Sardi khasi ki dawa

  1. Bacho Ki Khansi ki Dawa
  2. सर्दी और जुकाम के पांच घरेलू उपचार
  3. सर्दी की दवा और घरेलु इलाज (तुरंत असरदार दवा)
  4. कैसी भी खांसी और कफ हो दूर करेंगे यह 11 रामबाण घरेलु उपचार
  5. सांस फूलने की परेशानी से राहत देगे यह 11 घरेलू इलाज
  6. गले की खराश (खिचखिच) दूर करने के उपाय तरके नुस्खे
  7. आयुर्वेद द्वारा खाँसी का घरेलू इलाज (Khansi ka Ilaj)


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Bacho Ki Khansi ki Dawa

बच्चों को खाँसी होना बहुत ही आम बात है। प्रायः यह देखा जाता है कि जब भी बच्चे को खांसी होती है तो माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करते हैं। आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खाँसी कोई बीमारी नहीं है। यह शरीर में हो रही किसी और परेशानी का संकेत होती है। क्या आपको पता है कि आप आयुर्वेदिक तरीके से भी बच्चों की खांसी का इलाज (Home Remedies for Cough in Kids) कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि बच्चों की खांसी के इलाज के लिए रामबाण दवा क्या है। एक-दो नहीं बल्कि बच्चों की खांसी के लिए अनेक घरेलू उपाय ( khasi ki dawa) हैं जिसकी सहायता से आप बच्चों की खांसी का उपचार कर सकते हैं। छोटे बच्चों को सर्दी और खांसी बार-बार होती है, और इसके लिए बार-बार डॉक्टर से परामर्श लेना पड़ता है। ऐलोपैथिक दवाओं का अधिक सेवन करने से बच्चों के शरीर पर बुरा असर भी पड़ता है। इसलिए आप आयुर्वेदिक तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों की खांसी के लिए घरेलू उपाय, कफ निकालने के उपाय क्या-क्या हैं। यह भी जानते हैं कि बच्चों की खांसी के इलाज ( khansi ka ilaj) के लिए किस-किस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। Contents • 1 बच्चों की खांसी (Cough in Children) • 2 बच्चों की खाँसी के प्रकार (Types of Cough in Kids) • 3 बच्चों को खाँसी होने के कारण (Causes of Cough in Kids) • 3.1 बच्चों को खाँसी होने के अन्य कारण • 4 बच्चों की खाँसी के लक्षण (Symptoms of Children’s Cough) • 5 बच्चों की खाँसी के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Cough in Kids in Hindi) • 5.1 बच्चों की खांसी के इलाज की रामबाण दवा अंगूर (Grapes: Home Remedy for Cough in Children’s in Hindi) • 5.2 बच्चों की खांसी के इ...

सर्दी और जुकाम के पांच घरेलू उपचार

बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। लेकिन इससे होने वाली समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं सर्दी-जुकाम से राहत पाने के ऐसे पांच घरेलू उपायों के बारे में जो आपको एक घंटे के भीतर हर तरह की सर्दी- जुकाम से राहत दिलाते हैं। सर्दी जुकाम का उपचार : सर्दी जुकाम ( • • खासतौर पर बदलते मौसम में खांसी-जुकाम होना आम बात है।ऐसे में अगर आपको भी खांसी-जुकाम हो जाता है, तो आप शुरुआत में ही इन उपायों से खांसी-जुकाम को ठीक कर सकते हैं।सर्दी जुकाम होने का मुख्य कारण कीटाणु से होती है ये कीटाणु हमारे शरीर में जाकर हमें बीमार करते हैं ,सर्दी जुकाम के कारण हमारे गले में खराश होती है। इन घरेलू व्यंजनों से, आप आसानी से सर्दी जुकाम का इलाज कर सकते हैं। इस लेख के जरिये हम आपको सर्दी जुकाम का उपचार और बचने के घरेलू ,आयुर्वेदिक नुस्खे बता रहे है जो कई वर्षो से हमारे घरो में अपनाये जा रहे है। इन उपायों को करने का सबसे बड़ा फायदा ये है की इनका कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है। आइये जाने sardi jukam treatment home remedies in hindi . • जाने सिर दर्द का इलाज घरेलू उपाय से कैसे करे सर्दी जुकाम का उपचार के घरेलू उपाय और देसी नुस्खे Contents • • • • Sardi Jukam (Cold and Cough) Treatment Tips in Hindi सर्दी जुकाम नाक से शुरू होता है और धीरे-धीरे इसका प्रभाव पुरे शरीर पर पड़ने लगता है। सर्दी जुकाम से छुटकारा पाने में ayurvedic और घरेलु उपाय अधिक फायदेमंद है। • यदि आपको गले में खराश की परेशानी हो और आपकी नाक बंद हो जाये तो एक गिलास गर्म पानी लेकर उसमें चुटकी भर नमक मिलाएं और गरारे करें, इससे गले की खराश की शिकायत दूर होगी और ये नुस्खा कीटाणुओं को शरीर में दोबारा आन...

