती का एक वीडियो संदेश साझा किया, जिस पर फिल्म आधारित है। रानी का किरदार सागरिका से प्रेरित है, जो अपने बच्चों को फोस्टर केयर में रखने के बाद नॉर्वे की सरकार के खिलाफ खड़ी हुई थी। यह भी पढ़ें: श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे बॉक्स ऑफिस दिन 1 संग्रह: रानी मुखर्जी की फिल्म शुरू होती है ₹1.27 करोड़ श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे से पहले सागरिका चक्रवर्ती ने रानी मुखर्जी से मुलाकात की थी। शुक्रवार को शेयर किए गए वीडियो में सागरिका ने कहा, ‘हाय। मैं आज अखबारों में नॉर्वे के राजदूत द्वारा दिए गए झूठे बयान की निंदा करती हूं…उन्होंने मेरे मामले के बारे में बिना मुझसे पूछे बात की। सांस्कृतिक पूर्वाग्रह के बारे में नार्वेजियन केसवर्कर्स को संवेदनशील बनाना। 10 साल बाद भी मैंने अकेले ही अपने बच्चों को दुनिया के सामने इतनी अच्छी तरह से पाला है। जब पूरी दुनिया मेरे बच्चों और मेरे बीच के खूबसूरत बंधन को देख सकती है। “ उन्होंने कहा, “नॉर्वेजियन सरकार ने मेरे खिलाफ झूठ फैलाना जारी रखा है। आज तक, उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के नस्लवाद के लिए माफी नहीं मांगी है। उन्होंने मेरे जीवन और मेरी प्रतिष्ठा को नष्ट कर दिया और मेरे बच्चों को आघात पहुँचाया। उन्होंने मेरे पति का समर्थन किया जब वह क्रूर थे। मैं और वे खुद को नारीवादी देश कहते हैं। ओस्लो और नॉर्वे के अन्य हिस्सों में, और (यहां तक ​​कि) दुनिया के अन्य ...