Sangya kise kehte hain

  1. PADBANDH
  2. Sangya Kise Kahate Hain
  3. संज्ञा किसे कहते है
  4. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain)
  5. संज्ञा किसे कहते हैं
  6. Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा
  7. Noun in Hindi ( संज्ञा किसे कहते है


Download: Sangya kise kehte hain
Size: 14.53 MB

PADBANDH

4 Shares आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण में पदबंध(Padbandh) के बारे में पढेंगे इसके अंतर्गत हम पदबंध की परिभाषा(Padbandh ki paribhasha), पदबंध किसे कहते है(Padbandh kise kahate hain) , पदबंध के कितने भेद होते है(Padbandh ke kitne bhed hote hain), Padbandh in hindi – इन बिन्दुओं पर हम चर्चा करेंगे पदबंध क्या है ,इस पर चर्चा करेंगे । Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • वाक्य की रचना अनेक पदों के मेल से होती है और एक से अधिक पद मिलकर जब एक इकाई का काम करते है तो वे पदबंध(Padbandh) कहलाते है। पदबंध की पहचान के लिए कुछ बातों का ध्यान देना अतिआवश्यक है- 1. पदबंध वाक्य का एक अंश है अर्थात् वाक्यांश है इसलिए पदबंध को पूरा वाक्य समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। 2. पदबंध में एक से अधिक पद होते है और ये सभी पद आपस में बंधकर एक इकाई का काम करते है इसीलिए ये पदबंध कहलाते है। 3. प्रत्येक पदबंध में एक मुख्य पद होता है और बाकी पद उस मुख्य पद पर आश्रित होते है। पदबंध के उदाहरण – Padbandh ke Udaharan • तालाब में खिला कमल का फूल बहुत सुंदर है। • इस उदाहरण में कमल पद मुख्य पद है और बाकि पद इस पद पर आश्रित है। तालाब में खिला कमल ये तीनों पद आपस में बंधकर पदबंध बना रहे है। • वाक्यांश का अंतिम पद कमल संज्ञा है इसलिए यह संज्ञा पदबंध है। • वास्तव में मुख्य पद के आधार पर ही पदबंध का निर्धारण किया जाता है। • पदों का समूह जब मिलकर वही कार्य करने लगता है जो एक अकेला पद कर रहा है तो उसे पदबंध कहते है। पदबंध की परिभाषा – Padbandh ki paribhasha परिभाषा – वाक्य में प्रयोग किए जाने वाले शब्द ’पद’ कहलाते हैं। जब एक से अधिक पद मिलकर व्याकरण पर आधारित इकाई का निर्माण करते हैं तब उस बँधी हुई इकाई ...

Sangya Kise Kahate Hain

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sangya Kise Kahate Hain संसार में जितने भी चीजे (वस्तु) है सभी का कोई ना कोई नाम है।हिंदी व्याकरण में नाम को ही संज्ञाकहा जाता है।मनुष्य, गाय, घोड, हसना, रोना, शहर,पर्वत आदि ये सभी संज्ञाहै। संज्ञा की परिभाषा – Sangya Ki Paribhasha किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति या भाव के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे: श्रीराम, करनाल, वन, फल, ज्ञान संज्ञा का अर्थ नाम है क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा के उदाहरण – Sangya Ke Udahran • व्यक्ति का नाम – रमेश, अजय, विराट कोहली, नवदीप, राकेश, शंकर • वस्तु का नाम – कलम, डंडा, चारपाई, कंघा • गुण का नाम – सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी • भाव का नाम – प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध • स्थान का नाम – आगरा, दिल्ली, जयपुर संज्ञा के भेद – Sangya ke Bhed संज्ञा के भेद 5 भेद होते हैं| • व्यक्तिवाचक संज्ञा • जातिवाचक संज्ञा • समूहवाचक संज्ञा • द्रव्यवाचक संज्ञा • भाववाचक संज्ञा 1). व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस Vyakti Vachak Sangya Examples जैसे —राम , रहीम , चाँद , सूरज , रामायण , महाभारत , पटना , दिल्ली आदि। ‘राम’ से किसी खास व्यक्ति का और ‘पटना’ से किसी खास जगह या शहर का बोध होता है, अतः ये व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं। पाँचों संज्ञाओं में व्यक्तिवाचक संज्ञाओं की संख्या सबसे अधिक है। 2). जातिवाचक संज्ञा – Jativachak Sangya Kise Kahate Hain जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा:जिस संज्ञा से प्राणी या वस्तु की संपूर्ण जाति का बोध हो, उसे जातिवाचक कहते हैं। Jativachak Sangya Exam...

