सोनप्रयाग से केदारनाथ की दूरी

  1. पुलवामा से केदारनाथ की दूरी और यात्रा
  2. केदारनाथ से वापसी भी कम रोमांचक नहीं (A Trek from Kedarnath to Gaurikund)
  3. सोनप्रयाग
  4. हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें
  5. रुद्रप्रयाग से अगस्त्यमुनि मंदिर होते हुए सोनप्रयाग (A Road Trip from Rudrprayag to Sonprayag)
  6. ऋषिकेश से केदारनाथ मंदिर की दूरी और सही रास्ता
  7. Journey From Kedarnath Dham To Sonprayag Will Now Be In 60 Minutes Ropeway Project Got Approval


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पुलवामा से केदारनाथ की दूरी और यात्रा

पुलवामा से केदारनाथ की दूरी और यात्रा (979 किमी) – कम्पलीट गाइड भगवान शिव के तीर्थयात्रियों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक केदारनाथ है, जो चार प्रमुख मंदिरों में से एक है, जिसमें छोटा चारधाम शामिल है। वर्षों से इस अविश्वसनीय यात्रा में कई लोगों ने हिस्सा लिया है। क्या आप इस भक्ति यात्रा को लेकर अत्यधिक उत्साहित हैं ? पुलवामा से केदारनाथ जाने का सबसे आसान तरीका खोज रहे हैं ? इस पोस्ट की जानकारी के लिए धन्यवाद, आपके पास पुलवामा से केदारनाथ तक की अपनी यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए आवश्यक सभी जानकारी होगी। पुलवामा के बारे में पुलवामा ज़िला भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य का एक ज़िला है। यह कश्मीर घाटी के दक्षिणी भाग में स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पुलवामा जिला चार अन्य जिलों से घिरा है : दक्षिण में अनंतनाग, पश्चिम में कुलगाम, उत्तर पश्चिम में शोपियां और उत्तर में बडगाम। जिला मुख्यालय, पुलवामा शहर में स्थित है। पुलवामा से केदारनाथ की यात्रा आपको भारत के कुछ सबसे लुभावने दृश्यों से रूबरू कराने का वादा करती है। इस यात्रा में सभी के लिए कुछ न कुछ है, श्रीनगर की शांत सुंदरता से लेकर जम्मू के ऊर्जावान महानगर तक, हरिद्वार के आध्यात्मिक शहर से लेकर केदारनाथ के लुभावने दृश्यों तक। केदारनाथ मंदिर के बारे में शानदार गढ़वाल पर्वत, भारत के सबसे प्रतिष्ठित मंदिर शहरों में से एक को घेरता है। उत्तरी भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक। यह अपने ऐतिहासिक शिव मंदिर, केदारनाथ के लिए प्रसिद्ध है और अपने जीवंत रोडोडेंड्रोन पेड़ों, बर्फ से ढके पहाड़ों और आश्चर्यजनक परिवेश के साथ आरामदेह वातावरण प्रदान करता है। कई लोग समुद्र तल से 11,755 फीट ऊपर इस शानद...

केदारनाथ से वापसी भी कम रोमांचक नहीं (A Trek from Kedarnath to Gaurikund)