सर्दी की दवा और घरेलु इलाज (तुरंत असरदार दवा)

सर्दी होने के कारण नाक बंद रहता है सर दर्द होता है और शारीरिक रूप से कुछ भी अच्छा नहीं लगता। सिर्फ शरीर में जमे कफ के कारण समस्या इतनी बढ़ जाती है की अपना जरुरी काम भी नहीं कर पाते। अक्सर यह कफ गलत खानपान या ज्यादा तेल वाला खाने से होता है। बहुत से लोगो को ऋतु परिवर्तन होते ही सर्दी जुखाम का असर होना शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में बिना समय गवाए सर्दी की दवा लेनी चाहिए और कुछ तुरंत असरदार घरेलु इलाज को आजमाना चाहिए। उपचार के साथ कुछ जरुरी बातों का भी ख्याल रखना है। जैसे सर्दी में कोई भी तली हुई या मसालेदार चीज़ नहीं खानी। हो सके उतना खुद को धुल मिटटी वाले वातावरण से दूर रखना है। और रोजाना फ्रिज का ठंडा पानी पिने के बजाय सिर्फ गरम किया हुआ पानी ही पीना है। खुद को स्वत्छ रखने के लिए अपने पास रुमाल रखे। बस इतनी बात समझ जाओ तो निचे बताई गयी दवा और इलाज अपना असर दिखाना शुरू कर देंगे। • ज़िद्दी खांसी का इलाज सर्दी की दवा और घरेलु इलाज किसी को पतला पानी जैसा प्रवाही नाक से निकलता है तो किसी के गले में कठीन कफ जमे हुए होते है, सर्दी का अनुभव दोनों में होता है। ऐसी स्थिति में हमारे घर के किचन में कुछ ऐसी चीज़े होती है जो सर्दी से छुटकारा दिला सके। तथा आयुर्वेदिक औषधि से बनी दवा द्वारा भी कठिन सर्दी का निराकरण किया जा सकता है। बस जरुरत है तो सही जानकारी की जो आज की पोस्ट में देनेवाले है। अब किसी भी दवा के पीछे पैसे खर्च करने के बजाय सबसे पहले घरेलु इलाज को अपनाये। अगर उससे ठीक नहीं होता तभी कोई आयुर्वेदिक दवा लेने की तरफ आगे बढे। • बुखार की दवा तुरंत असरदार सर्दी का इलाज • सर्दी खांसी से छुटकारा पाने के लिए सबसे सरल उपाय है हल्दी दूध पिए। वो नहीं करना तो डेढ़ चम्मच हल्दी और थोड़ा सा नमक म...

