Sutak kaal kya hota hai

  1. सूतक के दिनों में शुभ कार्यों का त्याग क्यों किया जाता है ?
  2. Sutak kaal kya hota hai(जानिए सम्पूर्ण जानकारी)
  3. Sutak Kaal: सूतक और पातक काल क्या है? जन्म और मृत्यु से है इनका संबंध, जानें ये कब
  4. Kaal Sarp Dosh क्या होता है कालसर्प दोष जानें इसके लक्षण एवं निवारण के उपाय
  5. Surya Grahan 2022: What Time Is Sutak Kaal Today Know Solar Eclipse CityWise Timings in India
  6. Chandra Grahan Sutak 2022 Time, Chandra Grahan 2022 8 November State and End Time
  7. Surya Grahan 2022: सूतक काल और सूर्य ग्रहण के समय ना करें ये काम, गर्भवती महिलाएं रखें खास ध्यान


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सूतक के दिनों में शुभ कार्यों का त्याग क्यों किया जाता है ?

सूतक के दिनों में शुभ कार्यों का त्याग क्यों किया जाता है ? हिंदू धर्म में सूतक काल का विशेष महत्व होता है। सूतक काल को अशौच काल भी कहा जाता है। सूतक दो तरह का होता है। पहला बच्चे के जन्म लेने के बाद लगने वाला सूतक और दूसरा मृत्यु के पश्चात लगने वाला सूतक। जब भी किसी व्यक्ति के घर-परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उस कुल में कुछ दिनों के लिए सूतक काल लग जाता है। शास्त्रों के अनुसार ब्राम्हण को दस दिन का, क्षत्रिय को बारह दिन का, वैश्य को पंद्रह दिन का और शूद्र को एक महीने का सूतक लगता है किंतु विशेष परिस्थितियों में चारों वर्णों की शुद्धि दस दिनों में ही हो जाती है। इसे शारीरिक शुद्धि कहते हैं इसके पश्चात किसी भी तरह का छुआछूत दोष नहीं रहता तथा त्रयोदश संस्कार के बाद पूर्णशुद्धि हो जाती है। अतः परिवार में देवताओं की पूजा-आराधना इसके पश्चात ही की जाती है जिसमें स्थित सर्वप्रथम भगवान विष्णु की पूजा अथवा सत्यनारायण कथा का श्रवण अनिवार्य रूप से किया जाता है। किसी कारण वश सूतक काल दस के दिनों के अंदर परिवार के किसी और सदस्य की मृत्यु हो जाए तो पहले सदस्य की मृत्यु तिथि के अनुसार ही दूसरे सदस्य के सूतक का भी समापन हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार पहले से लगा हुआ सूतक दसवें दिन की रात्रि के तीन प्रहर तक किसी की भी मृत्यु हो तो पहले के दस दिन के अतिरिक्त दो दिन तक का ही सूतक लगेगा। यदि दसवें दिन के चौथे प्रहर तक में भी परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो तो तीन दिनों का अतिरिक्त सूतक रहेगा किंतु, क्रिया कर्म करने वाले व्यक्ति के लिए यह सूतक दस दिनों के लिए ही मान्य होगा, कुल के अन्य सदस्य सूतक दोष से मुक्त हो जाएंगे। पिता की मृत्यु के पश्चात यदि दस दिनों के अंदर माता की भी मृत...

Sutak kaal kya hota hai(जानिए सम्पूर्ण जानकारी)

सूतक काल क्या होता है | Sutak kaal kya hota hai :-> jai shree ram सूतक काल क्या होता है | Sutak kaal kya hota hai ग्रहण लगने से पहले की समय अवधि को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक कहते हैं। इस समय अवधि में किसी भी तरह का कोई भी शुभ काम या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। कहते हैं यदि इस सूतक काल के दौरान व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य करता है, या नया काम शुरू करता है, या मांगलिक कार्य करता है, तो उसे शुभ फल की जगह अशुभ फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के सूतक काल में किसी भी तरह का हो शुभ कार्य करने का निषेध होता है।सूर्य ग्रहण घटित होने से ठीक 12 घंटे पहले से उसका सूतक काल शुरू हो जाता है और सूतक काल ग्रहण समाप्त होने के बाद समाप्त होता है। इसी तरह जब चंद्र ग्रहण के सूतक काल की बात करते हैं तो चंद्र ग्रहण का सूतक चंद्र ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है और चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद तक समाप्त हो जाता है। Read Also- यह भी जानें • • • • •

Sutak Kaal: सूतक और पातक काल क्या है? जन्म और मृत्यु से है इनका संबंध, जानें ये कब

