Willian kise kahate hain

  1. शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )
  2. काल किसे कहते है
  3. कोलाइडी विलयन किसे कहते है
  4. शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )
  5. काल किसे कहते है
  6. कोलाइडी विलयन किसे कहते है
  7. कोलाइडी विलयन किसे कहते है
  8. शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )
  9. काल किसे कहते है
  10. काल किसे कहते है


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शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )

शब्द किसे कहते हैं ? एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाती है। किसी भाषा में अनेक सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब वह एक वाक्य का रूप लेकर पूर्ण अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो पाता है। यह स्थाई नहीं होते , यह परिवर्तनशील होते हैं, यह समाज परिवेश और आवश्यकता के अनुसार जुड़ते रहते हैं तथा विलुप्त होते जाते हैं। जैसे पूर्व समय में व्यापार विनिमय का विभिन्न साधन था उस समय जो शब्द – सेर , सवा सेर , कुंटल , तोला , मासा , आदि का प्रयोग किया जाता था आज वह प्रयोग में नहीं है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज में रहते हुए उसे अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए शब्द तथा भाषा की आवश्यकता होती है। शब्द भाषा की छोटी इकाई होती है। दो या अधिक वर्णन को जोड़ने पर इस का निर्माण होता है , उसी प्रकार दो या अधिक शब्दों के जोड से भाषा का निर्माण होता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है और समझदार भी इसलिए वह अपने अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रयोग करता है। Table of Contents • • • • • • • शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं विभिन्न आधार ) शब्दों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया जाता है हम उन सभी को यहां निम्नलिखित रुप से व्यक्त कर रहे हैं – • अर्थ की दृष्टि से • प्रयोग की दृष्टि से • इतिहास या स्रोत की दृष्टि से • रचना की दृष्टि से • व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर 1 अर्थ की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण शब्द को भाषा की इकाई माना जाता है। शब्द वाक्य में प्रयोग होकर भाषा का रूप लेता है। एक ही शब्द वाक्यों में अलग-अलग अर्थ की प्रतीति कराता है ,शब्द का स्वरूप वाक्य के अनुरूप बदल जाता है। अतः उसमें अर्थ भिन्नता देखने को मिलता है इस दृष्टि से हम शब्दों को चार प्रकार से अध्...

काल किसे कहते है

Kal Ke Kitne Bhed Hote Hain काल के भेद :- काल के तीन भेद होते है। • वर्तमान काल • भूतकाल • भविष्यत् काल 1. वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- • वह गाना गा रहा है। • सीता खा रही है। • मैं खेल रहा हूं। वर्तमान काल के तीन उपभेद होते हैं- • सामान्य वर्तमान • अपूर्ण वर्तमान • संदिग्ध वर्तमान। सामान्य वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है जैसे- • वह अच्छा गाना गाती है। • मोहन खेलता है। अपूर्ण वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे- • मैं गा रही हूँ। • तुम नहा रहे हो। संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- • राधा नाच रही होगी। • मोहन पढ़ रहा होगा। 2. भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- • राम ने पत्र लिखा। • वह चली गई। भूतकाल के छह भेद होते हैं- सामान्य भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे – • राधा ने खाना खाया। आसन्न भूतकाल- आसन्न भूतकाल से यह जाना जाता है कि काम भूतकाल से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। जैसे – • मैं खाना खा चुका हूँ। पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत काल कहते हैं। जैसे – • डॉ. रोगी को देख चुका था। • रोगी ठीक हो चुका था। अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे...

