Utak kise kahate hain

  1. ऊतक किसे कहते हैं पूरी जानकारी
  2. जटिल उत्तक कितने प्रकार के होते हैं? » Jatil Uttak Kitne Prakar Ke Hote Hain
  3. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  4. संज्ञा किसे कहते हैं
  5. Utak Kise Kahate Hain Functions and Types


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ऊतक किसे कहते हैं पूरी जानकारी

ऊतक किसे कहते हैं : आजकल ज्यादातर परीक्षाओं में विज्ञान से जुड़ी हुई कई सारे सवाल पूछे जाते हैं यह सवाल अक्सर कक्षा 6 से लेकर 10 तक की बुक से ही पूछा जाता है। आज हम इस लेख मेंके माध्यम से विज्ञान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे | जिसमें हम जानेंगे Utak Kise Kahate Hain ? मानवी शरीर मैं ऊतक क कार्य क्या होता है | जैसे ऊतक से जुडी सभी सवालों के बारे विस्तार में जानने का प्रयास करेंगे हम उम्मीद करते हैं। कि अगर आप इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक पढ़ते हैं तो आपको ऊतक से जुड़ी हुई किसी प्रकार की जानकारी किसी अन्य वेबसाइट पर खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज के लेख में हम ऊतक का मतलब क्या होता है और ऊतक कितने प्रकार के होते है सिमित मानवी शरीर में ऊतक किस तरह कार्य करता है जैसे सभी सवालो के जवाब आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे यदि आप इंटरनेट पर Utak ( tissue) संबंधित विषय के जानकारी खोज रहे है तो आप सही जगह पर आये है क्यों की आज हम ऊतक संबंधित सभी जानकारी संक्षेप में रूप में जानने की कोशिश करेंगे ऊतक (Tissues) किसे कहते हैं अनुक्रम • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ऊतक किसे कहते हैं – Utak Kise Kahate Hain सभी जीवित प्राणी और पौधे कोशिकाओं से बने होते हैं। अमीबा की तरह, पैरामीशियम एककोशिकीय जीवों में सभी जैविक कार्य (श्वसन, पाचन, उत्सर्जन आदि) एक ही कोशिका में होते हैं। बहुकोशिकीय जीवों में कई कोशिकाएँ होती हैं। • इनमें कोशिकाओं के समूह द्वारा एक विशेष कार्य किया जाता है। जिस प्रकार मनुष्यों में पेशीय कोशिकाओं का एक समूह सिकुड़ता और संचारित करता है। उसी प्रकार तंत्रिका कोशिकाएँ संदेशों को ले जाने का कार्य करती हैं, और पौधों में जल ज...

जटिल उत्तक कितने प्रकार के होते हैं? » Jatil Uttak Kitne Prakar Ke Hote Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका प्रश्न की जटिल उत्तक कितने प्रकार के होते हैं दो दोस्तों एक ही प्रकार के विशेष कार्य करने वाले विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के समूह जटिल उत्तक कहलाता है यह उत्तर विषमांगी प्रकृति के होते हैं यह उत्तर युग में क्रोधित ने अनुपस्थित होते हैं इसके दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है जयमल जाइलम और फ्लोएम aapka prashna ki jatil uttak kitne prakar ke hote hain do doston ek hi prakar ke vishesh karya karne waale vibhinn prakar ki koshikaaon ke samuh jatil uttak kehlata hai yah uttar vishmangi prakriti ke hote hain yah uttar yug mein krodhit ne anupasthit hote hain iske do samuho mein vargikrit kiya gaya hai jaymal xylem aur phloem आपका प्रश्न की जटिल उत्तक कितने प्रकार के होते हैं दो दोस्तों एक ही प्रकार के विशेष कार्य

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो भाषा की सबसे लघुतम इकाई वर्ण है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इस के टुकड़े नहीं किए जा सकते जैसे – क् ,प् , ख् , च ,आदि वर्णमाला (Alphabet ) किसी भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं। जिसमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लिखने के आधार पर 52 प्रकार के वर्ण माने गए हैं। 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन है। वर्ण के भेद वर्ण के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं – १ स्वर , २ व्यंजन। 1 स्वर – वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्णों की सहायता नहीं पड़ती उन्हें वर्ण कहते हैं। हिंदी वर्णमाला के अनुसार स्वर की संख्या 13 है। • ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उसे हर स्वर्ग कहते हैं जैसे – अ ,इ ,उ ,। • दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व व स्वर से दुगना समय या अ...