सूतक और पातक काल के दौरान धार्मिक कार्य पूर्णतः प्रतिबंधित होते हैं नवजात शिशु के जन्म में लगे नियम को सूतक काल कहा जाता है Sutak And Patak kaal: सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में लगने वाले सूतक काल से आप सब भली-भांति परिचित होंगे. इसे भारत में बहुत गंभीरता से लिया जाता है. सूतक काल के दौरान मंदिरों के पट बंद रहते हैं. इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती. इसके अलावा सूतक काल में कई अन्य काम भी वर्जित होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं की ग्रहण के अलावा जन्म और मरण से भी सूतक और पातक का संबंध होता है. आइए दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं कि सूतक और पातक क्या है और ये कब कब लागू होते हैं. हिंदू सनातन धर्म से जुड़ी परंपराओं में जीवन जीने के कई सिद्धांतों और नियमों के बारे में बताया गया है. इन्हीं में से घर में किसी की मृत्यु हो जाने और घर में किसी नवजात के जन्म होने से जुड़े नियम हैं. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जन्म और मृत्यु के दौरान सूतक और पातक जैसे नियमों का पालन किया जाता है. शास्त्रों में किसी परिजन की मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पूरे 13 दिनों तक पातक होता है. ठीक इसी प्रकार घर में किसी नवजात के जन्म होने पर सूतक होता है. हालांकि, अलग-अलग जगह इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं. ये भी पढ़ें- Kedar Yog 2023: करीब 500 साल बाद बेहद दुर्लभ योग, इन 3 राशि वालों पर होगी पैसों की बरसात, खुल जाएंगे भाग्य के द्वार सूतक क्या है? सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के अलावा घर में नए सदस्य के आगमन अर्थात शिशु के जन्म होने के बाद कुछ दिनों के लिए सूतक होता है. इस दौरान घर पर कोई धार्मिक कार्य जैसे पूजा-पाठ करना, मंदिर जाना, किसी धार्मिक स्थानों पर जाना आदि वर्ज...

Kaal Sarp Dosh क्या होता है कालसर्प दोष जानें इसके लक्षण एवं निवारण के उपाय

Kaal Sarp Dosh Nivaran Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण राहु एवं केतु की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि कई ज्योतिषाचार्य काल सर्प योग को नहीं मानते हैं। आज भाद्रपद मास की अमावस्या है, आज का दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं कि कालसर्प दोष क्या होता है और इसके निवारण का क्या उपाय होता है। व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की होती है। दोनों 180 डिग्री पर रहते हैं। यदि बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है। हालांकि कालसर्प योग का निर्धारण करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए। 1. जातक को प्राय: स्वप्न में सर्प का दिखाई देना। 2. अत्यधिक परिश्रम के बाद भी कार्यों में मन मुताबिक सफलता न पाना। 3. मानसिक तनाव से ग्रस्त रहना। 4. सही निर्णय न ले पाना। 5. कलहपूर्ण पारिवारिक जीवन। 6. गुप्त शत्रुओं का होना। कार्य में बाधा। Bhadrapada Amavasya 2020: भाद्रपद अमावस्या आज, कालसर्प दोष निवारण के लिए है श्रेष्ठ दिन कालसर्प दोष निवारण उपाय 1. कालसर्प दोष का सर्वोत्तम उपाय श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे श्रावण में रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए। 2. शिवलिंग पर मिश्री एवं दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना श्रेष्ठ रहता है। 3. अपने घर के पूजा स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की मोर पंख वाली मूर्ति का प्रतिदिन पूजा करें। 4. बहते हुए जल में चांदी से बने नाग और नागिन के जोड़े को विधि प्रकार प्रवाहित कर दें। 5. कालसर्प दोष नि...

Surya Grahan 2022: What Time Is Sutak Kaal Today Know Solar Eclipse CityWise Timings in India

• • • Surya Grahan 2022: What Time Is Sutak Kaal Today, Know Solar Eclipse City-Wise Timings in India Surya Grahan 2022: What Time Is Sutak Kaal Today, Know Solar Eclipse City-Wise Timings in India Solar Eclipse 2022: The second and the last Partial Solar Elipse will occur this evening. Know Sutak and Surya Grahan Timings in India below. Read on! Surya Grahan 2022: What Time Is Sutak Kaal Today, Know Solar Eclipse City-Wise Timings in India Solar Eclipse 2022: Sutak Kaal Time has already started. This period generally begins from 12 hours before the start of Eclipse or Grahan. A partial solar eclipse occurs in the polar regions of the Earth when the moon’s shadow misses the Earth. Today marks the second and final Solar Eclipse of 2022. A Grahan, according to religious beliefs, has multiple effects on people and their natal charts. As a result, people follow the Sutak rules to reduce the negative effects of celestial phenomena (period of absentation). And today, when a Surya Grahan is expected, Sutak will be applicable. A solar eclipse occurs when the Moon, the Earth’s only natural satellite, passes between the Sun and the Earth. The Solar Eclipse or Surya Grahan on 25 October will start at 4:29 PM. What is Sutak Kaal? Whether a Solar Eclipse or a lunar, The period preceding the eclipse is known as Sutak. It is usually seen 12 hours before the Surya Grahan. As per Hindu traditions, Sutak is regarded as an unlucky period prior the Surya Grahan. The solar eclipse on October 2...