यात्रा के पिछले लेख में आपने केदारनाथ धाम में होने वाली संध्या आरती के बारे में पढ़ा, आरती समाप्त होने के बाद खाना खाकर हम आराम करने के लिए अपने होटल में आ गए ! अब आगे, खाना खाकर होटल से चले तो ठण्ड काफी बढ़ चुकी थी, होटल तक पहुँचते-2 सभी लोग सिकुड़ चुके थे ! एक तो ठण्ड और दूसरा दिनभर लम्बा सफ़र करके अच्छी थकान हो गई थी, इसलिए सोने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी ! आधी रात को ठण्ड के कारण मेरी नींद खुल गई, मैंने महसूस किया जैसे-2 रात बढती जा रही थी, मौसम भी ठंडा होता जा रहा था, हालत ये थी कि रजाई में भी ठिठुरन हो रही थी ! गनीमत थी कि कमरे में अतिरिक्त रजाइयाँ रखी थी, शायद होटल वाले को पहले से ही अंदाजा था इसलिए ये अतिरिक्त रजाइयाँ पहले से ही रख दी थी, ठण्ड बढ़ी तो हमने 2-2 रजाइयाँ ओढ़ ली ! इसके बाद बढ़िया नींद आई और ठण्ड के कारण दोबारा नींद नहीं खुली ! रात को सोते समय हमने सुबह का अलार्म लगा दिया था ताकि समय से उठकर वापसी की राह पकड़ सकें ! सुबह अलार्म बजने पर जब मेरी नींद खुली तो पिताजी पहले ही उठ चुके थे, देवेन्द्र की भी नींद खुल चुकी थी और वो प्राणायाम करने में लगा था ! बर्फ से ढकी पहाड़ियों का एक दृश्य (A view of snow covered Mountains) अब हमारे पास अतिरिक्त कपडे तो थे नहीं, इसलिए नहाने का तो सवाल ही नहीं था ! हाथ-मुंह धोने का विकल्प था इसी उद्देश्य से जब मैं बाथरूम में गया तो टूटी खोलते ही मेरी हाथ-मुंह धोने की इच्छा भी एक ही पल में समाप्त हो गई ! पानी इतना ठंडा था कि हाथ सिकुड़ गए, लेकिन फिर भी मन रखने के लिए ऊँगली भिगाकर आँख पोछ लिए ! जैसे-तैसे करके नित्य-क्रम से निवृत हुए और सवा पांच बजे तक हमने अपना होटल छोड़ दिया ! यहाँ से निकलते हुए किराये की बकाया राशि भी होटल के मालिक...

सोनप्रयाग

वासुकी ताल झील - Vasuki Tal Lake in Hindi हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर इस झील में स्नान किया था। इसलिए इसका नाम वासुकी ताल पड़ा। यात्री वासुकी ताल से चौखम्बा चोटियों के राजसी दृश्य का भी आनंद ले सकते हैं। हिमालय पर्वतमाला और शांत झील के आसपास का प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को यहां आने के लिए मजबूर करता है। इसके अलावा, वासुकी ताल के आसपास के इलाके ट्रैकिंग के लिए बेस्ट हैं। केदारनाथ से 8 किलोमीटर के ट्रैक से आप वासुकी ताल झील पहुंच सकते हैं। बेंगलुरु के इन लोकप्रिय मंदिरों को भी अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में शामिल जरूर करें त्रियुगी नारायण मंदिर - Triyuginarayan Temple in Hindi त्रियुगी नारायण वो गांव है जहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इन दोनों का विवाह भगवान विष्णु के सामने हुआ था, इसलिए उनके सम्मान में त्रियुगीनारायण मंदिर बनवाया गया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने पार्वती के भाई के रूप में इस विवाह की सभी व्यवस्थाएं की थी, जबकि भगवान ब्रह्मा ने एक पुजारी के रूप में भूमिका निभाई थी। ये मंदिर सोनप्रयाग से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर घूमने के साथ-साथ इन मंदिरों में भी दर्शन करने के लिए जरूर(फोटो साभार : Wikimedia Commons) भैरवनाथ मंदिर - Bhairavnath Temple in Hindi दक्षिण की ओर केदारनाथ मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर स्थित, भैरवनाथ मंदिर हिंदू भगवान भैरव द्वारा प्रतिष्ठित है। ये मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जहां से आप आसपास के हिमालय और नीचे की पूरी केदारनाथ घाटी के शानदार दृश्य देख सकते हैं। भगवान भैरव को भगवान शिव का मुख्य गण माना जाता है और यही वजह ह...

हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें

ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो हेलीकॉप्टर से केदारनाथ मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं और बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं, जो अपने फैमिली के साथ हेलीकॉप्टर द्वारा केदारनाथ मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन उन लोगों को हेलीकॉप्टर से केदारनाथ मंदिर जाने के बारे में पता नहीं होने की वजह से उनकी केदारनाथ मंदिर की यात्रा पूरी नहीं हो पाती है, इसलिए मैंने इस पोस्ट को तैयार किया है, ताकि कोई भी व्यक्ति सिर्फ इस पोस्ट में दी गई जानकारी की वजह से केदारनाथ मंदिर की यात्रा करने में असफल ना हो सके। आइए विस्तार से जानते हैं कि हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें? विषय - सूची • • • • • • • केदारनाथ मंदिर जाने के लिए हेलीकॉप्टर कहां से मिलती है। दोस्तों आपको बता दें कि गुप्तकाशी की दूरी गौरीकुंड, जहां से केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई शुरू होती है, से 38 किलोमीटर है। वहीं फाटा की दूरी गौरीकुंड से करीब 24 किलोमीटर और सिरसी से करीब 16 किमी. है, इसलिए अगर आप गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर द्वारा केदारनाथ मंदिर जाते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे, लेकिन वहीं अगर आप फाटा या सिरसी से केदारनाथ मंदिर हेलीकॉप्टर द्वारा जाते हैं, तो आप कम खर्च में ही केदारनाथ मंदिर जा सकते हैं और भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं। गुप्तकाशी से केदारनाथ हेलीकॉप्टर किराया – जैसा कि आपने ऊपर में जाना की गई गुप्तकाशी से गौरीकुंड की दूरी करीब 38 किलोमीटर है, इसलिए गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर द्वारा केदारनाथ मंदिर जाने का किराया ₹ 3800-3900 और दोनों तरफ का किराया ₹ 7600-7800 हो जाता है। अगर आप चाहें, तो गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर द्वारा केदारनाथ मंदिर जाकर वापस पैदल भी नीचे आ सकते हैं। फाटा और सिरसी से केदारनाथ हेलीकॉप्टर किराया –...

रुद्रप्रयाग से अगस्त्यमुनि मंदिर होते हुए सोनप्रयाग (A Road Trip from Rudrprayag to Sonprayag)

रुद्रप्रयाग से चले तो दोपहर के 3 बज रहे थे, आधे घंटे का सफ़र तय करके हम अगस्त्यमुनि मंदिर (Augustyamuni Temple) पहुंचे, समुद्रतल से 1000 मीटर की ऊँचाई पर मन्दाकिनी नदी के किनारे सड़क के दूसरी ओर स्थित ये मंदिर रुद्रप्रयाग से 19 किलोमीटर दूर है ! इस मंदिर को प्रसिद्द हिन्दू मुनि अगस्त्य ऋषि का घर माना जाता है, अगस्त्य ऋषि एक दक्षिण भारतीय मुनि थे जो जंगलों में विचरण करते हुए उत्तराखंड आए और सिला ग्राम में रहकर उन्होंने अनेक वर्षों तक तपस्या की ! इस दौरान उन्होंने यहाँ एक शिव मंदिर भी बनवाया जो बाद में अगस्त्येश्वर महादेव मंदिर (Augstyashwar Mahadev Temple) के नाम से प्रसिद्द हुआ ! प्रारंभ में तो ये मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ था, लेकिन बाद में जब इस मंदिर का पुनरुद्धार हुआ तो इसे वर्तमान स्वरुप दिया गया ! मंदिर के मुख्य भवन में अगस्त्य मुनि का कुंड और उनके शिष्य भोगाजित की प्रतिमा स्थित है ! ये सब जानकारी मंदिर परिसर में एक दीवार पर अंकित थी ! साल में एक दिन यहाँ मेला भी लगता है तब देश-विदेश से हज़ारों श्रद्धालु इस मेले में शामिल होने के लिए आते है, बैसाखी का त्यौहार भी यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ! अगस्त्यमुनि मंदिर का एक दृश्य (A View of Augstyamuni Temple) इस मंदिर के पत्थर की दीवारों पर हिन्दू देवी-देवताओं के सुन्दर चित्र तराशे गए है, जो यहाँ आने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते है ! अगस्त्यमुनि क्षेत्र काफी चहल-पहल वाला इलाका है, मंदिर की ओर जाने वाली सीढियाँ सड़क के किनारे बनी दुकानों के बीच में है ! अगर आप इस इलाके से गुजर रहे है तो सड़क पर चलते हुए आप आगे निकल जायेंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा ! केदारनाथ मंदिर तक ले जाने वाले हेलीकाप्टर की उड़ान सेवा...

