उष्णकटिबंधीय पतझड़ वन

  1. Rajasthan Forest Gk राजस्थान की वन संपदा जीके इन हिंदी
  2. वर्षा वन किसे कहते हैं ?
  3. भारत में वनों के प्रकार
  4. [Solved] नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर वनस्पति की पहचा
  5. भारत में वनों के प्रकार
  6. Van Sansadhan वन संसाधन
  7. 5 पतझड़ वन का सर्वप्रमुख पेड़ कौन है? – ElegantAnswer.com
  8. भारत में वनों के प्रकार
  9. [Solved] नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर वनस्पति की पहचा
  10. वर्षा वन किसे कहते हैं ?


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Rajasthan Forest Gk राजस्थान की वन संपदा जीके इन हिंदी

( Rajasthan General Knowledge राजस्थान जनरल नॉलेज ) • शमी वृक्ष अर्थात्‌ खेजड़ी की पूजा किस पर्व पर की जाती है? (a) गणगौर (b) तीज (c) दशहरा (d) होली उत्तर-(c) • निम्न में असुमेलित है अभयारण्य जिला (a) केसर बाग : जयपुर (b) रामसागर : धौलपुर (c) शेरगढ़ : बाराँ (d) सवाई मानसिंह : सवाई माधोपुर उत्तर-(a) • राज्य के रेगिस्तानी क्षेत्र का पौधा ‘मोपेन’ मूलत: किस देश का है? (a) इजरायल (b) जिम्बाब्बे (c) पुर्तगाल (d) डच उत्तर-(b) • राज्य में ‘राजस्थान वन्य पशु एवं पक्षी संरक्षण अधिनियम 1951’ कब लागू किया गया? (a) 15 जनवरी, 1951 (b) 23 अप्रैल, 1951 (c) 31 जनवरी, 1952 (d) 1 मई, 1952 उत्तर-(b) • शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (AFRI) कहाँ स्थित है? (a) जोधपुर (b) श्रीगंगानगर (c) बीकानेर (d) जयपुर उत्तर-(a) • कौन-सा वृक्ष रेगिस्तान के प्रसार को रोकने में उपयोगी माना जाता है? (a) खेजड़ी (b) खजूर (c) बबूल (d) नीम उत्तर-(a) • राज्य के मरुक्षेत्र के 10 जिलों में संचालित व्यापक वृक्षारोपण के केन्द्र प्रव£तत ‘मरु वृक्षारोपण कार्यक्रम’ में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की भागीदारी है (a) 2 : 1 (b) 1 : 2 (c) 3 : 1 (d) 1 : 3 उत्तर-(c) • राजस्थान के किस क्षेत्र को विश्व की नमभूमियों (Wet Lands) में शामिल किया गया है? (a) जयसमंद झील (b) सांभर झील (c) बालसमंद (d) डीडवाना झील उत्तर-(b) • आदिवासियों के ‘हरे सोने’ के नाम से जाना जाने वाला वनीय वृक्ष है? (a) साल (b) धोकड़ा (c) बाँस (d) गूलर उत्तर-(c) • निम्न में से कौन-सा पुरस्कार वन एवं वन्य जीव संरक्षण के प्रोत्साहन से जुड़ा है? (a) कैलाश साँखला पुरस्कार (b) अमृता देवी पुरस्कार (c) इन्दिरा प्रियद£शनी वृक्ष मित्र पुरस्कार (d) उपर्युक्त सभी उत्तर-(d) • सागवान वृक्...

वर्षा वन किसे कहते हैं ?

