शिवा चौहान

  1. शिवा चौहान : सियाचिन युद्धक्षेत्र में तैनात पहली महिला अधिकारी – ThePrint Hindi
  2. यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र; कैप्टन दीक्षा ने स्पेशल फोर्स के साथ ली कठिन ट्रेनिंग
  3. शिवा चौहान : सियाचिन युद्धक्षेत्र में तैनात पहली महिला अधिकारी
  4. PHOTOS: कैप्‍टन शिवा चौहान.. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात पहली महिला सैन्‍य अफसर की कहानी, फोटो की जुबानी
  5. Shiva Chouhan की तैनाती वाली Kumar Post कितनी डेंजर? Siachen में पोस्‍टेड रहे फौजी ने बताई आपबीती
  6. Captain Shiva Chauhan Rajasthan posted in Siachen highest battlefield in world
  7. Captain Shiva Chauhan: दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में पहली महिला अफसर की तैनाती, जानिए कौन हैं कैप्टन शिवा चौहान
  8. Who is Shiva Chauhan first woman army officer to be posted in the Siachen battlefield
  9. मिलिए कैप्टन शिवा चौहान से, सियाचिन पर खड़ी देश की पहली महिला ऑफिसर


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शिवा चौहान : सियाचिन युद्धक्षेत्र में तैनात पहली महिला अधिकारी – ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) हिमालय पर्वत की काराकोरम श्रृंखला में तकरीबन 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पर अब राजस्थान की शिवा चौहान भी देश की हिफाजत में तैनात हैं। यह पहला मौका है, जब किसी महिला को इतनी सख्त परिस्थितियों वाले सियाचिन इलाके में तैनात किया गया है। वहां हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का आलम यह है कि तापमान शून्य से 40 से 60 डिग्री तक नीचे चला जाता है। वहां कभी बर्फीले तूफान आते हैं तो कभी पहाड़ों पर जमी बर्फ की परतें भरभराकर नीचे आने लगती हैं और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियां जान जोखिम में डाल देती हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर देश की हिफाजत का जज्बा जैसे बाकी हर मुश्किल को आसान कर देता है। सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात शिवा चौहान का जन्म 18 जुलाई 1997 को राजस्थान के उदयपुर में राजेन्द्र सिंह चौहान और अंजलि चौहान के यहां हुआ। उन्होंने उदयपुर के सेंट एंथोनी सीनियर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उदयपुर के ही एनजेआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी की। शिवा ने बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने ही उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। शिवा के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन शुभम चौहान हैं, जो भारतीय न्यायिक सेवा में जाने की तैयारी कर रही हैं। शिवा को बचपन से ही भारतीय सेना में जाने की ललक थी और इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा दिया। 2020 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मई 2021 में इंजीनियर रेजीमेंट में शामिल किया गया। सेना के अधिकारियों ने बताया कि शिवा ...

यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र; कैप्टन दीक्षा ने स्पेशल फोर्स के साथ ली कठिन ट्रेनिंग

भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध क्षेत्र सियाचिन में कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के आधिकारिक अकाउंट ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, ट्विटर के पोस्ट में कैप्शन दिया गया, ‘ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग’। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी की कैप्टन शिवा चौहान कुमार पोस्ट में पोस्टिंग से पहले शिवा को कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा था, शिवा की सफलता पर ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें कमेंट करके बधाई दी एवं उनकी सराहना की, एक यूजर ने उनकी तारीफ करते हुए ट्वीट किया, ‘शिवा शक्ति, राष्ट्र भक्ति, दुश्मन पर नजर, हमको है फखर, भारत देश महान, मत चुके चौहान’। शिवा चौहान के अलावा देश की रक्षा के लिए पुरुषों के साथ महिलाएं भी कदम से कदम मिला रही हैं और पसीना बहाने में पीछे नहीं हैं। भारतीय सेना ने महिला डॉक्टर कैप्टन दीक्षा की कुछ तस्वीरें जारी की गई हैं। दीक्षा विशेष बल के सैनिकों के साथ कठोर प्रशिक्षण ले रही हैं।

