सड़क दुर्घटना का फोटो

  1. korba News : सड़क दुर्घटना में लोगों की मदद करना हुआ आसान, नहीं रहा कानूनी दांव
  2. Report: 100 में 99 पैदल यात्रियों पर दुर्घटना का जोखिम, वाहन गुजरने का इंतजार करते हैं 12 फीसदी पैदल यात्री
  3. Fruit trader injured in road accident dies
  4. Explainer: रेल या सड़क दुर्घटना होने पर कैसे तय होता है मुआवजा, कितने दिनों में पीड़ितों को मिलती है राशि, जानिए कौन कर सकता है आवेदन और क्या है प्रक्रिया


Download: सड़क दुर्घटना का फोटो
Size: 42.19 MB

korba News : सड़क दुर्घटना में लोगों की मदद करना हुआ आसान, नहीं रहा कानूनी दांव

अनूप पासवान/कोरबा. कानूनी कार्रवाई, पुलिस की पूछताछ, अस्पताल की औपचारिकता जैसी तमाम प्रक्रियाएं मदद करने वाले व्यक्ति को डराती हैं. यही वजह है कि सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति की मदद करने से लोग अक्सर कतराते हैं. विधि आयोग के अनुसार, सड़क दुर्घटना में 50 प्रतिशत ऐसे लोगों की मृत्यु हुई जिनकी मौत को रोका जा सकता था. यदि उन्हें समय पर प्राथमिक उपचार मिला होता. पीड़ित को आपातकालीन उपचार प्रदान करने में लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण है. फिर भी, भारत में लोग कानूनी प्रक्रिया और प्रक्रियात्मक बाधाओं के डर से घायलों की मदद करने से हिचकिचाते हैं. छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला औद्योगिक जिला है. जहां आए दिन सड़क दुर्घटना के मामले सामने आते हैं. सड़क दुर्घटना में में लोग अपनी जान गंवा देते है. अगर हम दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को तुरंत मदद पहुंचाएंगे तो कई जिंदगियां बचा सकते हैं. सड़क दुर्घटना में घायलों को मदद पहुंचाने वाले व्यक्तियों को कानूनी प्रक्रिया से बचाना नए कानून का हिस्सा है. इसे नाम दिया गया है, ‘नेक व्यक्ति कानून’ आज हमने एक्सपर्ट नूतन सिंह ठाकुर से इस काननू के बारे में बातचीत की. सुरक्षा देगा नया कानून भारत सरकार द्वारा एक ऐसी पहल की गई है जिसके चलते आम नागरिक अपने कर्तव्यों को निभाने से पीछे नहीं हटेगा. सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को मदद पहुंचाना हमारा फर्ज नहीं बल्कि मानवता भी है. एक ऐसे ही व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना, कानूनी दांव-पेच से बचाना नए कानून का हिस्सा है. इसे नाम दिया गया है, ‘नेक व्यक्ति कानून’ नेक व्यक्ति की कानूनी परिभाषा ‘नेक व्यक्ति’ का अर्थ है एक ऐसा व्यक्ति, जो अच्छी नीयत व स्वेच्छा से और बिना किसी इनाम या मुआवजे की उम्मीद के आपातकालीन चिकित्सा या प...

Report: 100 में 99 पैदल यात्रियों पर दुर्घटना का जोखिम, वाहन गुजरने का इंतजार करते हैं 12 फीसदी पैदल यात्री

