Sarojini naidu wikipedia in hindi

  1. How Sarojini Naidu, the fearless Indian political activist, spent her days in detention camps during freedom struggle
  2. सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाऍं
  3. Sarojini Naidu Biography in Hindi
  4. Sarojini Naidu (13 February, 1879
  5. कस्तूरबा गांधी
  6. रानी लक्ष्मीबाई
  7. कस्तूरबा गांधी
  8. सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाऍं
  9. सरोजिनी नायडु जीवन परिचय
  10. रानी लक्ष्मीबाई


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How Sarojini Naidu, the fearless Indian political activist, spent her days in detention camps during freedom struggle

By Vaishnawi Sinha: Sarojini Naidu was born on February 13, 1879 and played a major part in the Independence Movement. Apart from being a political activist, she was a renowned poet and lyricist, and was affectionately known as the Nightingale of India. She wrote children's poems, but also wrote on more serious themes like patriotism, romance and tragedy. Sushila Nayar, an Indian political activist, wrote about her encounter with Sarojini Naidu during imprisonment in Agakhan Place detention camp, in the book Women Pioneers in India's Renaissance. Her great poems and lyrical abilities urged Mahatma Gandhi to give her the title of the Nightingale of India. Sarojini Naidu's stay in Agakhan Place detention camp Sushila Nayar arrived at the detention camp and her first interaction with Sarojini Naidu was when she offered Nayar a simple meal of buttered bread, which was later decribed by Nayar as the most delicious thing she had ever eaten. She said," A little man with a shaven head, seated on the floor on a black prison blanket, eating a messy meal of squashed tomatoes and olive oil out of a wooden prison bowl. Around this were ranged some battered tins of parched groundnuts and tasteless biscuits of dried plaintain flour. I burst instinctively into laughter at the amusing and unexpected vision of a famous leader, whose name has already become a household word in our country." During this meeting, Mahatma Gandhi had also offered Naidu to share the meal with him and she had poli...

सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाऍं

सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाएं, स्लोगन, निबंध (Sarojini Naidu Biography In Hindi, Wiki, Pomes, Books, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Awards, Husband, Children’s, Cast, UP First Women Governor, Age, Doughter, Social Work) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी दी थी। स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिलाओं में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजनी नायडू जी का अमूल्य योगदान है। भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू ने अपनी प्रबल लेकिन इसे देश की महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित किया था। एक कवित्री होने के साथ ही आजादी के संग्राम में उन्होंने अपने दायित्वों का पूरा निर्वाहन किया था एवं देश की महिलाओं के लिए सरोजिनी नायडू आज एक आदर्श के रूप में स्थापित हैं। आज के इस लेख Sarojini Naidu Biography In Hindi में हम आपको उनसे संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्रदान करने वाले हैं साथ ही उनके जीवन के सफर के बारे में जानेंगे- Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sarojini Naidu Biography In Hindi नाम (Name) सरोजिनी नायडू पूरा नाम (Full Name) सरोजिनी चटोपाध्याय अन्य नाम (Other Name) भारत की कोकिला प्रसिद्धि (Famous for) कवयित्री एवं स्वतंत्रता संग्रामी जन्म (Date Of Birth) 13 फरवरी 1879 जन्म स्थान (Birth Place) हैदराबाद उम्र (Age) 70 वर्ष (मृत्यु के समय) जाति (Cast) बंगाली धर्म (Religion) हिंदू नागरिकता (Nationality) भारतीय वैवाहिक स्थिति (Marrital Status) विवाहित पति (Husband) डॉक्टर गोविंदा राजुलू नायडू (1897) बच्चे (Childre...