संज्ञा किसे कहते है

• स्त्री-पुरुषों के नाम- राम, मोहन, संजय, भगत सिंह, गीता, समीना, मीरा आदि. • दिनों के नाम- गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार आदि. • महीनो के नाम- जनवरी, फ़रवरी, मार्च, चैत्र, वैशाख, कार्तिक, माघ. • देशो के नाम- भारत,नेपाल, चीन, अमेरिका, रूस, जापान. • शहरों के नाम- इलाहाबाद, दिल्ली, जयपुर, आगरा. • महासागरों के नाम- प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर. • नदियों के नाम- गंगा,यमुना, सरस्वती , कालीसिंध, कावेरी. • पर्वतों के नाम- एवरेस्ट, अरावली,रॉकी, कंचनजंघा. • समाचार पत्रों के नाम- दैनिक जागरण, हिंदुस्तान टाइम्स, नया सवेरा. • पुस्तकों के नाम- महाभारत, ऋग्वेद, शिव पुराण, गीता भागवत. • ग्रह-नक्षत्रों के नाम- पृथ्वी, बुध, शनि, रेवती, अश्लेषा, स्वाति. • त्यौहारों के नाम- रक्षा बंधन, ईद, होली, दिवाली, क्रिश्मश. • जानवरों के नाम- चेतक, बादल, पवन, रामप्रसाद. • सडकों के नाम- महात्मा गाँधी राजमार्ग, पटेल रोड, जीटी रोड. • रेलों के नाम- शताब्दी एक्सप्रेस, तूफान एक्सप्रेस, कालका एक्सप्रेस. • बांधों के नाम- भाखड़ा नांगल बांध, प्रताप सागर, सरदार सरोवर बांध. • रंगों के नाम- लाल, गुलाबी, पीला, स्वेत, काला आदि. जाति वाचक संज्ञा- jati vachak sangya- जिन शब्दों से किसी किसी संज्ञा की समस्त जाति समुदाय का बोध होता है उन्हें जाति वाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- शहर, देश, सड़क, नदियाँ, समुद्र, राजधानी, पशु, वृक्ष, फल, फूल, जानवर, मानव, बूढ़ा, लड़की, छात्र, शिक्षक, रेल, महीना, वर्ष, अनाज, मंत्री,ज्ञानी, पंडित, सब्जी, कक्षा, पुस्तक, लेखक, कवि, महिला, पानी, चाय, कॉफ़ी, तम्बाकू, किताब, पर्वत, झील, नाव,आदि.

जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain)