कोलाइडी विलयन किसे कहते है

दूध,मक्खन, पनीर, क्रीम, रंगीन रत्न, बूट पॉलिश, रबर, स्याही आदि अनेक पदार्थ हमारे जीवनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भी एक प्रकार के विलयन है। उन्हें कोलॉइडी विलयनकहते है।’कोला’ का अर्थ है सरेस और ‘आइड’ का अर्थ समान है ।अर्थात् कोलाइड का अर्थ है - सरेस के समान। पानी में शर्करा के विलयन मेंअथवा पानी में नमक के विलयन में विघमान कणों की अपेक्षा कोलॉइडी विलयन मेंविघमान कणों का आमाप बड़ा होता है। इस पाठ में आप कोलॉइडी विलयनों को बनानेकी विधियाँ, उनके गुणधर्म और अनुप्रयोगों के बारे में पढेग़े। वास्तविक विलयन, कोलॉइडी विलयन और निलंबन के बीच भिन्नताआप जानते है। कि पानी में शर्करा का विलयन समागं होता है, पर दूध में नहीं। दूध कोध्यान से देखने पर उसमें तेल की बूंदें तैरती दिखेगी। इसलिए, यघपि वह समांग लगताहै पर वास्तव में वह विशमांग होता है। सभी प्रकार के विलयनों का स्वभाव विलेय कणोंके आमाप पर निर्भर करता है। यदि आमाप 1 से 100 nm के बीच हो तो कोलॉइडीविलयन बनता है, जब विलेय कणों का आमाप 100 nm से अधिक हो तो वह निलंबन केरूप में पाया जाता है। इस प्रकार कोलॉइडी विलयन वास्तविक विलयन और निलंबन केबीच की अवस्था होती है। कोलॉइडी विलयन की प्रावस्थाएँकोलॉइडी विलयन विशमांग होते हैं और उनमें कम से कम दो प्रावस्थाएँ होती हैं परिक्षिप्तप्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम। • परिक्षिप्त प्रावस्था: वह पदार्थ जो कम मात्रा में विघमान रहता है और इसके कणकोलॉइडी आमाप (1 से 100 nm) के होते हैं। • परिक्षेपण माध्यम: यह वह माध्यम है जिसमें कोलॉइडी कण परिक्षिप्त रहते है।पानी में, गंधक कोलॉइडी विलयन में गंधक कण परिक्षिप्त प्रावस्था बनाते हैं और पानीपरिक्षेपण माध्यम होता है। ये दो प्रावस्थाएँ : परिक्षिप्त प्रावस्था...

शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )

शब्द किसे कहते हैं ? एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाती है। किसी भाषा में अनेक सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब वह एक वाक्य का रूप लेकर पूर्ण अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो पाता है। यह स्थाई नहीं होते , यह परिवर्तनशील होते हैं, यह समाज परिवेश और आवश्यकता के अनुसार जुड़ते रहते हैं तथा विलुप्त होते जाते हैं। जैसे पूर्व समय में व्यापार विनिमय का विभिन्न साधन था उस समय जो शब्द – सेर , सवा सेर , कुंटल , तोला , मासा , आदि का प्रयोग किया जाता था आज वह प्रयोग में नहीं है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज में रहते हुए उसे अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए शब्द तथा भाषा की आवश्यकता होती है। शब्द भाषा की छोटी इकाई होती है। दो या अधिक वर्णन को जोड़ने पर इस का निर्माण होता है , उसी प्रकार दो या अधिक शब्दों के जोड से भाषा का निर्माण होता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है और समझदार भी इसलिए वह अपने अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रयोग करता है। Table of Contents • • • • • • • शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं विभिन्न आधार ) शब्दों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया जाता है हम उन सभी को यहां निम्नलिखित रुप से व्यक्त कर रहे हैं – • अर्थ की दृष्टि से • प्रयोग की दृष्टि से • इतिहास या स्रोत की दृष्टि से • रचना की दृष्टि से • व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर 1 अर्थ की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण शब्द को भाषा की इकाई माना जाता है। शब्द वाक्य में प्रयोग होकर भाषा का रूप लेता है। एक ही शब्द वाक्यों में अलग-अलग अर्थ की प्रतीति कराता है ,शब्द का स्वरूप वाक्य के अनुरूप बदल जाता है। अतः उसमें अर्थ भिन्नता देखने को मिलता है इस दृष्टि से हम शब्दों को चार प्रकार से अध्...

