Upsarg aur pratyay

  1. CBSE Class 5 Hindi Grammar Chapter 12 Shabd Nirman, Upsarg, Pratyay.
  2. Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 16 Upsarg evam Pratyay CBSE 2023
  3. Upsarg and Pratyay in Hindi
  4. Upsarg aur Pratyay in Hindi
  5. CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण उपसर्ग
  6. उपसर्ग और प्रत्यय
  7. उपसर्ग और प्रत्यय
  8. उपसर्ग और प्रत्यय कक्षा 9
  9. उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में विस्तार से जानें


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CBSE Class 5 Hindi Grammar Chapter 12 Shabd Nirman, Upsarg, Pratyay.

NCERT Solutions for Class 5 Hindi Grammar Chapter 12 शब्द निर्माण (Shabd Nirman) for current academic session 2023-2024 free to use online or download in PDF file format to use offline. Here, we will learn about उपसर्ग (Upsarg) and प्रत्यय (Pratyay), and understand how these words change the meaning of words after implementation. जो शब्दाशों से पहले जुड़कर उनके अर्थ बदल देते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। हर भाषा में अधिकतर शब्द अपने मूल रूप में ही प्रयुक्त होते हैं। लेकिन कुछ शब्द ऐसे हैं जिनके आगे या पीछे कुछ शब्दांश लगाए जाते हैं और उनसे नए शब्द बन जाते हैं। इस प्रकार के शब्दों को यौगिक शब्द कहते हैं। शब्द के आगे जो शब्दांश लगता है उसे उपसर्ग कहते हैं और जो पीछे लगते हैं वे प्रत्यय कहलाते हैं। उपसर्ग अर्थ शब्द अ अभाव अजर, अमर, अप्रसन्न अन रहित अनबन, अनजान, अ...

Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 16 Upsarg evam Pratyay CBSE 2023

Tiwari Academy / NCERT Solutions / NCERT Solutions for Class 8 / NCERT Solutions for class 8 Hindi / NCERT Solutions for Class 8 Hindi Grammar (Vyakaran) / Class 8 Hindi Grammar Chapter 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय Class 8 Hindi Grammar Chapter 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय Class 8 Hindi Grammar Chapter 16 उपसर्ग एवं प्रत्यय (Upsarg evam Pratyay). All the contents related to Class 8 Hindi Vyakaran is updated for academic session 2023-2024 based on CBSE as well as State Boards. There are suitable examples on each topic explaining the terms properly. These Hindi Vyakaran contents ensures scoring good marks in exams and getting a proper knowledge about उपसर्ग एवं प्रत्यय as well. वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व जुड़कर अन्य विशेष अर्थ प्रकट करने वाले नए शब्द का निर्माण करते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। भाषा में शब्दों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। शब्दों के माध्यम से ही भाषा का जीवन चलता है। शब्द-निर्माण की दृष्टि से शब्दों को दो श्रेणियों मà...

