Samvidhan mein prastavana se aap kya samajhte hain

  1. Kya Aap Paanchvi Pass Se Tez Hain?
  2. जानिए लोकतंंत्र की सरल परिभाषा
  3. संविधान में प्रस्तावना से आप क्या समझते हैं? » Samvidhan Mein Prastavna Se Aap Kya Samajhte Hain
  4. पुरातत्व से आप क्या समझते हैं? Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain
  5. भारतीय संविधान की प्रस्तावना के मुख्य सिद्धांत
  6. भारतीय संविधान की प्रस्तावना एवं उसका अर्थ
  7. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?


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Kya Aap Paanchvi Pass Se Tez Hain?

Promotional poster Also known as Paanchvi Pass, Paanchvi Ki Class Created by Shreyash Srivastav Directed by Gagandeep Bijraniya Presented by Starring Shrishti Srivastava Opening theme "Kya Aap Paanchvi Pass Se Tez Hain?" by Country of origin India Original languages Hindi, English No. of seasons 1 No. of episodes 37 Production Producers Running time Approx. 60min (with commercials) Production company Bulldog Media & Entertainment Release Original network Original release 25 April ( 2008-04-25)– 27 July 2008 ( 2008-07-27) Kya Aap Paanchvi Pass Se Tez Hain? ( transl. Are you smarter than someone who passed the fifth grade?) is a ₹5 crore (equivalent to ₹12croreorUS$1.5million in 2020). The Indian series was licensed by Bulldog Media & Entertainment and produced by Shreyash Srivastav Cheats [ ] The show used "cheats" based on the American show. Each cheat may be used once per game. • Taak Jhank (peek): the contestant had the opportunity to review his or her current teammate's answer before submitting his or her own • Copy: the contestant could choose to use his or her teammate's answer. • Bachao (save): This cheat was triggered automatically if the contestant gave a wrong answer. If the contestant's current partner had the correct answer, the contestant was then saved. Cheats are not available for use in the bonus (final) question. Teammates [ ] The teammates were five school aged children chosen by the producers of the show. Each child could be used for assistance on two que...

जानिए लोकतंंत्र की सरल परिभाषा

लोकतंत्र शब्द बोलने में छोटा परंतु इसका अर्थ उतना ही बड़ा और कॉम्प्लेक्स निकलता है। डेमोक्रेटिक शब्द यूनानी भाषा के डेमोस (Demos) और कृतियां (Cratia) यह 2 शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है लोग और शासन, शाब्दिक अर्थ में जनता का शासन। लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार यह “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। अर्थात प्रजातंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत जनता अपनी इच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को अपना वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है और उनकी सरकार बना सकती है। इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं कि loktantra kya hai? This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • लोकतंत्र क्या है? अरस्तू ने प्रजातंत्र को एक विकृत शासन प्रणाली बताया था ,जिसमें बहू संख्या निर्धन वर्ग अपने वर्ग के हित के लिए शासन पर आता है और भीडतंत्र का रूप धारण कर लेता है और साथ ही अरस्तू के लोकतंत्र को राजनीति के नाम से जाना जाता है। लोकतंत्र “जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है”। लेकिन अलग-अलग देशकाल और परिस्थितियों में अलग-अलग धारणाओं के प्रयोग से इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गयी है। प्राचीनकाल से ही लोकतन्त्र के सन्दर्भ में कई प्रस्ताव रखे गये हैं, पर इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं हुए। लोकतंत्र केवल राजनीतिक ,सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था का प्रकार ही नहीं बल्कि जीवन के प्रति विशेष दृष्टिकोण मैं भी उसका नाम है। प्रजातंत्र में सभी व्यक्तियों को एक दूसरे के प्रति वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा व्यवहार अपने प्रति पसंद लोगों से करते हैं। कई विचारों के अनुसार प्रजातंत्र क्या है? Loktantra kya hai इसको कुछ लोकप्रिय व्यक्तिय...