वर्षा वन किसे कहते हैं ( rain forest kya hai ) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन वे जंगल हैं, जहा अधिक मात्रा में वर्षा होती है , ऐसे स्थान पर न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच होता है साल भर वर्षा होने के कारण वर्षावनों का निर्माण होता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले हैं ऐसे वनों को वर्षा वन कहा जाता है , इस प्रकार के वन सदाबहार वन होते हैं 8.1.1 Share this वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट ) कहां पाया जाता है यह अधिकांश उन जगहों पर पाए जाते हैं जो भूमध्य रेखा के आस-पास हो पूरी पृथ्वी पर जहां-जहां भूमध्य रेखा है उस आसपास की जंगल रेनफॉरेस्ट होंगी वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट )भूमध्य रेखा के आसपास क्यों पाए जाते हैं रेनफॉरेस्ट हमेशा रेनफॉरेस्ट हमेशा भूमध्य रेखा के आस पास पाए जाते हैं क्योंकि भूमध्य रेखा के आसपास हमेशा तापमान अधिक होता है अधिक होने की वजह से भूमध्य रेखा में पूरे साल भर बारिश होती रहती है इस कारण इस आस पास पाए जाने वाले जंगलों में ऐसे पेड़ पौधों की प्रजाति पाई जाती है जो गर्मी और वर्षा को सहन कर ले जिसकी वजह से रेनफॉरेस्ट हमेशा मैं हमेशा हरियाली छाई रहती है क्योंकि वर्षा वन सदाबहार वन है वर्षा वन सदाबहार क्यों होते है अधिकांश लोग सोचते हैं कि सदाबहार वन मैं पेड़ पौधों की पत्तियां नहीं टूटती यह झड़ते नहीं है किंतु हम आपको बता दें की दुनिया में कोई भी ऐसा पेड़ नहीं है जिसकी पत्तियां ना गिरती हो किंतु सदाबहार वनों में ऐसी क्या खासियत होती है कि उन्हें सदाबहार वन कहा जाता है तो दोस्तों जानने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि सदाबहार वन में पाए जाने वाले हैं पेड़ पौधों की पत्तियां पूरे साल भर एक एक कर गिरती रहती हैं और उनके स्थान पर नए पत्ते आते जाते हैं जिस कारण हमें पत...

भारत में वनों के प्रकार

• उष्णकटिबंधीय वर्षा वन या सदाबहार वन(Tropical rain forest or evergreen forest) • उष्णकटिबंधीय मानसूनी या पतझड़ वन (Tropical monsoon or autumn forest) • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती या मरूस्थलीय वन (Tropical dry deciduous or desert forests) • पर्वतीय वन (Mountain forest) • मैंग्रोव वन या डेल्टाई वन (Mangrove Forest or Deltai Forest) ऐसे वन देश के पहाड़ी भागों तथा मैदानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये वन साल भर भरे रहते हैं। इनके पेड़ों की पत्तियां पतझड़ में नहीं गिरतीं हैं। इन वनों में जड़ी बूटियां और अन्य कई प्रकार की वनस्पतियां मिलती हैं। ये वन जिन क्षेत्रों में पाए जाते हैं वहां तापमान अधिक पाया जाता है। और वहां वार्षिक वर्षा 200 सेंमी से अधिक होती है। इन वनों में वर्ष के अधिकांश दिनों में वर्षा होती है, परिणामस्वरूप वृक्ष अपने पत्तियों को नहीं गिराते ये साल भर हरे भरे रहते हैं। इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते हैं। जहां गर्मियों में लम्बे समय तक सूखा रहता है वहां वर्ष में एक बार पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं। मानसूनी वन देश के भीतरी भागों में पाए जाते हैं, जहां मानसूनी पवनों द्वारा मौसमी वर्षा होती है। मानसूनी वन उत्तर प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तथा मध्य प्रदेश से लेकर झारखंड तक पाते जाते हैं इन क्षेत्रों में 100-200 सेंमीवार्षिक वर्षा होती है। मानसूनी वन देश के सर्वाधिक क्षेत्रफल पर पाए जाते हैं। मानसूनी वन ग्रीष्म ऋतु के आगमन पर अपनी पत्तियां गिरा देते हैं। इस लिए इन्हें पतझड़ या पर्णपाती वन कहते हैं। ये वन पूरे भारत के पूरे पठारी भाग में ( महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र तथा तेलंगाना के कुछ क्षेत्र को छोड़ कर) पाए जाते हैं। कम वर्षा वाली मरुस्थलीय, रेतीली, और पठारी जमीन पर उगन...

