Sarojini naidu in hindi

  1. Sarojini Naidu
  2. सरोजिनी नायडू की जीवनी
  3. सरोजिनी नायडू पर निबंध (Sarojini Naidu Essay in Hindi)
  4. सरोजिनी नायडु जीवन परिचय
  5. सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय: भारत रत्न, स्वर कोकिला के बारे में जानें यहाँ
  6. Sarojini Naidu Quotes, Speech, Essay, Images, Poems: सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर क्यों मनाते हैं महिला दिवस, जानिए इनसे जुड़ी बातें
  7. Sarojini Naidu: Poet and Politician of India


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Sarojini Naidu

कोकिला जिसने अपनी कालातीत रचनाओं के साथ एक लाख दिलों को छुआ, सरोजिनी नायडू भारत में भयंकर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी। वह अघोरनाथ चट्टोपाध्याय की बेटी थीं- एक वैज्ञानिक और बरदा सुंदरी देवी- एक बंगाली कवयित्री। अपने बचपन से, सरोजिनी नायडू एक साहित्यिक कौतुक थी और हिंदी, अंग्रेजी, फारसी, उर्दू, तेलुगु और बंगाली में कुशल थी। Sarojini Naidu Biography in Hindi में सब विस्तार से पढ़ेगें। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय, किंग्स कॉलेज लंदन में अध्ययन किया, और कैम्ब्रिज के गिर्टन कॉलेज में अपनी पढ़ाई भी आगे बढ़ाई। एक असाधारण बच्चा होने के अलावा, सरोजिनी नायडू एक स्वतंत्र भारत की इच्छा थी। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में शामिल होकर बहादुर प्रयास किए; और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं और भारतीय राज्य की गवर्नर नियुक्त की गईं। सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी को नमक सत्याग्रहमें भी साथ दिया था। उनकी काव्य आकर्षण और राजनीतिक भक्ति हमें बहुत कुछ हासिल करने के लिए देती है। इस ब्लॉग में Sarojini Naidu Biography in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। पूरा नाम सरोजिनी चट्टोपाध्याय जन्म 13 फरवरी 1879 जन्म स्थान हैदराबाद माता वारद सुंदरी देवी पिता डॉक्टर अघोरनाथ चट्टोपाध्याय विवाह डॉक्टर गोविंद राजुलू नायडू बेटे बेटी पद्मजारणधीरलीलामणिजय सूर्या मृत्यु 2 मार्च 1949 पुरस्कार उपाधि केसर ए हिंद रचनाएं द गोल्डन थ्रेसोल्डबोर्ड ऑफ टाइमब्रोकन विंग विद्यालय मद्रास विश्वविद्यालयकिंग कॉलेज लंदनगर्टन कॉलेजकैंब्रिज This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • सरोजिनी नायडू का प्रारंभिक जीवन 13 फरवरी 1879 को सरोजि...

सरोजिनी नायडू की जीवनी

जन्म: 13 फरवरी 1879 मृत्यु: मार्च 2, 1949 उपलब्धियां: भारत कोकिला कहलाने वाली सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं। आजादी के बाद वो पहली महिला राज्यपाल भी घोषित हुईं। सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता भी थीं। उन्हें भारत कोकिला के नाम से भी जाना जाता था। प्रारंभिक जीवन सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 में हुआ था। उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपध्याय एक वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे। उन्होंने हैदराबाद के निज़ाम कॉलेज की स्थापना की थी। उनकी मां वरदा सुंदरी कवयित्री थीं और बंगाली भाषा में कविताएं लिखती थीं। सरोजिनी आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनके एक भाई विरेंद्रनाथ क्रांतिकारी थे और एक भाई हरिद्रनाथ कवि, कथाकार और कलाकार थे। सरोजिनी नायडू होनहार छात्रा थीं और उर्दू, तेलगू, इंग्लिश, बांग्ला और फारसी भाषा में निपुण थीं। बारह साल की छोटी उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी में पहला स्थान हासिल किया था। उनके पिता चाहते थे कि वो गणितज्ञ या वैज्ञानिक बनें परंतु उनकी रुचि कविता में थी। उनकी कविता से हैदराबाद के निज़ाम बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने सरोजिनी नायडू को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी। 16 वर्ष की आयु में वो इंग्लैंड गयीं। वहां पहले उन्होंने किंग कॉलेज लंदन में दाखिला लिया उसके बाद कैम्ब्रिज के ग्रीतान कॉलेज से शिक्षा हासिल की। वहां वे उस दौर के प्रतिष्ठित कवि अर्थर साइमन और इडमंड गोसे से मिलीं। इडमंड ने सरोजिनी को भारतीय विषयों को ध्यान में रख कर लिखने की सलाह दी। उन्होंने नायडू को भारत के पर्वतों, नदियों, मंदिरों और सामाजिक परिवेश को अपनी कविता में समा...

