Shiv shlok in sanskrit

  1. Best 25 Inspirational Sanskrit Quotes
  2. 50+ भगवान शिव के चुनिंदा संस्कृत श्लोक
  3. shiv shlok in sanskrit with meaning in hindi महादेव श्लोक हिंदी
  4. Lord Shiva Slokas, Mantras & Stotrams
  5. 100+ Sanskrit Shlok
  6. 50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक
  7. 50+ भगवान शिव के चुनिंदा संस्कृत श्लोक
  8. shiv shlok in sanskrit with meaning in hindi महादेव श्लोक हिंदी
  9. Lord Shiva Slokas, Mantras & Stotrams


Download: Shiv shlok in sanskrit
Size: 27.32 MB

Best 25 Inspirational Sanskrit Quotes

उत्साह-प्रेरणा, ये वे शब्द है, जिन्होंने दुनिया के सबसे कठिनतम कार्य को सफलतापूर्वक निपुण करवाया है या यूं कहें आज दुनियाँ जहां है, उसमें इनका ही हाथ है। ये इंसान की मस्तिष्क पर एक टॉनिक की तरह काम करता है, जो विघ्नों को धुंधला करता है, सारा ऊर्जा को मैन गोल पर फोकस करवाता है। जिसके बाद सफलता की पटकथा लिखी जाती है। अगर आपको भी चाहिए ये टॉनिक तो हम पेश कर रहे है प्रेरणादायी संस्कृत श्लोक- (इस धरती पर तीन रत्न हैं जल, अन्न और शुभ वाणी, पर मूर्ख लोग पत्थर के टुकड़ों को रत्न की संज्ञा देते हैं!!!) • #येशा न विद्या न तपो न दान ज्ञान न शील न गुणों न धर्म: ते मर्त्यलोक भुविभारभुता मनुष्यरूपेण मृगश्वरन्ति!!! (जिन लोगों के पास विद्या, तप, दान शील, गुण और धर्म नहीं होता, ऐसे लोग इस धरती के लिए भार हैं और मनुष्य के रूप में जानवर बनकर घूमते हैं!!!) Sanskrit Motivational Quotes #मुर्खस्य पंच विह्मनी गर्वो दुर्वचन तथा क्रोधष्व दृढवादष्व परवाक्येशवनादर:!!! (एक मूर्ख के पाँच लक्षण होते हैं घमंड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों के लिए सम्मान में कमी!!!) #दुर्जन: स्वस्वभावेंन परकार्य विनश्यति नोदर तृप्तिमायाति मूषक: वस्त्रभक्षक:!!! (दुष्ट व्यक्ति का स्वभाव ही दूसरे के कार्य बिगाड़ने का होता हैं, वस्त्रों को काटने वाला चूहा पेट भरने के लिए कपडे नहीं काटता!!!) • #यानि कानि च मित्राणी कर्तव्यानी शतानि च पश्य मुशिकमित्रण कपोता: मुक्तबंधना:!!! (छोटे हो या बड़े, निर्बल हो या सबल अधिक से अधिक संख्या में मित्र बना लेना चाहिए, क्योंकि न जाने किसके द्वारा किस समय कैसा काम निकल जाये!!!) #विद्या ददाति विनय विन्याद याति पात्रताम् पत्रत्वात् धनमाप्रोति धनात् धर्म तत: सुखम्!!! (ज्ञान विनम्र...

