वायु प्रदूषण के 10 कारण

  1. वायु प्रदूषण
  2. वायु प्रदूषण पर 10 वाक्य
  3. सिर्फ बाहर नहीं घर तक भी मार कर रहा है वायु प्रदूषण, आज ही घर पर लगाएं ये एयर प्यूरीफायर प्लांट
  4. 10 वायु प्रदूषण के परिणाम / वातावरण
  5. वायु प्रदूषण क्या है? स्त्रोत/कारण, दुष्प्रभाव
  6. Air Pollution in Hindi (वायु प्रदूषण)
  7. वायु प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं ये 10 आयुर्वेदिक टिप्स
  8. World Environment Day:वायु प्रदूषण से 10 में से एक को फेफड़े के कैंसर का खतरा, श्वसन रोग बढ़ा रही चिंता


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वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण | वायु प्रदूषण के कारण, समस्या, उपाय, निबंध नमस्ते दोस्तों मैं Suhana आज के इस Article में आपको वायु प्रदूषण के सभी Concept को बताऊँगी जिसमें वायु प्रदूषण Air Pollution in Hindi, वायु प्रदूषण क्या है, वायु प्रदूषण के कारण, वायु प्रदूषण पर निबंध, वायु प्रदूषण के उपाय, वायु प्रदूषण के स्रोत, वायु प्रदूषण के प्रकार, वायु प्रदूषण समस्या, वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव, वायु प्रदूषण के निवारण, वायु प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण अधिनियम 1981 से संबंधित हम सारे तथ्यों के बारे में पढ़ेंगे और जानेंगे जो कि 8th, 10th, 12th, B.Sc., B.A., UPSC, SSC, PSC और अन्य Competitive Exams में हमेशा पूछा जाता है। Friends… आप हमारे Telegram Channel से अवश्य जुड़ें यहाँ हर रोज नये English Grammar के Lesson से जुड़े प्रश्न और उत्तर और Images या PDF Version में सभी महत्वपूर्ण 10th, 12th, SSC, IPS, UPSSC, Banking परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण Study Content और साथ में GK Questions के बहुत सारे जानकारी उपलब्ध कराई जाती है जिससे आप अपने सफलता के लक्ष्य को बिना रुके प्राप्त कर सकें और साथ में प्रेरणादायक अनमोल वचन, Motivational Videos भी उपलब्ध कराई जाती है। यहाँ वायु प्रदूषण क्या है Air Pollution in Hindi वायु में उपस्थित ऑक्सीजन पर ही जीवन निर्भर है। वायु अनेक गैसों का आनुपातिक सम्मिश्रण है, जिसमें नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%), आर्गन (0.9%), कार्बन डाई ऑक्साइड (0.03%) आदि विभिन्न गैसों का अनुपात निश्चित होता है। इन गैसों के अनुपात में परिवर्तन से वायु प्रदूषण होता है। वायु के घटकों में परिवर्तन होने अथवा वायु में दूषित पदार्थों की मात्रा बढ़ने से वायु-प्रदूषित हो जाती है, जो जैव समुदाय के...

वायु प्रदूषण पर 10 वाक्य

आज हम 10 Lines On Air Pollution in Hindi लिखेंगे ।दोस्तों यह 10 पंक्तियां क्लास 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 , 10 , 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है ।आज की इस लेख में हमने वायु प्रदूषण की महत्वपूर्ण जानकारियों को 10 पंक्तियों में समाहित किया है। अगर आप वायु प्रदूषण पर पूरा निबंध लिखना चाहते हैं, तो वह भी आपको हमारे इस वेबसाइट पर मिल जाएगा। Contents • • • • • • वायु प्रदूषण पर 10 वाक्य (10 lines on Air pollution in Hindi) • वातावरण की वायु में घुली हानिकारक गैस और अशुद्ध कारण वायु प्रदूषण कहलाते हैं। • उद्योग , वाहन व ज्वालामुखी से उत्सर्जित गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। • वाय प्रदूषण मुख्यत वायु के दूषित करने के कारण होता है। • फैक्ट्रियों और कारखानों से निकलने वाले धूए से वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ता है। • हरे पेड़ –पौधों की कटाई भी वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण है। • मोटर वाहनों का प्रयोग कम करना होगा। • वायु प्रदूषण से बचने के लिए वृक्षारोपण सबसे अच्छा उदाहरण है। • वातावरण की शुद्ध वायु में अशुद्धियां जैसे धूल ,धुआं ,कंकड़ आदि का मिश्रित हो जाने से वायु प्रदूषण होता है। • वायु प्रदूषण के कारण साल में 60% लोगों की मृत्यु हो जाती है। • बड़े बड़े कारखानों का निर्माण भी शहर से बाहर किया जाना चाहिए जिससे वायु प्रदूषण कम हों। वायु प्रदूषण पर 20 वाक्य (20 lines on Air pollution in Hindi) • वायु में ऐसे तत्वों का मिश्रण होना जिससे उसकी गुणवत्ता कम हो जाए और वह मनुष्य और जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो वायु प्रदूषण कहलाता है। • प्रदूषण के कारण ओजोन परत में भी गड्ढे पड़ गए हैं जो हमें सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से बचाती है। • वायु को प्रदूषित होने ...