[Solved] नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर वनस्पति की पहचा

सही उत्‍तर मैंग्रोव वन है। Key Points • मैंग्रोव वन समुद्र तटों के साथ नमक दलदल, ज्वार की खाड़ियों, मडफ्लैट्स और मुहल्लों में उगते हैं। • भारत में मैंग्रोव वन 6,740 वर्ग किमी में फैले हुए हैं। • वे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में अत्यधिक विकसित हैं। • यह वनस्पति खारे पानी में जीवित रह सकती है। • सुंदरी इस वनस्पति के वृक्षों की एक प्रसिद्ध प्रजाति है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि उपरोक्त कथन मैंग्रोव वनों की विशेषताएं हैं।

भारत में वनों के प्रकार

10.1 Share this भारत में वनों के प्रकार ( vano ke prakar ) -आज हम प्राकृतिक वनस्पति में वन और घास स्थल के बारे में जानेंगे पृथ्वी पर ऊंचाई में परिवर्तन के साथ ही उसके जलवायु में भी परिवर्तन हो जाती है जिसके आधार पर ही वहां पर पर जाने वाली है वनस्पति भी बदल जाती है जलवायु में परिवर्तन वनस्पति में परिवर्तन का बहुत बड़ा कारक है वनस्पति ऊंचाई तापमान और पानी की उपलब्धता के आधार पर वनस्पति के कई प्रकार पाए जाते हैं इस प्रकार से प्राकृतिक वनस्पति को तीन भागों में बांटा गया है पहला है वन दूसरा घास स्थल और तीसरा है कांटेदार झाड़िया वन( bharat ke van ) हमेशा उपयुक्त तापमान और मानसून जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं इस आधार पर वन सघन और खुले संरचना वाले होते हैं घास स्थल(grass land ) उन जगहों पर पाए जाते हैं जहां पर वर्षा ना कम ना ज्यादा होता है मतलब की मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में घास स्थल पर आ जाते हैं कांटेदार झरिया इस प्रकार की वनस्पति उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहां पर पानी बहुत कम रहती हो या ना के बराबर गिरती हो इन्हें शुष्क क्षेत्र( वर्षा > ये वन ऐसे जगह में पाए जाते हैं जहा वर्षा की दर 50 cm हो चलिए जानते हैं van kitne prakar ke hote hain वनों के प्रकार एक टाइम पृथ्वी में 50 परसेंट से ज्यादा परसेंट से ज्यादा जगह पर वन पाया जाता था परंतु जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही है वनों का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है वनों का क्षेत्रफल कम होना बहुत ही बड़ी पर्यावरणीय समस्या पैदा कर रही है हमें ऐसी पॉलिसी लानी चाहिए की वनों का कम होना रुक जाए तो तब इसके लिए हमें वनों के प्रकार के बारे में जानना जरूरी है तो चलिए आज हम जानते हैं भारतीय वनों के प्रकार उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन यह वन...

Van Sansadhan वन संसाधन

Van Sansadhan वन संसाधन : प्राकृतिक संसाधनों का बहुत ही महत्वपूर्ण है। मानव आदिकाल से ही वनों पर आश्रित रहता है। और भारत में वृक्षों को देवता मानकर उसकी पूजा की जाती है। 1952 में घोषित वन नीति के अनुसार देश की कुल भूमि में लगभग 33% भाग पर वनों का होना आवश्यक है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वनों की अंधाधुंध कटाई और पुणे उतनी मात्रा में वन विकसित नहीं होने कारण लगातार वन क्षेत्र घटते जा रहे हैं। 2001 में कुल 19.40% वन रह गए हैं वहीं सरकार के प्रयास और जनचेतना से इसमें वर्दी होकर 2015 में 21.23% हो चुके हैं। 3.2 Van Sansadhan मरुस्थली वनों में सामान्य पर कितने औसत सेमी वर्षा होती है ? Van Sansadhan वनों के विनाश के कारण भारत में लगातार घटते वन क्षेत्रों के लिए दिल्ली कारण उत्तरदाई है जो नीचे लिखे गए हैं। • भारत में कृषि हेतु भूमि की मांग में निरंतर वृद्धि। • तीव्र औद्योगीकरण एवं शहरीकरण। • घरेलू आवश्यकताओं के लिए वनों की कटाई। • अनियंत्रित पशु चलाई। • स्थानांतरित कृषि प्रणाली। • बड़ी एवं बहुउद्देश्य से सिंचाई परियोजनाओं का विकास। • सरकारी नियमों की अवहेलना। • नगरीय जनसंख्या में लगातार वृद्धि। • सत्ता का दुरुपयोग। • बढ़ता हुआ खनन क्षेत्र। • पेड़ पौधों में कीड़े एवं बीमारियों का लगना। • जगलो में लगने वाली आग। Van Sansadhan वनों के प्रकार भारत की विशालता एक कारण हमारे यहां जलवायु उच्च अवस्था और मिट्टी की विद्या पाए जाने के कारण देश में विभिन्न प्रकार के वन पाए जाते हैं। जो निम्नलिखित है। • उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन : उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन कहां पाए जाते हैं जहां 200 सेमी से अधिक वार्षिक वर्षा और 28 डिग्री सेल्सियस वार्षिक तापमान रहता है। यह वन हमेशा हरे भरे रहते हैं। यह मुख्य तीन ...