Sarojini Naidu Biography in Hindi

Sarojini Naidu Biography in Hindi सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय: भारत की बुलबुल, तथा भारत की कोकिला के उपनाम से जानी जाने वाली सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं महान कवियत्री थी. जिन्होंने लेखन के साथ साथ सक्रिय राजनीति में भी भाग लिया. वे कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया तथा अपनी कलम से भी लोगों को जागृत करती रही. गांधीजी के साथ उनकी पहली मुलाक़ात लंदन में हुई ये उनके विचारों से प्रभावित होकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने लगी. Sarojini Naidu Biography in Hindi सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय पूरा नाम सरोजिनी नायडू ( Sarojini Naidu) जन्म 13 फ़रवरी, 1879,हैदराबाद, आंध्र प्रदेश मृत्यु 2 मार्च, 1949, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश पति डॉ. एम. गोविंदराजलु नायडू संतान जयसूर्य, पद्मजा नायडू, रणधीर और लीलामणि शिक्षा मद्रास विश्वविद्यालय, किंग्ज़ कॉलेज गर्टन कैम्ब्रिज नागरिकता भारतीय Sarojini Naidu Biography सरोजिनी नायडू जिन्हें भारत कोकिला / नाइटिंगल ऑफ इंडिया के रूप में याद किया जाता हैं. स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में भारतीय राजनीति की धुरंधर राष्ट्रवादी महिला नेता के रूप में याद की जाती हैं. सरोजिनी चट्टोपाध्याय का जन्म 1879 में हुआ था. और वह अपने समय की अपनी कक्षा की सबसे मेधावी छात्रा थीं. उन्होंने बहुत कम आयु में ही भिन्न भिन्न आयामों पर भावपूर्ण कविताओं की रचना शुरू कर दी थी. उनकी पहली पुस्तक द गोल्डन थ्रोशोल्ड 1905 में प्रकाशित हुई. द फीदर ऑफ़ द डॉन व द बर्ड ऑफ टाइम 1912 में प्रकाशित हुई तथा द ब्रोकेन विंग 1917 में प्रकाशित हुई. मद्रास प्रेसिडेंसी में अपना अध्ययन समाप्त करने के बाद वह स्कालरशिप प्राप्त करते हुए आगे अध्ययन हेतु ...

Sarojini Naidu (13 February, 1879

Sarojini Naidu was born in Hyderabad on 13 February, 1879. Her father, Aghorenath Chattopadhyay, was a Bengali Brahmin who was the principal of the Nizam’s College in Hyderabad. She was educated in Madras, London and Cambridge. Following her time in England, where she worked as a suffragist, she was drawn to Indian National Congress’ movement for India’s independence from British rule. She became a part of the Indian nationalist movement and became a follower of Mahatma Gandhi and his idea of swaraj. She was arrested, along with other Congress leaders including Gandhi, Jawaharlal Nehru, and Madan Mohan Malaviya for participating in 1930 Salt March. Sarojini was one of the major figures to have led the Civil Disobedience Movement and the Quit India Movement. She faced repeated arrestings by the British authorities during the time and even spent over 21 months (1year 9months) in jail. She was appointed the President of the Indian National Congress in 1925 and later became the Governor of the United Provinces in 1947, becoming the first woman to hold the office of Governor in the Dominion of India. Her work as a poet earned her the sobriquet ‘the Nightingale of India’, or ‘Bharat Kokila’ by Mahatma Gandhi because of color, imagery and lyrical quality of her poetry. Naidu’s poetry includes both children’s poems and others written on more serious themes including patriotism, romance, and tragedy. Published in 1912, ‘In the Bazaars of Hyderabad’ remains one of her most popular p...

कस्तूरबा गांधी

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (सितंबर 2014) स्रोत खोजें: · · · · कस्तूरबा गांधी जन्म 11 अप्रैल 1869 मृत्यु 22 फ़रवरी 1944 ( 1944-02-22) (उम्र74) प्रसिद्धिकारण कस्तूरबा गांधी (1869-1944), बा के नाम से विख्यात है। कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन् 1869 ई. में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। इस प्रकार कस्तूरबा गाँधी आयु में गाँधी जी से 6 मास बड़ी थीं। कस्तूरबा गाँधी के पिता 'गोकुलदास मकनजी' साधारण स्थिति के व्यापारी थे। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं। उस जमाने में कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं, विवाह भी अल्पवय में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी बचपन में निरक्षर थीं और सात साल की अवस्था में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया। जीवन [ ] गांधी के साथ संघर्ष [ ] पति-पत्नी 1888 ई. तक लगभग साथ-साथ ही रहे किंतु बापू के धर्म के संस्कार बा में गहरे बैठे हुए थे। वे किसी भी अवस्था में मांस और शराब लेकर मानुस देह भ्रष्ट करने को तैयार न थीं। अफ्रीका में कठिन बीमारी की अवस्था में भी उन्होंने मांस का शोरबा पीना अस्वीकार कर दिया और आजीवन इस बात पर दृढ़ रहीं। दक्षिण अफ्रीका में 1913 में एक ऐसा कानून पास हुआ जिससे ईसाई मत के अनुसार किए गए और विवाह विभाग के अधिकारी के यहाँ दर्ज किए गए विवाह के अतिरिक्त अन्य विवाहों की मान्यता अग्राह्य की गई थी। दूसरे शब्दों में हिंदू, मुसलमान, पारसी आदि लोगों के विवाह अवैध करार दिए गए और ऐसी विवाहित स्त्रियों की स्थिति पत्नी की न होकर रखैल सरीखी बन गई। बापू ने इस कानून को रद कराने का बहुत प्रयास किया। पर जब वे सफल न हुए तब...

