थाई एप्पल बेर

  1. Haryana Farmer Satbir Poonia Growing Thai Apple Ber in his Farm
  2. 6 महीने में इस विदेशी फल की खेती से कमाए बंपर मुनाफा
  3. Plum Cultivation Of Kashmiri, Red And Thai Apple Varieties Being Done In Banka Bihar, Farmers Can Earn Lakhs Of Rupees Ann
  4. [ थाई एप्पल बेर की खेती कैसे करें 2023 ] यहाँ जानिए बागवानी पौधे कब लगाए, उत्पादन और कमाई
  5. Thai Apple Farming: बिजनेस छोड़कर शुरू की खेती, एप्पल बेर उगाकर कमाया लगभग दोगुना मुनाफा
  6. बेर सेब
  7. विदेशी फल थाई एप्पल बेर की खेती कर 6 महीने में किसान कमा सकता बम्पर मुनाफा, जानिए इस फल की खेती करने का सही तरीका


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Haryana Farmer Satbir Poonia Growing Thai Apple Ber in his Farm

हरियाणा के लगभग सभी परिवारों की जड़ें आपको कृषि से जुडी हुई मिलेंगी। बहुत से परिवार आज भी खेती ही कर रहे हैं तो कई परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने खेती से मुँह मोड़ लिया है। लेकिन इन सबके बावजूद कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक बार फिर से खेती- किसानी की दुनिया में लौट रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं, जींद के अहिरका गाँव के रहने वाले सतबीर पूनिया। 60 की उम्र पार कर चुके सतबीर 2017 से बागवानी कर रहे हैं और वह भी उन्नत किस्म की। अपनी 16 एकड़ ज़मीन पर उन्होंने थाई एप्पल बेर, अमरुद, और निम्बू आदि के पौधे लगाए हैं। वहीं साथ में, वह मौसमी सब्जी की भी खेती कर रहे हैं। उन्हें लोग आज ‘बेर वाले अंकल’ के नाम से जानते हैं। पहले छोड़ दी थी खेती सतबीर पूनिया के परिवार वाले पहले खेती ही किया करते थे। उन्होंने खुद 14-15 साल खेती की और फिर साल 1996 में अपना एडवरटाइजिंग का काम शुरू किया। सतबीर ने द बेटर इंडिया को बताया, “उस वक़्त खेती में ज्यादा कुछ बच नहीं रहा था। खर्च बढ़ रहे थे तो लगा कि किसी और कारोबार में जुड़ा जाए ताकि घर चल सके। बस यही सब सोचकर खेती छोड़ दी।” Satbir Poonia, Farmer लगभग 20 साल तक अपना व्यवसाय करने के बाद उन्हें लगने लगा कि उन्हें कुछ और करना चाहिए, जिससे दूसरों का भी भला हो। कारोबार के सिलसिले में वह अक्सर देश के अलग-अलग हिस्सों की यात्रा करते थे। इन सभी जगहों से उन्होंने खेती के उन्नत तरीकों के बारे में भी जानकारी हासिल हुई। उन्होंने एक बार फिर अपनी खेती से ही जुड़ने की ठानी। लेकिन इस बार उन्होंने पारंपरिक खेती की जगह बागवानी करने का फैसला किया। बागवानी भी एकदम अलग तरीके से। “रायपुर से थाई एप्पल के पौधे लेकर आया और पांच एकड़ में लगाए। इसके अलावा आठ एकड़ में अमरुद के पेड़ लगाए और 2 एकड़ में निम्...