काल किसे कहते है

Kal Ke Kitne Bhed Hote Hain काल के भेद :- काल के तीन भेद होते है। • वर्तमान काल • भूतकाल • भविष्यत् काल 1. वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- • वह गाना गा रहा है। • सीता खा रही है। • मैं खेल रहा हूं। वर्तमान काल के तीन उपभेद होते हैं- • सामान्य वर्तमान • अपूर्ण वर्तमान • संदिग्ध वर्तमान। सामान्य वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है जैसे- • वह अच्छा गाना गाती है। • मोहन खेलता है। अपूर्ण वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे- • मैं गा रही हूँ। • तुम नहा रहे हो। संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- • राधा नाच रही होगी। • मोहन पढ़ रहा होगा। 2. भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- • राम ने पत्र लिखा। • वह चली गई। भूतकाल के छह भेद होते हैं- सामान्य भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे – • राधा ने खाना खाया। आसन्न भूतकाल- आसन्न भूतकाल से यह जाना जाता है कि काम भूतकाल से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। जैसे – • मैं खाना खा चुका हूँ। पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत काल कहते हैं। जैसे – • डॉ. रोगी को देख चुका था। • रोगी ठीक हो चुका था। अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे...

कोलाइडी विलयन किसे कहते है

दूध,मक्खन, पनीर, क्रीम, रंगीन रत्न, बूट पॉलिश, रबर, स्याही आदि अनेक पदार्थ हमारे जीवनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भी एक प्रकार के विलयन है। उन्हें कोलॉइडी विलयनकहते है।’कोला’ का अर्थ है सरेस और ‘आइड’ का अर्थ समान है ।अर्थात् कोलाइड का अर्थ है - सरेस के समान। पानी में शर्करा के विलयन मेंअथवा पानी में नमक के विलयन में विघमान कणों की अपेक्षा कोलॉइडी विलयन मेंविघमान कणों का आमाप बड़ा होता है। इस पाठ में आप कोलॉइडी विलयनों को बनानेकी विधियाँ, उनके गुणधर्म और अनुप्रयोगों के बारे में पढेग़े। वास्तविक विलयन, कोलॉइडी विलयन और निलंबन के बीच भिन्नताआप जानते है। कि पानी में शर्करा का विलयन समागं होता है, पर दूध में नहीं। दूध कोध्यान से देखने पर उसमें तेल की बूंदें तैरती दिखेगी। इसलिए, यघपि वह समांग लगताहै पर वास्तव में वह विशमांग होता है। सभी प्रकार के विलयनों का स्वभाव विलेय कणोंके आमाप पर निर्भर करता है। यदि आमाप 1 से 100 nm के बीच हो तो कोलॉइडीविलयन बनता है, जब विलेय कणों का आमाप 100 nm से अधिक हो तो वह निलंबन केरूप में पाया जाता है। इस प्रकार कोलॉइडी विलयन वास्तविक विलयन और निलंबन केबीच की अवस्था होती है। कोलॉइडी विलयन की प्रावस्थाएँकोलॉइडी विलयन विशमांग होते हैं और उनमें कम से कम दो प्रावस्थाएँ होती हैं परिक्षिप्तप्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम। • परिक्षिप्त प्रावस्था: वह पदार्थ जो कम मात्रा में विघमान रहता है और इसके कणकोलॉइडी आमाप (1 से 100 nm) के होते हैं। • परिक्षेपण माध्यम: यह वह माध्यम है जिसमें कोलॉइडी कण परिक्षिप्त रहते है।पानी में, गंधक कोलॉइडी विलयन में गंधक कण परिक्षिप्त प्रावस्था बनाते हैं और पानीपरिक्षेपण माध्यम होता है। ये दो प्रावस्थाएँ : परिक्षिप्त प्रावस्था...

