शरद नवरात्रि कब है 2022

  1. Navratri 2023
  2. शारदीय नवरात्रि 2022 कब है, जानिए कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  3. शरद पूर्णिमा 2022 में कब हैं
  4. चैत्र नवरात्रि 2022 : इस बार 8 दिन की है या 9 दिन की जानिए यहां
  5. Sharad Navratri: Date, Time, Significance And Fasting Rituals
  6. Sharad Purnima 2022: When Is Kojagari Purnima? Date, Time And 5 Traditional Bhog Recipes


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Navratri 2023

सनातन धर्म का प्रमुख पर्व होता है नवरात्रि जो साल में दो बार चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2024 में कब है नवरात्रि? नवरात्रि के कौन से दिन करें किस माता की पूजा? जानने के लिए पढ़ें। भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है नवरात्रि जो देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देश में अधिकतर चैत्र और शरद ऋतु में आने वाले नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है जबकि बेहद कम लोग जानते है कि वर्ष में चार बार नवरात्रि आते है जो इस प्रकार है: आषाढ़, चैत्र आश्विन और माघ आदि। चैत्र माह के नवरात्रि को बसंत नवरात्रि और आश्विन माह के नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते है जबकि आषाढ़ और माघ के नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि माना गया है। नवरात्रि 2024: तिथि व पूजा शुभ मुहूर्त नवरात्रि का महत्व नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष होते है। इन नौ दिनों के दौरान देवी दुर्गा के भक्त सच्चे हृदय और भक्तिभाव से आराधना करते है, साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों को किसी नए या मांगलिक कार्य के लिए शुभ माना जाता है। सनातन धर्म के धार्मिक पर्वों और त्यौहारों में से एक है नवरात्रि, जिसे अधिकतर हिन्दुओं द्वारा अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, नए वर्ष के आरम्भ से लेकर राम नवमी तक नवरात्रि को मनाया जाता है। माँ दुर्गा की कृपा दृष्टि एवं आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना, पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न किये जाते है। इस पाठ में माँ के नौ रूपों के प्रकट होने से लेकर उनके द्वारा दुष्टों का...

शारदीय नवरात्रि 2022 कब है, जानिए कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष आश्‍विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस नवरात्रि के बाकि की 3 नवरात्रियों, यानी एक ‍चैत्र और दो गुप्त नवरात्रियों से ज्यादा महत्व होता है। इसी नवरात्रि में गरबा नृत्य होता है और विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि कब से प्रारंभ हो रही है यह नवरात्र और क्या है घट स्थापना के शुभ मुहूर्त।

शरद पूर्णिमा 2022 में कब हैं

Sharad Purnima 2022 Mein Kab Hai date: गुलाबी सर्दी की अनुभूति शरद पूर्णिमा के दिन से होती है. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के समापन के पांचवे दिन आने वाली पूर्णिमा को ही ‘शरद पूर्णिमा’ कहा जाता है. शरद पूर्णिमा सनातन कैंलेडर के अनुसार आश्विन माह में आती है. इसे ‘कोजागरी पूर्णिमा’ या ‘रास पूर्णिमा’ भी कहा हैं. इस दिन किए जाने वाले व्रत को कोजागर व्रत या कौमुदी व्रत भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. प्राचीन पुराणों में उल्लेखित है कि इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता हैं. उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी की रोशनी में रखने की परंपरा है. पूरे वर्ष में केवल इस दिन चन्दमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि में भ्रमण और चंद्रकिरणों का शरीर पर पड़ना बेहद ही शुभ माना जाता है. चलिए इस पोस्ट में हम जानते है की 2022 में शरद पूर्णिमा कब है (Sharad Purnima 2022 Mein Kab Hai date) और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ? Table of Contents • • • • 2022 mein Sharad Purnima Kab Hai- शरद पूर्णिमा की शुरुआत आश्विन शुक्ला में 09 अक्टूबर 2022, रविवार को आएगी. हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. प्राचीन मान्यताओं की मानें तो इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. रिति रिवाजों के अनुसार शरद पूर्णिमा को कोजागौरी लोक्खी (देवी लक्ष्मी) का पूजन किए जाने की मान्यता है. शरद पूर्णिमा के दिन पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में कुवांरी बालिकाएं सुबह स्नान करके सूर्य और चन्द्रमा की पूजा करती हैं. किदवंति है कि, इस दिन सच्ची श्रद्धा से पूजन करने पर मनचाहा वर की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि इस दिन शिव पार्वती के प...