संज्ञा किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • संज्ञा (Sangya) संज्ञा (Sangya) हिंदी व्याकरण का अति महत्वपूर्ण अध्याय है, क्योंकि हिंदी व्याकरण के लगभग प्रत्येक अध्याय में संज्ञा की भूमिका रहती है। संज्ञा विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है। इस लेख में हम संज्ञा के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। अतः लेख को ध्यान पूर्वक पढ़ें। संज्ञा के प्रकार संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya Kise Kahate Hain) संज्ञा की परिभाषा (Sangya Definition in Hindi): किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम के घोतक शब्द को संज्ञा (Sangya) कहते हैं। संज्ञा (Sangya) का अर्थ नाम होता है, क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा एक विकारी शब्द है। संज्ञा शब्द का उपयोग किसी वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, गुण, भाव या स्थान के लिए नहीं किया जाता, बल्कि किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के “नाम” के लिए किया जाता है। जैसे:- मोहन जाता है। इसमें मोहन नामक व्यक्ति संज्ञा नहीं है, बल्कि उस व्यक्ति का नाम “मोहन” संज्ञा है। संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udahran) • व्यक्ति का नाम –रमेश, अजय, विराट कोहली, नवदीप, राकेश, शंकर • वस्तु का नाम –कलम, डंडा, चारपाई, कंघा • गुण का नाम –सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी • भाव का नाम –प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध • स्थान का नाम –आगरा, दिल्ली, जयपुर संज्ञा शब्द (Sangya Shabd) किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी के नाम को दर्शाने वाले शब्द को संज्ञा शब्द कहते हैं. संज्ञा शब्द के उदाहरण • मोहन • कलम ...

Utak Kise Kahate Hain Functions and Types

ऊतक – समान आकार-प्रकार की कोशिकाओं का समूह ऊतक कहलाता है, जो मिलकर किसी एक कार्य को संपन्न करता है। जीव-जगत में कोशिकाएँ आपस में संयोजित होकर उतकों का निर्माण करती है, जो किसी विशेष प्रकार के कार्य को करने में निर्पुण होते हैं। उतकों को बनाने वाली कोशिकाओं की संरचना, प्रकार एवं उतकों द्वारा संपन्न होने वाले विभिन्न कार्यों के आधर पर विभिन्न प्रकार के उतकों की संरचना भिन्न-भिन्न होती है। कुछ कोशिकाओं के बीच अंर्तकोशिकीय अवकाश पाया जाता है, कुछ में नहीं, और कुछ में पाया जाता है, लेकिन बहुत कम। ये अंतर्काशीकीय अवकाश एवं इनमें भरा हुआ अंर्तकोशिकीय द्रव्य भी उतकों की प्रवृत्त का निर्धरण करता है। उपकला ऊतक – उपकला ऊतक एक अत्यंत महीन एवं चिकनी झिल्ली होती है जो शरीर के भीतरी अंगों के बाह्य पृष्ठों को आच्छादित किए हुए है। इसी का दूसरा रूप शरीर के कुछ खोखले विवरों के भीतरी पृष्ठ को ढके रहता है, जिसे अंतर्कला कहा जाता है। संयोजी ऊतक – संयोजी ऊतक मानव शरीर में एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने का कार्य करता है। यह ऊतक प्रत्येक अंग में पाया जाता है। यह ऊतकों का एक विस्तृत समूह है। संयोजी ऊतकों का विशिष्ट कार्य संयोजन करना, अंगों को आच्छादित करना तथा उन्हें सही स्थान पर रखना है। तन्त्रिका ऊतक – जिस तन्त्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों और वातावरण में सामंजस्य स्थापित होता है उसे तन्त्रिका ऊतक कहते हैं। पेशीय ऊतक – पेशीय ऊतक प्राणियों का आकुंचित होने वाला ऊतक है। इनमें आंकुंचित होने वाले सूत्र होते हैं जो कोशिका का आकार बदल देते हैं। पेशी कोशिकाओं द्वारा निर्मित उस ऊतक को पेशीय या पेशी ऊतक कहा जाता है। उत्तक कितने प्रकार के होते है – उत्तक विज्ञान में उत्तकों को छह प्रकार का म...