6 महीने में इस विदेशी फल की खेती से कमाए बंपर मुनाफा

कुछ समय पहले से भारत में विदेशी फलों की खेती का चलन बढ़ने लगा है, किसान अब स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit) से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। थाई एप्पल भी एक ऐसा विदेशी फल है, जो बाजार में सेब और बेर के समान दिखता है, और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होती है। थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) के पेड़ से हर साल 100 किलो तक फल उत्पादित किए जा सकते हैं, इस फल की मांग बाजार में बहुत ज्यादा होती है, और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। इसलिए यह अच्छी कीमतों पर बाजार में बिकता है। थाई एप्पल बेर की खेती कैसे की जाती है ? थाई एप्पल बेर की खेती करने के लिए किसानों को प्रति पौधे के लिए 5 मीटर दूरी पर गड्ढे खुदाने की जरूरत होती है। ये गड्ढे 2-2 फीट लंबाई-चौड़ाई के वर्गाकार होते हैं। इन गड्ढों में 25 दिनों तक सौराीकरण का इंतजार करना होता है, इसके बाद, गड्ढों में 20 से 25 किलो अच्छी सड़ी हुई या कंपोस्ट खाद, नीम की पत्तियां, नीम की खली और कुछ पोषक तत्व मिलाकर डाले जाते हैं। किसान 50 से 60 हजार रुपये की लागत से 100 किलो तक उत्पादन कर सकते हैं, जो बाजार में आसानी से बिकता है। इसे जाने – थाई एप्पल बेर की खेती कलम विधि थाई एप्पल बेर की खेती कलम विधि (Thai Apple Ber Cultivation) से की जाती है, किसान खेत में 1 बीघा क्षेत्र में थाई एप्पल बेर के 80 पौधे उगा सकते हैं, जो 15 फीट की दूरी पर लगाए जाते हैं। इसके अलावा, किसान खेत में बीच के खाली स्थान पर बैंगन, मिर्च, मटर, और मूंग जैसी फसलों की खेती कर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। इन पेड़ों में सूखे की मार से उन्हें नुकसान नहीं होता है। एप्पल बेर एक बहुत मुनाफे वाली फसल खेती में थाई एप्पल बेर एक बहुत फायदेमंद और मुनाफे वाली फसल है, इ...

Plum Cultivation Of Kashmiri, Red And Thai Apple Varieties Being Done In Banka Bihar, Farmers Can Earn Lakhs Of Rupees Ann

बांका: बिहार में बहुत ऐसे किसान हैं जिन्हें खेती से ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा है. इसी बीच खेती से थके-हारे किसानों के लिए एक खुशखबरी है. बिहार में अब कश्मीरी, रेड और थाई एप्पल किस्म की बेर से लाखों रुपये की कमाई हो रही है. बांका के रजौन प्रखंड के नवादा-खरौनी पंचायत के दुर्गापुर के रहने वाले डॉ. विरेंद्र कुमार सिंह और कुंजबिहारी सिंह ने मिलकर अपनी खेतों में उन्नत किस्म की बेर लगाई है. इससे अन्य किसानों को एक नई राह दिखी है. पेशे से होम्योपैथी के चिकित्सक भी हैं डॉ. वीरेंद्र किसान डॉ. विरेंद्र कुमार सिंह ने बताया है कि वो खेती के अलावा होम्योपैथी के चिकित्सक भी हैं. धान की खेती में ज्यादा आमदनी नहीं देख उनके मन में वैकल्पिक खेती का विचार आया और यूट्यूब से इसके बारे में जानकारी ली. इसके बाद बंगाल से लाकर उन्नत किस्म की बेर के पौधे अपने खेतों में लगाए. यह भी पढ़ें- 80 से सौ रुपये किलो तक बिक रही यह बेर किसान विरेंद्र सिंह ने बताया कि वे कश्मीरी, रेड एप्पल, थाई एप्पल सहित अन्य उन्नत किस्म की बेर की खेती कर रहे हैं. थाई एप्पल बेर की मांग बाजार में सबसे ज्यादा है. बाजार में यह 80 से सौ रुपये प्रति किलो बिक रही है. ये दिखने में कच्चे सेब जैसे होते हैं. स्वाद में खट्टा-मीठा होता है. लोग इसे किसान का सेब भी कहते हैं. इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके कारण ग्रामीण हाट-बाजारों के साथ-साथ गांव-घर में इस बेर की काफी मांग हो रही है. बताया कि वर्ष 2020 में शुरुआती दौर में करीब 100 सौ पेड़ से 50 से 60 हजार रुपये का मुनाफा हुआ था. इस बार चार एकड़ जमीन पर करीब चार हजार पेड़ लगाए गए हैं. इससे फल टूटना भी शुरू हो गया है. फसल का पैदावार ठीक हुआ तो इस वर्ष करीब 10 से 15 लाख रुपये का मुनाफा हो ...

[ थाई एप्पल बेर की खेती कैसे करें 2023 ] यहाँ जानिए बागवानी पौधे कब लगाए, उत्पादन और कमाई