5 पतझड़ वन का सर्वप्रमुख पेड़ कौन है? – ElegantAnswer.com

5 पतझड़ वन का सर्वप्रमुख पेड़ कौन है? इसे सुनेंरोकेंशहतूत, अनार, आँवला, भूर्ज, शीशम, अंजीर, कुंबी, सेब,बाँस, साल और अमलतास पतझड़ी पेड़ों के कुछ उदहारण हैं। पर्णपाती वन कौन से होते हैं? इसे सुनेंरोकेंसागौन, साल, शीशम, हर्रा, महुआ, आंवला, सेमल, कुसुम, और चंदन आदि इन वनों की मुख्य प्रजातियाँ हैं। शुष्क पर्णपाती वन देश के विशाल क्षेत्रों को आच्छादित करते हैं, जहाँ 70-100 सेमी के बीच वर्षा होती है। तेंदू, पलास, अमलतास, बेल, खाइर, एक्सलवुड आदि इन वनों के आम पेड़ हैं। उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन का सर्व प्रमुख तेल कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंमुख्य वृक्ष : पलास, अमलतास, बेल, खैर और अक्साइड। ये वन दक्षिण-पश्चिमी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाए जाते हैं। 50 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाले क्षेत्र में ये वन पाए जाते हैं। वनस्पति जगत प्राणी जगत वनस्पति-जगत शब्द का अर्थ किसी विशेष क्षेत्र में पौधों की उत्पत्ति से है। प्राणी जगत का अर्थ किसी विशेष क्षेत्र में जानवरों की प्रजाति है। प्रणाम पति वन की मुख्य विशेषता क्या है? इसे सुनेंरोकेंसवाल: पर्णपाती वन की मुख्य विशेषता क्या है? पर्णपाती वन को पतझड़ वन भी कहते हैं, इस जंगल में वर्ष के किसी निश्चित समय के दौरान वहां पर पतियों की हानि होती हैं, और पूर्ण रूप से नई पतिया आने लगती हैं, यह समय अवधि वर्ष के मध्य में माने जाते हैं, जब सर्दि खत्म गर्मी शुरू होने वाली होती हैं। शुद्ध वन एवं मिश्रित वन में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकें(Definition in Hindi) वह वन, जिसमें दो या दो से अधिक प्रमुख किस्मों के वृक्ष पाये जाते हैं। इन वनों में कम से कम 20 प्रतिशत छोटी प्रजातियों के वृक्ष भी पाये जाते हैं। ...

भारत में वनों के प्रकार

• उष्णकटिबंधीय वर्षा वन या सदाबहार वन(Tropical rain forest or evergreen forest) • उष्णकटिबंधीय मानसूनी या पतझड़ वन (Tropical monsoon or autumn forest) • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती या मरूस्थलीय वन (Tropical dry deciduous or desert forests) • पर्वतीय वन (Mountain forest) • मैंग्रोव वन या डेल्टाई वन (Mangrove Forest or Deltai Forest) ऐसे वन देश के पहाड़ी भागों तथा मैदानी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ये वन साल भर भरे रहते हैं। इनके पेड़ों की पत्तियां पतझड़ में नहीं गिरतीं हैं। इन वनों में जड़ी बूटियां और अन्य कई प्रकार की वनस्पतियां मिलती हैं। ये वन जिन क्षेत्रों में पाए जाते हैं वहां तापमान अधिक पाया जाता है। और वहां वार्षिक वर्षा 200 सेंमी से अधिक होती है। इन वनों में वर्ष के अधिकांश दिनों में वर्षा होती है, परिणामस्वरूप वृक्ष अपने पत्तियों को नहीं गिराते ये साल भर हरे भरे रहते हैं। इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते हैं। जहां गर्मियों में लम्बे समय तक सूखा रहता है वहां वर्ष में एक बार पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं। मानसूनी वन देश के भीतरी भागों में पाए जाते हैं, जहां मानसूनी पवनों द्वारा मौसमी वर्षा होती है। मानसूनी वन उत्तर प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तथा मध्य प्रदेश से लेकर झारखंड तक पाते जाते हैं इन क्षेत्रों में 100-200 सेंमीवार्षिक वर्षा होती है। मानसूनी वन देश के सर्वाधिक क्षेत्रफल पर पाए जाते हैं। मानसूनी वन ग्रीष्म ऋतु के आगमन पर अपनी पत्तियां गिरा देते हैं। इस लिए इन्हें पतझड़ या पर्णपाती वन कहते हैं। ये वन पूरे भारत के पूरे पठारी भाग में ( महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र तथा तेलंगाना के कुछ क्षेत्र को छोड़ कर) पाए जाते हैं। कम वर्षा वाली मरुस्थलीय, रेतीली, और पठारी जमीन पर उगन...

