Vidyut sthitij urja kise kahate hain

  1. नाभिकीय ऊर्जा किसे कहते हैं? Nabhikiya Urja Kise Kahte Hai?
  2. अभाज्य संख्या किसे कहते हैं
  3. विद्युत धारा किसे कहते हैं?
  4. विद्युत ऊर्जा
  5. विभवांतर किसे कहते है
  6. विद्युत धारा के नोट्स


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नाभिकीय ऊर्जा किसे कहते हैं? Nabhikiya Urja Kise Kahte Hai?

जब किसी भारी तत्व (जैसे यूरेनियम) को कम ऊर्जा वाले न्यूट्रॉनों द्वारा बमवर्षितस किया जाता है, तब वे हल्के नाभिकों में टूट सकते हैं। जब ऐसा होता है तब ऊर्जा की विशाल मात्रा निर्मुक्त होती है। इसी ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) कहा जाता है, और इस प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन कहा जाता है। by AnjaliYadav

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं, सबसे छोटी अभाज्य संख्या, सबसे बड़ी अभाज्य संख्या [Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain, Prime Number in hindi ] आज हम जानेंगे की अभाज्य संख्या किसे कहते है, इसकी परिभाषा, अर्थ, प्रकार, विशेषता सभी कुछ जानेगे क्योकिं विद्यार्थियों में इस बात को लेकर अक्सर कन्फ्यूज़न होता हैं कि आखिर ये अभाज्य संख्या होती क्या है. इसी समाधान का हल हम इस आर्टिकल मे जानेंगे. Table of Contents • • • • • • • • अभाज्य संख्या क्या होती हैं – Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain वे संख्याएं जो केवल एक से विभाजित होती हैं या फिर स्वयं से विभाजित होती हैं, ऐसी संखाओं को अभाज्य संख्या कहा जाता है. अभाज्य संख्या के शब्द में ही अभाज्य शब्द जुड़ा हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है जिसका भाज्य ना हो, आइये इसके कुछ उदाहरण देखते हैं, जिससे यह आपको और अच्छे से समझ आएगा. जैसे 2,3,5,7,11,13,17 ……… अनंत तक हो सकती या इसकी कोई सीमा नहीं होती अर्थात अभाज्य संख्या अनंत होती है. उपर्युक उदाहरण में 2 को देखे तो 2 एक से विभाजित होती है या फिर स्वयं से इसलिए 2 को अभाज्य संख्या कहा जा सकता है. उम्मीद है आपको अभाज्य संख्या किसे कहते हैं समझ में आ गया होगा, लेकिन अभी इससे जुड़े और भी तथ्य हैं जिहें आपका जानना बहुत जरुरी है, इसलिए अभी पोस्ट को आप अंत तक पढ़े किसे कहते है आखिर अभाज्य संख्या- (Abhajya Sankhya Kise Kahate Hain) गणित विषय में अभाज्य संख्या एक एसी धनात्मक पूर्णाक संख्या है, जिसके केवल दो गुणनखंड होता है. अर्थात मान लीजिए की कोई संख्या A हैं, तो उसका गुणनखंड 1 और A होंगा. इस तरह की संख्या को अभाज्य संख्या कहते हैं. इस तरह की परिभाषा धनात्मक + पूर्णाक या प्राकृत संख्या में लागू होता है. सीधी भाषा में ...

विद्युत धारा किसे कहते हैं?

