Vyanjan kitne prakar ke hote hain

  1. वचन के कितने भेद होते हैं
  2. प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? GyaanGranth
  3. Learn Hindi Vyanjan
  4. Hindi Vyanjan
  5. विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?
  6. प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? GyaanGranth
  7. Hindi Vyanjan
  8. वचन के कितने भेद होते हैं
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  10. विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?


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वचन के कितने भेद होते हैं

वचन के कितने भेद होते हैं | वचन के कितने प्रकार होते हैं? – ( Vachan ke kitne bhed hote hain – Vachan ke kitne prakar hote hain) हिंदी व्याकरण के अनुसार वचन दो प्रकार के होते हैं. जो निम्न-अनुसार हैं: • एकवचन • बहुवचन एकवचन संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका एक संख्या में होने का बोध होता हैं. उसे एकवचन कहते हैं. उदाहरण 1 : राम ने पेन्सिल ख़रीदी. Sangya ke kitne bhed /prakar hote hain – Sangya kise kahate hain वचन से जुड़े कुछ नियम जिसका हमे हिंदी भाषा में ज्ञान होना आवश्यक हैं. • किसी बड़े या आदरणीय व्यक्ति के लिए हमेशा बहुवचन का प्रयोग होता हैं. उदाहरण: माताजी सो रही हैं. उदाहरण: नेताजी भाषण दे रहे हैं. • द्रव्यवाचक संज्ञा शब्दों के लिए हमेशा एकवचन का प्रयोग किया जाता हैं. जैसे: घी, दूध, तेल आदी. • कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं. जिन्हें हमेशा बहुवचन में प्रयोग किया जाता हैं. जैसे आशीर्वाद, दर्शक, भाग्यकेश इत्यादि. • समूहवाचक संज्ञा शब्दों को हमेशा एकवचन में प्रयोग होता हैं. जैसे सेना, टोली, भीड़ इत्यादि. निष्कर्ष इस आर्टिकल ( वचन के कितने भेद होते हैं | वचन के कितने प्रकार होते हैं | वचन किसे कहते हैं) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको वचन और वचन के भेद या प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. वचन वाक्य में वह शब्द होते हैं. जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा का बोध कराते हैं. यह आर्टिकल आपके लिए विभिन्न परीक्षा की तैयारी के दृष्टी से महत्वपूर्ण हैं.

प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? GyaanGranth

प्रिंटर एक ऐसा डिवाइस है जो आज के डिजिटल युग में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जब तक हमें इसकी जरुर नही होती तब तक हम इसकी आवश्यकता को समझ नही पाते हैं। यदि आपको किसी भी सॉफ्ट कॉपी का फोटो स्टेट चाहिए होता है तो आपको प्रिंटर की ही जरूरत होती है। यह एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? Table of Contents • • • • • • • • • • प्रिंटर क्या होता है? यह कंप्यूटर द्वारा संचालित होने वाला वह यंत्र है जो कंप्यूटर पर दिख रही सामग्री को कागज पर उतरता है ताकि कंप्यूटर की अनुपस्थिति में भी हम उस सामग्री को देख सके या उस कागज का उपयोग हस्ताक्षर लेने या दस्तावेज के रूप में कर सके। इसका उपयोग इस बात पर आधारित है कि प्रिंटर का उपयोग किस स्थान पर किया जा रहा है। बहुत से प्रिंटर केवल ब्लैक कलर में ही प्रिंट करते हैं और कुछ रंगीन यानिकी सभी प्रकार के रंगो में प्रिंट करते हैं। प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? (Printer Kitne Prakar Ke Hote Hain) प्रिंटर को मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – • इंपैक्ट प्रिंटर • नॉन इंपैक्ट प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर इस प्रकार के प्रिंटर्स में इलेक्ट्रो मैकेनिकल टेकनिक का इस्तेमाल होता है, यह अपना इम्पैक्ट छोड़ कर प्रिंट करते हैं जैसा एक टाइपराइटर में होता है। इसके भी दो प्रकार होते हैं। • लाइन प्रिंटर • कैरेक्टर प्रिंटर लाइन प्रिंटर यह प्रिंटर एक लाइन को एक ही बार में पूरा प्रिंट करता है। यहदूसरीलाइनपर आगे बढ़ने से पहले पूरीलाइनको प्रिंट करता है फिर दूसरी लाइन पर जाता है।यह समय लेता है क्योकि पहली लाइन को पूर्ण करने के बाद ही यह अगली निचे की दूसरी लाइन पर कार्य करता है। कैरेक्टर प्रिंटर यह एक बार में के...

