पूर्णिमा कब है 2023 june

  1. साल 2023 में वैशाख पूर्णिमा कब है? जानें तिथि व्रत पूजा विधि, महत्व, कथा
  2. 3 या 4 जून जानें कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत? नोट कर लें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
  3. Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai
  4. June 2023 Vrat Tyohar Date: प्रदोष से होगा जून का प्रारंभ, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, मिथुन संक्रांति, संकष्टी चतुर्थी, जगन्नाथ रथ यात्रा?
  5. Guru Purnima 2023 Date Shubh Muhurat Guru Puja Vidhi Mantra Daan Significance
  6. june festivals 2023 fasting festivals and marriage auspicious times in the month of june see full list bml


Download: पूर्णिमा कब है 2023 june
Size: 24.74 MB

साल 2023 में वैशाख पूर्णिमा कब है? जानें तिथि व्रत पूजा विधि, महत्व, कथा

वैशाख पूर्णिमा का महत्व हिंदू धर्म में हरेक पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। लेकिन वैशाख पूर्णिमा या ये कहे वैशाख माह ही देवताओ का माह माना जाता है । भगवान बुद्ध का जन्म भी इसी दिन हुआ । ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस दिन विष्णु भगवान की पूजा और व्रत करता है, सभी पापों से दूर हो जाता है । साथ ही चंद्र देव की पूजा करने से भी सारे दोष दूर हो जाते है । वैशाख पूर्णिमा पर दान और पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान ब्रह्मा ने काली व सफेद तिलों का निर्माण किया था। इसलिए इस दिन तिल का उपयोग जरूर करना चाहिए तथा गौमाता का भी दान करना चाहिए । वैशाख पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहते है कि जब श्रीकृष्ण से उनके बचपन के सहपाठी-मित्र ब्राह्मण सुदामा द्वारिका मिलने पहुंचे, तो श्री कृष्ण जी ने उनको सत्य विनायक व्रत यानी वैशाख पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। उसी को करने से उनकी सारी दरिद्रता दूर हो गई थी और वे धनवान हो गये थे । वैशाख पूर्णिमा कथा द्वापुर युग के समय की बात है, एक बार मां यशोदा भगवान श्री कृष्ण से कहती है कि हे कृष्ण तुम सारे संसार के पालनहार हो, मुझे तुम कोई ऐसा विधान बताओ जिससे किसी भी स्त्री को विधवा होने का कोई भी डर नहीं रहे और वह व्रत सारे मनुष्यों की इच्छा को पूरा करने का फल देता हो । माता की बात सुनकर श्रीकृष्ण जी कहते है कि मां आपने मुझसे बहुत अच्छा प्रश्न किया है। मैं आपको ऐसे व्रत के बारे मे विस्तार से बताता हूं। अपने सौभाग्य प्राप्ति के लिये सभी महिलाओँ को 32 पूर्ण मासी का व्रत करने चाहिए । इससे सोयभाग्य की प्राप्ति और संतान की रक्षा होती है । एक बहुत ही प्रसिद्ध राजा चंद्रहास्य के शासन में रत्नों...

3 या 4 जून जानें कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत? नोट कर लें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • 3 या 4 जून जानें कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत? नोट कर लें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त 3 या 4 जून जानें कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत? नोट कर लें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. इस दिन लोग स्नान कर व्रत रखते हैं. file photo हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अपना अलग महत्व है. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा महीने का अंतिम दिन होता है. इस दिन स्नान कर पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. इसे ज्येष्ठ पूर्णमासी भी कहते हैं. वैसे तो हर महीने में एक पूर्णिमा तिथि पड़ती है, लेकिन हर पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज के दिन विधि विधान से पूजा पाठ कर दान पुण्य करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं इस साल की ज्येष्ठ पूर्णिमा की डेट, शुभ पूजा मुहूर्त और पूजा विधि. ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2023 तिथि – हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 2 दिन पड़ रही है. ऐसे में इस साल व्रत और स्नान अलग अलग दिन पर किया जाएगा. आज के दिन चंद्र देव के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है. पंचांग के अनुसार इस बाह ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 3 जून 2023 को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन 4 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी. इस रखें व्रत और इस दिन करें स्नान- चूंकि इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा दो दिन चलेगी ऐसे में एक दिन स्नान और एक दिन व्रत किया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 3 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा तो वहीं 4 जून...

Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai

Guru Purnima 2023 daan and upay according to zodiac sign guru purnima kab hai | Guru Purnima 2023 Daan: गुरु पूर्णिमा पर इस बार करें ये उपाय, इन चीजों के दान और गुरु की वंदना से प्राप्त होंगे शुभफल | Hindi News, Religion UP Guru Purnima 2023 Daan: गुरु पूर्णिमा पर इस बार करें ये उपाय, इन चीजों के दान और गुरु की वंदना से प्राप्त होंगे शुभफल Guru Purnima Kab hai: 3 जुलाई 2023 को इस साल गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है. इस दिन अपने गुरु की पूजा, वंदना करने की परंपरा है. अपने गुरु के प्रति सम्मान भाव भी इस दिन दिखाया जाता है. हमारे जीवन में गुरु का पद बहुत ऊपर होचा है. गुरु ही हैं जो हमें बताते हैं कि हमारे लिए कौन सा पथ सही है और किस रास्ते पर नहीं चलना चाहिए. अत: गुरु को समर्पित तिथि गुरु पूर्णिमा के दिन उनका आशीर्वाद लेने से उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गुरु का आशीर्वाद आषाढ़ मास के पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के कई लाभ है. इस दिन गुरु वंदन से जीवन में उन्नति और समृद्धि पाई जा सकती है. इसके अलावा इस शुभ दिन दान का भी बहुत अधिक महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कि किन राशि के जातकों को गुरु पूर्णिमा के मौके पर क्या दान करना चाहिए. जिससे वो अपने जीवन से परेशानियों को दूर कर सकें. मेष से कर्क मेष राशि के जातकों को इस दिन जरुरतमंदों को गुड़ और लाल रंग के कपड़े दान करना चाहिए, आर्थिक परेशानी दूर होंगी. वृषभ राशि के जातकों को इस दिन मिश्री का दान करना चाहिए, शुभ होगा मिथुन के राशि के जातकों को गाय को हरा चारा खिलाना. हरे मूंग दान करने से भी दांपत्य जीवन सुखमय होगा. कर्क के राशि के जातकों को चावल का दान करना चाहिए, तनाव दूर होग...

June 2023 Vrat Tyohar Date: प्रदोष से होगा जून का प्रारंभ, कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, मिथुन संक्रांति, संकष्टी चतुर्थी, जगन्नाथ रथ यात्रा?

1 जून को विष्णु और शिव पूजा का शुभ संयोग बना है. जून 2023 में हिंदू कैलेंडर के चौथे माह आषाढ़ का भी प्रारंभ होगा. अंग्रेजी कैलेंडर का छठा माह जून 2023 का प्रारंभ गुरु प्रदोष व्रत से हो रहा है. जून 2023 का पहला दिन भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की पूजा का है. 1 जून को विष्णु और शिव पूजा का शुभ संयोग बना है. जून 2023 में हिंदू कैलेंडर के चौथे माह आषाढ़ का भी प्रारंभ होगा. जून में गुरु प्रदोष, ज्येष्ठ पूर्णिमा, संकष्टी चतुर्थी, मासिक कालाष्टमी, योगिनी एकादशी, मिथुन संक्रांति, मासिक शिवरात्रि, आषाढ़ अमावस्या, जगन्नाथ रथ यात्रा, विनायक चतुर्थी, स्कंद षष्ठी जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि जून 2023 के ये व्रत और त्योहार कब हैं? जून 2023 के व्रत और त्योहार 1 जून, गुरुवार: ज्येष्ठ प्रदोष व्रत या गुरु प्रदोष व्रत 3 जून, शनिवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 4 जून, रविवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान 5 जून, सोमवार: आषाढ़ माह का प्रारंभ 7 जून, बुधवार: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी या आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी यह भी पढ़ें: जून में 6 राशिवालों को धन लाभ, रुपए की किल्लत होगी दूर, बैंक बैलेंस और सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी 10 जून, शनिवार: मासिक कालाष्टमी व्रत 14 जून, बुधवार: योगिनी एकादशी व्रत 15 जून, गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत, मिथुन संक्रांति, सूर्य गोचर 16 जून, शुक्रवार: आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 17 जून, श​निवार: दर्श अमावस्या 18 जून, रविवार: आषाढ़ अमावस्या 20 जून, मंगलवार: जगन्नाथ रथ यात्रा 22 जून, बुधवार: आषाढ़ विनायक चतुर्थी 24 जून, शनिवार: स्कंद षष्ठी व्रत 29 जून, गुरुवार: हरिशयनी एकादशी या देवशयनी एकादशी, चातुर्मास का प्रारंभ यह...

