Tb symptoms in hindi

  1. एमडीआर टीबी के कारण, लक्षण और इलाज
  2. Tuberculosis in Hindi
  3. Uterus Tuberculosis in hindi, गर्भाशय में होने वाली टीबी के लक्षण, कारण, इलाज
  4. टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण
  5. TB Causes and Symptoms : क्या टीबी सिर्फ फेफड़ों में होती है, किन अंगों को करती है प्रभावित, क्या हैं लक्षण


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एमडीआर टीबी के कारण, लक्षण और इलाज

ट्यूबरक्लोसिस या टीबी की बीमारी भारत में स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती है। देश में टीबी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। टीबी को क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है या बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो एक व्यक्ति के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। आमतौर पर टीबी की बीमारी फेफड़ों में सबसे ज्यादा होती है लेकिन फेफड़ों के अलावा यह समस्या शरीर के कई अन्य अंग जैसे किडनी, रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकती है। भारत में टीबी के एक रूप मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट या एमडीआर टीबी (Multidrug Resistant TB in Hindi) के मरीज सबसे ज्यादा हैं। एमडीआर टीबी, ट्यूबरक्लोसिस का सबसे गंभीर रूप है जिसमें टीबी के इलाज में प्रयोग की जाने वाली ज्यादातर दवाओं का सर नहीं होता है। टीबी का यह स्टेज मरीजों के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है। दुनियाभर में एक आंकड़े के मुताबिक लाखों लोग हर साल इस समस्या से कारण अपनी जान गंवा देते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी या एमडीआर टीबी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में। क्या है एमडीआर टीबी? (What is MDR TB?) मल्टी ड्रग रजिस्टेंट टीबी (एमडीआर टीबी) को एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट टीबी (एक्सडीआर टीबी) के नाम से भी जाना जाता है। अ वध हॉस्पिटल की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेमलता के मुताबिक यह टीबी का एक ऐसा स्टेज है जिसमें टीबी के इलाज में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली दवाएं आइसोनियाजिड (Isonaizid) और रिफाम्पीसीन (Rafampicin) का असर न के बराबर होता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज के शरीर में टीबी के बैक्टीरिया दवाओं के प्रति इतने रेजिस्टेंट हो जाते हैं कि इनका असर बहुत कम होता है। इस समस्या से ग्रसित मरीजों...

Tuberculosis in Hindi

ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) क्या है? (What is tuberculosis?) Tuberculosis in Hindi – ट्यूबरक्लोसिस को आम भाषा में टीबी कहते हैं। ये शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन फेफड़ों में होने वाली टीबी सबसे आम प्रकार का होता है। कोरोना की तरह फेफड़ों में होने वाला टीबी भी खांसी और छींक के द्वारा एक दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis in Hindi) का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक अधिक होता हैं जो उन्हें पहले से कोई बड़ी बीमारी जैसे कि एड्स या ट्यूबरक्लोसिस के कितने प्रकार हैं? (How many types of tuberculosis are there in Hindi?) टीबी के प्रमुख दो प्रकार होते हैं, जिन्हें लेटेंट टीबी और एक्टिव टीबी (Tuberculosis in Hindi) के नाम से जाना जाता है। इनकी जानकारी निम्न है – • लेटेंट टीबी – इस स्थिति में रोगाणु आपके शरीर में होते हैं, लेकिन इम्यून सिस्टम उन्हें फैलने नहीं देता है। इस कारण से आपको इसके लक्षण महसूस नहीं होते हैं और न ही यह रोग आपसे किसी अन्य व्यक्ति में फैल पाता है। हालांकि, शरीर में मौजूद ये रोगाणु किसी भी समय एक्टिव होकर संक्रमण फैला सकते हैं और ऐसा आमतौर पर तब होता है जब किसी कारण से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाए। • एक्टिव टीबी – इस स्थिति में रोगाणु बढ़ने लगते हैं और शरीर में संक्रमण शुरू हो जाता है। एक्टिव टीबी में व्यक्ति को लक्षण महसूस होने लगते हैं और वह अन्य स्वस्थ व्यक्तियों में इस रोग को फैला भी सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार एक्टिव टीबी के 90 प्रतिशत मामले आमतौर पर लेटेंट टीबी से ही शुरू होते हैं। ट्यूबरक्लोसिस (क्षय रोग) के शुरुआती लक्षण क्या हैं? | Tuberculosis (TB) Symptoms in Hindi टीबी (Tuberculosis in Hindi) अधिकतर फेफड़ों में ह...

