सऊदी अरब की मुद्रा क्या है

  1. सऊदी अरब की राजधानी क्या है?
  2. Pakistan's economic condition is getting difficult, debt burden is increasing continuously


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सऊदी अरब की राजधानी क्या है?

सऊदी अरब पश्चिमी एशिया का एक देश है। यह लगभग 2150,000 वर्ग किमी के भूमि क्षेत्र में फैला है। सऊदी अरब मध्य पूर्व का सबसे बड़ा देश है। यहाँ की मुद्रा का नामसऊदी रियाल हैं।जिसके 5, 10, 25 और 50 के सिक्के होते है। देश की राजभाषा अरबी है। सऊदी अरब के कुल क्षेत्रफल का 7% से भी कम हिस्सा खेती के लिए उपयुक्त है। 1960 के दशक की शुरुआत में पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में शहरों घनी आबादी हैं जबकि रेगिस्तानों में सऊदी अरब की राजधानी सऊदी अरबराजधानीऔर सबसे बड़ा शहर रियाद है जिसमें मक्का और मदीना महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र हैं। रियाद अरब प्रायद्वीप का सबसे बड़ा शहर है। नजद पठार के पूर्वी हिस्से और नफुद रेगिस्तान के केंद्र में स्थित हैं। शहर समुद्र तल से औसतन 600 मीटर की ऊंचाई पर है। और हर साल लगभग 5 मिलियन पर्यटकों को आकर्षित करता है। दुनिया में नौवां सबसे अधिक देखा जाने वाला शहर हैं। 2019 में रियाद की आबादी 7.6 मिलियन थी, जिससे यह सऊदी अरब में सबसे अधिक आबादी वाला शहर हैं। रियाद शहर का पहला उल्लेख 1590 में एक अरब इतिहासकार द्वारा किया गया था। 1737 में देहम इब्न दावास द्वारा शहर पर नियंत्रण कर लिया। देहम ने शहर के चारों ओर एक दीवार का निर्माण कराया था। इसी काल में शहर का नाम रियाद पड़ा था। सऊदी अरब का भूगोल इसकी उत्तर में जॉर्डन और इराक हैं, उत्तर पूर्व में कुवैत, पूर्व में कतर, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात है जबकि दक्षिण पूर्व में ओमान और दक्षिण में यमन है। यह अकाबा की खाड़ी द्वारा उत्तर-पश्चिम में मिस्र और इज़राइल से अलग हो गया है। सऊदी अरब एकमात्र ऐसा देश है जिसकी तटरेखा लाल सागर और फारस की खाड़ी दोनों के साथ मिलती है और इसके अधिकांश भूभाग में शुष्क रेगिस्तान, तराई क...

Pakistan's economic condition is getting difficult, debt burden is increasing continuously

Pakistan News: राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. विदेशी कर्ज में डूबे पाकिस्तान के लिए आगे की राह बहुत मुश्किल दिख रही है. चीन और सऊदी अरब की तरफ से मिलने वाली मदद उसके लिए नाकाफी है. यही वजह है कि पाकिस्तान के लिए आईएमएफ से मिलने वाली मदद अब बहुत जरूरी हो गई है. लेकिन आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच भी सबकुछ सही नहीं चल रहा है. कर्ज बढ़कर हुआ इतना पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही. मुद्रास्फीति रिकॉर्ड स्तर पर वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है. यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया. यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है.