Upsarg and Pratyay in Hindi

Upsarg and Pratyay in Hindi Upsarg and Pratyay in Hindi, sanskrit pratyaya, Prefixes in Hindi उपसर्ग और प्रत्यय उदाहरण सहित, संस्कृत उपसर्ग, upsarg in hindi, hindi grammar pratyay, suffix in hindi, upsarg in hindi grammar examples, upsarg aur pratyay in hindi examples, hindi upsarg, upsarg pratyay, upsarg and pratyay in hindi examples, उपसर्ग और प्रत्यय शब्द. अंतःकरण = अंतः + करण (विसर्ग-संधि) षण्मास = षट् + मास (व्यंजन संधि) उच्चारण = उत् + चारण (व्यंजन संधि) संचय = सम् + चय (व्यंजन संधि) तट्टीका = तत् + टीका (व्यंजन संधि) संधिच्छेद = संधि + छेद (व्यंजन संधि) अजंत = अच् + अंत (व्यंजन संधि) संबंध = सम् + बंध (व्यंजन संधि) तद्धित = तत् + हित (व्यंजन संधि) संरक्षण = सम् + रक्षण (व्यंजन संधि) उच्छिष्ट = उत् + शिष्ट (व्यंजन संधि) संवाद = सम् + वाद (व्यंजन संधि) तद्रूप = तत् + रूप (व्यंजन संधि) संशय = सम् + शय (व्यंजन संधि) उज्झटिका = उत् + झटिका (व्यंजन संधि) सज्जन = सत् + जन (व्यंजन संधि) अंनाश = अच् + नाश (व्यंजन संधि) सद्धर्म = सत् + धर्म (व्यंजन संधि) उड्डयन = उत् + डयन (व्यंजन संधि) उपसर्ग=उप (समीप)+सर्ग ( सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आकर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं वे Upsargकहलाते हैं। "हार" शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे "पर" शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा- "परहार" (पर+हार) जिसका अर्थ है चोट करना। इसी तरह "आ" जोड़ने से आहार (भोजन) "सम" जोड़ने से संहार (विनाश) तथा "वि" जोड़ने से बिहार (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएंगे। उपर्युक्त उदाहरण में "प्र", "आ", "सम", और "वि" का अलग से कोई अर्थ...

Upsarg aur Pratyay in Hindi

उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg aur Pratyay in Hindi) – उपसर्ग और प्रत्यय की परिभाषा, उपसर्ग और प्रत्यय के उदाहरण (Upsarg aur Pratyay ke udharan), उपसर्ग के प्रकार – संस्कृत के उपसर्ग, हिंदी के उपसर्ग, उर्दू – फारसी के उपसर्ग, संस्कृत अव्यय (उपसर्गों के रूप में) और प्रत्यय, प्रत्यय के भेद – कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय उपसर्ग (Upsarg) उपसर्ग –जो शब्दांश किसी शब्द से पहले लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, वे शब्द उपसर्ग कहलाते हैं। जैसे – दूर्+ गुण = दुर्गुण निर्+ बल = निर्बल सु+ पथ = सुपथ उपसर्ग के प्रकार 1. संस्कृत के उपसर्ग 2. हिंदी के उपसर्ग 3. उर्दू – फारसी के उपसर्ग 4. संस्कृत अव्यय (उपसर्गों के रूप में) संस्कृत के उपसर्ग ‘ अति ‘ उपसर्ग अति + अधिक= अत्यधिक अति + रिक्त= अतिरिक्त ‘ स्व ‘ उपसर्ग स्व + तंत्र= स्वतंत्र स्व + राज= स्वराज हिंदी के उपसर्ग ‘ अध ‘ उपसर्ग – अध + खिला= अधखिला अध + जल = अधजल ‘ उन ‘ उपसर्ग – उन + सठ = उनसठ उन + तीस= उनतीस ‘ पर ‘ उपसर्ग – पर + लोक = परलोक पर + उपकार = परोपकार उर्दू फारसी के उपसर्ग ‘ कम ‘ उपसर्ग – कम + उम्र = कमउम्र कम + अक्ल = कमअक्ल ‘ खुश ‘ उपसर्ग – खुश + नसीब = खुशनसीब खुश + बू = खुशबू ‘ बे ‘ उपसर्ग – बे + खबर= बेखबर बे + ईमान = बेईमान संस्कृत अव्यय (उपसर्ग रूप में) ‘ अन् ‘ उपसर्ग – अन् + आस्था = अनास्था अन् + आदर = अनादर ‘ पुनर् ‘ उपसर्ग – पुनर + जन्म = पुनर्जन्म पुनर + मिलन = पुनर्मिलन प्रत्यय (Pratyay) जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं । जैसे – लघु + ता = लघुता फल + वाला = फलवाला प्रत्यय के भेद प्रत्यय के दो भेद होते हैं- 1. कृत् प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय कृत् प्रत्यय क्...