रानी लक्ष्मीबाई

झाँसी 1857 के संग्राम का एक प्रमुख केन्द्र बन गया जहाँ हिंसा भड़क उठी। रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी की सुरक्षा को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया और एक स्वयंसेवक सेना का गठन प्रारम्भ किया। इस सेना में महिलाओं की भर्ती की गयी और उन्हें युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया। साधारण जनता ने भी इस संग्राम में सहयोग दिया। 1857 के सितम्बर तथा अक्टूबर के महीनों में पड़ोसी राज्य तात्या टोपे और रानी की संयुक्त सेनाओं ने चित्र दीर्घा • रानी लक्ष्मी बाई उद्यान, झांसी इन्हें भी देखें • • • • झांसी की रानी कविता सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी, लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी, नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी, बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी। वीर शिवाजी की गाथायें उसको याद ज़बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार, देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार, नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार, सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवाड़। महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में, ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में, राजमह...

कस्तूरबा गांधी

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (सितंबर 2014) स्रोत खोजें: · · · · कस्तूरबा गांधी जन्म 11 अप्रैल 1869 मृत्यु 22 फ़रवरी 1944 ( 1944-02-22) (उम्र74) प्रसिद्धिकारण कस्तूरबा गांधी (1869-1944), बा के नाम से विख्यात है। कस्तूरबा गाँधी का जन्म 11 अप्रैल सन् 1869 ई. में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। इस प्रकार कस्तूरबा गाँधी आयु में गाँधी जी से 6 मास बड़ी थीं। कस्तूरबा गाँधी के पिता 'गोकुलदास मकनजी' साधारण स्थिति के व्यापारी थे। गोकुलदास मकनजी की कस्तूरबा तीसरी संतान थीं। उस जमाने में कोई लड़कियों को पढ़ाता तो था नहीं, विवाह भी अल्पवय में ही कर दिया जाता था। इसलिए कस्तूरबा भी बचपन में निरक्षर थीं और सात साल की अवस्था में 6 साल के मोहनदास के साथ उनकी सगाई कर दी गई। तेरह साल की आयु में उन दोनों का विवाह हो गया। जीवन [ ] गांधी के साथ संघर्ष [ ] पति-पत्नी 1888 ई. तक लगभग साथ-साथ ही रहे किंतु बापू के धर्म के संस्कार बा में गहरे बैठे हुए थे। वे किसी भी अवस्था में मांस और शराब लेकर मानुस देह भ्रष्ट करने को तैयार न थीं। अफ्रीका में कठिन बीमारी की अवस्था में भी उन्होंने मांस का शोरबा पीना अस्वीकार कर दिया और आजीवन इस बात पर दृढ़ रहीं। दक्षिण अफ्रीका में 1913 में एक ऐसा कानून पास हुआ जिससे ईसाई मत के अनुसार किए गए और विवाह विभाग के अधिकारी के यहाँ दर्ज किए गए विवाह के अतिरिक्त अन्य विवाहों की मान्यता अग्राह्य की गई थी। दूसरे शब्दों में हिंदू, मुसलमान, पारसी आदि लोगों के विवाह अवैध करार दिए गए और ऐसी विवाहित स्त्रियों की स्थिति पत्नी की न होकर रखैल सरीखी बन गई। बापू ने इस कानून को रद कराने का बहुत प्रयास किया। पर जब वे सफल न हुए तब...

सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाऍं

सरोजिनी नायडू का जीवन परिचय, जयंती, कविताएं, रचनाएं, स्लोगन, निबंध (Sarojini Naidu Biography In Hindi, Wiki, Pomes, Books, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Awards, Husband, Children’s, Cast, UP First Women Governor, Age, Doughter, Social Work) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी दी थी। स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिलाओं में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजनी नायडू जी का अमूल्य योगदान है। भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू ने अपनी प्रबल लेकिन इसे देश की महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित किया था। एक कवित्री होने के साथ ही आजादी के संग्राम में उन्होंने अपने दायित्वों का पूरा निर्वाहन किया था एवं देश की महिलाओं के लिए सरोजिनी नायडू आज एक आदर्श के रूप में स्थापित हैं। आज के इस लेख Sarojini Naidu Biography In Hindi में हम आपको उनसे संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्रदान करने वाले हैं साथ ही उनके जीवन के सफर के बारे में जानेंगे- Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sarojini Naidu Biography In Hindi नाम (Name) सरोजिनी नायडू पूरा नाम (Full Name) सरोजिनी चटोपाध्याय अन्य नाम (Other Name) भारत की कोकिला प्रसिद्धि (Famous for) कवयित्री एवं स्वतंत्रता संग्रामी जन्म (Date Of Birth) 13 फरवरी 1879 जन्म स्थान (Birth Place) हैदराबाद उम्र (Age) 70 वर्ष (मृत्यु के समय) जाति (Cast) बंगाली धर्म (Religion) हिंदू नागरिकता (Nationality) भारतीय वैवाहिक स्थिति (Marrital Status) विवाहित पति (Husband) डॉक्टर गोविंदा राजुलू नायडू (1897) बच्चे (Childre...

