तिरुपति बालाजी का मंदिर

  1. तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास
  2. तिरुपति बालाजी मंदिर, आर.के. पुरम
  3. Tirupati Mandir in Jammu: 62 एकड़ में फैला है 32 करोड़ रुपये से शिवालिक की पहाड़ियों पर बना नया तिरुपति बालाजी धाम, जानिए खासियत
  4. जम्मू में बनकर तैयार हो चुका है 6ठवां तिरुपति बालाजी मंदिर, 8 जून को खुलेंगे द्वार


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तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास

In this article, we are providing information about Tirupati Balaji in Hindi- Tirupati Balaji Temple History In Hindi Language. हिस्ट्री ऑफ तिरुपति बालाजी टेम्पल | तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और तथ्य तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास- Tirupati Balaji Temple History In Hindi तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश में तिरूमाला तिरूपति के साँतवी पहाड़ी पर स्थित है। प्रभु वेंकटेश्वर स्वामी या बालाजी जिन्हें विष्णु भगवान का रूप माना जाता है यहाँ पर विराजमान है। वैकुंड एकाद्शी के दिन यहाँ पर भक्त प्रभु के दर्शन करने जाते हैं। Tirupati Balaji Temple History In Hindi History of Tirupati Balaji काँचीपूरम के शासक वंश पल्लव ने 9वीं शताब्दी में जब इस स्थान पर अधिकार स्थापित किया था तब से ही इस मंदिर का इतिहास शुरू हुआ था। लेकिन 15वीं शताब्दी में विजयनगर वंश के शासन में इस मंदिर की ख्याति सीमित ही रही। 1843-1933 तक मंदिर का कार्यभार हाथीरामजी मठ के महंत ने संभाला था। मंदिर का प्रबंधन 1933 में मद्रास सरकार ने अपने हाथ में लिया और बाद में उसे स्वतंत्र समीति तिरूमाला- तिरुपति को सौंप दिया था। तिरुपति बालाजी मंदिर की वस्तु कला | Architecture Information about Tirupati Balaji Temple in Hindi तिरुपति बालाजी मंदिर 26.75 किलोमीटर वर्ग के क्षेत्र में बसा हुआ है। यह वेकेटंद्री नामक सातवी पहाड़ी पर स्थित है जो कि श्री स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे पर स्थित है। इस मंदिर में जहाँ पर वेंकेटश्वर भगवान की स्वयं प्रकट हुई मूर्ति है उसे आंनद निलायम कहा जाता है जिसमें भोगश्रीनिवास मूर्ती की सुंदर मूर्ति भी है जिसे सुप्रभातसेवा के समय पर देवता के चरणों में रख दिया जाता है। गर्भगृह में वेंकटेश्वर की म...

तिरुपति बालाजी मंदिर, आर.के. पुरम

यह श्री वेंकटेश्वर मंदिर तमिल वैष्णव परंपरा का एक मंदिर है, जहाँ दिन के सभी धार्मिक अनुष्ठान तिरुपति बालाजी मंदिर के ही समान किए जाते हैं। देवी पद्मावती, देवी आण्डाल के साथ-साथ मंदिर में श्री हनुमान, भगवान वराह एवं नृसिंह भगवान के विग्रह भी स्थापित हैं। मंदिर का सबसे प्रसिद्ध उत्सव ब्रह्मोत्सव है। मंदिर में प्रत्येक त्यौहार को वितरित होने वाले प्रसाद का भक्तों के बीच अत्यधिक उत्साह रहता है। मंदिर दक्षिण दिल्ली में बेर सराय के निकट, आर. के. पुरम उपनगर के शांतपूर्ण वातावरण में स्थित है जो कि मंदिर की दिव्यता को और भी बढ़ा देता है। मंदिर में नारियल चढ़ाने तथा फोड़ने / तोड़ने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।

Tirupati Mandir in Jammu: 62 एकड़ में फैला है 32 करोड़ रुपये से शिवालिक की पहाड़ियों पर बना नया तिरुपति बालाजी धाम, जानिए खासियत

जम्मू में अब उत्तर और दक्षिण की साझा संस्कृति का मिलन नजर आने लगा है, शिवालिक पहाड़ियों पर सिद्दड़ा गांव में सजे तिरुपति बालाजी के नए धाम में भक्त पहुंचने लगे हैं. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड की ओर से ही इस मंदिर का निर्माण कराया गया है. यहां उन्हीं परपंराओं का पालन होगा जो तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में निभाई जाती हैं. (फोटो-PTI) मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की दो प्रतिमाएं हैं, इनमें एक प्रतिमा 8 फुट और दूसरी छह फुट की है. इनमें गर्भगृह में आठ फुट की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई है, जबकि दूसरी प्रतिमा को बाहर लगाया गया है. यह दोनों प्रतिमाएं आंध्रप्रदेश के गुंटूर से लाई गईं थी. इस प्रतिमाओं को प्रतिष्ठापित करने के लिए 5 दिन अनुष्ठान चला था, जिसे पूरा कराने के लिए तिरुमाला से ही 45 पुजारी आए थे. (फोटो-PTI) तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर की पहचान देश-दुनिया में है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 380 ई. में शुरू हुआ था, उस वक्त दक्षिण भारत के कई राजाओं ने इसमें सहयोग किया था. ऐसा कहा जाता है कि यहां प्रतिष्ठापित भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा जमीन से निकली थी. यह मंदिर सप्तगिरि की सातवीं पहाड़ी पर है, जिन्हें शेषनाग के फन की तरह माना जाता है.

जम्मू में बनकर तैयार हो चुका है 6ठवां तिरुपति बालाजी मंदिर, 8 जून को खुलेंगे द्वार

आइए आपको भगवान वेंकटेश मंदिर की विशेषताओं के बारे में बताते हैं : हुबहू आंध्र प्रदेश के मंदिर का स्वरुप जम्मू में तिरुपति बालाजी के मंदिर का निर्माण तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् बोर्ड कर रहा है। बताया जाता है कि इस मंदिर को हुबहू आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह ही बनाया जाता है। इस मंदिर का निर्माण 50 से ज्यादा कारीगर मिलकर कर रहे हैं। सभी कारीगर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से लाये गये हैं। मूर्ति लायी गयी आंध्र प्रदेश से करीब 62 एकड़ की भूमि पर बना रहा तिरुपति बालाजी के मंदिर को तैयार करने में लगभग 33.22 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है। इस मंदिर का निर्माण 2 चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में बालाजी के मंदिर के साथ ही पुजारी, बोर्ड के सदस्यों के रहने का घर, शौचालय और पार्किंग की सुविधा तैयार की जा रही है। जम्मू में तैयार हो रहा तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के बाहर श्री वेंकटेश्वर का 6ठा मंदिर है। अब तक हैदराबाद, दिल्ली, कन्याकुमारी, चेन्नई और भूवनेश्वर में तिरुपति बालाजी के मंदिर बनाए जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तिरुपति बालाजी के भव्य मंदिर का निर्माण मुंबई, रायपुर और अहमदाबाद में भी किया जाएगा। जम्मू में तैयार हुआ तिरुपति बालाजी का मंदिर जम्मू से कटरा के रास्ते में ही पड़ेगा।