चैत्र नवरात्रि 2022 : इस बार 8 दिन की है या 9 दिन की जानिए यहां

Chaitra navratri 2022Chaitra Navratri 2022: हिन्दू नवर्ष का प्रारंभ चैत्र नवरात्रि से ही होता है। चैत्र माह में आने वाली नवरात्रि को चैत्र इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 2 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। आओ जानते हैं कि इस बार 8 दिन की है या 9 दिन की। इस वर्ष कोई भी तिथि क्षय नहीं है इसीलिए पूरे नौ दिन की रहेगी नवरात्रि। Kalava in hindi : कई लोग हाथ की कलाई पर काला या लाल धागा बांधते हैं। पीला धागा अक्सर मांगलिक कार्य के दौरान बांधा जाता है लेकिन काला या सफेद धागा ज्योतिष की मान्यता या लोकमान्यता के अनुसार कलाई पर बांधा जाता है। कहते हैं कि 2 राशियों के लोगों को काला और अन्य 2 राशियों के जातकों को काला धागा या नाड़ा नहीं बांधना चाहिए। Akhand Samarajya Rajyog 2023 : अगले हफ्ते ग्रहों के परिवर्तन से महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस बार अखंड साम्राज्य योग के साथ ही नव पंचम राजयोग का निर्माण भी हो रहा है जिसके चलते 4 राशियों को वर्षों तक लाभ होता रहेगा। बस उन्हें एककाम करना है तो फायदा ही फायदा होगा। Chanakya niti about woman : चाणक्य नीति में महिला और पुरुषों के गुण और व्यवहार को लेकर बहुत कुछ लिखा है। आम धारणा यह है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं कमजोर होती हैं परंतु यह मात्र धारणा हैं। ऐसी कई बातें हैं जिनमें महिलाएं पुरुषों पर भारी पड़ती है। इन बातों से से जानिए कि कौनी सी ऐसी 5 खास बाते हैं जिनमें औरतें हरा सकती हैं आदमियों को? Vastu tips for positive energy : घर के सदस्य आए दिन एक दूसरे से किसी न किसी बात पर लड़ते झगड़ते रहते हैं तो इससे परिवार की सेहत के साथ ही आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यह पारिवारिक विघटन का कारण है।...

Sharad Navratri: Date, Time, Significance And Fasting Rituals

भारत में नवरात्रि का उत्सव बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस साल नवरात्रि का त्योहार 26 सितंबर से शुरू होने वाला है और 5 अक्टूबर तक जारी रहेगा. यह नौ दिवसीय उत्सव देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है. नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है जिसका अनुवाद ‘नौ रात' होता है. एक साल में कुल चार नवरात्रि मनाई जाती हैं, और उनमें से दो बड़े पैमाने पर मनाएं जाते हैं. चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु के दौरान आती है और शरद नवरात्रि भारत में शरद ऋतु के मौसम के आगमन के साथ. शरद (शारदीय) नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि के समान धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं. यह भी पढ़ें • Navratri Vrat Thali: नवरात्रि में इस तरह तैयार करें व्रत की थाली, शेफ पंकज भदौरिया से जानिए लजीज पकवान बनाने की रेसिपी • Navratri Special Recipe: साबूदाना खिचड़ी या वड़ा नहीं, इस बार ट्राई करें साबूदाने के पकौड़े, यहां देखें रेसिपी • Kashmiri Aloo Dum: बिना लहसुन और प्याज के भी बना सकते हैं स्वादिष्ट कश्मीरी आलू दम प्रतिपदा तिथि समाप्त 27 सितंबर 2022 को 03ः08 प्रातः स्रोत (द्रिकपंचाग डॉटकॉम) शरद नवरात्रि 2022: महत्व और व्रत करने का तरीका समृद्धि और सफलता के लिए हर दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. कुछ लोग देवी की मूर्ति के साथ कलश की स्थापना भी करते हैं और हर दिन दूध, फल और ड्राई फ्रूट्स का भोग लगाते हैं. दसवें दिन, विजयदशमी को एक जलाशय में मूर्ति को विसर्जित करके मनाया जाता है. पारंपरिक रीति रिवाजों के अनुसार लोग इस अवधि के दौरान मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करते. वहीं हल्का, सात्विक आहार लेना पसंद करते हैं. कुछ भक्त पूरे नौ दिनों तक उपवास भी रखते हैं. अगर आप व्रत के दौरान पालन किए जाने वाले रीति रिवाज और च...

Sharad Purnima 2022: When Is Kojagari Purnima? Date, Time And 5 Traditional Bhog Recipes

भारत में इन दिनों त्योहारों का सीजन चरम पर है और हम एक के बाद एक कई तरह के त्योहार मना रहे हैं. भारत भर के हिंदुओं ने हाल ही में नवरात्रि और दुर्गा पूजा विजया दशमी और दशहरा मनाया और अब, हम जल्द ही शरद पूर्णिमा मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन भक्त, समृद्धि के लिए इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. जिन लोगों को मालूम नहीं है उन्हें बता दें किब देवी लक्ष्मी को कोजागरी भी कहा जाता है. बंगाल में इसे लोकखी (लक्ष्मी) पूजा के रूप में मनाया जाता है, जबकि गुजराती इस त्योहार को शरद पूनम के रूप में मनाते हैं. बृज क्षेत्र में, शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने महा-रास किया था. यह भी पढ़ें • जानें कब है Akshaya Tritiya 2023, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, ये रही इस दिन लगाए जाने वाले भोग की खास रेसिपी • Hanuman Jayanti 2023 Prasad: 10 मिनट में बनाएं हनुमान जी का पसंदीदा प्रसाद घर पर, यहां देखें मीठी बूंदी बनाने की रेसिपी • Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी जानें क्यों लगाया जाता है माता को बासी खाने का भोग, जानें कैसे बनाया जाता है प्रसाद इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 2022 (रविवार को पड़ रही है. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा नवरात्रि या दुर्गा पूजा की महा सप्तमी के ठीक एक सप्ताह बाद आती है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय . 05: 51 अपराह्न पूर्णिमा तिथि शुरू . 03: 41 पूर्वाह्न 09 अक्टूबर, 2022 पूर्णिमा तिथि समाप्त . 10 अक्टूबर, 2022 को पूर्वाह्न 02: 24 स्रोत (: शरद पूर्णिमा 2022: इस उत्सव के लिए यहां देखें 5 क्लासिक भोग रेसिपीज जैसा कि पहले जिक्र किया जा चुका है, श...