Learn Hindi Vyanjan

आज हम आपको इस पोस्ट में आपको हिंदी व्यंजन ( उन सभी वर्णों जिनके उच्चारण में हवा या यूँ कहें की वायु की रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुंह से बाहर निकलती है। उन सभी वर्णों को व्यंजन कहा जाता हैं। व्यंजन का उच्चारण हमेशा ही स्वर की मदद से किया जाता है। व्यंजन से पहले हम आपको वर्ण के बारे में विस्तार से बताना चाहेंगे, वर्ण भाषा का वह छोटी इकाई है, जिनके खंड नहीं किए जा सकते हैं। Hindi Vyanjan हम आपको बता दें की, वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है। साथ ही अक्षर का अर्थ होता है: अनाशवान। अतः वर्ण को खंड व खंड नहीं किया जा सकता है। अगर आप ये जानने के लिए इक्छुक की, यही व्यंजन Vyanjan In Hindi कहलाते हैं। साथ ही लोग ये जानने के लिए इक्छुक हैं की (Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain) व्यंजन के कितने भेद होते हैं? तो इसका उत्तर हैं की, • 1 हिन्दी व्यंजन | Hindi Vyanjan • 2 Vyanjan Kitne Hote Hain • 3 व्यंजनों का उच्चारण स्थान के आधार पर वर्गीकरण • 4 व्यंजनों के अन्य भेद • 5 Some Important Points Hindi Vyanjan To Be Remembered • 6 FAQ: Hindi Vyanjan | हिन्दी व्यंजन • 7 Last Word: हिन्दी व्यंजन | Hindi Vyanjan Vyanjan Hindi के बारे में बताने से पहले हम आपको ये बताना उचित समझेंगे की, व्यक्ति के मुंह से व्यंजन कैसे उत्तपन होता है। इसके बारे में पता होना विस्तार से बताना चाहेंगे। अगर आप Vyanjan In Hindi के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को निचे तक अवश्य ही पढ़े। दोस्तों के व्यंजनों का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के आधार पर विभाजित किया गया है। व्यंजन के विभाजन में व्यंजन के वर्गीकरण के कुल 6 आधार हैं, जो इस प्रकार हैं। हम पहले एक साथ व्यंजन के प्रकार (Vyanjan Kitne Pra...

Hindi Vyanjan

हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi vyanjan और स्वर जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में hindi ke vyanjan के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है। हिंदी की वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं जिसे दो हिस्सों में बांटा गया है स्वर और व्यंजन। जिसमें से हिंदी स्वर की संपूर्ण जानकारी हम पिछले लेख में बता चुके हैं। अब इस लेख में चलिए जानते हैं vyanjan hindi की पूरी जानकारी। Vyanjan Kise Kahate Hainस्वरों की सहायता से उच्चारित होने वाले वर्ण/अक्षर व्यंजन कहलाते हैं यानी हिंदी के ऐसे वर्ण जिन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं होता है इन अक्षर या वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। जैसे ग + अ = ग, न + अ = न, श + अ = श यानी सभी व्यंजन 'अ' स्वर के साथ मिलकर उच्चरित होते हैं। vyanjan ki paribhasha : जब किसी अक्षर/वर्ण का उच्चारण करते समय प्राणवायु कंठ और मुख्य अंगों से टकराकर बाहर आती है उससे जो ध्वनिया उत्पन्न होती है उसे व्यंजन कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में क से ज्ञ तक के अक्षरों/वर्णों को प्रयोग में लाया जाता है, उन सभी वर्णो को व्यंजन कहते हैं। Vyanjan Kitne Hote Hai vyanjan kitne hote hain यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है क्योंकि इस तरह के सवाल अक्सर परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। तो हम आपको बताना चाहेंगे कि हिन्दी में मुख्यतः 33 व्यंजन होते हैं। जो नीचे बताए गए हैं। $ads= आइए इन सभी विभाजित व्यंजन के प्र...

विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

किसी सेवा या उत्पाद को बेचने या उत्पादन से किया जाने वाले संचार को विज्ञापन कहते हैं। विज्ञापन को दो शब्द से बनाया गया है जिसमे ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ और ‘ज्ञापन’ का अर्थ सूचना होता है। विज्ञापन को व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है। आज हम जानेंगे की विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं? Table of Contents • • • • • • • • • विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं? विज्ञापन वैसे तो कईं प्रकार के होते हैं परन्तु इसके मुख्य प्रकार 8 हैं जो निम्नलिखित रूप से विभाजित है :- 1. वर्गीकृत विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन की लागत उनके शब्दों की संख्या पर निर्भर करती है। इनमे प्रतीक चिन्हों, चित्रों,सजावटी अक्षरों, मोटे बॉर्डर इत्यादि का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं सारी वजहों के कारण इनका मूल्य काफी कम होता है। यह विज्ञापन के प्ररम्भित स्वरूप है। इस प्रकार के विज्ञापनों में खरीदना, बेचना, जरूरत है, किराये के लिए खाली, रोजगार, शैक्षणिक, वैवाहिक और खोया-पाया आदि शीर्षक आते हैं। 2. सजावटी विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन टेलीविजन में प्रकाशित किए जाते हैं। इन विज्ञापनों का निर्माण एजेंसियां करती हैं अर्थात यह महंगे होते हैं। इनमे पेशेवर मॉडलों, लोकप्रिय खिलाड़ियों आदि लोगों का आकर्षण के रूप में किसी भी ब्रांड छवि के उत्पादन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन उपभोक्ता में अधिक असर करते हैं, उत्पाद के प्रति जिज्ञासा बढ़ाते हैं और उसे इस्तेमाल करने की ललक पैदा करते हैं। इन विज्ञापनों की खासियत यह है कि यह आकर्षक, सुंदर, अधिक प्रभावशाली, प्रतीक चिन्हों, शीर्षक, मोनोग्राम आदि से परिपूर्ण होते हैं। 3. वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन यह विज्ञापन स्थानीय उत्पादों के होते हैं। इस प...

प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? GyaanGranth

प्रिंटर एक ऐसा डिवाइस है जो आज के डिजिटल युग में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जब तक हमें इसकी जरुर नही होती तब तक हम इसकी आवश्यकता को समझ नही पाते हैं। यदि आपको किसी भी सॉफ्ट कॉपी का फोटो स्टेट चाहिए होता है तो आपको प्रिंटर की ही जरूरत होती है। यह एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? Table of Contents • • • • • • • • • • प्रिंटर क्या होता है? यह कंप्यूटर द्वारा संचालित होने वाला वह यंत्र है जो कंप्यूटर पर दिख रही सामग्री को कागज पर उतरता है ताकि कंप्यूटर की अनुपस्थिति में भी हम उस सामग्री को देख सके या उस कागज का उपयोग हस्ताक्षर लेने या दस्तावेज के रूप में कर सके। इसका उपयोग इस बात पर आधारित है कि प्रिंटर का उपयोग किस स्थान पर किया जा रहा है। बहुत से प्रिंटर केवल ब्लैक कलर में ही प्रिंट करते हैं और कुछ रंगीन यानिकी सभी प्रकार के रंगो में प्रिंट करते हैं। प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? (Printer Kitne Prakar Ke Hote Hain) प्रिंटर को मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – • इंपैक्ट प्रिंटर • नॉन इंपैक्ट प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर इस प्रकार के प्रिंटर्स में इलेक्ट्रो मैकेनिकल टेकनिक का इस्तेमाल होता है, यह अपना इम्पैक्ट छोड़ कर प्रिंट करते हैं जैसा एक टाइपराइटर में होता है। इसके भी दो प्रकार होते हैं। • लाइन प्रिंटर • कैरेक्टर प्रिंटर लाइन प्रिंटर यह प्रिंटर एक लाइन को एक ही बार में पूरा प्रिंट करता है। यहदूसरीलाइनपर आगे बढ़ने से पहले पूरीलाइनको प्रिंट करता है फिर दूसरी लाइन पर जाता है।यह समय लेता है क्योकि पहली लाइन को पूर्ण करने के बाद ही यह अगली निचे की दूसरी लाइन पर कार्य करता है। कैरेक्टर प्रिंटर यह एक बार में के...

