सचिन पायलट लेटेस्ट न्यूज़

  1. Sachin Pilot: 'हर गलती सजा मांगती है', सचिन पायलट का CM गहलोत पर वार, पिता की पुण्यतिथि पर बोले मैं पीछे हटनेवाला नहीं
  2. राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?
  3. Sachin Pilot called a press conference at his residence at 12 noon to answer the allegations of CM Ashok Gehlot
  4. Rajasthan Election: Why was Sachin Pilot forced to change strategy before the election
  5. Rajasthan: सुलह की कोशिश हुई बेकार! क्या नई पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं सचिन पायलट?


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Sachin Pilot: 'हर गलती सजा मांगती है', सचिन पायलट का CM गहलोत पर वार, पिता की पुण्यतिथि पर बोले मैं पीछे हटनेवाला नहीं

दौसा. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को दौसा में अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा अनावरण किया. यह प्रतिमा गुर्जर छात्रावास में लगाया गया है. इस मौके पर सचिन पायलट भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि कहा कि 23 साल पहले आज ही के दिन उनके पिता की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. कहा कि वह दृष्य उन्हें आज भी याद हैं. सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से राजनीति सीखी है. कहा कि उनके पिता पहले फौज में थे. वहां काफी तपने के बाद राजनीति में आए. यहां उन्होंने राजनीति में अपनी लाइन डोरी तय की. उन्होंने अन्याय के खिलाफ कभी समझौता नहीं किया. उनके लिए जनहित के मामले सर्वोपरि होते थे. सचिन पायलट ने कहा कि वह अपने पिता को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी ही तरह वह भी अपने स्वाभिमान और आदर्शों से कभी समझौता नहीं करेंगे. कहा कि मेरी राजनीतिक सोच स्पष्ट है, लेकिन भविष्य में निराशा दिखती है. इसलिए अब मन नहीं करता काम करने का. उन्होंने कहा कि वह अपने पिता का ही अनुशरण करते हुए हमेशा नौजवानों के हितों की बात की है. ये भी पढ़ें: देश और समाज से भ्रष्टाचार मिटाने की बात की है. युवाओं के लिए रोजगार की बात की है. सचिन पायलट पिता की यादों को साझा करते हुए भावुक हो गए. कहा कि आज मौका राजनीति बात करने का नहीं है. इसलिए वह इस मंच से कोई राजनीतिक बात नहीं करेंगे.गुर्जर छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सचिन पायलट ने राजस्थान कांग्रेस में जारी उथल पुथल पर साफ साफ तो कुछ नहीं कहा. हालांकि वह इशारों में ही बहुत कुछ कह गए. उन्होंने अपरोक्ष रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला किया. कहा कि हर गलती सजा मांगती है और इस गलती की भी सजा मिलेगी. ये भी पढ़ें: उन्होंने ...

राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?

डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बेहद दिचचस्प हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीधी लड़ाई में एक तीसरे फैक्टर की एंट्री हो सकती है. अगर न भी हो तो यह कांग्रेस के दो धड़े, पुरानी पार्टी को कमजोर करने वाले हैं. राजस्थान में सचिन पायलट का कद बेहद अहम है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी अनबन खत्म नहीं हुई है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब दोनों के बीच समझौते के आसार नहीं हैं. सचिन पायलट, खुद अपनी पार्टी बना सकते हैं. वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस का बना बनाया गेम सचिन पायलट बिगाड़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि सचिन पायलट की असली चुनावी ताकत कितनी है? 40 विधानसभा सीटों पर है सचिन पायलट का दबदबा सचिन पायलट का प्रभाव सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा सहित विभिन्न जिलों के 40 निर्वाचन क्षेत्रों पर है. इन विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं. अगर पायलट एक नई पार्टी बनाते हैं, तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी नुकसान होगा. इसे भी पढ़ें- सचिन पायलट के साथ हैं कई दिग्गज नेता सचिन पायलट को अलग-अलग समुदायों के करीब 20 विधायक समर्थन देते हैं. ये समर्थक गुर्जर समुदाय के वर्चस्व वाली 40 सीटों को प्रभावित करते हैं. 15 विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने का दमखम भी सचिन पालयट रखते हैं. सचिन पायलट के पास 8 गुर्जर विधायक हैं, वहीं 22 अन्य विधायक हैं. गुर्जर समुदाय, सचिन पायलट को अपना नेता मानता है. सचिन पायलट के धुर समर्थकों में से दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर और कई अन्य...