50+ भगवान शिव के चुनिंदा संस्कृत श्लोक

Mahadev Shlok with Hindi Meaning: भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। क्योंकि जब सभी देवता हार मान जाते हैं तो भोले बाबा ही है जो हर संभव से नैय्या को पार लगाने में सहायता करते हैं। भगवान शिव की आराधना का मूल मंत्र तो “ऊं नम: शिवाय” ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं, जो महादेव को प्रिय हैं। भगवान शिव के संस्कृत श्लोक – Shiv Shlok महाशिवरात्रि संस्कृत श्लोक नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं। हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और हम सबके स्वामी शिवजी, आपको मैं नमस्कार करता हूं। निज स्वरूप में स्थित, चेतन, इच्छा रहित, भेद रहित, आकाश रूप शिवजी मैं आपको हमेशा भजता हूँ। महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे।। भगवान शिव शंकर जो पर्वतराज हिमालय के नजदीक पवित्र मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हैं और हमेशा ऋषि मुनियों द्वारा पूजे जाते हैं। जिनकी यक्ष-किन्नर, नाग व देवता-असुर आदि भी हमेशा पूजा करते हैं उन अद्वितीय कल्याणकारी केदारनाथ नामक शिव शंकर की मैं स्तुति करता हूँ। आदित्य सोम वरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय। ऋक्सामवेदमुनिभि: स्तुतिसंयुताय गोपाय गोपनमिताय नम: शिवाय।। जो चन्द्र, वरुण, सूर्य और अनिल द्वारा सेवित है और जिनका निवास अग्निहोत्र धूम एवं यज्ञ में है। वेद, मुनिजन तथा ऋक-सामादि जिसकी स्तुति प्रस्तुत करते हैं। उन नन्दीश्वरपूजित गौओं का पालन करने वाले भगवान शिव को मेरा प्रणाम। अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अका...

shiv shlok in sanskrit with meaning in hindi महादेव श्लोक हिंदी

आपको क्या हो गया? क्या आप सो गये? क्या आप अपने बनाये हुए जगत्की रक्षाके काममें व्यस्त हैं? क्या बिलकुल ही निष्करुण बन बैठे-दयाको बिलकुल ही तिलाञ्जलि दे दी? क्या (न्याय-अन्यायकी) कुछ भी परवा न करके उन्मत्त अथवा स्वतन्त्र बन गये? या मेरे सदृश निःशरण जनके अभाग्यसे आपकी वाणी स्तम्भित हो गयी?--आप जडवत् हो गये? हे स्वामिन्! मेरा विलाप फिर आप क्यों नहीं सुनते और क्यों मेरी बातोंका उत्तर नहीं देते? ॥ ५ ॥ मैं अज्ञानसे अन्धा हो रहा हूँ, बन्धुविहीन हूँ, इन्द्रियरूप राक्षसोंसे भक्षित हो रहा हूँ, अपने आन्तरिक शत्रुओंद्वारा मोह और मदरूप अन्धकृपमें डाल दिया गया हूँ; ऐसे आपत्तिग्रस्त, अधीर, शरणागत और रोते हुए मुझको, हे महेश्वर ! मत भुलाओ, शीघ्र ही अपनी सुकोमल कृपादृष्टि से मुझ भयभीतको ढाढस बँधाओ ।। १० ॥ shiva slokas in sanskrit lyrics काशीपुरीमें देवनदी श्रीगङ्गाजीके तट पर निवास करता हुआ, कौपीनमात्र धारण किये, अपने मस्तकपर अञ्जलि बाँध करके, " हे गौरीनाथ ! त्रिपुरारि त्रिनयन शम्भो !! प्रसन्न होइये'- ऐसा कहते हुए, मैं अपने दिनोंको क्षणके समान कब बिताऊँगा? ॥१११ ।। shiva slokas in sanskrit lyrics कदावाराणस्यां विमलतटिनीतीरपुलिने चरन्तं भूतेशं गणपतिभवान्यादिसहितम्। कल्पान्त ही जिनकी दुर्ललित लीला है, जो दक्षयज्ञको विध्वंस करनेवाले हैं, जिनके शरीरकी कुन्द या कर्पूरकी-सी कान्ति है, जो कैलासपर्वतके शिखरपर क्रीड़ा कर रहे हैं, चन्द्रकलाको धारण करनेवाले, कान्तिमय शरीरधारी हैं, कङ्कालोंसे क्रीड़ा करने में उत्सुक हैं, कलकलध्वनि करनेवाले, कालरूप और कालीकान्त हैं तथा कालिन्दी (यमुनाजी) के समान जिनका श्यामल कण्ठ है, वे कोई कपालमालाधारी कापालिक इस पृथिवीतलपर हमारी कुशल करें॥ १३॥ (हे शङ्कर!) जो तुम्हें रव ...