Chandra Grahan Sutak 2022 Time, Chandra Grahan 2022 8 November State and End Time

Chandra Grahan Sutak 2022 Time, Chandra Grahan 2022 8 November State and End Time | Lunar Eclipse 2022 November Timings Chandra Grahan Sutak 2022 Time Kaal, Chandra Grahan 2022 8 November State and End Time: Chandra Grahan Sutak time begins 9 hours before the actual start of the Lunar eclipse. Chandra Grahan Sutak start and end time is 9:21 AM and 6:18 PM, respectively. Lunar Eclipse will be visible in Indian cities like Delhi, Patna, Ranchi, Lucknow, Kolkata, Guwahati and others. • • • • • Chandra Grahan Sutak 2022 Time Kaal, Chandra Grahan 2022 8 November State and End Time: Lunar eclipse or Chandra Grahan of 2022 will occur on November 8, 2022. This will be the total lunar eclipse and the last lunar eclipse of 2022. A lunar eclipse or Chandra Grahan occurs when Sun, Earth and Moon align so that the Moon passes into Earth's shadow. The Moon falls within the Umbra -- the darkest part of Earth's shadow. When this happens, Moon will turn a reddish hue. Sutak is regarded as an inauspicious period by Hindus. During the eclipse, it is generally suggested to stay indoors and avoid doing new things or starting any new work. This is because Hindus consider Sutak as inauspicious. Chandra Grahan 2022 Sutak Time Kaal In India According to drikpanchang, Chandra Grahan Sutak will begin at 9:21 AM. The Sutak will end at 6:18 PM. Sutak time for kids, old and sick people will begin at 2:48 PM. Sutak for kids, old and sick people will end at 6:18 PM. Chandra Grahan Visible In Delhi Time A...

Surya Grahan 2022: सूतक काल और सूर्य ग्रहण के समय ना करें ये काम, गर्भवती महिलाएं रखें खास ध्यान

डीएनए हिंदी: Surya Grahan Me Kya Na Kare-दिवाली की रात से सूतक काल (Sutak Kaal Time) शुरू हो चुका है, लेकिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) की अवधि 7 घंटे की है, 25 अक्टूबर को शाम 4 बजे से 6 बजे तक ग्रहण रहेगा. सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. 27 साल बाद दिवाली के दूसरे दिन ग्रहण लगा है, ये साल का आखिरी ग्रहण है (Last Solar Eclipse) इस दौरान कई कार्य ऐसे हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए, बच्चे, गर्भवती महिलाओं को कई काम करने से बचना चाहिए. आईए जानते हैं इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए सूतक और ग्रहण काल में क्या नहीं करें (What Not to Do During Surya Grahan) किसी भी ग्रहण के सूतक के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना मना होता है. इस दौरान खान-पान, सोना, कुछ भी काटना पिटना नहीं करना चाहिए. तेल लगाना, शारीरिक संबंध बनाना, नींद लेना ये भी निशिद्ध होता है. यह भी पढ़ें- ग्रहण का मानवीय शरीर पर नहीं पड़ता कोई प्रभाव: खगोल वैज्ञानिक ग्रहण काल में भोजन अशुद्ध हो जाता है, इस कारण ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए और बनाना भी नहीं चाहिए. ऐसा करने से अनेक प्रकार के रोग घर में आते हैं. ग्रहण या सूतक से पहले ही अगर सभी खाने वाले पदार्थ जैसे दूध,दही ,चटनी ,आचार आदि में कुश रख देते है, तो यह भोजन दूषित नहीं होता है और आप पुन उसे उपयोग में ले सकते हैं. ग्रहणकाल में शरीर, मन, बुद्धि, वचन तथा कर्म से सावधान रहना चाहिए इस दिन पूजा पाठ, मंदिरों में पूजा, कोई भी धार्मिक कार्य़ नहीं किया जाता है. ग्रहण के सूतक के समय बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिला, एवं रोगी को यथानुकूल खाना अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है गर्भवती महिलाएं पेट पर गोबर का लेप कर लें ,चाकू , सुई , इत्यादि से कोई कार्य न ...

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