Thyroid kyu hota h

  1. टाइफाइड का बुखार क्या होता है
  2. पीरियड्स के दिनों में दर्द क्यों होता है जानें मुख्य कारण
  3. थायराइड क्यों होता है? » Thyroid Kyon Hota Hai
  4. क्यों होता है बार बार ज़ुकाम और कैसे बचें इस से ज़रूर जानिये
  5. Thyroid: जड़ से खत्म करना चाहते हैं थाइरॉइड की समस्या तो इन फूड्स को जरूर खाएं


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टाइफाइड का बुखार क्या होता है

क्या है टाइफाइड बुख़ार - टाइफाइड के बैक्टीरिया इंसानों के शरीर में ही पाया जाता है। इससे संक्रमित लोगों के मल से सप्लाई का पानी दूषित हो जाता है। ये पानी खाद्य पदार्थों में भी पहुंच सकता है। बैक्टीरिया पानी और सूखे मल में हफ्तों तक ‌जिंदा रहता है। इस तरह ये दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के जरिए शरीर में पहुंचकर संक्रमण पहुंचाता है। संक्रमण बहुत अधिक हो जाने पर 3 से 5 फीसदी लोग इस बीमारी के कैरियर हो जाते हैं। जहां कुछ लोगों को हल्की से परेशानी होती है, जिसके टाइफाइड बुखार के लक्षण क्या है - Symptoms of संक्रमित पानी या खाना खाने के बाद साल्मोनेला छोटी आंत के जरिए ब्लड स्ट्रीम में मिल जाता है। लिवर, स्प्लीन और बोनमैरो की श्वेत रुधिर क‌णिकाओं के जरिए इनकी संख्या बढ़ती रहती है और ये रक्त धारा में फिर से पहुंच जाते हैं। बुखार टाइफाइड का प्रमुख लक्षण है। इसके बाद संक्रमण बढ़ने के साथ भूख कम होना, सिरदर्द, शरीर में सामान्यता टाइफाइड 1 महीने तक चलता है, लेकिन कमजोरी ज्यादा होने पर ज्यादा समय ले सकता है। इस दौरान शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है और जिससे रोगी को सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है टाइफाइड की जांच कैसे होती है - Typhoid Test in Hindi शुरुआती स्टेज में रोगी के ब्लड सैंपल की जांच करके उसका इलाज शुरू किया जाता है। इसके अलावा रोगी का स्टूल टेस्ट करके उसके शरीर में टाइफाइड के बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। विडाल टेस्ट भी टाइफाइड के टेस्ट का प्रचलित तरीका है लेकि‌न कई बार टाइफाइड ठीक होने के बाद भी सालों-साल मरीज के ब्लड में विडाल टेस्ट पॉजिटिव आता रहता है। इसके लिए स्टूल और टा‌इफायड टेस्ट कराना बेहतर विकल्प है। कभी-कभी संक्रमण ज्यादा होने पर अगर मरीज को ज्यादा...

किस

Kis Kis cheej ko sath nahi khana chahiye कई बार हम दो अलग अलग प्रकृति वाली चीजो को एक साथ भोजन में खा लेते हैं। जिसके स्वस्थ्य परिणाम हमको भविष्य में भुगतने पड़ते हैं। आज ऐसी ही कुछ जानकारियो के बारे में बताएँगे। दूध के साथ दही लें या नहीं? दूध और दही दोनों की तासीर अलग होती है। दही एक खमीर वाली चीज है। दोनों को मिक्स करने से बिना खमीर वाला खाना (दूध) खराब हो जाता है। साथ ही, एसिडिटी बढ़ती है और गैस, अपच व उलटी हो सकती है। इसी तरह दूध के साथ अगर संतरे का जूस लेंगे तो भी पेट में खमीर बनेगा। अगर दोनों को खाना ही है तो दोनों के बीच घंटे-डेढ़ घंटे का फर्क होना चाहिए क्योंकि खाना पचने में कम-से-कम इतनी देर तो लगती ही है। doodh ke sath dahi khaye ya na दूध के साथ तला-भुना और नमकीन खाएं या नहीं? doodh ke sath kya na khaye दूध में मिनरल और विटामिंस के अलावा लैक्टोस शुगर और प्रोटीन होते हैं। दूध एक एनिमल प्रोटीन है और उसके साथ ज्यादा मिक्सिंग करेंगे तो रिएक्शन हो सकते हैं। फिर नमक मिलने से मिल्क प्रोटींस जम जाते हैं और पोषण कम हो जाता है। अगर लंबे समय तक ऐसा किया जाए तो स्किन की बीमारियां हो सकती हैं। doodh ke sath kya na khaye सोने से पहले दूध पीना चाहिए या नहीं? sone se pahle doodh peena chahiye ya nahi आयुर्वेद के मुताबिक नींद शरीर के कफ दोष से प्रभावित होती है। दूध अपने भारीपन, मिठास और ठंडे मिजाज के कारण कफ प्रवृत्ति को बढ़ाकर नींद लाने में सहायक होता है। मॉडर्न साइंस में भी माना जाता है कि दूध नींद लाने में मददगार होता है। इससे सेरोटोनिन हॉर्मोन भी निकलता है, जो दिमाग को शांत करने में मदद करता है। वैसे, दूध अपने आप में पूरा आहार है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम ह...