Hindi Vyanjan

हिंदी भाषा का साहित्य बहुत बड़ा है और hindi vyanjan और स्वर जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है। इसीलिए हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी swar vyanjan का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है और हम किसी चीज के बारे में पूर्ण ज्ञान तभी ले सकते हैं जब हमें सरल भाषा में समझाया जाए। इसलिए इस आर्टिकल में hindi ke vyanjan के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है। हिंदी की वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं जिसे दो हिस्सों में बांटा गया है स्वर और व्यंजन। जिसमें से हिंदी स्वर की संपूर्ण जानकारी हम पिछले लेख में बता चुके हैं। अब इस लेख में चलिए जानते हैं vyanjan hindi की पूरी जानकारी। Vyanjan Kise Kahate Hainस्वरों की सहायता से उच्चारित होने वाले वर्ण/अक्षर व्यंजन कहलाते हैं यानी हिंदी के ऐसे वर्ण जिन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नहीं होता है इन अक्षर या वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। जैसे ग + अ = ग, न + अ = न, श + अ = श यानी सभी व्यंजन 'अ' स्वर के साथ मिलकर उच्चरित होते हैं। vyanjan ki paribhasha : जब किसी अक्षर/वर्ण का उच्चारण करते समय प्राणवायु कंठ और मुख्य अंगों से टकराकर बाहर आती है उससे जो ध्वनिया उत्पन्न होती है उसे व्यंजन कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में क से ज्ञ तक के अक्षरों/वर्णों को प्रयोग में लाया जाता है, उन सभी वर्णो को व्यंजन कहते हैं। Vyanjan Kitne Hote Hai vyanjan kitne hote hain यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है क्योंकि इस तरह के सवाल अक्सर परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं। तो हम आपको बताना चाहेंगे कि हिन्दी में मुख्यतः 33 व्यंजन होते हैं। जो नीचे बताए गए हैं। $ads= आइए इन सभी विभाजित व्यंजन के प्र...

वचन के कितने भेद होते हैं

वचन के कितने भेद होते हैं | वचन के कितने प्रकार होते हैं? – ( Vachan ke kitne bhed hote hain – Vachan ke kitne prakar hote hain) हिंदी व्याकरण के अनुसार वचन दो प्रकार के होते हैं. जो निम्न-अनुसार हैं: • एकवचन • बहुवचन एकवचन संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका एक संख्या में होने का बोध होता हैं. उसे एकवचन कहते हैं. उदाहरण 1 : राम ने पेन्सिल ख़रीदी. Sangya ke kitne bhed /prakar hote hain – Sangya kise kahate hain वचन से जुड़े कुछ नियम जिसका हमे हिंदी भाषा में ज्ञान होना आवश्यक हैं. • किसी बड़े या आदरणीय व्यक्ति के लिए हमेशा बहुवचन का प्रयोग होता हैं. उदाहरण: माताजी सो रही हैं. उदाहरण: नेताजी भाषण दे रहे हैं. • द्रव्यवाचक संज्ञा शब्दों के लिए हमेशा एकवचन का प्रयोग किया जाता हैं. जैसे: घी, दूध, तेल आदी. • कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं. जिन्हें हमेशा बहुवचन में प्रयोग किया जाता हैं. जैसे आशीर्वाद, दर्शक, भाग्यकेश इत्यादि. • समूहवाचक संज्ञा शब्दों को हमेशा एकवचन में प्रयोग होता हैं. जैसे सेना, टोली, भीड़ इत्यादि. निष्कर्ष इस आर्टिकल ( वचन के कितने भेद होते हैं | वचन के कितने प्रकार होते हैं | वचन किसे कहते हैं) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको वचन और वचन के भेद या प्रकार के बारे में विस्तार से जानकारी देना हैं. वचन वाक्य में वह शब्द होते हैं. जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा का बोध कराते हैं. यह आर्टिकल आपके लिए विभिन्न परीक्षा की तैयारी के दृष्टी से महत्वपूर्ण हैं.