आज हम जानेंगे कि जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain) तथा जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण क्या क्या है एवं जातिवाचक संज्ञा को हम कैसे पहचानेंगे? दोस्तो हम सभी को ज्ञात है की संज्ञा क्या होती है जिस शब्द से किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, आदि का बोध हो उस शब्द को संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा का अर्थ होता है नाम अर्थात किसी वाक्य में जो भी शब्द किसी नाम को बताता है चाहे वह किसी व्यक्ति विशेष का नाम हो, किसी वस्तु का नाम हो, किसी स्थान का नाम हो, किसी भी प्राणी का नाम हो तो वह नाम बताने वाला शब्द संज्ञा होता है। संज्ञा के कई भेद होते हैं जिनमें से संज्ञा के दूसरे भेद को जातिवाचक संज्ञा का नाम दिया गया है। 2.1 जातिवाचक संज्ञा के कुछ और उदाहरण जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain) Jativachak Sangya Kise Kahate Hain जातिवाचक संज्ञा के नाम से ही विदित है कि किसी वाक्य में जिस भी शब्द से किसी व्यक्ति वस्तु स्थान प्राणी आदि के संपूर्ण जाति का बोध हो वह शब्द जातिवाचक संज्ञा की श्रेणी में आएगा। अर्थात हुआ शब्द जो जातिवाचक संज्ञा होता है अगर वह व्यक्ति के लिए आएगा तो वह ना सिर्फ उस व्यक्ति का बल्कि उसके संपूर्ण जाति का बोध कराएगा, जातिवाचक संज्ञा किसी स्थान के लिए आने पर उस स्थान विशेष के साथ-साथ उसकी संपूर्ण जाति का बोध कराएगा, इसी प्रकार किसी वस्तु के लिए आने पर भी जातिवाचक संज्ञा नासिर उस वस्तु विशेष बल्कि उसके संपूर्ण जाति के बारे में बताता है। जातिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण उदाहरण 1 – संपूर्ण जाति से अभिप्राय है कि जैसे अगर किसी वाक्य में शिक्षक आता है तो शिक्षक जिस व्यक्ति के लिए आया है उसके साथ साथ दूसरे सभी व्यक्ति जो शिक्षक हैं ...

संज्ञा किसे कहते हैं

आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ संज्ञा किसे कहते हैं | Sangya kise kahate Hain | What is Noun“, के बारे में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । शब्द और पद जब शब्द स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होता है और वाक्य के बाहर होता है तो यह ‘शब्द’ होता है, किन्तु जब शब्द वाक्य के अंग के रूप में प्रयुक्त होता है तो इसे ‘पद’ कहा जाता है । मतलब कि स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने पर शब्द ‘शब्द’ कहलाता है, किन्तु वाक्य के अंतर्गत प्रयुक्त होने पर शब्द ‘पद’ कहलाता है। पद के भेद : पद के पांच भेद होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया और अव्यय । संज्ञा किसे कहते हैं | What is Noun | Sangya kise kahate Hain परिभाषा : संज्ञा को ‘नाम’ भी कहा जाता है। किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि का ‘नाम’ ही उसकी संज्ञा कही जाती है। दूसरे शब्दों में किसी का नाम ही उसकी संज्ञा है तथा इस नाम से ही उसे पहचाना जाता है। संज्ञा न हो तो पहचान अधूरी है और भाषा का प्रयोग भी बिना संज्ञा के सम्भव नहीं है। संज्ञा के प्रकार | Sangya ke prakar १ – व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा तीन प्रकार की होती है—रूढ़ (जैसे—कृष्ण, यमुना), यौगिक (जैसे—पनघट, पाठशाला) और योगरूढ़ (जैसे–जलज, यौगिक अर्थ-जल में उत्पन्न वस्तु, योगरूढ़ अर्थ—कमल)। २ – अर्थ की दृष्टि से संज्ञा पाँच प्रकार की होती है—व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा एवं भाववाचक संज्ञा। • व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun) : जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध कराती है। जैसे— राम, गंगा, पटना आदि। • जातिवाचक संज्ञा (Common Noun) : जो संज्ञा किसी जाति का बोध कराती है, वे जातिवाचक संज्ञा कही जाती हैं। जैसे—नदी, पर्वत...

Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा

इस लेख में बताया गया है कि भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं (Bhav Vachak Sangya Kise Kehte Hai), भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha), भाववाचक संज्ञा के कितने भेद हैं (Bhav Vachak Sangya Ke Kitne Bhed Hai), भाववाचक संज्ञा के प्रकार (Types of Bhav Vachak Sangya), भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan और Bhav Vachak Sangya Examples in Hindi) और भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi) के बारे में। Bhav Vachak Sangya भाववाचक संज्ञा को पढ़ने से पहले जाने संज्ञा के बारे में पूरी जानकारी क्योकि यह भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) खुद संज्ञा ( Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain भाववाचक संज्ञा – परिभाषा, उदाहरण, भेद, प्रकार भाववाचक संज्ञा की परिभाषा (Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha) = जिससे व्यक्ति या पदार्थों के गुण, भाव, दशा आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञाएँ अर्थवान होती है। जातिवाचक संज्ञाओं की तरह इनसे भी किसी न किसी धर्म का बोध होता है। इसमें धर्म, गुण और भाव समानार्थी है। भाववाचक संज्ञा शब्द की पहचान शब्दों के अन्त में प्रयुक्त प्रत्ययों के द्वारा भी की जा सकती है। भाववाचक संज्ञा बनाने में प्राय: निम्नलिखित प्रत्यय जुड़ते है – जैसे ई, त्व, ता, पन, इट, त्व, आवत, हट, आव, आस, यत, य, आई, वट, पा, क, न्त इत्यादि के योग से इत्यादि। जैसे – लड़ाई, ममत्व, मानवता, बालपन, घबराहट, ठंडक, बहाव, मिठास, गढ़न्त आदि। भाववाचक संज्ञा की रचना होती है – • जातिवाचक संज्ञा से • विशेषण शब्दों से • क्रिया से • सर्वनाम से • अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना (Bhav Vachak Sangya Banana in Hindi) (1.) जातिवाचक सं...

Noun in Hindi ( संज्ञा किसे कहते है

Contents • • • • • • • • संज्ञा किसे कहते है – Noun Definition in Hindi “संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु विशेष अथवा किसी व्यक्ति के नाम का बोध हो ” सरल शब्दों में संज्ञा की परिभाषा “किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, प्राणी, गुण, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। “ जैसे- घर, गंगा, मोहन, भारत, दया, ताजमहल, दिल्ली, भैंस आदि सभी संज्ञा के उदहारण है। यह सभी किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, प्राणी, गुण, भाव आदि के नाम है इन्ही को हम Noun in hindi कहते है। • • • • Noun Chart – Sangya Chart Noun in Hindi – ( संज्ञा के भेद : Sangya Ke Bhed ) संज्ञा के तीन भेद होते है जो निम्नलिखित है। • व्यक्तिवाचक संज्ञा • जातिवाचक संज्ञा • भाववाचक संज्ञा व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Vyakti Vachak Sangya ) – Proper Noun व्यक्तिवाचक संज्ञा उसे कहते हैं जिससे किसी एक ही पदार्थ अथवा पदार्थो के एक ही समूह का बोध होता हो, जैसे गंगा, महामण्डल, काशी, मोहन आदि यहाँ काशी या मोहन कहने से किसी एक ही पदार्च या प्राणी का बोध होता है। काशी कहने से इस नाम के एक ही नगर अथवा एक ही प्राणी का बोध होता है। जातिवाचक संज्ञा ( Jati Vachak Sangya ) – Common Noun जातिवाचक संज्ञा उसे कहते हैं जिससे किसी जाति के सभी पदार्थो अथवा उनके समूहों का दोष हो, जैसे नदी, पर्वत, मकान, सभा, मनुष्य आदि। पर्वत कहने से हिमालय, विंध्याचल, आबू आदि सभी पर्वतों का बोध होता है इस प्रकार नदी कहने से संसार की सभी नदियों का बोध होता है। जातिवाचक संज्ञा दो प्रकार की होती है। • द्रव्यवाचक संज्ञा • समूह वाचक संज्ञा द्रव्यवाचक संज्ञा ( Dravya Vachak Sangya ) – Material Noun जिन संज्ञा शब्दों से किसी धातु, सामग्री, पदार्थ आदि का बोध हो द्रव्यवाचक संज...