सिर्फ बाहर नहीं घर तक भी मार कर रहा है वायु प्रदूषण, आज ही घर पर लगाएं ये एयर प्यूरीफायर प्लांट

Written by |Published : June 14, 2023 7:01 PM IST • • • • • Air purifier plants for home: प्रदूषण के लगातार बढ़ने के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी लगातार बढ़ रही हैं। लगातार बढ़ रही ट्रैफिक, फैक्ट्रियों और अन्य कई कारणों से वायु प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ा है, जिसके कारण लोगों को सांस से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। कुछ शहरों में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि घर पर भी प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं। बाहर के वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर जाते समय मास्क आदि का उपयोग किया जा सकता है, हालांकि अगर घर के अंदर की वायु भी प्रदूषित हो गई है, तो उससे बचना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन यह भी सच है कि घर के वायु प्रदूषण को कंट्रोल करना ज्यादा आसान है। जिस प्रकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है, उसी प्रकार घर पर कुछ पौधे लगाकर भी घर के अंदर के वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। चलिए जानते हैं घर पर लगाए जा सकने वाले कुछ एयर प्यूरीफायर प्लांट्स के बारे में। 1. एरिका पाम (areca palm for air purification) भारत में लोग अपने घर की डेकोरेशन के लिए आमतौर पर एरिका पाम प्लांट लगाना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एरिका पाम में एयर प्यूरीफायर के गुण भी पाए जाते हैं। घर के अंदर की हवा को साफ करने के लिए एरिका पाम प्लांट लगाया जा सकता है। अगर आप किसी प्रदूषण वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो एरिका पाम जरूर लगाएं। 2. स्पाइडर प्लांट (Spider plant for air purification) घर में की डेकोरेशन बढ़ाने के लिए स्पाइडर प्लांट काफी अच्छा ऑप्शन हो सकता है। हवा को साफ करने के लिए स्पाइडर प्लांट को काफी फायदेमंद माना गया है...

10 वायु प्रदूषण के परिणाम / वातावरण

के बीच में वायु प्रदूषण के परिणाम सबसे अधिक नुकसान में एसिड रेन, स्मॉग इफेक्ट, प्रजातियां विलुप्त होने या ग्रीनहाउस प्रभाव शामिल हैं. प्रदूषण पर्यावरण की स्थितियों और तत्वों के बिगड़ने से ज्यादा कुछ नहीं है, जो कि पानी, मिट्टी और वातावरण में दूषित पदार्थों की उपस्थिति के कारण होता है, जो कि अधिकांश भाग के लिए मनुष्य द्वारा उत्पन्न होता है।. कारखानों और उद्योगों, आग, धूम्रपान की आदतों, मोटर वाहन, घरेलू उपकरण, मशीनरी, उपकरण और बहुत कुछ के साथ मिलकर ठोस अपशिष्ट, उत्सर्जन और विषाक्त उत्पादों का गलत निपटान, मनुष्यों में बीमारियों का उत्पादन करके पर्यावरण को अपरिवर्तनीय नुकसान पहुंचाता है। मनुष्य, जानवर और सभी जीवित चीजें जो जैव विविधता को प्रभावित करने वाले विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में सह-अस्तित्व रखते हैं. हवा का प्रदूषण, इस तत्व के प्राकृतिक अनुपात में परिवर्तन करने वाले ठोस कणों और गैसों के मिश्रण से उत्पन्न होता है, जो कि सभी जलते हैं. तत्वों में से कई (यदि सभी नहीं) जो वायु को प्रदूषित करते हैं, मनुष्यों के लिए विषाक्त हैं, उनकी संपत्ति, जानवरों और पौधों पर प्रतिकूल प्रभाव पैदा करते हैं।. वायु प्रदूषण से उत्पन्न 10 परिणाम 1- अम्लीय वर्षा हवा में वाष्प और जहरीली गैसों का जमाव अम्लों का निर्माण करता है जो बारिश के पानी के साथ फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, फर्श, इमारतों, मूर्तियों और प्राकृतिक स्मारकों को नष्ट करते हैं, पशु और पौधों की आबादी को बदलते हैं, और निश्चित रूप से आदमी. अम्लीय वर्षा का कारण बनने वाले प्राथमिक प्रदूषक महान दूरी की यात्रा करते हैं, जो बारिश, ओलों या बूंदा बांदी के रूप में बहने से पहले हजारों किलोमीटर तक हवा में चलते हैं, जो इसके विभिन्न प्रणालियों म...