Learn Hindi Vyanjan

आज हम आपको इस पोस्ट में आपको हिंदी व्यंजन ( उन सभी वर्णों जिनके उच्चारण में हवा या यूँ कहें की वायु की रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुंह से बाहर निकलती है। उन सभी वर्णों को व्यंजन कहा जाता हैं। व्यंजन का उच्चारण हमेशा ही स्वर की मदद से किया जाता है। व्यंजन से पहले हम आपको वर्ण के बारे में विस्तार से बताना चाहेंगे, वर्ण भाषा का वह छोटी इकाई है, जिनके खंड नहीं किए जा सकते हैं। Hindi Vyanjan हम आपको बता दें की, वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है। साथ ही अक्षर का अर्थ होता है: अनाशवान। अतः वर्ण को खंड व खंड नहीं किया जा सकता है। अगर आप ये जानने के लिए इक्छुक की, यही व्यंजन Vyanjan In Hindi कहलाते हैं। साथ ही लोग ये जानने के लिए इक्छुक हैं की (Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain) व्यंजन के कितने भेद होते हैं? तो इसका उत्तर हैं की, • 1 हिन्दी व्यंजन | Hindi Vyanjan • 2 Vyanjan Kitne Hote Hain • 3 व्यंजनों का उच्चारण स्थान के आधार पर वर्गीकरण • 4 व्यंजनों के अन्य भेद • 5 Some Important Points Hindi Vyanjan To Be Remembered • 6 FAQ: Hindi Vyanjan | हिन्दी व्यंजन • 7 Last Word: हिन्दी व्यंजन | Hindi Vyanjan Vyanjan Hindi के बारे में बताने से पहले हम आपको ये बताना उचित समझेंगे की, व्यक्ति के मुंह से व्यंजन कैसे उत्तपन होता है। इसके बारे में पता होना विस्तार से बताना चाहेंगे। अगर आप Vyanjan In Hindi के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को निचे तक अवश्य ही पढ़े। दोस्तों के व्यंजनों का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के आधार पर विभाजित किया गया है। व्यंजन के विभाजन में व्यंजन के वर्गीकरण के कुल 6 आधार हैं, जो इस प्रकार हैं। हम पहले एक साथ व्यंजन के प्रकार (Vyanjan Kitne Pra...

विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

किसी सेवा या उत्पाद को बेचने या उत्पादन से किया जाने वाले संचार को विज्ञापन कहते हैं। विज्ञापन को दो शब्द से बनाया गया है जिसमे ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ और ‘ज्ञापन’ का अर्थ सूचना होता है। विज्ञापन को व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है। आज हम जानेंगे की विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं? Table of Contents • • • • • • • • • विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं? विज्ञापन वैसे तो कईं प्रकार के होते हैं परन्तु इसके मुख्य प्रकार 8 हैं जो निम्नलिखित रूप से विभाजित है :- 1. वर्गीकृत विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन की लागत उनके शब्दों की संख्या पर निर्भर करती है। इनमे प्रतीक चिन्हों, चित्रों,सजावटी अक्षरों, मोटे बॉर्डर इत्यादि का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं सारी वजहों के कारण इनका मूल्य काफी कम होता है। यह विज्ञापन के प्ररम्भित स्वरूप है। इस प्रकार के विज्ञापनों में खरीदना, बेचना, जरूरत है, किराये के लिए खाली, रोजगार, शैक्षणिक, वैवाहिक और खोया-पाया आदि शीर्षक आते हैं। 2. सजावटी विज्ञापन इस प्रकार के विज्ञापन टेलीविजन में प्रकाशित किए जाते हैं। इन विज्ञापनों का निर्माण एजेंसियां करती हैं अर्थात यह महंगे होते हैं। इनमे पेशेवर मॉडलों, लोकप्रिय खिलाड़ियों आदि लोगों का आकर्षण के रूप में किसी भी ब्रांड छवि के उत्पादन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन उपभोक्ता में अधिक असर करते हैं, उत्पाद के प्रति जिज्ञासा बढ़ाते हैं और उसे इस्तेमाल करने की ललक पैदा करते हैं। इन विज्ञापनों की खासियत यह है कि यह आकर्षक, सुंदर, अधिक प्रभावशाली, प्रतीक चिन्हों, शीर्षक, मोनोग्राम आदि से परिपूर्ण होते हैं। 3. वर्गीकृत सजावटी विज्ञापन यह विज्ञापन स्थानीय उत्पादों के होते हैं। इस प...