सरोजिनी नायडु जीवन परिचय

आपकोबतादेंकिसरोजनीनायडूनाकेवलएकअच्छीराजनीतिज्ञऔरमहानस्वतंत्रतासेनानीथीबल्किवोएकफेमिनिस्ट, कवियत्रीऔरअपनेदौरकीएकमहानवक्ताथी।जिन्हेंसुनकरबड़े- बड़ेदिग्गजभीमंत्रमुग्धहोजायाकरतेथे।इसकेअलावावेइंडियननेशनलकांग्रेसकीपहलीप्रेसिडेंटथी। इसकेसाथहीवहभारतकेउत्तरप्रदेशकेराज्यपालकेरूपमेंनियुक्तहोनेवालीपहलीभारतीयमहिलाथी।भारतीयस्वतंत्रताआंदोलनमेंउनकीएकसक्रियसहभागितारहीहै। उन्हेंभारतकीनाइटिंगेलयाभारतीयकोकिलाभीकहाजाताहैं।उनकीकवितामेंबच्चोंकीकविताओं, प्रकृतिकविताओं, देशभक्तिकविताओंऔरप्यारऔरमृत्युकीकविताएंशामिलहैं, लेकिनवहखासकरबच्चोंकेऊपर, कविताएंलिखनेकेलिएमशहूरथी। उनकीहरकवितापढ़करज्यादातरलोगअपनेबचपनमेंखोजातेहैंयाफिरउनकेकवितामेंएकचुलबुलापनहोताथा, उनकीकविताओंमेंउनकेअंदरकेबचपनकीझलकभीसाफदेखीजासकतीहै।इसलिएउन्हें‘भारतकीबुलबुल’भीकहाजाताहै। आपकोबतादेंकिइसमहानकवियित्रीनेमहज 12 सालकीउम्रमेंहीअपनीप्रतिभाकापरिचयदेदियाथा, इसनन्हींबच्चीकीकवितापढ़करहरकोईआश्चर्यचकितरहजाताथा, उन्होंनेतभीबड़ेअखबारोंमेंआर्टिकलऔरकविताएंलिखनाशुरुकरदियाथा। उनकेअंदरदेशप्रेमकीभावनाभीकूट-कूटकरभरीथीयहीवजहहैकिसरोजिनीनायडूनेराष्ट्रीयआंदोलनमेंशामिलहोकरगांधीजीकाआह्वानभीकियाऔरउनकेसाथलोकप्रियनमकमार्चमेंभीसहयोगकिया।सरोजिनीकीबेटीपद्मजाभीस्वतंत्रताआंदोलनमेंशामिलहुईंऔरभारतछोड़ोआंदोलनकाहिस्सारही। जबभीभारतकीमहानक्रांतिकारीमहिलाओंकीबातहोतीहैतोसरोजनीनायडूकानामसबसेपहलेयादकियाजाताहै।सरोजनीनायडूसभीभारतीयमहलिाओंकेलिएएकआदर्शहैं– भारतकोकिलासरोजिनीनायडूकाजीवनपरिचय– Sarojini Naidu Biography in Hindi पूरानाम (Name) सरोजिनीनायडू ( Sarojini Naidu) जन्म (Birthday) 13 फ़रवरी, 1879,हैदराबाद, आंध्रप्रदेश मृत्यु (Death) 2 मार्च, 1949, इलाहाबाद, पति (Husband Name) ड...

रानी लक्ष्मीबाई

झाँसी 1857 के संग्राम का एक प्रमुख केन्द्र बन गया जहाँ हिंसा भड़क उठी। रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी की सुरक्षा को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया और एक स्वयंसेवक सेना का गठन प्रारम्भ किया। इस सेना में महिलाओं की भर्ती की गयी और उन्हें युद्ध का प्रशिक्षण दिया गया। साधारण जनता ने भी इस संग्राम में सहयोग दिया। 1857 के सितम्बर तथा अक्टूबर के महीनों में पड़ोसी राज्य तात्या टोपे और रानी की संयुक्त सेनाओं ने चित्र दीर्घा • रानी लक्ष्मी बाई उद्यान, झांसी इन्हें भी देखें • • • • झांसी की रानी कविता सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी, लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी, नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी, बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी। वीर शिवाजी की गाथायें उसको याद ज़बानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार, देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार, नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार, सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवाड़। महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥ हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में, ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में, राजमह...