Sachin Pilot called a press conference at his residence at 12 noon to answer the allegations of CM Ashok Gehlot

राहुल गांधी के राजस्थान के दौरे के बीच सचिन पायलट की प्रेस वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि गहलोत-पायलट कैंप के बीच सियासी घमासान फिर बढ़ सकता है। पायलट ने12 बजे प्रेस वार्ता बुलाई है। माना जा रहा है किमुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से लगाए गए आरोपों का आज सचिन पायलट जवाब दे सकते हैं। पायलट ने आजअपने जयपुर स्थित सिविल लाइंस आवास पर 12 बजे प्रेस वार्ता बुलाई है। माना जा रहा है कि पायलट आज प्रेस कांन्फ्रेंस के जरिए अपने समर्थक विधायक की ओर से मानेसर में खर्च किए गए पैसों का सबूत दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सीएम गहलोत ने इशारों ही इशारों में सचिन पायलट कैंप के विधायकों पर अमित शाह और भाजपा से सरकार गिराने के लिए पैसे लेने के आरोप लगाए थे। गहलोत ने कहा कि विधायक दानिश अबरार और रोहित बोहरा ने समय पर सूचना देने से सरकार बच गई। चर्चा है कि सचिन पायलट के साथ वह विधायक भी मौजूद रह सकते हैं जिन पर अप्रत्यक्ष रूप से पैसे के लेनदेन का आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगाया है। वसुंधरा के मुद्दे पर रख सकते हैं बात चर्चा यह है भी है कि पायलट पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आंदोलन किया था उसे लेकर भी अपनी बात रख सकते है। बता दें 2020 में जब पायलट समर्थक विधायक मानेसर गए थे तो उस समय के होटल बिल से लेकर रहने खाने पर खर्च किए गए पैसों का हिसाब भी पायलट समर्थक विधायक सबूतों के साथ सामने रख सकते हैं गहलोत ने धौलपुर में लगाए थे आरोप धौलपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सभा के दौरान अपनी ही पार्टी के विधायकों पर भाजपा से ना केवल पैसे लेने के आरोप लगाए थे, बल्कि यहां तक कह दिया था कि अगर विधायकों से कुछ पैसे खर्च भी हो गए हैं तो वह उस...

Rajasthan Election: Why was Sachin Pilot forced to change strategy before the election

Sachin Pilot News: राजस्थान के पूर्व डिप्ट सीएम सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी के गठन की अटकलों पर विराम लगा दिया है। सियासी जानकार सचिन पायलट की रणनीति बदलने पर क्यों मजबूर हुए। इसके अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सचिन पायट कांग्रेस में रहकर ही सीएम गहलो के लिए चुनौती पेश करेंगे। क्योंकि सचिन पायलट को जो सम्मान कांग्रेस में है, वह कहीं भी नहीं मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट की पकड़ पूर्वी राजस्थान में है। पूर्वी राजस्थान में एससी-एसटी वोटर्स परंपरागत कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है। यह वोट बैंक सचिन पायलट द्वारा नई पार्टी बनाने पर छिटक सकता है। जानकारों का कहना है कि राजस्थान में तीसरी पार्टी के अनुभव ठीक नहीं रहे हैं। सचिन पायलच अतीत से सबक लेकर गलती करना नहीं चाहते हैं। सचिन पायलट के तेवर बरकरार उल्लेखनीय है कि 11 जून को पायलट द्वारा नई पार्टी गठन की अटकलें लगाई जा रही थी। सचिन पायलट ने साफ संकेत दे दिए कि वह कांग्रेस में रहेंगे। लेकिन यह भी कहा कि वह अपनी मांगों पर अडिग है। पीछे नहीं हटेंगे। बता दें सचिन पायलट वसुंधरा सरकार के करप्शन और पेपर लीक पीड़ितों को मुआवाज दिलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सीएम गहलोत ने तीनों ही मांगों को खारिज कर दिया है। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में सुलह हो गई है। सीएम गहलोत और पायलट के बीच भले ही सुलह हो गई हो लेकिन तेवर बरकरार है। सचिन पायलट को उठाना पड़ता नुकसान सियासी जानकारों का कहना है कि यदि सचिन पायलट अपनी नई पार्टी बनाते तो उन्हें और कांग्रेस दोनों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता। जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल...

Rajasthan: सुलह की कोशिश हुई बेकार! क्या नई पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं सचिन पायलट?

राजस्थान कांग्रेस में उबाल लगातार जारी है। हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सचिन पायलट का नाराजगी कम नहीं हुई है। दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में राजस्थान को लेकर एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद कहा गया था कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद लगातार जारी है। इसे भी पढ़ें: नई पार्टी का करेंगे ऐलान खबरों की मानें तो सचिन पायलट राजस्थान चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि पायलट 11 जून को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि दौसा में नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट इसके लिए अपने लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि, पायलट ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए राजस्थान में चुनौतिया बढ़ सकती हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लंबे समय से अनबन चल रही है। कांग्रेस का दावा दोनों गुटों के समर्थकों के बीच वार-पलटवार का दौर लगातार चलता रहता है। हालाँकि, कांग्रेस का कहना है कि पार्टी सर्वोच्च है और विजयी होने के लिए एकजुट होकर राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ेगी। सूत्रों ने कहा था कि तनाव को कम करने के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सोमवार को गहलोत और पायलट के साथ अलग-अलग मैराथन चर्चा की थी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया था। पायलट की म...