पीरियड्स के दिनों में दर्द क्यों होता है जानें मुख्य कारण

Period Me Pain Kyu Hota Hai In Hindi पीरियड्स या मासिक धर्म के दिनों में महिलाओं को पेट के निचले भाग में दर्द होता है इसे मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स कहते हैं। यह दर्द पीरियड्स के आने से पहले और उसके दौरान कई महिलाओं को प्रभावित करता है। इस लेख में आप पीरियड्स के दिनों में दर्द होने के कारण, लक्षण, जांच, इलाज और घरेलू उपचार के बारे में जानेगें। दर्दनाक मासिक धर्म, जिसे डिसमोनोरिया (dysmenorrhea) या पीरियड दर्द के रूप में भी जाना जाता है, धीमे या कम तीव्र दर्द से लेकर बहुत कष्टप्रद और गंभीर भी हो सकता है। मासिक धर्म की ऐंठन ओव्यूलेशन के बाद शुरू होती है जब अंडाशय से अंडा छोड़ा जाता है और वह फैलोपियन ट्यूब में जाता है तो दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है। यह आमतौर पर मासिक धर्म से 1 से 2 दिन पहले शुरू होता है और 2 से 4 दिनों तक रहता है। जानें पीरियड्स के दिनों में दर्द का मुख्य कारण क्या होता है। दर्दनाक मासिक धर्म के प्रकार – Types of menstrual cramps in Hindi प्राथमिक डिसमोनोरिया – ( primary dysmenorrhea) जब दर्द सिर्फ मासिक धर्म के कारण होता है इसे प्राथमिक डिसमोनोरिया के रूप में जाना जाता है। माध्यमिक डिसमोनोरिया ( secondary dysmenorrhea) यदि क्रैम्पिंग दर्द एक चिकित्सा समस्या के कारण होता है जैसे की एंडोमेट्रोसिस, (और पढ़े – पीरियड्स में दर्द के कारण – Painful menstruation Causes in Hindi मासिक धर्म में होने वाले दर्द का कोई पहचाना जाने वाला मुख्य कारण नहीं है। लेकिन कुछ महिलाओं में इसका जोखिम ज्यादा होता है अगर वे नीचे दिए हुए कारणों में शामिल हैं: • 20 साल से कम उम्र के होने पर • पारिवारिक इतिहास या family history • • • • • 11 साल से पहले युवावस्था तक पहुंचना प्रोस्टाग्लै...