Lord Shiva Slokas, Mantras & Stotrams

Shiva literally translates to that which is not. The entire galaxy is just a tiny ant in the mighty universe. The rest of it is vast emptiness that is known as Shiva. Shiva is ‘shakti’ or power, Shiva is the destroyer, the most powerful god of the Hindu pantheon and one of the godheads in the Hindu Trinity. Known by many names – Mahadeva, Mahayogi, Pashupati, Nataraja, Bhairava, Vishwanath, Bhava, Bhole Nath – Lord Shiva is perhaps the most complex of Hindu deities. Hindus recognize this by putting his shrine in the temple separate from those of other deities. Mantras and Slokas of Lord Shiva are extremely powerful and are believed to bring good health, prosperity and well-being. Collection of Shiva Mantras & Slokas Chanting of Shiva slokas and Mantras is a centuries old technique for attaining inner peace and bliss.The Mantras address to Tryambaka, “the three-eyed one”, an epithet of Rudra who was later identified with Shiva. They are said to create divine vibrations which help connecting one to pure consciousness and also remove the fear of death and other negative thoughts from the heart. There are many types of Shiva Slokas and Mantras; each serving it’s own purpose and the significance of these Mantras are as follows : 1. Proper recitation of Shiva Slokas, Mantras and Stotrams rejuvenates and bestows one with health, wealth, long life, peace, prosperity and contentment. 2. Shiva Slokas, Mantras and Stotrams have the power to dispel fear and boost a person’s inner pote...

शिवसूक्तिः

जय हे शिव दर्पकदाहक दैत्यविघातक भूतपते दशमुखनायक शायकदायक कालभयानक भक्तगते। त्रिभुवनकारकधारकमारक संसृतिकारक धीरमते हरिगुणगायक ताण्डवनायक मोक्षविधायक योगरते॥१॥ हे मदनदाहक ! दैत्यकदन! भूतनाथ ! हे दशशीश-स्वामिन् ! हे [अर्जुनको] धनुष देनेवाले! हे कालको भी भयभीत करनेवाले! हे भक्तोंके आश्रय! हे त्रिलोकीकी उत्पत्ति, स्थिति और संहार करनेवाले! हे जगद्रचयिता धीरधी महादेव! हे हरिगुणगायक ताण्डवनायक मोक्षप्रदायक योगपरायण शंकर! आपकी जय हो! जय हो॥ १॥ शिशिरकिरणधारी शैलबालाविहारी भवजलनिधितारी योगिहृत्पद्मचारी। शमनजभयहारी प्रेतभूमिप्रचारी कृपयतु मयि देव: कोऽपि संहारकारी॥२॥ जो चन्द्रकलाको धारण किये हैं, पार्वती-रमण हैं, संसारसमुद्रसे पार करनेवाले हैं, योगियोंके हृदयरूप कमलमें विहार करनेवाले हैं, मृत्यु-भयको दूर करनेवाले तथा श्मशानभूमिमें विचरनेवाले हैं, वे कोई सृष्टिसंहारकारी देव मुझपर कृपा करें॥ २॥ shiva slokas in sanskrit pdf यः शङ्करोऽपि प्रणयं करोति स्थाणुस्तथा यः परपूरुषोऽपि। उमागृहीतोऽप्यनुमागृहीतः पायादपायात्स हिनः स्वयम्भूः॥३॥ जो मुक्तिदाता होकर भी प्रेम करता है, जो परमपुरुष होनेपर भी स्थाणु (निष्क्रिय) है, जो उमासे गृहीत होकर भी अनुमा (अनुमान या उमाभिन्न) से गृहीत होता है, वही स्वयम्भू शंकर हमारी मृत्युसे रक्षा करें॥३॥ मूर्द्धप्रोद्भासिगङ्गेक्षणगिरितनयादुःखनिःश्वासपात- स्फायन्मालिन्यरेखाछविरिव गरलं राजते यस्य कण्ठे। सोऽयं कारुण्यसिन्धुः सुरवरमुनिभिः स्तूयमानो वरेण्यो नित्यं पायादपायात्सततशिवकरः शङ्करः किङ्करं माम्॥४॥ मस्तकपर सुशोभित हुई गङ्गाजीको देखकर पार्वतीजीका शोकोच्छ्वास पड़नेके कारण बढ़े हुए मालिन्यकी श्यामल रेखाके समान मानो जिनके कण्ठमें गरल-चिह्न शोभित हो रहा है,बड़े-बड़े दे...