Report: 100 में 99 पैदल यात्रियों पर दुर्घटना का जोखिम, वाहन गुजरने का इंतजार करते हैं 12 फीसदी पैदल यात्री विस्तार भारत में हर 100 पैदल यात्रियों में 99 पर सड़क हादसे का जोखिम है। यहां सड़क पार करते वक्त कई पैदल यात्रियों को बीच सड़क रुकना और वाहनों के गुजरने का इंतजार करना होता है। पश्चिमी देशों में कोई पैदल यात्री सड़क पार करता दिखता है तो वाहन चालक अपनी गाड़ी रोक उसके सड़क पार करने का इंतजार करते हैं, लेकिन भारत में पैदल यात्री को खुद रुकना होता है। इस आचरण को सामने रख जर्मन इंजीनियरिंग व टेक कंपनी ने पैदल यात्रियों के लिए बढ़ते सड़क हादसों के जोखिम पर रिपोर्ट दी है। बॉश की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में हादसों से 29,200 पैदल यात्रियों की मौत हुई। जापान और यूरोपीय संघ के 27 देशों में मारे गए कुल पैदल यात्रियों की संख्या इससे भी कम है। देश में उसी वर्ष 60 हजार पैदल यात्री घायल भी हुए। 6300 राहगीरों के डाटा पर तैयार की रिपोर्ट यह रिपोर्ट 6,300 सड़क हादसों के डाटाबेस पर आधारित है, जिन्हें रोड एक्सीडेंट सैंपलिंग सिस्टम फॉर इंडिया (रासी) ने दर्ज किया। रिपोर्ट के अनुसार गांवों में पैदल यात्री से जुड़े हर दूसरे हादसे में औसतन 1 मौत हो रही है, शहरी क्षेत्रों में यह संख्या कम है। बॉश इंडिया के अधिकारी गिरिकुमार कुमारेश के अनुसार यह हादसे रोकने के लिए बेहतर सड़क सुरक्षा प्रदान करनी होगी। ये सिफारिशें दीं रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश हादसों में तीनों वजहें मिले-जुले रूप से मौजूद रहीं। 52 फीसदी हादसे दिन में हो रहे हैं, यानी लापरवाही अहम वजह है। इन सभी के बारे में विचार करते हुए समाधान निकालने होंगे। कुमारेश के अनुसार 12 प्रतिशत पैदल यात्री सड़क के बीच में रुक रहे हैं, जिससे हादसे ...

Fruit trader injured in road accident dies

शेरघाटी के नई बाजार में जीटी रोड के फ्लाइओवर के पास मंगलवार की शाम को हुई सड़क दुर्घटना में घायल एक फल कारोबारी की इलाज के दौरान गया में मौत हो गई। हादसे के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें गया ले जाया गया था। मृतक की पहचान शुमाली मुहल्ले के प्रवेज आलम, पिता शेख फेकू हसन के रूप में हुई है। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की सुबह कारोबारी का शव गया से शेरघाटी पहुंचा है। शेरघाटी में तैनात ट्रेनी डीएसपी दीपक कुमार ने बताया कि बाइक दुर्घटना के मामले में मृतक के परिजनों की तहरीर पर एक मुकदमा दर्ज किया गया है। दुर्घटना के लिए जिम्मेवार बाइक को भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

जम्मू

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में मंगलवार को दो सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि एक व्यक्ति को शामपोरा चौराहे पर एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। व्यक्ति की पहचान राजस्थान के कुमार सावंत सिंह के रूप में हुई। एक सूत्र ने डॉक्टरों के हवाले से कहा कि हादसे के तुरंत बाद सिंह को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एक अन्य घटना में, दो व्यक्ति एक खड़े ट्रक के पीछे आराम कर रहे थे। तभी कुछ समय बाद ट्रक वहां से चल पड़ा, जिसकी चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Explainer: रेल या सड़क दुर्घटना होने पर कैसे तय होता है मुआवजा, कितने दिनों में पीड़ितों को मिलती है राशि, जानिए कौन कर सकता है आवेदन और क्या है प्रक्रिया

रेल या सड़क दुर्घटना में दुर्भाग्यवश यदि कोई यात्री घायल हो जाता है या उसकी मौत हो जाती है तो मुआवजा राशि दी जाती है. इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकारें भी मुआवजा देने का ऐलान करती हैं. आइए जानते हैं कैसे मिलता है मुआवजा और कौन कर सकता है आवेदन? ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को इतने मिलेंगे रुपए ओडिशा के बालासोर में गत शुक्रवार को हुए रेल हादसे के बाद पीएमओ ने ऐलान किया है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से ट्रेन हादसे के मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. रेल मंत्रालय की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है. गंभीर रूप से घायलों के लिए दो लाख रुपए, मामूली रूप से चोटिलों के लिए 50,000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों की सरकार ने भी इस हादसे में घायल हुए और मृतकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की है. पश्चिम बंगाल ने अपने राज्य के मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है.ओडिशा सरकार ने अपने राज्य से मरने वालों के लिए 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 1-1 लाख रुपए के मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा उन मृतक यात्रियों को अलग से 10 लाख रुपए का बीमा मिलेगा, जिन्होंने रेल टिकट बुक करते समय ट्रैवल इंश्योरेंस का चयन किया होगा. रेलवे कितना देता है मुआवजा रेल दुर्घटना होने पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को संशोधन कर कई मामले में मुआवजे की शुरुआती राशि 4 लाख रुपए बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है. रेल दुर्घटना के अलग-अलग मामलों में रेलवे की ओर से अलग-अलग मुआवजा दिया जाता है. यदि किसी इंसान की आंख...