Guru Purnima 2023 Date Shubh Muhurat Guru Puja Vidhi Mantra Daan Significance

Guru Purnima 2023 Date: हिंदूओं में तीर्थ स्नान, दान और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए पूर्णिमा का दिन बहुत विशेष माना जाता है. हर महीने शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है. आषाढ़ माह में आने वाली पूर्णिमा बहुत खास मानी गई है क्योंकि इस दिन वेदों के रचयिता महृषि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. ये दिन गुरुओं को समर्पित है. सनातन धर्म में गुरु का स्थान ईश्वर के समान माना गया है. इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व कैसे मनाया जाता है, इस दिन दान का महत्व. गुरु पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Guru Purnima 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 03 जुलाई 2023 को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन होगा. • स्नान मुहूर्त - सुबह 04.07 - सुबह 04.47 • अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 05.27 - सुबह 07.12 • शुभ (उत्तम )- सुबह 08.56 - सुबह 10.41 गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा का महत्व (Guru Purnima Significance) • शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के आरम्भ से ही शैक्षिक ज्ञान, आध्यात्म एवं साधना का विस्तार करने और हर मनुष्य तक इसे पहुंचाने के उद्देश्य से गुरु-शिष्य परंपरा का जन्म हुआ. • धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन और दान करने से जातक की कुंडली में गुरु दोष और पितृदोष समाप्त होता है. नौकरी, करियर और व्यापार में अत्यधिक लाभ मिलता है. • इस दिन लोग वेद व्याज जी पूजा के अलाव अपने गुरुओं को सम्मान के रूप में उपहार भेंट करते हैं. • इस दिन गुरु वंदन से जीवन में उन्नति और समृद्धि पाई जा सकती है. विद्या अर्जन करने वाले जातक गुरु पूर्णिमा के दि...

june festivals 2023 fasting festivals and marriage auspicious times in the month of june see full list bml

June Festivals 2023: ग्रेगोरियन कैलेंडर का छठा महीना जून भारत और पूरी दुनिया के लिए कई अहम दिन लेकर आता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है. इनके अलावा, इस महीने में वैकासी, वट पूर्णिमा, फादर्स डे और भी बहुत कुछ शामिल है इस के साथ ही जानें इस महीने में कब-कब है शादी विवाह के मुहूर्त वैकासी विसकम, जिसे वैगसी विसगम के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु के लोगों के लिए एक बहुत ही शुभ दिन है, और इसे बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन को भगवान मुरुगा या भगवान मुरुगन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहार हिंदू कैलेंडर में वैसाखी के महीने में आता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान मुरुगा भगवान शिव के दूसरे पुत्र हैं और भगवान शिव की तीसरी आंख से पैदा हुए थे; इसलिए वह विनाशकारी शक्तियों को धारण करता है. वट पूर्णिमा, जिसे वट सावित्री भी कहा जाता है, हिंदू महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. इस दिन विवाहित महिलाएं देवी सावित्री की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत विभिन्न राज्यों में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, यही कारण है कि यह दक्षिण की तुलना में महाराष्ट्र और गुजरात में 15 दिन आगे पड़ता है. महिलाएं देवी सावित्री की पूजा पूरी लगन और ईमानदारी से करती हैं. साथ ही युवतियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा, जिसे वट पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है और इस महीने में कई तालाब और नदियां सूख ...