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण उपसर्ग

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण उपसर्ग-प्रत्यय हिंदी भाषा में शब्दों की रचना कई प्रकार से की जाती है। इन्हीं में से एक विधि है-शब्दों के आरंभ या अंत में कुछ शब्दांश जोड़कर नए शब्द बनाना। इस तरह से प्राप्त नए शब्द के अर्थ में नवीनता देखी जा सकती है; जैसे-‘हार’ शब्द में ‘आ’, ‘प्र’, ‘वि’ सम् जोड़ने पर हमें क्रमशः आहार, प्रहार और विहार शब्द प्राप्त होते हैं, जो अपने मूल शब्द हार के अर्थ से पूरी तरह अलग अर्थ रखते हैं; जैसे- हार (पराजय, फूलों की माला) आ + हार = आहार – भोजन प्र + हार = प्रहार – चोट वि + हार = विहार – भ्रमण करना I. उपसर्ग वे शब्दांश, जो किसी शब्द के शुरू (आरंभ) में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं; जैसे हिंदी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्ग प्रचलित हैं- (क) संस्कृत के उपसर्ग, (ख) हिंदी के उपसर्ग, (ग) विदेशी उपसर्ग। (क) संस्कृत के उपसर्ग- संस्कृत के उपसर्गों को तत्सम उपसर्ग भी कहा जाता है। ये उपसर्ग प्रायः उन शब्दों के साथ जुड़ते हैं, जो संस्कृत भाषा से हिंदी में आए हैं; जैसे- अति + आचार = अत्याचार, दुर् + लभ = दुर्लभ संस्कृत उपसर्गों से बना कुछ और शब्द- (ख) हिंदी के उपसर्ग-हिंदी के उपसर्गों को तद्भव उपसर्ग भी कहा जाता है। इनका प्रयोग प्रायः हिंदी शब्दों के साथ किया जाता है; जैसे- अध + जला = अधजला, कु + चाल = कुचाल, बिना + माँगे = बिनमाँगे विदेशी उपसर्ग- इन्हें आगत उपसर्ग भी कहा जाता है। विदेशी उपसर्गों में अरबी-फारसी और अंग्रेज़ी के उपसर्गों का प्रयोग विदेशी भाषा के शब्दों के साथ किया जाता है। इस प्रकार के शब्द भी हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं; जैसे- ना + समझ = नासमझ, हम + सफर = हमसफर, हर + दम = हरदम पाठ्यपुस्तक के पाठों में ...

उपसर्ग और प्रत्यय

[पढ़ें और सीखें] Learn Maths, English, Reasoning, G.K., And Computer Topics, Formula, Questions, Tricks in Hindi For All Competitive Exams Like SSC, IBPS Banks, SBI, LIC, RRB, CAT, MAT, B.ED, TET, CTET, IPS, IAS, And STATE LEVEL EXAMS. हिंदी, अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान, रीजनिंग तथा गणित के सूत्र, प्रश्न, शार्ट ट्रिक्स और प्रतियोगी परीक्षा उपयोगी ट्रिकी सवाल, महत्वपूर्ण प्रश्नो का फार्मूला का प्रयोग करके शॉर्टकट हल उपसर्ग और प्रत्यय - परिभाषा, भेद एवं उदाहरण | Upsarg aur Pratyay | उपसर्ग (Upsarg), उपसर्ग की परिभाषा, उपसर्ग के प्रकार (भेद), उपसर्ग के उदाहरण, उपसर्ग के भेद -१)संस्कृत उपसर्ग, २)हिंदी उपसर्ग, ३) अरबी-फ़ारसी उपसर्ग, ४) अंग्रेजी उपसर्ग, प्रत्यय (Pratyay), प्रत्यय की परिभाषा, प्रत्यय के भेद (प्रकार)- १) कृत् प्रत्यय, २) तद्धित प्रत्यय, प्रत्यय के उदाहरण | Upsarg aur Pratyay ki pribhasha, Upsarg aur Pratyay ke Prakar (Bhed), Upsarg ki pribhasha , Pratyay ki pribhasha , Upsarg aur Pratyay ke Udahran. उपसर्ग (Upsarg) उपसर्ग दो शब्दों से मिलकर बना है- उप + सर्ग, उप का अर्थ होता है 'निकट या समीप' तथा सर्ग का अर्थ होता है 'रचना करना', इस प्रकार "उपसर्ग = समीप आकर एक नए शब्द का निर्माण करना" अर्थात "उपसर्ग किसी शब्द के शुरुआत में लगकर नए शब्द का निर्माण करता है। किसी भी शब्द में उपसर्ग जुड़ने के बाद उसका अर्थ परिवर्तित हो जाता है।" उपसर्ग की परिभाषा- उपसर्ग की पहली परिभाषा-"किसी शब्द के वे शब्दांश या अवयव जो उस शब्द में आगे की ओर (आरम्भ में) से जुड़कर उसका एक विशेष अर्थ प्रकट करें, तो इन्हे ही उपसर्ग कहा जाता है।" अथवा "उपसर्ग की दूसरी परिभाषा- जो शब्दांश मूल शब्दों से पहले जोड...

