शिव तांडव स्तोत्र सरल भाषा में

  1. Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi : रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र
  2. रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र
  3. शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ : जानिए इसके फायदे और विधि (Shiva Tandav Stotra ka Chamatkari Path : Janiye Iske Fayde Aur Vidhi)
  4. शिव तांडव स्तोत्र अर्थ सहित
  5. शिव तांडव स्तोत्र अर्थ सहित
  6. Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi : रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र
  7. शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ : जानिए इसके फायदे और विधि (Shiva Tandav Stotra ka Chamatkari Path : Janiye Iske Fayde Aur Vidhi)
  8. रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र


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Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi : रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र

|| Shiv Tandav Lyrics, Shiv Tandav, शिव तांडव स्त्रोत,Shiv Tandav Stotram, Shiv Tandav Stotram Lyrics, Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi, Shiv Tandav Lyrics In Hindi, Shiv Tandav Lyrics In English, Shiv Tandav Stotram Lyrics In Sanskrit, Shiv Tandav Stotra || प्यारे दोस्तों आज हम आपको यहां पर रावण रचित शिव तांडव स्त्रोतम के बारे में बताने जा रहे हैं | उसके साथ साथ हम आपको Shiv Tandav Lyrics सभी भाषाओं में नीचे देने जा रहे हैं जिससे आप सभी भाषाओं में रावण रचित शिव तांडव को अपनी भाषा में पढ़ सकें |और अगर आप इसे याद करना चाहते हैं | तो आप इसे आसानी से अपनी भाषा में याद कर सकते हैं और इसके साथ-साथ इसे गाने का तरीका भी हम आपको यहां पर बताएंगे जिससे आप आसानी से इसे याद करके गा भी सकते हैं| पोस्ट में क्या है? • • • • • • • • • • • • Shiv Tandav पड़ने से बनते है बिगड़े काम: अगर आप नियमित तौर पर “ Shiv Tandav Stotram ” का जाप करते हैं | और आप इसको पढ़ते हैं| तो आप पर भगवान शिव की असीम अनुकंपा रहती है | और आप सभी बुराइयों और समस्याओं से बचे रहते हैं | येसा माना जाता है, यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है | आप यहां पर Shiv Tandav Stotram को आसानी से गा सकते हैं और इसे याद कर सकते हैं | what is shiva tandav strotam? Benefits of Shiv Tandav Stotram • नियमित तौर पर शिव तांडव स्त्रोत का बखान करने से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं जिससे धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती है| • शिव तांडव की स्तुति करने पर उसे करने वाले व्यक्ति को मनोवांछित फल मिलता है| • भगवान शिव सभी सिद्धियों को पूर्ण करते हैं इसलिए जो भी व्यक्ति शिव तांडव का जाप करता है उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है| • ...

रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र

शिव तांडव स्त्रोतम रावण द्वारा रचित है इसलिए इसे रावण तांडव स्त्रोतम के नाम से भी जाना जाता है। रावण ने इसे संस्कृत में लिखा था, जिसका प्रयोग भगवान शिव की स्तुति का वर्णन करने के लिए किया जाता है। आप सम्पूर्णशिव तांडव स्तोत्र हिंदी में (Shiv Tandav Stotram in hindi) सरल भाषा में पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | साथ ही साथ आप शिव तांडव स्तोत्र pdf (Shiv Tandav stotram in hindi PDF) को भी देख सकते है | Table of Contents • • • • • • • • • Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi | शिव तांडव स्तोत्र सरल भाषा में जटा-टवी-गलज्-जल-प्रवाह-पावि-तस्थले गलेऽव-लम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग-तुङ्ग-मालिकाम्। डमड्-डमड्-डमड्-डमन्-निनाद-वड्-डमर्वयं चकार चण्ड-ताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।।१।। जटा-कटाह-सम्भ्रम-भ्रमन्-निलिम्प निर्झरी- विलोल-वीचि-वल्लरी-विराज-मान मूर्धनि। धगद्-धगद्-धगज्-ज्वलल्-ललाट-पट्ट पावके किशोर-चन्द्र-शेखरे रतिः प्रति-क्षणं मम।।२।। धरा-धरेन्द्र-नन्दिनी-विलास-बन्धु बन्धुर- स्फुरद्-दिगन्त-सन्तति-प्रमोद-मान मानसे। कृपा-कटाक्ष-धोरणी-निरुद्ध-दुर्धरा-पदि क्वचिद्-दिगम्बरे मनो विनोद-मेतु वस्तुनि।।३।। जटा-भुजङ्ग-पिङ्गल-स्फुरत्-फणा मणि-प्रभा- कदम्ब-कुङ्कुम-द्रव-प्रलिप्त-दिग्वधू-मुखे। मदान्ध-सिन्धुर-स्फुरत्-त्वगुत्त-रीय-मेदुरे मनो विनोद-मद्भुतं बिभर्तु भूत-भर्तरि।।४।। सहस्र-लोचन-प्रभृत्य-शेष-लेख-शेखर प्रसून-धूलि-धोरणी-विधू-सराङ्घ्रि-पीठभूः। भुजङ्ग-राज-मालया निबद्ध-जाट-जूटक: श्रियै चिराय जायतां चकोर-बन्धु-शेखरः।।५।। ललाट-चत्वर-ज्वलद्-धनञ्जय-स्फुलिङ्गभा- निपीत-पञ्च-सायकं नमन्-निलिम्प-नायकम्। सुधा-मयूख-लेखया विराज-मान-शेखरं महा-कपालि सम्पदे शिरो जटाल-मस्तु नः।।६।। कराल-भाल-पट्टिका-धगद्-धगद्-ध...

शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ : जानिए इसके फायदे और विधि (Shiva Tandav Stotra ka Chamatkari Path : Janiye Iske Fayde Aur Vidhi)

शिव तांडव स्तोत्र रावण द्वारा रचित है इसलिए इसे “ रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र” (Ravan Rachit Shiv Tandav Stotra) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें संस्कृत भाषा में कुल 17 श्लोक लिखे गए है जिसमें लंकापति रावण ने भगवान शिव की स्तुति की है। शिव तांडव स्तोत्र के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी है आइये जानते है उस कथा के बारे में : एक बार की बात है, जब रावण ने अपने अहंकार में आकर कैलाश पर्वत को उठाने की कोशिश कि तब भगवान भोलेनाथ ने अपने अंगूठे द्वारा कैलाश पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया था। जिसके कारण रावण का हाथ कैलाश पर्वत के नीचे दब गया था। तब उसी पीड़ा को सहते हुए रावण ने भगवान शिव की आराधना और स्तुति की थी। उस समय रावण द्वारा गाए गए श्लोक व स्तुति ही शिव तांडव स्तोत्र के नाम से विख्यात हुआ। रावण, भगवान भोलेनाथ का अन्य भक्त था और रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ अन्य किसी भी पाठ की तुलना में भगवान भोलेनाथ को सबसे अधिक प्रिय है। शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। शिव तांडव स्तोत्र बहुत चमत्कारिक और शीघ्र फलदायक माना जाता है। तो, आइये जान लेते हैं शिव तांडव स्तोत्र के चमत्कार अथवा फायदे और पाठ की सही विधि के बारे में : यह भी पढ़े – शिव तांडव स्तोत्र के फायदे : (Shiva Tandav Stotra ke Fayde) • मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव की स्तुति शिव तांडव स्तोत्र द्वारा करता है, तो उससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और यदि कोई नियमित रूप से रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करे तो उसे कभी भी धन, सम्पदा की कोई भी कमी नहीं होगी। • शिव तांडव स्तोत्र के चमत्कारी पाठ से साधक को उत्कृष्ट व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है। • इसके पाठ से व्यक...