• विद्युत धारा का SI मात्रक एंपियर (A) होता है। 1 एंपियर विद्युत धारा प्रति सेकेंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह के बराबर होती है। • किसी विद्युत धारा प्रवाहित करने वाले चालक के सतत एवं बंद पथ को परिपथ (Circuit) कहते हैं। • किसी परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा मापने के लिये ऐमीटर नामक यंत्र का उपयोग करते हैं। • एमीटर को परिपथ में सदैव श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं। • सुचालक - वैसे पदार्थ, जिनकी प्रतिरोधकता अत्यंत कम होती है अर्थात् जिनसे होकर विद्युत धारा का प्रवाह सुगमतापूर्वक हो जाता है, उन्हें 'सुचालक' कहते हैं जैसे सभी धातुएँ: चाँदी, ताँबा, एल्युमिनियम आदि। • अचालक/कुचालक - वे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत धारा का प्रवाह नहीं हो सकता अर्थात् इनकी प्रतिरोधकता अति उच्च होती है, उन्हें 'कुचालक' कहते हैं जैसे लकड़ी, प्लास्टिक इत्यादि। • अर्द्धचालक - इन पदार्थों की प्रतिरोधकता चालकों और कुचालकों के बीच की होती है। साधारण ताप या निम्न ताप पर इनसे विद्युत चालन नहीं हो पाता है, लेकिन उच्च ताप पर इनसे विद्युत धारा का प्रवाह होता है। उदाहरण के लिये सिलिकन, जर्मेनियम इत्यादि। • अतिचालक - हम जानते हैं कि धातुओं का प्रतिरोध तापमान कम करने पर घटता है अर्थात् उनकी चालकता बढ़ जाती है। अतः अगर हम किसी धातु का तापमान लगातार कम करते रहें तो एक निश्चित ताप पर प्रतिरोध लगभग शून्य हो जाता है और वे तब अतिचालक कहलाने लगते हैं। कुछ सेरामिक पदार्थ (Ceramics) लगभग 100 K ताप पर ही अतिचालक बन जाते हैं। अतिचालक पदार्थों के प्रयोग से ऊर्जा का न्यूनतम क्षय होता है और उसका अधिकाधिक प्रयोग हो पाता है। • वाट चूँकि शक्ति का एक छोटा मात्रक है। अत: व्यावहारिक अनुप्रयोगों में हम इसके 1000 गुना बड़े मात्रक किलोवाट का प्रय...

विद्युत ऊर्जा

Table of Contents • • • • • • • • विद्युत ऊर्जा क्या है – vidyut urja kise kahate hain किसी चालक की विद्युत ऊर्जा वह ऊर्जा होती है जो किसी चालक मे विद्युत आवेश के प्रवाहित होने मे व्‍यय होती है ,विद्युत उर्जा कहलाती है। यदि किसी चालक के सिरों के बीच उत्‍पन्‍न विभवान्‍तर v है तब चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक q आवेश को लाने मे किया गया कार्य W=v × q जूल होगा ।अर्थात् v ×q जूल ऊर्जा व्‍यय होगी । अत:किया गया कार्य/व्‍यय की गई ऊर्जा , विद्युत ऊर्जा का सूत्र – vidyut urja ka sutra kya hai: W= v × q जूल W= v × I × t जूल (चुंं‍कि q = I ×t ) W= जूल (v = I × r ) W = जूल ( I = v/r ) विद्युत शक्ति किसे कहते हैं – vidyut shakti in hindi किसी विद्युत परिपथ मे विद्युत ऊर्जा के खर्च होने की दर विद्युत शक्ति कहलाती है । विद्युत शक्ति या सामर्थ्‍य =ऊर्जा /समय = जूल /सेकण्‍ड किसी परिपथ मे 1 जूल/सेकण्‍ड की दर से व्‍यय होने वाली विद्युत ऊर्जा को 1 वाट कहते है वाट विद्युत शक्ति का मात्रक – vidyut shakti ka matrak kya hota hai: विद्युत ऊर्जा शक्ति का एस आई मात्रक वाट होता है वाट = जूल / सेकण्ड विद्युत शक्ति मापने के लिए अश्व शक्ति का भी उपयोग करते है। व्‍यवहारिक मात्रक किलोवाट,मेगावाट,अश्‍वशक्ति हेाती है 1 अश्‍वशक्ति =746 वाट