वायु प्रदूषण क्या है? स्त्रोत/कारण, दुष्प्रभाव

वायु प्रदूषण क्या है? (vayu pradushan ka arth) vayu pradushan arth karanprabhav;जीवमंडल मे वायु का सभी जीवधारियों के लिये अत्यधिक महत्व है। मानव जीवन वायु के बिना संभव ही नही है, क्योंकि मनुष्य आहार के बिना कुछ सप्ताह तक अथवा बिना जल के कुछ दिन तक जीवित रह सकता है। परन्तु वायु के बिना कुछ मिनट तक भी जीवित नही रह सकता है। वायु के भौतिक, रासायनिक या जैविक रूप मे ऐसा कोई अवांछनीय परिवर्तन जिसके द्वारा स्वयं मनुष्य के जीवन या अन्य जीवों, जीवन परिस्थितियों, हमारे औद्योगिक प्रक्रमों तथा हमारी सांस्कृतिक संपदा को हानि पहुँचे, उसे वायु प्रदूषण कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार," वायुमण्डल मे विद्यमान अवांछित तत्वों की मात्रा का बढ़ जाना जिसके कारण मनुष्य तथा उसका पर्यावरण हानिकारक रूप से घातक हो सकता है, वायु प्रदूषण कहलाता है।" वायु प्रदूषण के स्त्रोत अथवा कारण (vayu pradushan ke karan) वायु प्रदूषण के दो मुख्य स्त्रोत है जो इस प्रकार हैं--- 1. प्राकृतिक स्त्रोत या कारण कुछ प्राकृतिक क्रियाओं से भी वायु प्रदूषण होता है। ज्वालामुखी उद्गार, राख, चट्टानों के टुकड़ों आदि से वायुमण्डल प्रदूषित होता है। यह सब उद्गार की शक्ति पर निर्भर करता है। परन्तु इन सब का सीमित प्रभाव होता है। वनों मे आग लगना भी वायु प्रदूषण का कभी-कभी कारण बन जाता है। समुद्री लवण के कण, खनिज के कंण आदि भी वायु प्रदूषण मे योगदान करते है। दलदली प्रदेशों मे प्रदार्थों के सड़ने से मिश्रित गैस प्रदूषण फैलाती है। कुछ पौधों से उत्पन्न हाइड्रोजन के यौगिक तथा परागकण भी प्रदूषण का कारण है। कोहरा प्रदूषण का एक मुख्य कारण बनता है। प्राकृतिक स्त्रोतों से होने वाला प्रदूषण वायुमंडल पर सीमित एवं कम हानि कारक होता है क...

Air Pollution in Hindi (वायु प्रदूषण)

वायु प्रदूषण (Air Pollution) इस समय दुनिया की कुछ सबसे गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल लगभग 50 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की मानें तो दुनिया में हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोगों में प्रदूषण से होने वाली समस्याओं और बीमारियों की जागरूकता हो, तथा उन्हें इससे बचाव के तरीके पता हों। भारत के ज्यादातर शहरों में पूरे साल प्रदूषण का स्तर तय मानकों से ज्यादा बना रहता है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग श्वसन और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। सर्दियों में यहां प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। देश की राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई बड़े शहरों में सर्दियां शुरू होते ही स्मॉग के कारण घुटन, बेचैनी और सांस की तकलीफें बढ़नी शुरू हो जाती हैं। यही कारण है कि Onlymyhealth.com इन सर्दियों में प्रदूषण को लेकर एक व्यापक कैंपन चला रहा है, जिससे आप प्रदूषण से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में जागरूक हो सकें। ये कैंपेन इस समय इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि दुनिया पहले ही कोरोना वायरस नामक वैश्विक महामारी से जूझ रही है। कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी कोविड-19 भी एक श्वसन संबंधी बीमारी (Respiratory Infection) है, यानी ये बीमारी भी श्वसनतंत्र और फेफड़ों को प्रभावित करती है। ऐसे में कोविड के समय में वायु प्रदूषण काफी गंभीर स्थितियां पैदा कर सकता है। इस कैंपेन के तहत हम आप तक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों और इससे बचाव के उपायों पर हेल्थ एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स, डायटीशियन्स और न्यूट्रीशनिस्ट्स द्वारा सुझाए...