उपसर्ग और प्रत्यय

विषय सूची • • • • उपसर्ग की परिभाषा – Upsarg ki Paribhsha उपसर्ग उन शब्दांशों को कहते है, जो किसी शब्द से पूर्व लगाकर उसके अर्थ में विशेषता उत्पन्न करते हैं या उसके अर्थ को बदल देते हैं। दूसरी ओर, उपसर्ग दो शब्दों से मिलकर बना है। उप + सर्ग। यानि किसी शब्द से जुड़कर नए शब्द का निर्माण करना।जैसे प्रहार, आहार, विहार, संहार इत्यादि में प्र, आ, वि, सम् उपसर्ग हैं और इनके बिना किसी शब्द का कोई अर्थ नहीं होता है। इसलिए इन शब्दांशों को उपसर्ग कहा जाता है। ऐसे में आज हम आपके लिए लाए हैं संस्कृत, उर्दू और हिंदी भाषा में महत्वपूर्ण उपसर्ग और उनके बनाए गए शब्द। उपसर्गकेउदाहरण – Upsarg ke Udaharan संस्कृत के उपसर्ग प्र – प्रगति, प्रबल, प्रभाव, प्रणाम, प्रख्यात, प्रकृति, प्रस्थान परा – पराज्य, पराधीन, पराभव, परामर्श अप – अपमान, अपयश, अपवाद, अपकर सम् – सम्मुख, संपत्ति, संहार, संगठन, संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव अनु – अनुज, अनुवर, अनुरूप, अनुभव, अनुशासन, अनुसार, अनुचरअव – अवतार, अवगुण, अवनति, अवतरणनिस् – निसंदेह, निस्सार, निशुल्क निर् – निर्गुण, निर्दय, निरादर दुस् – दुष्कर, दुस्साहस, दुष्परिणाम, दुष्चरित्र दूर् – दुर्बोध, दुर्जन, दुराचार, दुर्दशा, दुराचार, दुर्गम वि – विशेष, विदेश, विज्ञान, वियोग, विलाप, विपक्ष आ – आजन्म, आहार, आगमन, आरक्षण, आक्रमण, आजीवन, अवनति नि – निषेध, निरोध, निदेशक, निवारण, निपात, निरोग, निर्जन अधि – अध्यक्ष, अधिपति, अधिकार, अधिनायक अति – अतिशय, अत्यावश्यक, अतिरिक्त, अत्यंत अभि – अभिवादन, अभ्युदय, अभिनव, अभियान, अभिनय, अभिषेक, अभिमुख सु – सुपुत्र, सुबोध, सुजन, सुशिक्षित, सुपात्र उत् – उन्नति, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति प्रति – प्रतिकूल, प्रतिकार, प्रत्युत्तर, प्रतिद...