बेर की उन्नत किस्में | कश्मीरी एप्पल बेर की खेती | kashmiri apple ber ki kheti | एप्पल की खेती | एप्पल बेर की नर्सरी | एप्पल बेर की ग्राफ्टिंग | एप्पल बेर नर्सरी | एप्पल बेर की कटाई | apple ber ki kheti एप्पल बेर की खेती, यह एक मोसमी फल है जो ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है| एप्पल बेर में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जिसके कारण बाजार मे भारी मांग बनी रहती है| बेर का वैज्ञानिक नाम– जिजिंफंस जुजुबा ( Ziziphus jujuba) है किसानों को अधिक लाभ मिले इसलिए आज के समय आधुनीक तरीकों से Apple ber Ki Kheti 4.4 एप्पल बेर की कटाई ? एप्पल बेर की खसियते (Apple Ber ki kheti ki khasiyt) ? • इस फल मे विटामिन सी ,ए ,बी,और शर्करा के साथ-साथ खनिज प्रदार्थ, जस्ता, केल्सियम आदि लाभदायक खनिज तत्व होते है | • Apple Ber अन्य बेरों की तुलना मे अधिक मीठा, स्वादिष्ठ और गुणवता पूर्ण होता है | • यह बेर चमकदार और सेव के आकार का होता है | • जितने गुण सेव के फल मे होती है उतने ही औषधीय गुण इस एप्पल बेर मे मोजूद है | • सामान्य बेर की तुलना मे 2 से 3 गुणा के भावों मे मिलता है किसानों को भी अच्छी कीमत मिल जाती है | • इस प्रकार के बेर की किस्म थाइलेंड की मनी जारी है जो भारत मे आज से 10 वर्ष पहले ली गई थी | • गराफ्टिंग विधि से तैयार यह पेड़ हाइब्रिड प्रजाति के है जिसकी जड़ तो देशी और तना हाइब्रिड होता है | • देसी बेरो की तुलना मे एप्पल बेर का उत्पादन दो-तीन गुणा ज्यादा होता है | • सरकार किसानों को हाइब्रिड बेरो के पौधों पर 50% सब्सिडी भी प्रदान करती है जो 3 सालों मे किस्तों से आते है | • Apple Ber ki Kheti मे कम पानी की आवश्यकता होती है जो एक महीने मे एक बार बहुत होती है | • 23 जनवरी को भारत मे बेर दिवस् मन...

Thai Apple Farming: बिजनेस छोड़कर शुरू की खेती, एप्पल बेर उगाकर कमाया लगभग दोगुना मुनाफा

अंबाती रायडू का बड़ा खुलासा, पूर्व सेलेक्टर ने अपने बेटे के कारण मेरा करियर बर्बाद कर दिया © Good News Today द्वारा प्रदत्त Thai Apple Farming: बिजनेस छोड़कर शुरू की खेती, एप्पल बेर उगाकर कमाया लगभग दोगुना मुनाफा तेलंगाना का एक किसान, अपने दो एकड़ के खेत में एप्पल बेर यानी थाई एप्पल की फसल उगाकर अच्छा पैसा कमा रहा है. यह कहानी है बी चंद्रमौली मायावी की. खेती शुरु करने से पहले चंद्रमौली एक छोटा-सा बिजनेस करते थे लेकिन जब इसमें उन्होंने ज्यादा सफलता नहीं मिली तो उन्होंने कृषि में हाथ आजमाने का फैसला किया. पहले उन्होंने मकई के साथ प्रयोग किया लेकिन ज्यादा पैसा नहीं कमा सके. इसके बाद उन्हें एक कृषि प्रोग्राम से थाई एप्पल की खेती करने की प्रेरणा मिली. चंद्रमौली जो हसनाबाद और सिद्दीपेट से आते हैं, आश्वस्त थे कि यह वह फसल है जिसकी उन्हें तलाश थी और उन्होंने ज्यादा समय बर्बाद नहीं किया. उन्होंने थाई एप्पल के पौधे खरीदने के लिए रिसर्च शुरु की. डेढ लाख लगाकर कमाए 4 लाख रुपए उनकी खोज उन्हें खम्मम जिले तक ले गई. उन्होंने 1,000 रुपये के हिसाब से करीब 2,000 पौधे खरीदे और उन्हें अपने खेत में लगाया. वह कहते हैं कि उन्हें अपने खेत में पौधों को लगाने के लिए परिवहन और गड्ढे खोदने के लिए प्रति पौधे लगभग 150 रुपये खर्च करने पड़ते थे. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च किए और इस फसल से उन्हें 4 लाख रुपये का रिटर्न मिला. वह बताते हैं कि जब वे सेब लेकर बाजार गए तो उन्हें 100 रुपये प्रति किलो कीमत मिली. चंद्रमौली कहते हैं कि थाई एप्पल स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी होता है. ऊपर से फल का स्वाद अच्छा होता है. एक पेड़ पर आता है 15-30 किलो फल ...