Uterus Tuberculosis in hindi, गर्भाशय में होने वाली टीबी के लक्षण, कारण, इलाज

Written by |Updated : September 20, 2019 3:54 PM IST • • • • • अक्सर लोग यही सोचते हैं कि क्षय रोग यानी टीबी सिर्फ फेफड़े में होने वाली बीमारी है, पर ऐसा नहीं है। टीबी आपके दिमाग में भी हो सकती है और महिलाओं के यूटरस में भी। जी हां, टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस महिलाओं के गर्भाशय या यूटरस (know Uterus tuberculosis) को भी प्रभावित कर सकती है। भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों टीबी के नए मामलों का निदान किया जाता है और लगभग इस बीमारी से दो लाख से भी ऊपर लोगों की मृत्यु हो जाती है। टीबी रोग माइको बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है। यदि आप नहीं चाहती हैं कि आपको यूटरस टीबी (Uterus tuberculosis) हो, तो इसके बारे में पहले से ही सारी बातें जरूर जान लें... गर्भाशय ट्यूबरकुलोसिस को जानें आजकल फेफड़ों के अलावा महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली टीबी के मामले भी काफी बढ़ रहे हैं। गर्भाशय में टीबी (What is uterus TB) होने से महिलाएं बांझपन (Infertility) का शिकार हो सकती हैं। गर्भाशय में टीबी होने के कारण अंडाशय, फेलोपियन ट्यूब, गर्भाशय (यूटरस), गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) और योनि के आसपास मौजूद लिम्फ नोड्स प्रभावित होने लगते हैं। यह मुख्य रूप से इंफेक्शन के कारण होता है। जब फेफड़ों में इंफेक्शन होता है, तब इस बीमारी का पता लगाना आसान हो जाता है। देर होने पर बैक्टीरिया यूटरस पर अटैक कर सकते हैं, जिससे फेलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचता है, इसी कारण इंफर्टिलिटी की समस्या सामने आती है। Also Read • • • फैलती है यह बीमारी यदि किसी भी महिला के यूटरस में टीबी है, तो यह दूसरी महिला को भी हो सकता है। यह भी अन्य टीबी की तरह एक संक्रामक रोग (infectious disease) है। यदि इससे पीड़ित महिला ...

टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण

टीबी कैसे होती है इसके लक्षण और कारण टीबी या ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक रोग होता है और यह एक ऐसी बीमारी है जो इन्सान को अन्दर अन्दर खा जाती है यदि इसका समय पर इलाज न किया गया तो यह बीमारी बहुत ज्यादा खतरनाक है टी.बी. रोग को अन्य कई नाम से जाना जाता है, जैसे तपेदिक, क्षय रोग तथा यक्ष्मा से फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है, जैसे हड्डियाँ, हड्डियों के जोड़, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, मूत्र व प्रजनन तंत्र के अंग, त्वचा और मस्तिष्क के ऊपर की झिल्ली आदि का रोग बन जाता है और इस रोग के मुख्य लक्षण तीन हफ्ते से ज्यादा निरंतर कफ वाली खांसी होना, थकान और शरीर में कमजोरी आना आदि और यह रोग इतना ज्यादा खतरनाक है की दुनियाभर में 5 से 6 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और प्रत्येक वर्ष 10 से 20 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। देश में हर तीन मनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ दे‍ते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है लेकिन इस बीमारी से छुटकारा पाने के बहुत से जागरूक अभियान चलाये गये है और बहुत कामयाबी मिली है आज यंहा आपको इस बीमारी के बारे पूरी जानकारी देंगे और इस बीमारी से बचने के उपाय बतायेंगे | टीबी के प्रकार – Types of Tuberculosis (TB) in Hindi टीबी की बीमारी एक प्रकार की नही होती है यह बीमारी दो प्रकार की होती है | लेटेंट (Latent) टीबी – इसके अन्दर बीमारी की शुरुआत होती है शरीर को पता नही चलता है और इसमें बीमारी के लक्षण दिखाई नही देते है लेकिन यदि समय पर इलाज ना किया जाये तो यह सक्रिय (Active) टीबी बन सकता है। सक्रिय (Active) टीबी –इसके अन्दर बहुत जल्दी लक्षण दिखाई देते है इसके अन्दर फेफड़े स...

TB Causes and Symptoms : क्या टीबी सिर्फ फेफड़ों में होती है, किन अंगों को करती है प्रभावित, क्या हैं लक्षण

डीएनए हिंदी: TB Symptoms and Treatment in Hindi- टीबी को ट्यूबरक्लोसिस या क्षय रोग कहते हैं. पहले इस बीमारी का इलाज बहुत मुश्किल था लेकिन अब इसका इलाज काफी संभव हो गया है. एक आंकड़े के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 28 से 30 लाख लोग टीबी की बीमारी के चपेट में आते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 2030 तक दुनिया को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य दिया है. इस बीमारी के कई कारण होते हैं लेकिन अगर शुरुआती लक्षणों पर गौर किया जाए तो इसका इलाज संभव है. चलिए आज इस बीमारी को विस्तार से समझते हैं (Causes of TB and Symptoms) और इलाज क्या हो सकता है इसके बारे में जानते हैं. यह भी पढ़ें- किन्हें होती है यह बीमारी पहले ऐसे कहा जाता था कि बुजर्गों को ही यह बीमारी होती है लेकिन अब ऐसा है कि किसी भी उम्र में लोगों को यह बीमारी हो रही है. आमतौर पर टीबी की बीमारी फेफड़ों (Lungs) को प्रभावित करती है लेकिन यह बीमारी शरीर के दूसरे अंगों में भी हो सकती है. माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से शरीर में टीबी की बीमारी की शुरुआत होती है. संक्रमण शुरू होने पर शरीर में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है मरीज की परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं. जिन लोगों के शरीर की इम्यूनिटी कमजोर (Weak Immunity) होती है उन्हें टीबी का खतरा ज्यादा रहता है. कारण (Causes of TB) बैक्टेरिया से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने से इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खांसने,छींकने और बात करते समय निकलने वाले 300 से अधिक ड्रापलेट्स सांस के जरिए इंसान में संक्रमण को फैलाने का काम करते हैं. जब आप टीबी से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में लंबे समय तक रहते हैं तो संक्रमण फैलने का ...