सरोजिनी नायडू पर निबंध (Sarojini Naidu Essay in Hindi)

सरोजिनी नायडू पर निबंध (Sarojini Naidu Essay in Hindi) - सरोजिनी नायडू को "नाइटिंगेल ऑफ इंडिया" या "भारत कोकिला" के नाम से जाना जाता है। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाली प्रमुख महिलाओं में से एक हैं। इस दौरान एक राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रतिभाशाली कवयित्री के रूप में उन्होंने अपनी पहचान स्थापित की। भारतीय महिलाओं की मुक्ति में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई। यहाँ सरोजिनी नायडू पर निबंध के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। छात्र इसके माध्यम से परीक्षा में सरोजिनी नायडू पर हिंदी में निबंध लिख सकते है। सरोजिनी नायडू पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Sarojini Naidu) सरोजिनी नायडू पर हिंदी में अनुच्छेद (Paragraph on Sarojini Naidu in hindi) सरोजिनी नायडू पर हिंदी में जानकारी (Sarojini Naidu information in hindi) - 13 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन दोनों में पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी शिक्षा पूर्ण की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुईं। भारत की कोकिला, जैसा कि सरोजिनी नायडू को कहा जाता है, कविता में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें यह नाम प्रदान किया गया। उनकी कविता, जो कल्पना में ज्वलंत थी, ने अलगाव, प्रेम और मृत्यु जैसे कई विषयों को शा...

सरोजिनी नायडु जीवन परिचय

आपकोबतादेंकिसरोजनीनायडूनाकेवलएकअच्छीराजनीतिज्ञऔरमहानस्वतंत्रतासेनानीथीबल्किवोएकफेमिनिस्ट, कवियत्रीऔरअपनेदौरकीएकमहानवक्ताथी।जिन्हेंसुनकरबड़े- बड़ेदिग्गजभीमंत्रमुग्धहोजायाकरतेथे।इसकेअलावावेइंडियननेशनलकांग्रेसकीपहलीप्रेसिडेंटथी। इसकेसाथहीवहभारतकेउत्तरप्रदेशकेराज्यपालकेरूपमेंनियुक्तहोनेवालीपहलीभारतीयमहिलाथी।भारतीयस्वतंत्रताआंदोलनमेंउनकीएकसक्रियसहभागितारहीहै। उन्हेंभारतकीनाइटिंगेलयाभारतीयकोकिलाभीकहाजाताहैं।उनकीकवितामेंबच्चोंकीकविताओं, प्रकृतिकविताओं, देशभक्तिकविताओंऔरप्यारऔरमृत्युकीकविताएंशामिलहैं, लेकिनवहखासकरबच्चोंकेऊपर, कविताएंलिखनेकेलिएमशहूरथी। उनकीहरकवितापढ़करज्यादातरलोगअपनेबचपनमेंखोजातेहैंयाफिरउनकेकवितामेंएकचुलबुलापनहोताथा, उनकीकविताओंमेंउनकेअंदरकेबचपनकीझलकभीसाफदेखीजासकतीहै।इसलिएउन्हें‘भारतकीबुलबुल’भीकहाजाताहै। आपकोबतादेंकिइसमहानकवियित्रीनेमहज 12 सालकीउम्रमेंहीअपनीप्रतिभाकापरिचयदेदियाथा, इसनन्हींबच्चीकीकवितापढ़करहरकोईआश्चर्यचकितरहजाताथा, उन्होंनेतभीबड़ेअखबारोंमेंआर्टिकलऔरकविताएंलिखनाशुरुकरदियाथा। उनकेअंदरदेशप्रेमकीभावनाभीकूट-कूटकरभरीथीयहीवजहहैकिसरोजिनीनायडूनेराष्ट्रीयआंदोलनमेंशामिलहोकरगांधीजीकाआह्वानभीकियाऔरउनकेसाथलोकप्रियनमकमार्चमेंभीसहयोगकिया।सरोजिनीकीबेटीपद्मजाभीस्वतंत्रताआंदोलनमेंशामिलहुईंऔरभारतछोड़ोआंदोलनकाहिस्सारही। जबभीभारतकीमहानक्रांतिकारीमहिलाओंकीबातहोतीहैतोसरोजनीनायडूकानामसबसेपहलेयादकियाजाताहै।सरोजनीनायडूसभीभारतीयमहलिाओंकेलिएएकआदर्शहैं– भारतकोकिलासरोजिनीनायडूकाजीवनपरिचय– Sarojini Naidu Biography in Hindi पूरानाम (Name) सरोजिनीनायडू ( Sarojini Naidu) जन्म (Birthday) 13 फ़रवरी, 1879,हैदराबाद, आंध्रप्रदेश मृत्यु (Death) 2 मार्च, 1949, इलाहाबाद, पति (Husband Name) ड...

सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय: भारत रत्न, स्वर कोकिला के बारे में जानें यहाँ

सरोजनी नायडू जीवन परिचय • सरोजिनी नायडू का संक्षिप्त जीवन परिचय यहाँ आपको भारत रत्न सरोजनी नायडू का संक्षिप्त जीवन परिचय (Sarojini Naidu Biography in Hindi) दिया जा रहा है :- नाम सरोजिनी नायडू उपनाम भारत कोकिला, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया जन्म 13 फरवरी 1879 जन्म स्थान हैदराबाद पेशा कवयित्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, नारीवादी प्रसिद्धि कवयित्री माता-पिता वारद सुन्दरी देवी , डॉ अघोरनाथ चटोपाध्या पति गोविंद राजुलु नायडू राष्ट्रीयता भारतीय निधन 2 मार्च 1949 पुरस्कार भारत रत्न (1971) Sarojini Naidu Biography in Hindi सरोजिनी नायडू का प्रारंभिक जीवन भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबादमें एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ अघोरनाथ चटोपाध्या पेशे से वैज्ञानिक और डॉक्टर थे तथा माता वारद सुन्दरी देवी बंगाली भाषा में कविताएँ करती थी। अपने परिवार में 8 भाई बहनो में सरोजनी नायडू सबसे बड़ी संतान थी। सरोजनी नायडू के पिता निजाम कॉलेज के प्रिंसिपल होने के साथ-साथ यहाँ भी देखें -->> बचपन से ही कविता लिखने का शौक रखने वाली सरोजनी नायडू ने अपनी माता-पिता के गुणों को ग्रहण किया एवं अपने पिता की भांति देश की आजादी में सक्रिय योगदान दिया। सरोजनी की माता वारद सुन्दरी देवी बंगाली भाषा में कविताएँ करती रही जहाँ से सरोजनी नायडू ने कविता लिखने के गुण विकसित किए एवं भारत कोकिला की उपाधि प्राप्त की। सरोजिनी नायडू की शिक्षा एवं करियर भारत कोकिला सरोजनी नायडू को बचपन से ही कविताएँ लिखने का शौक था। मात्र 12 वर्ष की अवस्था में ही सरोजिनी नायडू द्वारा लेडी ऑफ दी लेक कविता रचित की गयी थी जिससे की सभी लोग उनकी प्रतिभा से प्रभावित हुए थे। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि की धनी...

Sarojini Naidu Quotes, Speech, Essay, Images, Poems: सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर क्यों मनाते हैं महिला दिवस, जानिए इनसे जुड़ी बातें

Sarojini Naidu Birthday(National Women’s Day) Quotes, Images, Jivan Parichay, Speech, Essay, Poems: भारत के स्वतंत्रता सेनानी और कवि सरोजिनी नायडू का जन्मदिन देश में एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने देश की आजादी के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उनकी कविताओं ने उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’ का उपनाम दिया। सरोजिनी नायडू ना केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थीं, बल्कि वे संयुक्त प्रांत, वर्तमान उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं थीं। सरोजिनी नायडू के काम और योगदान का सम्मान करते हुए, इस दिन को देश में महिलाओं के विकास का जश्न मनाने का भी प्रतीक बनाया गया। उत्सव का यह प्रस्ताव भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्यों द्वारा किया गया था। जब सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा थीं, तो उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। उनके काम को अंग्रेजों ने मान्यता दी और उन्हें 1928 के दौरान भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनके काम के लिए कैसर-ए-हिंद पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने महिला सशक्तीकरण के मुद्दे की भी वकालत की और 1917 में महिला भारतीय संघ (WIA) की स्थापना में मदद की। सरोजिनी नायडू कांग्रेस पार्टी की पहली हिला अध्यक्ष थी। सरोजिनी नायडू के बेहतरीन कोट्स- 2. एक देश की महानता,बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है। – सरोजिनी नायडू 3. हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी। – सरोजिनी नायडू 4. “श्रम करते हैं हम कि समुद्र हो तुम्हारी जागृति का क्षण, हो चु...

Sarojini Naidu: Poet and Politician of India

• Known for: poems published 1905 to 1917; campaign to abolish purdah; first Indian woman president of the Indian National Congress (1925), Gandhi's political organization; after independence, she was appointed governor of Uttar Pradesh; she called herself a "poetess-singer" • Occupation: poet, feminist, politician • Dates: February 13, 1879 to March 2, 1949 • Also known as: Sarojini Chattopadhyay; the Nightingale of Bharatiya Kokila) • Quote:"When there is oppression, the only self-respecting thing is to rise and say this shall cease today, because my right is justice." Sarojini Naidu Biography Sarojini Naidu was born in Hyderabad, India. Her mother, Barada Sundari Devi, was a poet who wrote in Sanskrit and Bengali. Her father, Aghornath Chattopadhyay, was a scientist and philosopher who helped found Nizam College, where he served as principal until removed for his political activities. Naidu's parents also founded the first school for girls in Nampally and worked for women's rights in education and marriage. In India Naidu channeled her political interest into the National Congress and Non-Cooperation movements. She joined the Indian National Congress when the British partitioned Bengal in 1905; her father was also active in protesting the partition. She met Jawaharlal Nehru in 1916, working with him for the rights of indigo workers. That same year she met Mahatma Gandhi. In 1919, in response to the Rowlatt Act passed by the British, Gandhi formed the Non-Cooperation Mov...