वायु प्रदूषण से बचने के लिए अपनाएं ये 10 आयुर्वेदिक टिप्स

दिल्ली समेत इस समय भारत के कई अन्य राज्यों में वायु प्रदूषण का कहर व्यापक स्तर पर है। हवा में हानिकारक केमिकल की मौजूदगी के कारण लोग तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इनमें खांसी, सांस फूलना, त्वचा रोग और कई गंभीर किस्म के फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां प्रमुख हैं। यह सच है कि ऐसी कोई भी समस्या होने पर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए लेकिन कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचार भी हैं जो आपको प्रदूषण से होने वाले नुकसानों से बचा सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ 1. नीम : नीम का पेड़ कई तरह के प्रदूषकों को अवशोषित करता है जिससे उनका प्रभाव कम होता है। अपने घर पर नीम की पत्तियों का गुच्छा रखें, इससे घर की हवा शुद्ध रहती है। पानी में नीम की पत्तियां उबालकर उस पानी से अपने चेहरे और बालों को धोएं। हफ्ते में कम से कम दो बार नीम की तीन चार पत्तियां खाएं। इसका स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन इसके सेवन से आपका खून शुद्ध होता है और खून का प्रवाह बढ़ जाता है। 2. तुलसी : प्राचीन काल से ही तुलसी के पौधे को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और अपने देश के अधिकतर घरों में लोग तुलसी के पौधे की पूजा भी करते हैं। प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए आप तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। इसके लिए तुलसी की कुछ पत्तियां लें और उन्हें कूटकर या पीसकर उसमें शहद की कुछ बूंदें मिलाकर उसका रोजाना सेवन करें। 3. घी : कई लोग ऐसा सोंचते हैं कि घी खाने से सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है लेकिन ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि रोजाना सुबह और रात में सोने से पहले दो चम्मच गाय का घी खाने से प्रदूषण से होने वाले हानिकारक प्रभाव से आपका बचाव होता है। 4. हल्दी : हल्दी के अधिकतर फायदों के बारे में आप सभी क...

World Environment Day:वायु प्रदूषण से 10 में से एक को फेफड़े के कैंसर का खतरा, श्वसन रोग बढ़ा रही चिंता

वैश्विक स्तर पर बढ़ता प्रदूषण का खतरा सभी के लिए बहुत हानिकारक है। समय के साथ यह जोखिम और भी बढ़ता जा रहा है। लिहाजा न सिर्फ कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ा है साथ ही लाइफ एक्सपेक्टेंसी भी अब पहले की तुलना में कम हुई है। वायु और जल प्रदूषण को स्वास्थ्य विशेषज्ञ इंसानी सेहत के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण मानते हैं। ये दोनों स्थितियां कैंसर जैसी कई प्रकार का गंभीर-जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही हैं। पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम और इसके कारण बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 5 जून के विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, व्यक्तिगत रूप से भी सभी लोगों को प्रदूषण से बचाव करने के साथ उन उपायों पर ध्यान देना चाहिए जो भविष्य में कई गंभीर समस्याओं का कारण बनती दिख रही हैं। आइए जानते हैं कि वायु-जल प्रदूषण हमारी सेहत के लिए किस प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है? वायु प्रदूषण से बढ़ रहा है फेफड़ों के कैंसर का खतरा वायु प्रदूषण का मतलब हवा में छोटे धूल जैसे कणों और हानिकारक पदार्थों-रसायनों का मिश्रण है। यह मानव निर्मित हो सकता है, जैसे वाहनों या कारखानों से निकलने वाला धुआं और लकड़ी या कोयले जैसे जलने वाले ईंधन से निकलने वाला धुआं। आमतौर पर सबसे छोटे कणों को वैज्ञानिक भाषा में 'पार्टिकुलेट मैटर' कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहना फेफड़ों के कैंसर के जोखिमों को कई गुना बढ़ा देता है। अकेले वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर के लगभग 10 मामलों में से 1 का कारण बनता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक वायु प्रदूषण को कई अध्ययनों में गंभीर मानसिक और शार...