100+ Sanskrit Shlok

Sanskrit Shlok– हेलो स्टूडेंट्स, इस पोस्ट में हम आपको Sanskrit Shlok – संस्कृत श्लोक अर्थ सहित साझा कर रहे है, इसमें 100 से ज्यादा संस्कृत श्लोक में दिए गए हैं, संस्कृत भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है और संस्कृत भाषा का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। इस पोस्ट में नीति के श्लोक, संस्कृत सुभाषित, गीता के श्लोक, विद्यार्थियों के लिए श्लोक, शिवजी, सरस्वती जी पर हिन्दी अर्थ सहित श्लोक (Sanskrit Shlok in Hindi) का विस्तार से समझाया गया है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • Sanskrit Shlok – संस्कृत श्लोक अर्थ सहित श्वः कार्यमद्य कुर्वीत पूर्वान्हे चापरान्हिकम्। न हि प्रतीक्षते मृत्युः कृतमस्य न वा कृतम्।। अर्थ- कल किया जाने वाला काम आज और सायंकाल में किया जाने वाला काम प्रातःकाल में ही पूरा कर लेना चाहिए। क्योंकि मृत्यु यह नहीं देखती कि इसका काम पूरा हुआ कि नहीं। उद्यमेन हि सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः। यथा सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति न मुखेन मृगाः।। अर्थ- कार्य उद्यम करने से पूर्ण होते हैं, मन में इच्छा करने से नहीं। जैसे सोते हुए शेर के मुंह में मृग अपने आप प्रवेश नहीं कर जाते। अन्यायोपार्जितं वित्तं दस वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते चैकादशेवर्षे समूलं तद् विनश्यति।। अर्थ- अन्याय या गलत तरीके से कमाया हुआ धन दस वर्षों तक रहता है। लेकिन ग्यारहवें वर्ष वह मूलधन सहित नष्ट हो जाता है। षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता। निद्रा तंद्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता।। अर्थ– कल्याण की कामना रखने वाले पुरुष को निद्रा, तंद्रा, भय, क्रोध, आलस्य तथा दीर्घसूत्रता इन छ: दोषों का त्याग कर देना चाहिए। न देवा दण्डमादाय रक्षन्ति पशुपालवत। यं तु रक्षितमिच्छन्ति बुद्धया स...

50+ sanskrit shloks with meaning, प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक

Sanskrit Shlok उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंति मुखे मृगाः। Hindi Translation:- कोई भी काम उद्यम ( मेहनत ) से ही पूरा होता है, बैठे-बैठे हवाई किले बनाने से नहीं अर्थात सिर्फ सोचने भर से नहीं। ठीक उसी प्रकार सोते हुए शेर के मुंह में हिरण खुद नहीं चला जाता। English Translation:- Any work is accomplished by hard work, not just by thinking. In the same way, As the deer does not enter the mouth of the sleeping lion. उद्योगिनं पुरुषसिंहं उपैति लक्ष्मीः दैवं हि दैवमिति कापुरुषा वदंति। दैवं निहत्य कुरु पौरुषं आत्मशक्त्या यत्ने कृते यदि न सिध्यति न कोऽत्र दोषः। Hindi Translation:- उद्योगी ( मेहनती ) तथा साहसी लोगों को ही लक्ष्मी प्राप्त होती है। यह तो निकम्मे लोग हैं जो कहते रहते हैं कि भाग्य में होगा तो मिल कर रहेगा। भाग्य को मारो गोली, जितनी तुम्हारे पास योग्यता और शक्ति है, अपना उद्यम ( मेहनत ) करते रहो, यदि प्रयत्न करने पर भी सफलता नहीं मिलती है तो इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं। English Translation:- Only hard working and courageous people get money. These are useless people who keep saying that if they are in luck then they will meet. As much as you have ability and power, Keep doing your hard work, if you do not get success even after trying, then there is no fault of yours. क्षणशः कणशश्चैव विद्यामर्थं च साधयेत् । क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम् ॥ Hindi Translation:- एक एक क्षण गवाये बिना विद्या ग्रहण करनी चाहिए और एक एक कण बचा करके धन ईकट्ठा करना चाहिए। क्षण गवाने वाले को विद्या कहाँ और कण को क्षुद्र समझने वाले को धन कहाँ ? E...

50+ भगवान शिव के चुनिंदा संस्कृत श्लोक

Mahadev Shlok with Hindi Meaning: भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। क्योंकि जब सभी देवता हार मान जाते हैं तो भोले बाबा ही है जो हर संभव से नैय्या को पार लगाने में सहायता करते हैं। भगवान शिव की आराधना का मूल मंत्र तो “ऊं नम: शिवाय” ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं, जो महादेव को प्रिय हैं। भगवान शिव के संस्कृत श्लोक – Shiv Shlok महाशिवरात्रि संस्कृत श्लोक नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं। हे मोक्षरूप, विभु, व्यापक ब्रह्म, वेदस्वरूप ईशानदिशा के ईश्वर और हम सबके स्वामी शिवजी, आपको मैं नमस्कार करता हूं। निज स्वरूप में स्थित, चेतन, इच्छा रहित, भेद रहित, आकाश रूप शिवजी मैं आपको हमेशा भजता हूँ। महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे।। भगवान शिव शंकर जो पर्वतराज हिमालय के नजदीक पवित्र मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हैं और हमेशा ऋषि मुनियों द्वारा पूजे जाते हैं। जिनकी यक्ष-किन्नर, नाग व देवता-असुर आदि भी हमेशा पूजा करते हैं उन अद्वितीय कल्याणकारी केदारनाथ नामक शिव शंकर की मैं स्तुति करता हूँ। आदित्य सोम वरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय। ऋक्सामवेदमुनिभि: स्तुतिसंयुताय गोपाय गोपनमिताय नम: शिवाय।। जो चन्द्र, वरुण, सूर्य और अनिल द्वारा सेवित है और जिनका निवास अग्निहोत्र धूम एवं यज्ञ में है। वेद, मुनिजन तथा ऋक-सामादि जिसकी स्तुति प्रस्तुत करते हैं। उन नन्दीश्वरपूजित गौओं का पालन करने वाले भगवान शिव को मेरा प्रणाम। अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अका...