[Solved] नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर वनस्पति की पहचा

सही उत्‍तर मैंग्रोव वन है। Key Points • मैंग्रोव वन समुद्र तटों के साथ नमक दलदल, ज्वार की खाड़ियों, मडफ्लैट्स और मुहल्लों में उगते हैं। • भारत में मैंग्रोव वन 6,740 वर्ग किमी में फैले हुए हैं। • वे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में अत्यधिक विकसित हैं। • यह वनस्पति खारे पानी में जीवित रह सकती है। • सुंदरी इस वनस्पति के वृक्षों की एक प्रसिद्ध प्रजाति है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि उपरोक्त कथन मैंग्रोव वनों की विशेषताएं हैं।

वर्षा वन किसे कहते हैं ?

वर्षा वन किसे कहते हैं ( rain forest kya hai ) उष्णकटिबंधीय वर्षा वन वे जंगल हैं, जहा अधिक मात्रा में वर्षा होती है , ऐसे स्थान पर न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा 1750-2000 मि॰मी॰ (68-78 इंच) के बीच होता है साल भर वर्षा होने के कारण वर्षावनों का निर्माण होता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले हैं ऐसे वनों को वर्षा वन कहा जाता है , इस प्रकार के वन सदाबहार वन होते हैं 8.1.1 Share this वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट ) कहां पाया जाता है यह अधिकांश उन जगहों पर पाए जाते हैं जो भूमध्य रेखा के आस-पास हो पूरी पृथ्वी पर जहां-जहां भूमध्य रेखा है उस आसपास की जंगल रेनफॉरेस्ट होंगी वर्षा वन ( रेनफॉरेस्ट )भूमध्य रेखा के आसपास क्यों पाए जाते हैं रेनफॉरेस्ट हमेशा रेनफॉरेस्ट हमेशा भूमध्य रेखा के आस पास पाए जाते हैं क्योंकि भूमध्य रेखा के आसपास हमेशा तापमान अधिक होता है अधिक होने की वजह से भूमध्य रेखा में पूरे साल भर बारिश होती रहती है इस कारण इस आस पास पाए जाने वाले जंगलों में ऐसे पेड़ पौधों की प्रजाति पाई जाती है जो गर्मी और वर्षा को सहन कर ले जिसकी वजह से रेनफॉरेस्ट हमेशा मैं हमेशा हरियाली छाई रहती है क्योंकि वर्षा वन सदाबहार वन है वर्षा वन सदाबहार क्यों होते है अधिकांश लोग सोचते हैं कि सदाबहार वन मैं पेड़ पौधों की पत्तियां नहीं टूटती यह झड़ते नहीं है किंतु हम आपको बता दें की दुनिया में कोई भी ऐसा पेड़ नहीं है जिसकी पत्तियां ना गिरती हो किंतु सदाबहार वनों में ऐसी क्या खासियत होती है कि उन्हें सदाबहार वन कहा जाता है तो दोस्तों जानने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि सदाबहार वन में पाए जाने वाले हैं पेड़ पौधों की पत्तियां पूरे साल भर एक एक कर गिरती रहती हैं और उनके स्थान पर नए पत्ते आते जाते हैं जिस कारण हमें पत...