Uttal darpan kise kahate hain

  1. 'प्रत्यय' किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण
  2. उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर
  3. अपसारी और अभिसारी दर्पण in English
  4. समतल दर्पण का उपयोग
  5. उत्तल दर्पण का उपयोग करता है
  6. समतल दर्पण का उपयोग
  7. अपसारी और अभिसारी दर्पण in English
  8. उत्तल दर्पण का उपयोग करता है
  9. 'प्रत्यय' किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण
  10. उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर


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'प्रत्यय' किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण

‘प्रत्यय’ किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण प्रत्यय किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण) | Pratyay Kise Kahate Hain :- परिभाषा– वह शब्दांश जो किसी प्रत्यय कहते है |जैसे- समाज + इक = सामाजिक सुगन्ध + इत = सुगन्धित भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़ मीठा + आस = मिठास भला + आई = भलाई इसी प्रकार इन शब्दों में इक,इत ,अक्कड़ ,आस ,आई यह प्रत्यय शब्द होते है प्रत्यय के प्रकार प्रत्यय के दो प्रकार है 1. कृत प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय 1. कृत प्रत्यय किसे कहते है जो प्रत्यय क्रिया धातु रूप के बाद लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं ,उन्हें ‘कृत प्रत्यय’ कहते है |कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे – लिख्+अक = लेखक राखन+हारा = राखनहारा घट+इया = घटिया लिख+आवट = लिखावट ये प्रत्यय क्रिया या धातु को नया अर्थ देते है। कृत् प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण बनते है| कृदन्त या कृत प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं (i)कर्त्तुवाचक कृदंत (ii)कर्मवाचक कृदंत (iii)करणवाचक कृदंत (iv)भाववाचक कृदंत (v)क्रियावाचक कृदंत (i) कर्त्तुवाचक कृदंत किसे कहते है जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात कर्ता का पता चलता हो, वह कर्तृवाचक कृदंत कहलाता है अक = लेखक, नायक, गायक,पाठक अक्कड़ = भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़, कुदक्कड़ आक = तैराक आलू = झगड़ाल आकू = लड़ाक,कृपालु ,दयालु आड़ी = खिलाड़ी ,अगाड़ी, अनाड़ी इअल = अडि़यल, मरियल,सड़ियल एरा = लुटेरा, बसेरा ऐया = गवैया,नचैया ,खिवैया ओड़ा = भगोड़ा वाला = पढ़नेवाला, लिखनेवाला,रखवाला हार = होनहार ,राखनहार, चाखनहार,पालनहार (ii) कर्मवाचक कृदंत किसे कहते है जिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का पता चलता हो वह कर्मवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे- औन...

उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर

Uttal Darpan aur Avtal Darpan me Antar | उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर देखें|अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग | उत्तल दर्पण व अवतल दर्पण की परिभाषा और प्रकृति |अवतल और उत्तल दर्पण में अंतर( difference between concave and convex mirror in hindi) | उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण दोनों में क्या अंतर है? उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में क्या अंतर है यह परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी अहम टॉपिक है . अक्सर परीक्षा तथा परीक्षक द्वारा उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण की परिभाषा व दोनों दर्पणों में अंतर पूछ लिया जाता है . साथ ही परीक्षावों में अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण का उपयोगक्या है और कहाँ होता है. आज के इस लेख में हम उत्तल दर्पण तथा अवतल में अंतर, परिभाषा, उपयोग तथा उदाहरण को विस्तार में जानेंगे . साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है. उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण दोनों में क्या अंतर है यह जानने से पहले हम दोनों गोलीय दर्पणों की सर्वप्रथम परिभाषा जान लेते है. वेग और चाल में अंतर बताईये अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण की परिभाषा क्या है? Definition of concave mirror and convex mirror in Hindi? अवतल दर्पण किसे कहते हैं? (concave mirror/कॉनकेव मिरर) Concave Mirror in hindi:- अवतल दर्पण एक प्रकार का गोलीय दर्पण है जिसमे कि परावर्तन करने वाला चिकना व चमकीला भाग अंदर या भीतर की तरफ धंसा हुआ होता है, अवतल दर्पण कहलाता है. अवतल दर्पण में अंदर की तरफ धंसा हुआ चमकीला सतह प्रकाश के परावर्तन के नियम का अनुपालन करता है. अवतल दर्पण मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश किरणों को परावर्तन के बाद अंदर की ओर प्रतिबिम्बित कर देता है. अवतल दर्पण के उदाहरण:- अवतल दर्पण के उदाहरण इस प्रकार है- टॉर...