ऋषिकेश से केदारनाथ मंदिर की दूरी और सही रास्ता

ऋषिकेश से केदारनाथ मंदिर यात्रा दूरी | Rishikesh to Kedarnath Temple Distance in Hindi | केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। केदारनाथ मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर पहुँचते हैं जिसमें ऋषिकेश और हरिद्वार से अधिकतर यात्री केदारनाथ मंदिर यात्रा के लिए पहुँचते हैं। ऋषिकेश से केदारनाथ की दूरी कैसे तय करते हैं, इस से जुडी हर तरह की जानकारी आपको आज यहाँ मिल जाएगी। केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित है। केदारनाथ मंदिर तक सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए गौरीकुंड स्थान के बाद 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करना होता है। गौरीकुंड तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जाता है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्ध पंच केदार मंदिरों में से एक है। ऋषिकेश से केदारनाथ की दूरी | Rishikesh to Kedarnath Distance | TO GET BEST DEAL ऋषिकेश से केदारनाथ की सड़क मार्ग दूरी लगभग 232 किलोमीटर है, जिसमे गौरीकुंड के बाद 18 किलोमीटर का ट्रेक भी शामिल है। ऋषिकेश से गौरीकुंड की दूरी सड़क मार्ग द्वारा तय करने में लगभग 6-8 घंटे तक का समय लग जाता है। ऋषिकेश पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। ऋषिकेश शहर, देश के अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग, रेलवे मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है, इसलिए अधिकतर श्रद्धालु चार धाम यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश या हरिद्वार से ही करते हैं। हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी मात्र 30 किलोमीटर है। ऋषिकेश से केदारनाथ मंदिर जाने वाले यात्रियों के लिए, सड़क मार्ग, बस सेव...

Journey From Kedarnath Dham To Sonprayag Will Now Be In 60 Minutes Ropeway Project Got Approval

Kedarnath To Sonprayag: केदारनाथ धाम से सोनप्रयाग का सफर अब 8 घंटे नहीं सिर्फ 60 मिनट में होगा तय, रोपवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी उत्तराखंड सरकार में वन और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख आरके सुधांशु ने जानकारी दी कि केदारनाथ अभयारण्य क्षेत्र में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड ने रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है. Kedarnath Dham To Sonpryag: उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ में रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है. यह रोप वे केदारनाथ धाम और सोनप्रयाग के बीच की दूरी को कई घंटे कम कर देगी. दीगर है कि प्रधानमंत्री केदारनाथ रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ की दूरी 13 किमी होगी. रोपवे समुद्र तल से 11,500 फीट (3,500 मीटर) की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे में से एक होगा. माना जा रहा है कि इस रोपवे को बनाने में 1,200 करोड़ रुपये लगेंगे. बता दें केदारनाथ धाम में हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं और इस परियोजना के पूरा होने के बाद उनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है. Udham Singh Nagar Firing: उधम सिंह नगर में फायरिंग में महिला की मौत के बाद दो राज्यों की पुलिस के बीच उलझा मामला गरुड़चट्टी तक साढ़े पांच किलोमीटर फुट ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी उत्तराखंड सरकार में वन और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख आरके सुधांशु ने बताया कि केदारनाथ अभयारण्य क्षेत्र में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड ने रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही बोर्ड ने केदारनाथ के फुट ट्रैक और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी हरी झंडी दे दी है. इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की परिवारमा परियोजना के तहत किया जाएगा. इसके साथ ही नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड एनिम...