शिव तांडव स्तोत्र अर्थ सहित

Shiv Tandav Stotram in Hindi हिन्दू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है। माना जाता है भगवान शिव की जिस पर दृष्टि होती है, उसको जन्म मृत्यु के चक्र से सदैव के लिए छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में शिव भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा के लिए परम शिवभक्त रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने को कहा जाता है। जोकि आपके जीवन को संकटों से बचाता है। इतना ही नहीं हिन्दू महाग्रंथों में शिव तांडव स्तोत्र को आवश्यक ग्रंथ माना गया है। हालांकि शिव तांडव की भाषा काफी जटिल है लेकिन भगवान शिव की स्तुति का यह एकमात्र स्रोत है। इसमें मुख्यता अनुप्रास अलंकार और समास बहुल भाषा का प्रयोग किया गया है। शिव तांडव की कहानी कहा जाता है एक बार लंकापति रावण अपनी शक्ति के वशीभूत होकर सम्पूर्ण कैलाश पर्वत को उठाकर लंका की ओर लेकर जा रहे थे। ऐसे में भगवान शिव रावण से काफी क्रोधित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश पर्वत को अवस्थित कर दिया, ऐसे में शिवभक्त रावण का हाथ उसके नीचे दब गया और फिर असहनीय पीड़ा के चलते रावण ने भगवान शिव से माफी मांगी। साथ ही भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने शिव तांडव स्तोत्र करके उनकी स्तुति की। जिससे खुश होकर भगवान शिव ने अपने परम भक्त रावण को संपत्ति और समृद्धि युक्त बना दिया। तब से भगवान शिव के भक्तों को शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है। इसलिए आज हम आपके लिए जटिल भाषा में रचित शिव तांडव स्तोत्र को अर्थसहित लेकर आए हैं। शिव तांडव अर्थसहित – Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi जटाटवीगलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेवलम्ब्यलम्बितां भुजड्ंगतुड्ंगमालिकाम्।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं...

शिव तांडव स्तोत्र अर्थ सहित

Shiv Tandav Stotram in Hindi हिन्दू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है। माना जाता है भगवान शिव की जिस पर दृष्टि होती है, उसको जन्म मृत्यु के चक्र से सदैव के लिए छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में शिव भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा के लिए परम शिवभक्त रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने को कहा जाता है। जोकि आपके जीवन को संकटों से बचाता है। इतना ही नहीं हिन्दू महाग्रंथों में शिव तांडव स्तोत्र को आवश्यक ग्रंथ माना गया है। हालांकि शिव तांडव की भाषा काफी जटिल है लेकिन भगवान शिव की स्तुति का यह एकमात्र स्रोत है। इसमें मुख्यता अनुप्रास अलंकार और समास बहुल भाषा का प्रयोग किया गया है। शिव तांडव की कहानी कहा जाता है एक बार लंकापति रावण अपनी शक्ति के वशीभूत होकर सम्पूर्ण कैलाश पर्वत को उठाकर लंका की ओर लेकर जा रहे थे। ऐसे में भगवान शिव रावण से काफी क्रोधित हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने पैर के अंगूठे से कैलाश पर्वत को अवस्थित कर दिया, ऐसे में शिवभक्त रावण का हाथ उसके नीचे दब गया और फिर असहनीय पीड़ा के चलते रावण ने भगवान शिव से माफी मांगी। साथ ही भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने शिव तांडव स्तोत्र करके उनकी स्तुति की। जिससे खुश होकर भगवान शिव ने अपने परम भक्त रावण को संपत्ति और समृद्धि युक्त बना दिया। तब से भगवान शिव के भक्तों को शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है। इसलिए आज हम आपके लिए जटिल भाषा में रचित शिव तांडव स्तोत्र को अर्थसहित लेकर आए हैं। शिव तांडव अर्थसहित – Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi जटाटवीगलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेवलम्ब्यलम्बितां भुजड्ंगतुड्ंगमालिकाम्।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं...

Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi : रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र

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शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ : जानिए इसके फायदे और विधि (Shiva Tandav Stotra ka Chamatkari Path : Janiye Iske Fayde Aur Vidhi)