थायराइड क्यों होता है? » Thyroid Kyon Hota Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका सवाल है थायराइड क्यों होता है आपका जवाब होगा दोस्तों मैं जहां तक समझ पा रहा हूं कि थायराइड जो है अधिक मोटापा के कारण होता है अगर आपकी मोटापा ज्यादा है तो आपके थायराइड के लक्षण होगी

क्यों होता है बार बार ज़ुकाम और कैसे बचें इस से ज़रूर जानिये

क्यों हो जाता है बार बार ज़ुकाम और कैसे बचें इस से ज़रूर जानिये. ज़ुकाम और गले में जलन एक आम बीमारी है शायद ही संसार में कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस को ये समस्या ना आई हो। पूरे संसार में इसके उपर अनेक खोज बीन की गयी मगर इसका कोई इलाज या कारण अभी तक सामने नहीं आया है और जो भी इलाज ज़ुकाम को लेकर किये जाते है उससे कफ अंदर ही दब जाता है पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता और फिर यही आगे चल कर अनेक बिमारियों का कारण बनता है। ज़ुकाम का इलाज न ढूँढ पाने का एक कारण यह भी है कि आज तक ये कोई नहीं बता पाया की आखिर ज़ुकाम की वजह से गले में जलन क्यों होती है और जो कफ शरीर में से नाक के रास्ते निकलता है वह क्यों कैसे और कहाँ बनता है। एलोपैथी चिक्तिसा पद्दत्ति कहती कि नाक के पीछे जो कोशिकाएं होती है उनमे जब संक्रमण हो जाता है तो कुछ कोशिकाएँ मर जाती है जो कफ के रूप में परिवर्तित हो कर बाहर के तरफ बहने लग जाती है। जानिये ज़ुकाम के दौरान निकलने वाला कफ कैसे बनता है ? ज़ुकाम का दौरान जो कफ बाहर निकलता है उसको समझने से पहले हम अपने शरीर की कार्य रचना और जो शरीर में कचरा होता है वो कैसे निकलता है इसके बारे में समझना होगा। जब भी हम भोजन करते हैं तो जो हम खाते है तो शरीर उस में से शुगर और अन्य एसिड बनाता है जो लीवर में जा कर इकट्ठे होते है फिर लीवर हमारे शरीर में उसको ईंधन के रूप में खून के रास्ते सप्लाई करता है जहाँ यह शुगर माँसपेशियों को चलाने वाले इंधन की तरह इस्तेमाल होती है। जब हम कोई भी काम करते हैं तो वो ईंधन जलता है ईंधन को जलने के लिए oxigen की जरुरत होती है जो हमारे साँस द्वारा फेफड़े (लंग्स) और ख़ून के माध्यम से पहुँचती ही। और जब ईंधन जलता है तो 2 तरह का कचरा बनता है एक तो धुआं और दूसरा राख धुआं...

Thyroid: जड़ से खत्म करना चाहते हैं थाइरॉइड की समस्या तो इन फूड्स को जरूर खाएं

• • Health • Thyroid: जड़ से खत्म करना चाहते हैं थाइरॉइड की समस्या तो इन फूड्स को जरूर खाएं Thyroid: जड़ से खत्म करना चाहते हैं थाइरॉइड की समस्या तो इन फूड्स को जरूर खाएं Thyroid: थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है. यह समस्या महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है. थायरॉइड दो तरह का होता है - हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड. नई दिल्ली: दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो थायरॉइड (Thyroid) की समस्या से परेशान है. आज 10 में से 4 लोग थायराइड की समस्या से ग्रस्त हैं. थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर होती है. थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है. यह समस्या महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है. थायरॉइड दो तरह का होता है – हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड. थायरॉइड (Thyroid diet) में इन चीजों का करें सेवन आयोडीन- थायरॉइड के मरीज को आयोडीनयुक्त भोजन करना चाहिए. आयो‍डीन थायरॉइड ग्रंथि के दुष्प्रभाव को कम करता है. मछली- इसमें ज्‍यादा मात्रा में आयोडीन पाया जाता है. वैसे तो सभी मछलियों में आयोडीन पाया जाता है, लेकिन समुद्री मछलियों में ज्‍यादा मात्रा में आयोडीन होता है. डेयरी प्रोडक्ट्स- दूध और दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. दही खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है. मुलेठी- इसमें ऐसे पोषक तत्‍व पाए जाते हैं जो थायराइड ग्रंथि को संतुलित करन में मदद करता है और थकान को मिटाता है. सोया- सोया मिल्‍क, टोफू या सोयाबीन में ऐसे रसायन पाए जाते हैं जो हार्मोन को सुचारू रूप से काम करने में मदद करते हैं. लेकिन इसके साथ साथ आपको आयोड...