कैसी भी खांसी और कफ हो दूर करेंगे यह 11 रामबाण घरेलु उपचार

3 कफ खांसी के देसी घरेलु उपचार : cough khansi ka ilaj खांसी के कारण : खांसी (cough) होने के अनेक कारण हैं- खांसी वात, पित्त और कफ बिगड़ने के कारण होती है। • घी-तेल से बने खाद्य पदार्थों के सेवन के तुरन्त बाद पानी पी लेने से खांसी की उत्पत्ति होती है। छोटे बच्चे स्कूल के आस-पास मिलने वाले चूरन, चाट-चटनी व खट्टी-मीठी दूषित चीजें खाते हैं जिससे खांसी रोग हो जाता है। • मूंगफली, अखरोट, बादाम, चिलगोजे व पिस्ता आदि खाने के तुरन्त बाद पानी पीने से खांसी होती है। ठंड़े मौसम में ठंड़ी वायु के प्रकोप व ठंड़ी वस्तुओं के सेवन से खांसी उत्पन्न होती है। क्षय रोग व सांस के रोग (अस्थमा) में भी खांसी उत्पन्न होती है। • सर्दी के मौसम में कोल्ड ड्रिंक पीने से खांसी होती है। ठंड़े वातावरण में अधिक घूमने-फिरने, फर्श पर नंगे पांव चलने, बारिश में भीग जाने, गीले कपड़े पहनने आदि कारणों से सर्दी-जुकाम के साथ खांसी उत्पन्न होती है। • क्षय रोग में रोगी को देर तक खांसने के बाद थोड़ा सा बलगम निकलने पर आराम मिलता है। आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), खसरा, इंफ्लुएंजा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस (श्वासनली की सूजन), फुफ्फुसावरण शोथ (प्लूरिसी) आदि रोगों में भी खांसी उत्पन्न होती है। खांसी में भोजन और परहेज : • खांसी (khansi) में पसीना आना अच्छा होता है। • नियम से एक ही बार भोजन करना, जौ की रोटी, गेहूं की रोटी, शालि चावल, पुराने चावल का भात, मूंग और कुल्थी की दाल, बिना छिल्के की उड़द की दाल, परवल, तरोई, टिण्डा बैंगन, सहजना, बथुआ, नरम मूली, केला, खरबूजा, गाय या बकरी का दूध, प्याज, लहसुन, बिजौरा, पुराना घी, मलाई, कैथ की चटनी, शहद, धान की खील, कालानमक, सफेद जीरा, कालीमिर्च, अदरक, छोटी इलायची, गर्म करके खूब ठंड़ा किया हुआ साफ ...

सांस फूलने की परेशानी से राहत देगे यह 11 घरेलू इलाज

3 सांस फूलने का प्रभावी और घरेलू इलाज़ :sans fulne ka ilaj in hindi सांस फूलना क्या होता है ? बहुत से लोग गलतफहमी के चलते डिसप्निया (सांस फूलना Sans foolna) रोग को दमा रोग ही समझ लेते हैं। लेकिन डिसप्निया (सांस फूलना) और दमा (एस्थमा) रोग में थोड़ा सा फर्क होता है।कई लोगों को गलतफहमी होती है कि मोटा होने की वजह से ही सांस फूलती है पर ऐसा कुछ नही है,पतले लोगो की भी ऐसे ही सांस फूलती है और इसका कारण हमारे शरीर में नही अपितु पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण,अस्वच्छ हवा में सांस लेना और गलत कार्यशैली हो सकती है। सांस फूलने के कारण : सांस फूलने का रोग 2 प्रमुख कारणों से हो सकता है : • ज्यादा उम्र के लोगों को बारिश के मौसम में सांस की नली के पुराने जुकाम आदि रोगों के कारण। • दिल की धड़कन का काफी तेज चलने के कारण। (इसे भी पढ़े : दमा या अस्थमा के कारगर 15 घरेलु उपाय) सांस फूलने का प्रभावी और घरेलू इलाज़ :sans fulne ka ilaj in hindi 1. अंजीर (Common fig) – जिन लोगो की सांस फूलती है, उनके लिए अंजीर अमृत के समान है क्योंकि अंजीर छाती में जमी बलगम और सारी गंदगी को बाहर निकाल देती है। जिससे सांस नली साफ़ हो जाती है और सुचारू रूप से कार्य करती है। इसके लिए आप तीन अंजीर गरम पानी से धोकर रात को एक बर्तन में भिगोकर रख दीजिये और सुबह खाली पेट नाश्ते से पहले उन अंजीरों को खूब चबाकर खा लीजिये। उसके बाद वह पानी भी पी लें | इस नुस्खे का प्रयोग लगातार एक महीने तक कीजिये। इसके प्रयोग से फर्क आपको खुद ही महसूस होने लगेगा। 2. तुलसी ( Basil )और सौंठ (dry ginger) का काढ़ा – तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है और श्वसन तंत्र पर बाहरी प्रदूषण और एलर्जी के हमले से रक्षा करने में समर्थ है। इसलिए जिनको भी स...