शिव तांडव स्तोत्र रावण द्वारा रचित है इसलिए इसे “ रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र” (Ravan Rachit Shiv Tandav Stotra) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें संस्कृत भाषा में कुल 17 श्लोक लिखे गए है जिसमें लंकापति रावण ने भगवान शिव की स्तुति की है। शिव तांडव स्तोत्र के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी है आइये जानते है उस कथा के बारे में : एक बार की बात है, जब रावण ने अपने अहंकार में आकर कैलाश पर्वत को उठाने की कोशिश कि तब भगवान भोलेनाथ ने अपने अंगूठे द्वारा कैलाश पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया था। जिसके कारण रावण का हाथ कैलाश पर्वत के नीचे दब गया था। तब उसी पीड़ा को सहते हुए रावण ने भगवान शिव की आराधना और स्तुति की थी। उस समय रावण द्वारा गाए गए श्लोक व स्तुति ही शिव तांडव स्तोत्र के नाम से विख्यात हुआ। रावण, भगवान भोलेनाथ का अन्य भक्त था और रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ अन्य किसी भी पाठ की तुलना में भगवान भोलेनाथ को सबसे अधिक प्रिय है। शिव तांडव स्तोत्र का चमत्कारी पाठ करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। शिव तांडव स्तोत्र बहुत चमत्कारिक और शीघ्र फलदायक माना जाता है। तो, आइये जान लेते हैं शिव तांडव स्तोत्र के चमत्कार अथवा फायदे और पाठ की सही विधि के बारे में : यह भी पढ़े – शिव तांडव स्तोत्र के फायदे : (Shiva Tandav Stotra ke Fayde) • मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव की स्तुति शिव तांडव स्तोत्र द्वारा करता है, तो उससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और यदि कोई नियमित रूप से रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करे तो उसे कभी भी धन, सम्पदा की कोई भी कमी नहीं होगी। • शिव तांडव स्तोत्र के चमत्कारी पाठ से साधक को उत्कृष्ट व्यक्तित्व की प्राप्ति होती है। • इसके पाठ से व्यक...

रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र

शिव तांडव स्त्रोतम रावण द्वारा रचित है इसलिए इसे रावण तांडव स्त्रोतम के नाम से भी जाना जाता है। रावण ने इसे संस्कृत में लिखा था, जिसका प्रयोग भगवान शिव की स्तुति का वर्णन करने के लिए किया जाता है। आप सम्पूर्णशिव तांडव स्तोत्र हिंदी में (Shiv Tandav Stotram in hindi) सरल भाषा में पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | साथ ही साथ आप शिव तांडव स्तोत्र pdf (Shiv Tandav stotram in hindi PDF) को भी देख सकते है | Table of Contents • • • • • • • • • Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi | शिव तांडव स्तोत्र सरल भाषा में जटा-टवी-गलज्-जल-प्रवाह-पावि-तस्थले गलेऽव-लम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग-तुङ्ग-मालिकाम्। डमड्-डमड्-डमड्-डमन्-निनाद-वड्-डमर्वयं चकार चण्ड-ताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।।१।। जटा-कटाह-सम्भ्रम-भ्रमन्-निलिम्प निर्झरी- विलोल-वीचि-वल्लरी-विराज-मान मूर्धनि। धगद्-धगद्-धगज्-ज्वलल्-ललाट-पट्ट पावके किशोर-चन्द्र-शेखरे रतिः प्रति-क्षणं मम।।२।। धरा-धरेन्द्र-नन्दिनी-विलास-बन्धु बन्धुर- स्फुरद्-दिगन्त-सन्तति-प्रमोद-मान मानसे। कृपा-कटाक्ष-धोरणी-निरुद्ध-दुर्धरा-पदि क्वचिद्-दिगम्बरे मनो विनोद-मेतु वस्तुनि।।३।। जटा-भुजङ्ग-पिङ्गल-स्फुरत्-फणा मणि-प्रभा- कदम्ब-कुङ्कुम-द्रव-प्रलिप्त-दिग्वधू-मुखे। मदान्ध-सिन्धुर-स्फुरत्-त्वगुत्त-रीय-मेदुरे मनो विनोद-मद्भुतं बिभर्तु भूत-भर्तरि।।४।। सहस्र-लोचन-प्रभृत्य-शेष-लेख-शेखर प्रसून-धूलि-धोरणी-विधू-सराङ्घ्रि-पीठभूः। भुजङ्ग-राज-मालया निबद्ध-जाट-जूटक: श्रियै चिराय जायतां चकोर-बन्धु-शेखरः।।५।। ललाट-चत्वर-ज्वलद्-धनञ्जय-स्फुलिङ्गभा- निपीत-पञ्च-सायकं नमन्-निलिम्प-नायकम्। सुधा-मयूख-लेखया विराज-मान-शेखरं महा-कपालि सम्पदे शिरो जटाल-मस्तु नः।।६।। कराल-भाल-पट्टिका-धगद्-धगद्-ध...