shiv shlok in sanskrit with meaning in hindi महादेव श्लोक हिंदी

आपको क्या हो गया? क्या आप सो गये? क्या आप अपने बनाये हुए जगत्की रक्षाके काममें व्यस्त हैं? क्या बिलकुल ही निष्करुण बन बैठे-दयाको बिलकुल ही तिलाञ्जलि दे दी? क्या (न्याय-अन्यायकी) कुछ भी परवा न करके उन्मत्त अथवा स्वतन्त्र बन गये? या मेरे सदृश निःशरण जनके अभाग्यसे आपकी वाणी स्तम्भित हो गयी?--आप जडवत् हो गये? हे स्वामिन्! मेरा विलाप फिर आप क्यों नहीं सुनते और क्यों मेरी बातोंका उत्तर नहीं देते? ॥ ५ ॥ मैं अज्ञानसे अन्धा हो रहा हूँ, बन्धुविहीन हूँ, इन्द्रियरूप राक्षसोंसे भक्षित हो रहा हूँ, अपने आन्तरिक शत्रुओंद्वारा मोह और मदरूप अन्धकृपमें डाल दिया गया हूँ; ऐसे आपत्तिग्रस्त, अधीर, शरणागत और रोते हुए मुझको, हे महेश्वर ! मत भुलाओ, शीघ्र ही अपनी सुकोमल कृपादृष्टि से मुझ भयभीतको ढाढस बँधाओ ।। १० ॥ shiva slokas in sanskrit lyrics काशीपुरीमें देवनदी श्रीगङ्गाजीके तट पर निवास करता हुआ, कौपीनमात्र धारण किये, अपने मस्तकपर अञ्जलि बाँध करके, " हे गौरीनाथ ! त्रिपुरारि त्रिनयन शम्भो !! प्रसन्न होइये'- ऐसा कहते हुए, मैं अपने दिनोंको क्षणके समान कब बिताऊँगा? ॥१११ ।। shiva slokas in sanskrit lyrics कदावाराणस्यां विमलतटिनीतीरपुलिने चरन्तं भूतेशं गणपतिभवान्यादिसहितम्। कल्पान्त ही जिनकी दुर्ललित लीला है, जो दक्षयज्ञको विध्वंस करनेवाले हैं, जिनके शरीरकी कुन्द या कर्पूरकी-सी कान्ति है, जो कैलासपर्वतके शिखरपर क्रीड़ा कर रहे हैं, चन्द्रकलाको धारण करनेवाले, कान्तिमय शरीरधारी हैं, कङ्कालोंसे क्रीड़ा करने में उत्सुक हैं, कलकलध्वनि करनेवाले, कालरूप और कालीकान्त हैं तथा कालिन्दी (यमुनाजी) के समान जिनका श्यामल कण्ठ है, वे कोई कपालमालाधारी कापालिक इस पृथिवीतलपर हमारी कुशल करें॥ १३॥ (हे शङ्कर!) जो तुम्हें रव ...

Lord Shiva Slokas, Mantras & Stotrams

Shiva literally translates to that which is not. The entire galaxy is just a tiny ant in the mighty universe. The rest of it is vast emptiness that is known as Shiva. Shiva is ‘shakti’ or power, Shiva is the destroyer, the most powerful god of the Hindu pantheon and one of the godheads in the Hindu Trinity. Known by many names – Mahadeva, Mahayogi, Pashupati, Nataraja, Bhairava, Vishwanath, Bhava, Bhole Nath – Lord Shiva is perhaps the most complex of Hindu deities. Hindus recognize this by putting his shrine in the temple separate from those of other deities. Mantras and Slokas of Lord Shiva are extremely powerful and are believed to bring good health, prosperity and well-being. Collection of Shiva Mantras & Slokas Chanting of Shiva slokas and Mantras is a centuries old technique for attaining inner peace and bliss.The Mantras address to Tryambaka, “the three-eyed one”, an epithet of Rudra who was later identified with Shiva. They are said to create divine vibrations which help connecting one to pure consciousness and also remove the fear of death and other negative thoughts from the heart. There are many types of Shiva Slokas and Mantras; each serving it’s own purpose and the significance of these Mantras are as follows : 1. Proper recitation of Shiva Slokas, Mantras and Stotrams rejuvenates and bestows one with health, wealth, long life, peace, prosperity and contentment. 2. Shiva Slokas, Mantras and Stotrams have the power to dispel fear and boost a person’s inner pote...