उपयुक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए

  1. 17+ अपठित गद्यांश पश्न
  2. (1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3) गिल्लू को क्या बेहद पसंद था?
  3. Hindi paragraph
  4. CBSE Class 9 Hindi B Unseen Passages अपठित गद्यांश
  5. अपठित गद्यांश Chapter Notes
  6. RBSE Class 12 Hindi Sahitya अपठित बोध अपठित गद्यांश


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17+ अपठित गद्यांश पश्न

Apathit Gadyansh in Hindi : यहाँ आज इस लेख में 17+ अपठित गद्यांश पश्न-उत्तर सहित उपलब्ध कराएँगे जो छात्र हिंदी विषय से रूचि रखते है उन्हें अक्सर Apathit Gadyansh लिखने को मिलता है परीक्षा में कभी-कभी ऐसे गद्यांश दिए जाते हैं जिनका पाठ्यपुस्तकों से कोई संबंध नहीं रहता। फिर भी उस अंश से संबद्ध कई प्रकार के प्रश्न रहते हैं छात्रों को उनका उत्तर देना पड़ता है इस अभ्यास से बौद्धिक क्षमता और भाषा पर उनकी कैसी पकड़ है, इसका ज्ञान होता है इस पोस्ट में आपको Apathit Gadyansh For All Classes in Hindi के कुछ नमूने उपलब्ध कराये है जो आपको काफी पसंद आएगा। • • • • • • • • • • • • • • • • • छात्रों के लिए अपठित गद्यांश (1) विश्वविद्यालय कोई ऐसी वस्तु नहीं है जो समाज से काटकर अलग की जा सके। समाज दरिद्र है तो विश्वविद्यालय भी दरिद्र होंगे, समाज कदाचारी है, तो विश्वविद्यालय भी कदाचारी होंगे और सvvमाज में अगर लोग आगे बढ़ने के लिए गलत रास्ते अपनाते हैं तो विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र भी सही रास्तों को छोड़कर गलत रास्तों पर अवश्य चलेंगे। विश्वविद्यालयों और कॉलेजो में भी अशांति फैली है, जो भ्रष्टाचार फैला है, वह सब का सब समाज में फैलकर यहाँ तक पहुँचा है। समाज में जब सही रास्तों का आदर था, ऊँचे मूल्यों की कद्र थी, तब कॉलेजों में भी शिक्षक और छात्र गलत रास्तो पर कदम रखने से घबराते थे। लेकिन अब समाज ने विशेषतः राजनीति ने, ऊँचे मूल्यों की अवहेलना कर दी और अधिकतर लोगों के लिए गलत रास्ते ही सही बन गए तो फिर उसका प्रभाव कॉलेजों और विश्वविद्यालयों पर भी पड़ना अनिवार्य हो गया। छात्रों की अनुशासनहीनता की जाँच करनेवाले लोग परिश्रम तो खूब करते हैं, किंतु असली बात बोलने से घबराते हैं। सोचने की बात यह है ...

(1) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3) गिल्लू को क्या बेहद पसंद था?

निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये मेरे पास बहुत-से पशु-पक्षी हैं और उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं है, परन्तु उनमें से किसी को मेरे साथ मेरे थाली में खाने की हिम्मत हुई है, ऐसा मुझे स्मरण नहीं आता। गिल्लू इनमें अपवाद था। मैं जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती, वह खिड़की से निकलकर आँगन की दीवार, बरामदा पार करके मेज पर पहुँच जाता और मेरी थाली में बैठ जाना चाहता । बड़ी कठिनाई से मैंने उसे थाली के पास बैठना सिखाया, जहाँ बैठकर वह मेरी थाली में से एक-एक चावल उठाकर बड़ी सफाई से खाता रहता । काजू उसका प्रिय खाद्य था और कई दिन काजू न मिलने पर वह अन्य खाने की चीजें या तो लेना बन्द कर देता था या झूले के नीचे फेंक देता था। (1)उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए। (2)रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (3)गिल्लू को क्या बेहद पसंद था? 1.सन्दर्भ -प्रस्तुत गद्यांश पाठ्य-पुस्तक ‘ हिन्दी गद्य ’में संकलित एवं महादेवी वर्मा द्वारा लिखित ‘ गिल्लू ’पाठ से उद्धृत है। प्रस्तुत अवतरण में गिल्लू के खान-पान का वर्णन है। 2.रेखांकित अंशों की व्याख्या-लेखिका कहती है कि मेरे पास बहुत से पशु-पक्षी हैं। सभी के साथ मेरा असीम लगाव है, लेकिन किसी को मेरे साथ मेरी थाली में खाने की हिम्मत नहीं हुई। गिल्लू इसका अपवाद था। मैं खाना खाने के लिए जैसे ही मेज के पास जाती गिल्लू कूद-फाँदकर खाने की मेज पर पहुँच जाता और मेरी थाली में बैठना चाहता। मैंने बड़ी मुश्किल से उसे थाली के पास बैठना सिखाया। उसके बाद गिल्लू मेरी थाली के पास बैठकर एक-एक चावल निकालकर खाता था। काजू उसे बेहद पसंद था। यदि कई दिन काजू न मिले तो अन्य चीजें भी खाना बन्द कर देता था। या झूले, के नीचे गिरा...