विभवांतर किसे कहते है

दूसरे शब्दों में, किसी दो बिंदुओं यथा बिन्दु A तथा B, के बीच, विधुत विभवांतर V द्वारा निरूपित किया जाता है। दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर में साम्यावस्था बनाये रखने के लिये ही अत: दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर (V) = किया गया कार्य (W)/ आवेश (Q) V = W/Q ……………..1 जहाँ, V=विभवांतर तथा W=किया गया कार्य तथा Q=विद्युत आवेश है। Vibhavantar Ka SI Matrak विद्युत विभवांतर की SI मात्रक :- विद्युत विभवांतर SI मात्रक वोल्ट (V) है, जिसे इटली के भौतिक वैज्ञानिक अलेसांद्रो वोल्टा के नाम पर रखा गया है। विद्युत विभवांतर की मात्रक वोल्ट (V)है, कार्य W की मात्रक जूल (J) है तथा विद्युत आवेश (Q) की मात्रक कूलाम C है अत: विभवांतर V की SI मात्रक =J/C =JC -1 कूलॉम (Coulomb) आवेश को को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में 1 जूल (Joule) कार्य किया जाता है, तो उन दो बिन्दुओं के बीच विभवांतर 1 वोल्ट (volt) होता है। 1V= 1J/1C यह भी पढ़ें – हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया Vibhavantar Kise Kahate Hain आपको पसंद आयी होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। Categories Post navigation

विद्युत धारा के नोट्स

chapter 3 के इस notes के अंदर सभी Topic ncert book से लिये गए हैं। और सभी टॉपिको की परिभाषा, उत्पत्ति व कारण सहित वर्णन किया गया है। विद्युत धारा :- किसी चालक में आवेश के प्रवाह की दर को चालक में प्रवाहित विद्युत धारा कहते हैं। इसे i से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक में q आवेश t समय तक प्रवाहित किया जाता है। तो विद्युत धारा \footnotesize \boxed विद्युत धारा का मात्रक को कूलाम/सेकण्ड अथवा ऐम्पियर (A) होता है। यह एक आदिश राशि है। Note – 1 इलेक्ट्रॉन पर 1.6 × 10 -19 कूलाम आवेश होता है। तो 1 कूलाम आवेश के लिए इलेक्ट्रॉनो की संख्या \large \frac टर्मिनल विभवान्तर यदि परिपथ में विभिन्न भागों में व्यय होने वाली ऊजाएं W 1, W 2, W 3,…. हो तो इसका योग W ही होगा अतः विद्युत वाहक बल E = \large \frac यहां V 1, V 2, V 3…… परिपथ के भिन्न-भिन्न भागों के टर्मिनल विभवान्तर कहते है। पढ़ें… आन्तरिक प्रतिरोध जिस प्रकार तार विद्युत धारा के मार्ग में प्रतिरोध लगता है। उसी प्रकार सेल का घोल भी विद्युत धारा के मार्ग में प्रतिरोध लगता है। इसे सेल का आन्तरिक प्रतिरोध कहते हैं। इसे r प्रदर्शित करते हैं। आन्तरिक प्रतिरोध r का मान निम्न बातों पर निर्भर करता है। यह प्लेटों के क्षेत्रफल को व्युत्क्रमानुपाती होती है। यह सेल की प्लेटों के बीच की दूरी के अनुक्रमानुपाती होता है। सेल का आन्तरिक प्रतिरोध विद्युत अपघटन की सान्द्रता बढ़ने पर बढ़ता है। चैप्टर 3 के कुछ अध्याय को समझाने के लिए हमने अलग से पोस्ट तैयार की हैं। क्योंकि अगर इस पोस्ट में पूरा चैप्टर को कवर किया जाता तो यह बहुत बड़ी हो जाती है। जिस कारण आपको भी पढ़ने और समझने में परेशानी होती है इसलिए हमने अलग-अलग तैयार की है। जो टॉपिक पढ़ना हो तो उसक...