उपसर्ग और प्रत्यय कक्षा 9

Upsarg aur Pratyay Class 9 उपसर्ग : वे शब्दांश जो किसी शब्द के आगे लगकर एक नए शब्द का निर्माण करता है तथा उसके अर्थ मे परिवर्तन करता है, उन्हे उपसर्ग कहते है। जैसे :- आ + हार = आहार वि + हार = विहार आ + काश = आकाश आ + कार = आकार वि + चार = विचार उपसर्गो के भेद :- निम्नलिखित उपसर्गो के तीन भेद है । 1. तत्सम उपसर्ग 2. तद्भव उपसर्ग 3. आगत उपसर्ग 1. तत्सम उपसर्ग : वह उपसर्ग जो संस्कृत से हिंदी मे लाए गए है, उन्हे तत्सम उपसर्ग कहते है। जैसे :- उपसर्ग अर्थ उदाहरण नि नीचे, अभाव निवारण उप समीप उपकार प्रति विरुद्ध प्रतिक्रिया सु अच्छा सुगम, सुपुत्र आ तक, भर आजीवन 2. तद्भव उपसर्ग : यह उपसर्ग पूरी तरह से संस्कृत के उपसर्ग से ही आए है, इन्हे ही हिंदी उपसर्ग भी कहते है। जैसे :- उपसर्ग अर्थ उदहारण अ अभाव अगर, अकास अन आधा अधपका, अधमरा कु बुक कुपुत्र दु हीन, अधिक दुबला, दुसर पर बाद का परसर्ग, परदेश 3. आगत उपसर्ग : जो उपसर्ग विदेशी भाषाओं से हिंदी मे आ गए है, उन्हे आगत उपसर्ग कहते है। जैसे :- उपसर्ग अर्थ उदहारण खुश अच्छा खुशबू, खुशहाल गैर बिना गैरहाजिरी, गैरकानूनी कम थोड़ा कमज़ोर, कमसिन अल निश्चित अलबेला, अलगाव बद बुरा बदबू, बदनाम प्रत्यय : जो शब्दांश जो दूसरे शब्द के अंत मे जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार नए शब्द बनाते है, उन्हे प्रत्यय कहते है। जैसे :- अक + चल = चलाक, गायक आपा + पूज = पुजापा ई + खेत = खेती, नरमी प्रत्यय के भेद :- प्रत्यय के निम्नलिखित दो भेद है। 1. कृत् प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय 1. कृत् प्रत्यय : जो प्रत्यय शब्दांश के अंत मे लगकर नए शब्द बनाते है, उन्हे कृत् प्रत्यय कहते है। कृत् प्रत्यय के भेद :- कृत् प्रत्यय के निम्नलिखित पांच भेद है। 1. करतृवाचक 2. कर्मवाचक 3. करणवाचक ...

उपसर्ग और प्रत्यय के बारे में विस्तार से जानें

शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। चलिए उपसर्ग और प्रत्यय (Upsarg Pratyay) विस्तार से जानते हैं। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर उपसर्ग प्रत्यय (a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। (b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। (b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है। उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है। उदाहरण प्र+हार = प्रहार उप+कार = उपकार आ+हार = आहार हिन्दी में मुख्यतः चार प्रकार के उपसर्ग होते है- • संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) • हिंदी के उपसर्ग (तद्भव) • उर्दू के उपसर्ग • अंग्रेजी के उपसर्ग (विदेशी) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) संस्कृत के 22 मूल उपसर्ग हैं- उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द अति अधिक अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचार अधि प्रधान/श्रेष्ठ अधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन अनु पीछे अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव अप बुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन अभि पास अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग अव हीनता अवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण आ तक/से आघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म उत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, ...