शिवा चौहान : सियाचिन युद्धक्षेत्र में तैनात पहली महिला अधिकारी

यह पहला मौका है, जब किसी महिला को इतनी सख्त परिस्थितियों वाले सियाचिन इलाके में तैनात किया गया है। वहां हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का आलम यह है कि तापमान शून्य से 40 से 60 डिग्री तक नीचे चला जाता है। वहां कभी बर्फीले तूफान आते हैं तो कभी पहाड़ों पर जमी बर्फ की परतें भरभराकर नीचे आने लगती हैं और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियां जान जोखिम में डाल देती हैं। वहां देश की हिफाजत का जज्बा जैसे बाकी हर मुश्किल को आसान कर देता है।सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात शिवा चौहान का जन्म 18 जुलाई 1997 को राजस्थान के उदयपुर में राजेंद्र सिंह चौहान और अंजलि चौहान के यहां हुआ। उन्होंने उदयपुर के सेंट एंथनी सीनियर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उदयपुर के ही एनजेआर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्रातक स्तर की शिक्षा पूरी की। शिवा ने बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने ही उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। शिवा के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन शुभम चौहान हैं, जो भारतीय न्यायिक सेवा में जाने की तैयारी कर रही हैं। शिवा को बचपन से ही भारतीय सेना में जाने की ललक थी और इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा दिया। 2020 में चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग अकादेमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मई 2021 में इंजीनियर रेजीमेंट में शामिल किया गया। सेना के अधिकारियों के मुताबिक, शिवा को एक महीने सियाचिन बैटल स्कूल में कठिन प्रशिक्षण के बाद तीन महीने के लिए 15,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है। इससे पहले तक महिलाओं को सियाचिन आधार शिविर में ही तैनात किया जाता था जो 9,000 फुट की ऊंचा...

PHOTOS: कैप्‍टन शिवा चौहान.. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात पहली महिला सैन्‍य अफसर की कहानी, फोटो की जुबानी

story of capt shiva chauhan posted on the world highest battlefield siachen for the first ... PHOTOS: कैप्‍टन शिवा चौहान.. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र पर तैनात पहली महिला सैन्‍य अफसर की कहानी, फोटो की जुबानी Captain Shiva Chauhan in Siachen: कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में तैनात होने से पहले कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ा. सेना ने लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर (Fire Fury Corps) की महिला अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में तैनात किया है. यह पहली बार है कि भारतीय सेना की ओर से किसी महिला अधिकारी की इस खतरनाक पोस्ट पर तैनाती की गई है. सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्ध क्षेत्र है और इसे सितंबर 2021 में पर्यटन के लिए खोला गया था. • Last Updated :January 04, 2023, 15:38 IST • Reported by कोमल सिंह मनहास • Edited by Sumit Kumar 02 राजस्थान के कैप्टन शिवा चौहान एक बंगाल सैपर अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर से पूरी की है और एनजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने 11 साल की छोटी उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां जो एक गृहिणी है, ने उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. बचपन से ही उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया था और उन्होंने ओटीए चेन्नई में प्रशिक्षण के दौरान अद्वितीय उत्साह दिखाया. इसके बाद मई 2021 में इंजीनियर रेजिमेंट में उन्हें नियुक्त किया गया. (फोटो न्यूज 18) 03 एक वर्ष की सेवा में कैप्टन शिवा ने जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित सियाचिन युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक 508 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सुरा ...

Shiva Chouhan की तैनाती वाली Kumar Post कितनी डेंजर? Siachen में पोस्‍टेड रहे फौजी ने बताई आपबीती

मौसम की चुनौतियां भी ऐसी कि ऑक्‍सीजन की कमी के कारण कब सांसें उखड़ जाएं पता नहीं? बर्फ में कहां दफन हो जाएं कुछ नहीं कह सकते? इन तमाम मुश्किलों का सामने करने के लिए पहाड़ सा हौसला और तन पर खाकी वर्दी ही काफी है। कुछ ऐसी ही होती है सियाचिन ग्‍लेशियर में तैनात रहने वाले भारतीय सेना के जवानों की जिंदगी। इसके बारे में पूर्व फौजी दिगेंद्र कुमार उर्फ इंडियन आर्मी के बेस्‍ट कोबरा कमांडो ने बताया है। (वीडियो नीचे) शिवा चौहान सियाचिन में कुमार पोस्‍ट पर तैनात दुनिया में सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्‍लेशियर भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। यह World's Highest Battlefield एक बार फिर से सुर्खियों में है। वजह है कि भारतीय सेना की कैप्‍टन शिवा चौहान। राजस्‍थान के उदयपुर शहर की Shiva Chouhan को सियाचिन ग्‍लेशियर में 15 हजार 632 फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया है। भारतीय सेना के इतिहास में यह पहला मौका है जब‍ किसी महिला सैन्‍य अफसर को सियाचिन ग्‍लेशियर की कुमार पोस्‍ट की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। सियाचिन ग्‍लेशियर में सिर्फ दो घंटे ड्यूटी दिगेंद्र कुमार कहते हैं कि अब नियमों में बदलाव हो गया तो पता नहीं, मगर 35 साल पहले हमारे टाइम में तो सियाचिन ग्‍लेशियर में भारत पाकिस्‍तान सीमा पर एक फौजी महज दो घंटे ही ड्यूटी कर पाता था। इससे ज्‍यादा घंटे तक की ड्यूटी के लिए उसे मौसम इजाजत नहीं देता। हर दो घंटे बाद फौजी को बंकर में आकर आराम की जरूरत पड़ती है। फिर उसकी जगह दूसरा फौजी ड्यूटी संभालता है। दो घंटे तक तो उसे सीमा पर बर्फ में मुस्‍तैदी से खड़ा रहना पड़ता है। पेट्रोलिंग भी। सियाचिन ग्‍लेशियर में बर्फ जानलेवा कैसे? साल 1988 में फरवरी से जुलाई तक सियाचिन ग्‍लेश...