Hindi paragraph

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CBSE Class 9 Hindi B Unseen Passages अपठित गद्यांश

CBSE Class 9 Hindi B Unseen Passages अपठित गद्यांश अपठित बोध ‘अपठित’ शब्द अंग्रेज़ी भाषा के शब्द ‘unseen’ का समानार्थी है। इस शब्द की रचना ‘पाठ’ मूल शब्द में ‘अ’ उपसर्ग और ‘इत’ प्रत्यय जोड़कर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है-‘बिना पढ़ा हुआ।’ अर्थात गद्य या काव्य का ऐसा अंश जिसे पहले न पढ़ा गया हो। परीक्षा में अपठित गद्यांश और काव्यांश पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस तरह के प्रश्नों को पूछने का उद्देश्य छात्रों की समझ अभिव्यक्ति कौशल और भाषिक योग्यता का परख करना होता है। अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश प्रश्नपत्र का वह अंश होता है जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से नहीं पूछा जाता है। यह अंश साहित्यिक पुस्तकों पत्र-पत्रिकाओं या समाचार-पत्रों से लिया जाता है। ऐसा गद्यांश भले ही निर्धारित पुस्तकों से हटकर लिया जाता है परंतु उसका स्तर, विषय-वस्तु और भाषा-शैली पाठ्यपुस्तकों जैसी ही होती है। प्रायः छात्रों को अपठित अंश कठिन लगता है और वे प्रश्नों का सही उत्तर नहीं दे पाते हैं। इसका कारण अभ्यास की कमी है। अपठित गद्यांश को बार-बार हल करने स • भाषा-ज्ञान बढ़ता है। • नए-नए शब्दों, मुहावरों तथा वाक्य रचना का ज्ञान होता है। • शब्द-भंडार में वृद्धि होती है, इससे भाषिक योग्यता बढ़ती है। • प्रसंगानुसार शब्दों के अनेक अर्थ तथा अलग-अलग प्रयोग से परिचित होते हैं। • गद्यांश के मूलभाव को समझकर अपने शब्दों में व्यक्त करने की दक्षता बढ़ती है। इससे हमारे अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि होती है। • भाषिक योग्यता में वृद्धि होती है। अपठित गद्यांश के प्रश्नों को कैसे हल करें अपठित गदयांश पर आधारित प्रश्नों को हल करते समय निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए • गद्यांश को एक बार सरसरी दृष्टि से पढ़ लेना चाह...