संविधान में प्रस्तावना से आप क्या समझते हैं? » Samvidhan Mein Prastavna Se Aap Kya Samajhte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका क्वेश्चन है संविधान में प्रस्तावना से आप क्या समझते हैं तो मैं आपको बताना चाहता हूं पूरे संविधान का जो अर्थ है वह प्रस्तावना में दिया गया तो स्थापना के पूरे संविधान का अर्थ दिया गया है ठीक है aapka question hai samvidhan mein prastavna se aap kya samajhte hain toh main aapko bataana chahta hoon poore samvidhan ka jo arth hai vaah prastavna mein diya gaya toh sthapna ke poore samvidhan ka arth diya gaya hai theek hai आपका क्वेश्चन है संविधान में प्रस्तावना से आप क्या समझते हैं तो मैं आपको बताना चाहता हूं प

पुरातत्व से आप क्या समझते हैं? Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain

अक्सर परीक्षाओं में पुरातत्व से आप क्या समझते हैं ( Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain ) इस तरह के प्रश्न पूछ लिए जाते हैं क्योंकि पुरातत्व और इतिहास के बीच का संबंध बड़ा है और इसके अत्यंत महत्व भी हैं। आइए देखते हैं पुरातत्व क्यों इतना महत्वपूर्ण विषय है। पुरातत्व का इस्तेमाल बहुत प्राचीन समय से होता आ रहा है, इसके इस्तेमाल से ही हमने हड़प्पा और सिंधु घाटी की सभ्यता को खोज निकाला था, जो मानव विकास के एक समय सीमा को दर्शाता है। हम पुरातत्व के महत्व एवं विज्ञान की खोज के विषय में आगे बढ़े इससे पहले यह जान लेते हैं कि पुरातत्व से आप क्या समझते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • पुरातत्व से आप क्या समझते हैं? Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain पुरातत्व से तात्पर्य भौतिक अवशेषों के उपयोग के माध्यम से मानव इतिहास के अध्ययन से है। पुरातत्वविद हमारे प्राचीनतम मानव पूर्वजों के लाखों वर्ष पूर्व के जीवाश्मों का अध्ययन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए पुरातत्व गुजरात जैसे शहरों की 20वीं सदी की इमारतों का भी अध्ययन कर सकते हैं। पुरातत्व मानव संस्कृति की व्यापक समझ हासिल करने के लिए अतीत के अवशेषों का अध्ययन करता है। यह भी पढ़ें: पुरातत्व किसे कहते हैं? पुरातत्व का परिभाषा: ऐसी विधि जिससे हम किसी पुराने जीवाश्म एवं पौधों का परीक्षण करके हम उसकी आयु एवं उसकी उपयोगिता का पता लगाते हैं उसे पुरातत्व कहते हैं। इस विधि का इस्तेमाल वर्तमान समय में बढ़ गया है क्योंकि लोग अपने इतिहास के बारे में जल्दी से जल्दी जानना चाहते हैं ताकि उन्हें अपने जीवन के अर्थ का पता चल सके। कोई भी चीज जो बहुत पुरानी हो और समाज के विकास में उसका योगदान हो इसी तरह की चीजों का पता लगाने के लिए पुरातत्व का इस्तेमाल होता है। ...

भारतीय संविधान की प्रस्तावना के मुख्य सिद्धांत

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में निहित मुख्य सिद्धांत हैं:– Main Principles of the Preamble in the Indian Constitution 1. प्रस्तावना (Preamble) में संविधान के स्रोत का उल्लेख है और कहा गया है– “हम, भारत के लोग …..संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित तथा आत्मार्पित करते हैं.” इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि संविधान का निर्माण भारतीय जनता के द्वारा किया है. इस प्रकार भारत की जनता ही समस्त राजनीतिक सत्ता का स्रोत है. यह सच है कि समस्त भारतीय जनता ने इसका निर्माण नहीं किया है, फिर भी यह एक सच्चाई है कि इसके निर्माता जनता के प्रतिनिधि थे. इन प्रतिनिधियों ने यह स्वीकार किया कि सम्पूर्ण राज्यशक्ति का मूल स्रोत भारतीय जनता में निहित है. 1950 ई. में “ गोपालन बनाम मद्रास राज्य (A.K. Gopalan vs The State Of Madras)” नामक मुक़दमे में सर्वोच्च न्यायालय ने इसी आशय का निर्णय दिया और इसमें स्पष्ट किया कि भारतीय जनता ने अपनी सर्वोच्च इच्छा (Supreme Will) को व्यक्त करते हुए लोकतंत्रात्मक आदर्श अपनाया है. 2. प्रस्तावना भारतीय संविधान के उन उच्च आदर्शों का परिचय देती है जिन्हें भारतीय जनता ने शासन के माध्यम से लागू करने का निर्णय किया है. इन आदर्शों का उद्देश्य न्याय, स्वंतंत्रता, समानता, बंधुत्व या राष्ट्र की एकता एवं अखंडता स्थापित करना है. 3. प्रस्तावना भारत संघ की संप्रभुता तथा उसके लोकतंत्रात्मक स्वरूप की आधारशिला है. प्रस्तावना (Preamble) में कहा गया है कि भारत ने इस संविधान द्वारा एक सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापना की है. 4. संविधान के 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में “ धर्मनिरपेक्ष” शब्द जोड़ दिया गया है. इस प्रकार भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है....