गले की खराश (खिचखिच) दूर करने के उपाय तरके नुस्खे

गुनगुने पानी में गरारे करने के लिए गुनगुना पानी और नमक का इस्तेमाल कैसे करें – सामग्री - • एक ग्लास गुनगुना पानी। (और पढ़ें - • एक चम्मच नमक। बनाने व उपयोग करने का तरीका – • सबसे पहले नमक और गुनगुने पानी को एक साथ मिला लें। • अब मिश्रण का एक घूंट मुंह में लें और दस सेकेंड के लिए गरारे करें। • फिर पानी को थूक दें। • इस बात का ध्यान रखें कि आपने पानी को निगलना नहीं है। • इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो से तीन बार दोहराएं। नोट - जब भी गरारे करें तभी नया मिश्रण का इस्तेमाल करें। (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। शहद खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है जिसे अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर गले की खिचखिच के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शहद दर्द से राहत दिलाता है और गले में खराश के लिए शहद का इस्तेमाल कैसे करें - सामग्री - एक बड़ा चम्मच शहद। (और पढ़ें - बनाने व उपयोग करने का तरीका – • आप एक बड़ा चम्मच शहद को रोजाना सुबह ले सकते हैं। • इसके अलावा रोजाना गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर भी पी सकते हैं। (और पढ़ें - गले की खराश को ठीक करने के लिए आप रोजाना गर्म अदरक की चाय का इस्तेमाल कैसे करें - सामग्री – • आधा टुकड़ा अदरक। (और पढ़ें - • एक ग्लास पानी। • आधा बड़ा चम्मच शहद। • एक छोटा चम्मच नींबू का जूस। (और पढ़ें - बनाने व उपयोग करने का तरीका – • सबसे पहले अदरक के छिलके को छील लें और फिर उसे घिसलें। • अब बर्तन में पानी को गर्म करें और ग...

आयुर्वेद द्वारा खाँसी का घरेलू इलाज (Khansi ka Ilaj)

आयुर्वेद द्वारा खाँसी का घरेलू उपाय • • • • • • • हल्दी पाउडर हल्दी में रोगाणुरोधक (एंटीसेप्टिक), जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल), जलन को रोकने की दवा (एंटी इंफ्लेमेटरी), रोग प्रतिरोधक (एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज) गुण होते हैं। • आधी चाय की चम्मच हल्दी गर्म दूध में मिला लें। 15 दिनों तक दिन में दो बार पियें। यह खाँसी को कम करके बलगम को गले से निकाल देता है। यह सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक उपाय है। • 10 चम्मच हल्दी पाउडर को 5 चम्मच गुड़ में अच्छी तरह मिलाकर करौंदे के आकार की गोलियाँ बना लें। दिन में दो बार लें। • यदि आपको बलगम बहुत अधिक हो गया है तो, एक चम्मच देसी घी गर्म दूध में मिलाकर पिएं। एक बड़ा चम्मच अजवाइन और एक बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर एक गिलास पानी के साथ उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो गैस से उतार कर ठंडा होने दें। थोड़ा सा शहद इसमें मिला लें। इस सिरप को दिन में दो-तीन बार पिएं। यह छाती में जकड़न को समाप्त करके खुलकर सांस लेने में सहायता करेगा। काली मिर्च खाँसी का कोई भी उपचार काली मिर्च द्वारा किया जा सकता है। यह बलगम की झिल्ली को ढीला करता है तथा छाती के जमाव को कम करता है और खोलता है। • आप दो तीन साबुत काली मिर्च आधे घंटे तक धीरे धीरे चबाएं (निगले नहीं) उसके ऊपर एक चम्मच शहद खा लें, फिर धीरे-धीरे चबाई हुई इस काली मिर्च को निगल लें। • यदि काली मिर्च के तीखे स्वाद के कारण आपको इस को चबाने में तकलीफ हो रही है तो दो तीन काली मिर्च एक गिलास दूध में मिलाकर पी लें। • काली मिर्च और आजवाइन को थोड़ी मात्रा में लेकर आधा चम्मच नमक मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। तुलसी श्याम या काली तुलसी के रस को शहद में मिलाकर खाने से खाँसी में आराम मिलता है। अदरक का काढ़ा • दिन में दो बार आधी छोटी चम्मच अ...

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