Captain Shiva Chauhan Rajasthan posted in Siachen highest battlefield in world

Captain Shiva Chauhan: राजस्थान की रहने वाली कैप्टन शिवा चौहान (Captain Shiva Chauhan) का नाम आज दुनिया से सबसे ऊंचे स्थान पर पहुंच गया है. इसकी चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही हैं. कैप्टन शिवा चौहान ने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल कर अपना और भारत का नाम रोशन कर दिया है. चलिए जानिए कौन है राजस्थान की रहने वाली कैप्टन शिवा चौहान... कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन बैटल स्कूल में बाकी कर्मियों के साथ ट्रेनिंग लेने के बाद दुनिया से सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनता होने वाली पहली महिला हैं. सियाचिन बैटल स्कूल में कैप्टन शिवा चौहान को बर्फ की दीवार पर चढ़ना, हिमस्खलन और हिमस्खलन बचाव और उत्तरजीविता अभ्यास की ट्रेनिंग दी गई और वे 2 जनवरी 2023 को एक कठिन चढ़ाई करने के बाद ग्लेशियर में शामिल हुई. मिली जानकारी के अनुसार, कैप्टन शिवा चौहान को बचपन से ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होना था. इसी के चलते इनको ओटीए, चेन्नई में प्रशिक्षण के बाद मई 2021 में इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त किया गया. वहीं, इसके बाद जुलाई 2022 में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर 508 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए सियाचिन युद्ध स्मारक से कारगिल युद्ध स्मारक तक सुरा सोई साइकिलिंग अभियान में शामिल हुई. वहीं, फिलहाल कैप्टन चौहान के नेतृत्व में सैपर्स की टीम कई इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदारी होगी. इसके लिए तीन महीने के लिए शिवा को इस पद पर तैनात किया जाएगा.

Captain Shiva Chauhan: दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में पहली महिला अफसर की तैनाती, जानिए कौन हैं कैप्टन शिवा चौहान

Captain Shiva Chauhan: भारत की बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे आते हुए अपना परचम लहरा रही हैं. यहां तक की सीमा पर देश की रक्षा में भी ये अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. इसी क्रम में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए भारतीय सेना में कैप्टन शिवा चौहान के नाम एक नया कीर्तिमान दर्ज हुआ है. इंडियन आर्मी के फायर एंड फुरी कॉर्प्स की महिला कैप्टन शिवा चौहान की तैनाती दुनिया के सबसे ऊंचे और भारत के सबसे अहम युद्धक्षेत्र पर हुई है. कैप्टन शिवा चौहान को उनकी इस उपलब्धि पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बधाई दी है. सबसे खतरनाक माना जाता है यह पोस्ट सबसे खतरनाक माने जाने वाले उत्तरी ग्लेशियर बटालियन के हेडक्वार्टर, कुमार पोस्ट पर कैप्टन शिवा चौहान अपनी सेवाएं दे रही हैं. यह पोस्ट 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह पहली बार है कि जब भारतीय सेना ने किसी महिला की तैनाती इतने खतरनाक पोस्ट पर की है. सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है. यहां पिछले 38 सालों से भारत और पाकिस्तान की सेनाएं आमने-सामने हैं. इसके अलावा भारत यहां से चीन की गतिविधियों पर भी नजर रखता है. फायर एंड फुरी कॉर्प्स ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिवा फायर एंड फुरी सैपर्स हैं और इस पोस्ट पर तैनाती से पहले कैप्टन शिवा चौहान को बेहद ही कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा है. इस दौरान दिन में कई घंटों तक शिवा चौहान को बर्फ की दीवार पर चढ़ने की ट्रेनिंग दी गई है. क्या है फायर एंड फुरी कॉर्प्स फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय थल सेना का एक अहम हिस्सा है. इसे 14 कोर भी कहा जाता है. आमतौर पर इसकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है. इसका मुख्यालय लेह में है. इसे भी पढ़ें: जानिए कौन हैं शिवा चौहान शि...