भारतीय संविधान की प्रस्तावना एवं उसका अर्थ

Samvidhan Ki Prastavana :प्रिय मित्रों आज हम आपको भारतीय संविधान की प्रस्तावनाके बारे में विस्तार से बताएंगे। आज हमने इस लेख में भारतीय संविधान की प्रस्तावना एवं उसका अर्थइत्यादी के बारे आपके लिए विस्तार से जानकारी दी है। हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आपको Samvidhan Ki Prastavna की पूर्ण जानकारी के बारे में पता लग जाएगा। Table of Contents • • • • • भारतीय संविधान की प्रस्तावना | Indian Preamble In Hindi भारतीय संविधान की उद्देशिका :- “हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्यबनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समताप्राप्त करने के लिए तथा, उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए, दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।” Image Credit – thestudyiq.com भारतीय संविधान की प्रस्तावना का निर्माण भारतीय संविधान की प्रस्तावना का निर्माण :- भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से ली गई है। सर्वप्रथम अमेरिका ने संविधान में प्रस्तावना को शामिल किया था जिसके बाद इसे कई देशों ने अपने-अपने संविधान में शामिल किया। भारतीय संविधान की प्रस्तावना जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाए गए उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है। भारतीय संविधान में प्रस्तावना को भारतीय संविधान का परिचय पत्र कहा जाता है। संविधान विशेषज्ञ नानी पालकीवाला ने संविधान की प्रस्तावना को सविधान का परिचय पत्र कहा ...

संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?

मित्रों, भारत का संविधान पूरी दुनिया में सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, और इस संविधान को प्राप्त करने के लिए भारत ने अंग्रेजों से आजादी प्राप्त की, तथा भारत में लोकतंत्र की स्थापना का मूल चित्रण भारतीय संविधान भली-भांति करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Samvidhan ka nirmaan Kaise hua? और भारतीय संविधान सभा क्या है भारतीय Samvidhan Sabha ke Prarup Samiti ke Adhyaksh Kaun the? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं क्योंकि आज हम आपको विस्तार से इन सब के बारे में जानकारी देने वाले हैं चलिए शुरू करते हैं- मित्रों संविधान सभा का निर्माण नवंबर 1946 को किया गया था, लेकिन इसका पहला विचार एम।एन। रॉय के द्वारा सन 1934 में ही प्रस्तावित किया गया था, जो कि उस समय कट्टरपंथी लोकतंत्र के समर्थक थे। इसके पश्चात यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक मूल मांग भी बन गई। भारत सरकार अधिनियम 1935 को पूर्ण रूप से खारिज कर दिया, जो कि भारतीयों के इच्छा के विरुद्ध थी। हालांकि सी राजगोपालाचारी ने 15 नवंबर 1939 को वयस्क मताधिकार के आधार पर एक संविधान सभा की प्रस्तावना करी जिसे 1940 में अंग्रेजों के द्वारा स्वीकार किया गया। भारत, भारतीय संविधान का मसौदा भारतीय लोगों के द्वारा मिलकर तैयार करना चाहता था। हालांकि सन 1935 में जो भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया था वह अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया था। लेकिन इसके पश्चात, 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन योजना के तहत भारत की संविधान सभा को तैयार किया गया, और इसमें प्रांतीय विधानसभाओं से “एकल हस्तांतरणीय वोट” के द्वारा प्रतिनिधियों को चुना गया। कुल मिलाकर 389 सदस्यों की सदस्यता संविधान सभा की रही इसमें से 292 में तो प्रांतों के प्रतिनिधि थे, तथा 93 रियासतों के प्रतिनि...