अपसारी और अभिसारी दर्पण in English

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • • • • • • • • Answer (Detailed Solution Below) Option 1 : अवतल दर्पण सही उत्तर विकल्प 1) है अर्थात अवतल दर्पण अवधारणा: • अवतल दर्पण: एक प्रकार का गोलाकार दर्पण जिसमें परावर्तक सतह अंदर की ओर वक्र होती है। • उत्तल दर्पण: एक प्रकार का गोलाकार दर्पण जिसमें परावर्तक सतह बाहर की ओर वक्र होती है। • अभिसारी किरणें: प्रकाश की किरणें जो एक उभयनिष्ठ बिंदु पर मिलती हैं, अभिसारी किरणें कहलाती हैं। • अपसारी किरणें : प्रकाश की वे किरणें जो किसी उभयनिष्ठ बिंदु पर नहीं मिलती हैं बल्कि सभी दिशाओं में फैलती हैं अपसारी किरणें कहलाती हैं। व्याख्या • अवतल दर्पण में एक परावर्तक सतह अंदर की ओर वक्र होती है। • इसलिए, यह उस पर आपतित सारे प्रकाश को एक ही बिंदु पर अभिसरित करता है। • इसलिए अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते हैं। Additional Information • उत्तल दर्पण में एक उभरी हुई परावर्तक सतह होती है जो उस पर आपतित किरणों को अपवर्तित करती है। • उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते हैं। • एक समतल दर्पण अपनी सतह पर आपतित किरणों को न तो अभिसरित करता है और न ही अपसारित करता है। Stay updated with Physics questions & answers with Testbook. Know more about Optics and ace the concept of Mirrors and Images and Spherical Mirrors Solution:अवतल दर्पण में मुख्य अक्ष के समानान्तर आपतित होने के पश्चात् सभी किरणे फोकस पर मिलती हैं। अत: अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते हैं। इसी तरह उत्तल दर्पण में मुख्य अक्ष के समानान्तर आपतित होने के पश्चात् सभी किरणें उसी ओर परावर्तित हो जाती हैं, ये सभी किरणें दर्पण के पीछे किसी बिन्दु से निकलकर फैलती हुई प्रतीत होती है, अत: उत्तल दर्पण को अपसारी दर्...

समतल दर्पण का उपयोग

• • • Menu Toggle • Carrier • Maths • Grammar Menu Toggle • हिंदी व्याकरण • English Grammar • Menu Toggle • Class 1 Menu Toggle • Hindi • English • Math • Class 3 Menu Toggle • Hindi • English • Class 8 Menu Toggle • Hindi • Class 9 Menu Toggle • Science • Class 10 Menu Toggle • Science • Menu Toggle • Class 11 Arts Menu Toggle • History • Class 12 Arts Menu Toggle • History • • Table of Contents • • • समतल दर्पण का उपयोग समतल • चेहरा देखने के लिए • हजामती के लिए • सजावट के काम में • प्रयोगसाला में अवतल दर्पण का उपयोग अवतल • हजामती दर्पण के रूप में किया जाता है • वाहनों के लाइट में • रोगियों के आँख , नक्, कण गले , दांत को देखने के लिए करते है • सौर भठियो में सूर्य से आने वाली किरण को एकत्रित कर किसी एक बिंदु पर एकत्रित करना • प्रयोगसाला में उत्तल दर्पण का उपयोग उत्तल • उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर के रूप में किया जाता है • इसका उपयोग टेलिस्कोप में भी होता है | • प्रयोगसाला में Post navigation

उत्तल दर्पण का उपयोग करता है

उत्तल दर्पण का उपयोग : (i) उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च.दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में किया जाता है। (ii) ये दर्पण वाहन के पार्श्व (side) में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सके। (iii) इसका उपयोग टेलिस्कोप में भी होता है | (iv) उत्तल दर्पण का उपयोग स्ट्रीट लाइट रिफ्लेक्टर के रूप में भी किया जाता है क्योंकि यह एक बड़े क्षेत्र पर प्रकाश प्रसार करने में सक्षम हैं |

समतल दर्पण का उपयोग

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अपसारी और अभिसारी दर्पण in English

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उत्तल दर्पण का उपयोग करता है

उत्तल दर्पण का उपयोग : (i) उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च.दृश्य (wing) दर्पणों के रूप में किया जाता है। (ii) ये दर्पण वाहन के पार्श्व (side) में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राइवर अपने पीछे के वाहनों को देख सकते हैं जिससे वे सुरक्षित रूप से वाहन चला सके। (iii) इसका उपयोग टेलिस्कोप में भी होता है | (iv) उत्तल दर्पण का उपयोग स्ट्रीट लाइट रिफ्लेक्टर के रूप में भी किया जाता है क्योंकि यह एक बड़े क्षेत्र पर प्रकाश प्रसार करने में सक्षम हैं |