बेर सेब

बेर सेब-सी मिठास, उत्पादन बेशुमार देश में कई ऐसे युवा किसान है जिन्होंने बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने के बावजूद कृषि को अपनाया है। इसमें एक नाम अब हरियाणा के भिवानी जिले के निमड़ीवाली गांव के डॉ. अजय बोहरा का भी जुड़ गया है। वे न सिर्फ खुद कृषि कर रहे हैं बल्कि अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी आॅर्गनिक कृषि करने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित कर रहे हैं। Table of Contents • • • • • तो आइये जानते हैं डॉ अजय बोहरा की कहानी- 5 एकड़ में लगाएं एप्पल बेर डॉ अजय ने बताया कि उन्होंने अपनी 5 एकड़ जमीन में थाई एप्पल बेर की किस्म लगा रखी हैं। इसके पौधों को 12 बाई 12 फीट की दूरी पर लगाया जाता है। इस तरह प्रति एकड़ में 225 पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं। एप्पल बेर की इस किस्म में डेढ़ साल बाद ही फ्रूट आने लगते हैं। पहली तुड़ाई में प्रति पौधे से 20 से 25 किलो फल मिलता है। वहीं 4 से 5 साल बाद परिपक्व अवस्था में प्रति पौधे से 80 किलो से 1 क्विंटल तक का उत्पादन लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस किस्म का एप्पल बेर सौ से सवा सौ ग्राम का होता है। वे बाग में टपका सिंचाई का इस्तेमाल करते हैं। डॉ. बोहरा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह मुख्य फसल के साथ-साथ अलग प्रकार की खेती भी उगाते हैं। जैसे एप्पल बेर के खेत में ही बीच में उन्होंने मूंग की बिजाई कर रहे हैं। एक बार उन्होंने आलू की बिजाई की थी, जिसका गुरुग्राम की फेयरलैब में टेस्ट किया गया था जो सौ प्रतिशत आर्गेनिक साबित हुआ है। उस लैब में 54 प्रकार के केमिकल का टेस्ट किया गया था, जिनकी आलू में कोई मात्रा नहीं मिली। उसी आलू को उन्होंने गुरुग्राम में बेचा तो मंडी में आलू तीन रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, ऐसे में उनके आलू की 50 रुपये प्रति किलो के हिसाब...

विदेशी फल थाई एप्पल बेर की खेती कर 6 महीने में किसान कमा सकता बम्पर मुनाफा, जानिए इस फल की खेती करने का सही तरीका

विदेशी फल थाई एप्पल बेर की खेती कर 6 महीने में किसान कमा सकता बम्पर मुनाफा, जानिए इस फल की खेती करने का सही तरीका, भारत में विदेशी फलों की खेती की डिमांड देसी फलों से ज्यादा ही होती है. चाहे स्ट्रॉबेरी हो या फिर ड्रैगन फ्रूट, लोग ज्यादा कीमतों पर भी इन फलों का जायका लेते हैं. ऐसे ही विदेशी फलों में शामिल है थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber), जो दिखने में सेब और स्वाद में बेर की तरह होता है। थाई एप्पल बेर के एक ही फल का वजन करीब 4- ग्राम से लेकर 120 ग्राम तक होता है. यह थाईलैंड का फल है, जिसकी बागवानी करना बेहद आसान है. बता दें कि थाई एप्पल बेर में गजब की रोग प्रतिरोधी क्षमता होती है, जिसके चलते फलों में कीट और रोगों का खतरा कम ही होती है। जानिए थाई एप्पल बेर के लिए उपजाउ मिटटी व खाद थाई एप्पल बेर के लिए कार्बनिक पदार्थों वाली कंपोस्ट खाद सबसे अच्छी रहती है. किसान चाहें तो क्षारीय और लवणीय मिट्टी में भी एप्पल बेर के पेड़ लगाकर ठीक-ठाक उत्पादन ले सकते हैं. बता दें कि थाई एप्पल बेर की प्रजाति के पेड़ों में सूखा की मार झेलने की शक्ति होती है. यही कारण है। यह भी पढ़े:- जानिए थाई एप्पल बेर के खेती के लिए खेत तैयार से लेकर रोपाई तक दूसरी बागवानी फसलों की तरह ही थाई एप्पल बेर के लिए भी खेत की जुताई करके प्रति पौधा के हिसाब से 5 मीटर दूरी पर 2-2 फीट लंबाई-चौड़ाई वाले वर्गाकार गड्ढों की खुदाई की जाती है. इन गड्ढों में 25 दिन तक सौराीकरण होता है, जिसके बाद 20 से 25 किलो अच्छी सड़ी हुई या कंपोस्ट खाद, नीम की पत्तियां, नीम की खली और कुछ पोषक तत्व मिलाकर गड्ढों में भर दिये जाते हैं. किसान चाहें तो बेहतर उत्पादन के लिये खेत से नमूना लेकर मिट्टी की जांच भी करवा सकते हैं। थाई एप्पल बेर की खेती...