Who is Shiva Chauhan first woman army officer to be posted in the Siachen battlefield

कौन हैं शिवा चौहान, पहली महिला सैन्य अधिकारी, जिन्हें सियाचिन युद्धक्षेत्र में किया गया है तैनात हिमालय पर्वत की काराकोरम श्रृंखला में तकरीबन 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पर अब राजस्थान की शिवा चौहान भी देश की हिफाजत में तैनात हैं. यह पहला मौका है, जब किसी महिला को इतनी सख्त परिस्थितियों वाले सियाचिन इलाके में तैनात किया गया है. वहां हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का आलम यह है कि तापमान शून्य से 40 से 60 डिग्री तक नीचे चला जाता है. वहां कभी बर्फीले तूफान आते हैं तो कभी पहाड़ों पर जमी बर्फ की परतें भरभराकर नीचे आने लगती हैं और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियां जान जोखिम में डाल देती हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर देश की हिफाजत का जज्बा जैसे बाकी हर मुश्किल को आसान कर देता है. सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात शिवा चौहान का जन्म 18 जुलाई 1997 को राजस्थान के उदयपुर में राजेन्द्र सिंह चौहान और अंजलि चौहान के यहां हुआ. उन्होंने उदयपुर के सेंट एंथोनी सीनियर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उदयपुर के ही एनजेआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी की. बहुत छोटी उम्र में शिवा ने अपने पिता को खो दिया था शिवा ने बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने ही उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. शिवा के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन शुभम चौहान हैं, जो भारतीय न्यायिक सेवा में जाने की तैयारी कर रही हैं. शिवा को बचपन से ही भारतीय सेना में जाने की ललक थी और इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा दिया. 2020 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में ...

मिलिए कैप्टन शिवा चौहान से, सियाचिन पर खड़ी देश की पहली महिला ऑफिसर

डीएनए हिंदी: सियाचिन ग्लेशियर 15 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है. इंडियन आर्मी (Indian Army) ने यहां पहली बार अपनी महिला अधिकारी को तैनात किया है. कैप्टन शिवा चौहान (Captain Shiva Chauhan) पहली महिला अधिकारी बनी हैं जिन्हें भारत की इस बर्फीली सरहद की रखवाली का जिम्मा मिला है. कैप्टन शिवा चौहान इंजीनियर रेजिमेंट के बंगाल सैपर ग्रुप की अधिकारी हैं. सियाचिन में उनकी जिम्मेदारी सैनिकों की जरूरत के हिसाब से निर्माण करने और उनका रख-रखाव करने की है. उनका काम सैनिकों के लिए बनाए जाने वाले बंकरों के निर्माण का है. सियाचिन ग्लेशियर पर 1980 के दशक से पहले किसी सैनिक की तैनाती के बारे में सोचा भी नहीं जाता था लेकिन आज भारत और पाकिस्तान दोनों और से सैकड़ों सैनिक वहां हमेशा तैनात रहते हैं. भारत ने अब लैंगिक बाधाओं को भी तोड़ दिया है और साल 2023 की शुरुआत में पहली बार एक महिला अधिकारी को तैनात किया है. 2 जनवरी को कैप्टन शिवा चौहान ने सियाचिन ग्लेशियर में एक बेहद खतरनाक चढ़ाई के बाद अपनी पोस्ट पर काम शुरू कर दिया. यह भी पढ़ें- कौन हैं कैप्टन शिवा चौहान? कैप्टन शिवा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं. इंजीनियरिंग डिग्री हासिल कर चुकी कैप्टन शिवा को सेना में भी इंजीनियरिंग का ही काम मिला है. शिवा चौहान ने सेना की ट्रेनिंग की पूरी करने के बाद मई 2021 ही में इंडियन आर्मी की इंजीनियर रेजिमेंट ज्वाइन की थी. इससे पहले उन्होंने कारगिल विजय दिवस पर 508 किलोमीटर की सुरा सोई साइकिल अभियान की अगुवाई की थी. शिवा चौहान जब सिर्फ़ 11 साल की थीं तब ही उनके पिता का निधन हो गया था. मां ने शिवा के सपनों को पूरा करने में भरपूर साथ दिया और आज वह देश की सुरक्षा में ...