अपठित गद्यांश Chapter Notes

अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश प्रश्नपत्र का वह अंश होता है, जो पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकों से नहीं पूछा जाता। यह अंश साहित्यिक पुस्तकों पत्र-पत्रिकाओं या समाचार-पत्रों से लिया जाता है। ऐसा गदयांश भले ही निर्धारित पुस्तकों से हटकर लिया जाता है परंतु उसका स्तर, विषय वस्तु और भाषा-शैली पाठ्यपुस्तकों जैसी ही होती है। अपठित गद्यांश को बार-बार हल करने से – • भाषा-ज्ञान बढ़ता है। • नए-नए शब्दों, मुहावरों तथा वाक्य रचना का ज्ञान होता है। • शब्द-भंडार में वृद्धि होती है, इससे भाषिक योग्यता बढ़ती है। • प्रसंगानुसार शब्दों के अनेक अर्थ तथा अलग-अलग प्रयोग से परिचित होते हैं। • गद्यांश के मूलभाव को समझकर अपने शब्दों में व्यक्त करने की दक्षता बढ़ती है। इससे हमारे अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि होती है। • भाषिक योग्यता में वृद्धि होती है। नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर विकल्पों के आधार पर दीजिए – 1.आगाखाँ महल में खाने-पीने की कोई तकलीफ नहीं थी। हवा की दृष्टि से भी स्थान अच्छा था। महात्मा जी का साथ भी था। किंतु कस्तूरबा के लिए यह विचार ही असह्य हुआ कि ‘मैं कैद में हूँ।’ उन्होंने कई बार कहा-“मुझे यहाँ का वैभव कतई नहीं चाहिए, मुझे तो सेवाग्राम की कुटिया ही पसंद है।” सरकार ने उनके शरीर को कैद रखा किंतु उनकी आत्मा को वह कैद सहन नहीं हुई। जिस प्रकार पिंजड़े का पक्षी प्राणों का त्याग करके बंधनमुक्त हो जाता है उसी प्रकार कस्तूरबा ने सरकार की कैद में अपना शरीर छोड़ा और वह स्वतंत्र हुईं। उनके इस मूक किंतु तेजस्वी बलिदान के कारण अंग्रेजी साम्राज्य की नींव ढीली हुई और हिंदुस्तान पर उनकी हुकूमत कमजोर हुई। कस्तूरबा ने अपनी कृतिनिष्ठा के द्वारा यह दिखा दिया कि शुद्ध और रोचक साहित्य के पह...

RBSE Class 12 Hindi Sahitya अपठित बोध अपठित गद्यांश

The questions presented in the RBSE Class 12 Hindi अपठित बोध अपठित गद्यांश अपठित गद्यांश से आशय : अपठित शब्द 'पठ्' धातु में 'इत' प्रत्यय तथा 'अ' उपसर्ग जोड़ने से बना है। 'पठ्' धातु का अर्थ है—पढ़ना। 'अ' उपसर्ग लगने से विरुद्धार्थी अथवा विलोम शब्द बनता है। 'पठित' का अर्थ है पढ़ा हुआ तथा 'अपठित' का अर्थ बिना पढ़ा हुआ है। इस प्रकार गद्य का कोई ऐसा अंश (टुकड़ा) जो हमने पहले न पढ़ा हो, अपठित गद्यांश कहा जायेगा। सामान्यतः पाठ्यक्रम में निर्धारित गद्य से बाहर के प्रत्येक गद्यांश को अपठित गद्यांश माना जाता है। अपठित गद्यांश के अन्त में दिए गए प्रश्नों का उत्तर देने से पूर्व उसका अर्थ जानना आवश्यक है। किसी अपठित गद्यांश को पढ़कर उसका अर्थ समझना अर्थग्रहण कहा जाता है। अपठित गद्यांश का सामान्य अर्थ जानना ही जरूरी है। यह आवश्यक नहीं है कि उसके प्रत्येक शब्द का अर्थ जाना जाय। किसी भी अवतरण को दो-तीन बार पढ़ने से उसका अर्थ समझ में आ जाता है। अपठित गद्यांश को हल करते समय ध्यान देने योग्य बातें - • गद्यावतरण. को ध्यानपूर्वक दो-तीन बार पढ़ें। उसका भावार्थ समझें। • गद्यांश में आए शब्दों, मुहावरों, लोकोक्तियों, शब्द-युग्मों, विदेशी शब्दों इत्यादि का अर्थ जानने का प्रयास करें। • अनुच्छेद से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अनुच्छेद से समझकर अपनी ही भाषा में लिखें। अनुच्छेद से वाक्यों को ज्यों-का-त्यों उतारना ठीक नहीं है। • उत्तर देते समय सरल भाषा तथा सुबोध शब्दों का प्रयोग करें। ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें जिनका अर्थ आप न जानते हों। • अनुच्छेद में आए सूक्तिपरक वाक्यों, नीति वाक्यों, उद्धरणों, वाक्यांशों आदि को सावधानी से पढ़कर उनका अर्थ समझें। इनसे सम्बन्धित प्रश्न का उत्तर देते समय उसके सन्दर्भ को ...