'प्रत्यय' किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण

‘प्रत्यय’ किसे कहते हैं ? परिभाषा, भेद और उदारहण प्रत्यय किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण) | Pratyay Kise Kahate Hain :- परिभाषा– वह शब्दांश जो किसी प्रत्यय कहते है |जैसे- समाज + इक = सामाजिक सुगन्ध + इत = सुगन्धित भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़ मीठा + आस = मिठास भला + आई = भलाई इसी प्रकार इन शब्दों में इक,इत ,अक्कड़ ,आस ,आई यह प्रत्यय शब्द होते है प्रत्यय के प्रकार प्रत्यय के दो प्रकार है 1. कृत प्रत्यय 2. तद्धित प्रत्यय 1. कृत प्रत्यय किसे कहते है जो प्रत्यय क्रिया धातु रूप के बाद लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं ,उन्हें ‘कृत प्रत्यय’ कहते है |कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे – लिख्+अक = लेखक राखन+हारा = राखनहारा घट+इया = घटिया लिख+आवट = लिखावट ये प्रत्यय क्रिया या धातु को नया अर्थ देते है। कृत् प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण बनते है| कृदन्त या कृत प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं (i)कर्त्तुवाचक कृदंत (ii)कर्मवाचक कृदंत (iii)करणवाचक कृदंत (iv)भाववाचक कृदंत (v)क्रियावाचक कृदंत (i) कर्त्तुवाचक कृदंत किसे कहते है जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात कर्ता का पता चलता हो, वह कर्तृवाचक कृदंत कहलाता है अक = लेखक, नायक, गायक,पाठक अक्कड़ = भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़, कुदक्कड़ आक = तैराक आलू = झगड़ाल आकू = लड़ाक,कृपालु ,दयालु आड़ी = खिलाड़ी ,अगाड़ी, अनाड़ी इअल = अडि़यल, मरियल,सड़ियल एरा = लुटेरा, बसेरा ऐया = गवैया,नचैया ,खिवैया ओड़ा = भगोड़ा वाला = पढ़नेवाला, लिखनेवाला,रखवाला हार = होनहार ,राखनहार, चाखनहार,पालनहार (ii) कर्मवाचक कृदंत किसे कहते है जिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का पता चलता हो वह कर्मवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे- औन...

उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर

Uttal Darpan aur Avtal Darpan me Antar | उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अंतर देखें|अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण के उपयोग | उत्तल दर्पण व अवतल दर्पण की परिभाषा और प्रकृति |अवतल और उत्तल दर्पण में अंतर( difference between concave and convex mirror in hindi) | उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण दोनों में क्या अंतर है? उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में क्या अंतर है यह परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी अहम टॉपिक है . अक्सर परीक्षा तथा परीक्षक द्वारा उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण की परिभाषा व दोनों दर्पणों में अंतर पूछ लिया जाता है . साथ ही परीक्षावों में अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण का उपयोगक्या है और कहाँ होता है. आज के इस लेख में हम उत्तल दर्पण तथा अवतल में अंतर, परिभाषा, उपयोग तथा उदाहरण को विस्तार में जानेंगे . साथ ही इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है. उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण दोनों में क्या अंतर है यह जानने से पहले हम दोनों गोलीय दर्पणों की सर्वप्रथम परिभाषा जान लेते है. वेग और चाल में अंतर बताईये अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण की परिभाषा क्या है? Definition of concave mirror and convex mirror in Hindi? अवतल दर्पण किसे कहते हैं? (concave mirror/कॉनकेव मिरर) Concave Mirror in hindi:- अवतल दर्पण एक प्रकार का गोलीय दर्पण है जिसमे कि परावर्तन करने वाला चिकना व चमकीला भाग अंदर या भीतर की तरफ धंसा हुआ होता है, अवतल दर्पण कहलाता है. अवतल दर्पण में अंदर की तरफ धंसा हुआ चमकीला सतह प्रकाश के परावर्तन के नियम का अनुपालन करता है. अवतल दर्पण मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश किरणों को परावर्तन के बाद अंदर की ओर प्रतिबिम्बित कर देता है. अवतल दर्पण के उदाहरण:- अवतल दर्पण के उदाहरण इस प्रकार है- टॉर...