कोलाइडी विलयन किसे कहते है

दूध,मक्खन, पनीर, क्रीम, रंगीन रत्न, बूट पॉलिश, रबर, स्याही आदि अनेक पदार्थ हमारे जीवनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भी एक प्रकार के विलयन है। उन्हें कोलॉइडी विलयनकहते है।’कोला’ का अर्थ है सरेस और ‘आइड’ का अर्थ समान है ।अर्थात् कोलाइड का अर्थ है - सरेस के समान। पानी में शर्करा के विलयन मेंअथवा पानी में नमक के विलयन में विघमान कणों की अपेक्षा कोलॉइडी विलयन मेंविघमान कणों का आमाप बड़ा होता है। इस पाठ में आप कोलॉइडी विलयनों को बनानेकी विधियाँ, उनके गुणधर्म और अनुप्रयोगों के बारे में पढेग़े। वास्तविक विलयन, कोलॉइडी विलयन और निलंबन के बीच भिन्नताआप जानते है। कि पानी में शर्करा का विलयन समागं होता है, पर दूध में नहीं। दूध कोध्यान से देखने पर उसमें तेल की बूंदें तैरती दिखेगी। इसलिए, यघपि वह समांग लगताहै पर वास्तव में वह विशमांग होता है। सभी प्रकार के विलयनों का स्वभाव विलेय कणोंके आमाप पर निर्भर करता है। यदि आमाप 1 से 100 nm के बीच हो तो कोलॉइडीविलयन बनता है, जब विलेय कणों का आमाप 100 nm से अधिक हो तो वह निलंबन केरूप में पाया जाता है। इस प्रकार कोलॉइडी विलयन वास्तविक विलयन और निलंबन केबीच की अवस्था होती है। कोलॉइडी विलयन की प्रावस्थाएँकोलॉइडी विलयन विशमांग होते हैं और उनमें कम से कम दो प्रावस्थाएँ होती हैं परिक्षिप्तप्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम। • परिक्षिप्त प्रावस्था: वह पदार्थ जो कम मात्रा में विघमान रहता है और इसके कणकोलॉइडी आमाप (1 से 100 nm) के होते हैं। • परिक्षेपण माध्यम: यह वह माध्यम है जिसमें कोलॉइडी कण परिक्षिप्त रहते है।पानी में, गंधक कोलॉइडी विलयन में गंधक कण परिक्षिप्त प्रावस्था बनाते हैं और पानीपरिक्षेपण माध्यम होता है। ये दो प्रावस्थाएँ : परिक्षिप्त प्रावस्था...

शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, प्रयोग और उदाहरण ( हिंदी व्याकरण )

शब्द किसे कहते हैं ? एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाती है। किसी भाषा में अनेक सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब वह एक वाक्य का रूप लेकर पूर्ण अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो पाता है। यह स्थाई नहीं होते , यह परिवर्तनशील होते हैं, यह समाज परिवेश और आवश्यकता के अनुसार जुड़ते रहते हैं तथा विलुप्त होते जाते हैं। जैसे पूर्व समय में व्यापार विनिमय का विभिन्न साधन था उस समय जो शब्द – सेर , सवा सेर , कुंटल , तोला , मासा , आदि का प्रयोग किया जाता था आज वह प्रयोग में नहीं है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज में रहते हुए उसे अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए शब्द तथा भाषा की आवश्यकता होती है। शब्द भाषा की छोटी इकाई होती है। दो या अधिक वर्णन को जोड़ने पर इस का निर्माण होता है , उसी प्रकार दो या अधिक शब्दों के जोड से भाषा का निर्माण होता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है और समझदार भी इसलिए वह अपने अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रयोग करता है। Table of Contents • • • • • • • शब्दों का वर्गीकरण ( शब्द किसे कहते हैं विभिन्न आधार ) शब्दों का वर्गीकरण विभिन्न आधारों पर किया जाता है हम उन सभी को यहां निम्नलिखित रुप से व्यक्त कर रहे हैं – • अर्थ की दृष्टि से • प्रयोग की दृष्टि से • इतिहास या स्रोत की दृष्टि से • रचना की दृष्टि से • व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर 1 अर्थ की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण शब्द को भाषा की इकाई माना जाता है। शब्द वाक्य में प्रयोग होकर भाषा का रूप लेता है। एक ही शब्द वाक्यों में अलग-अलग अर्थ की प्रतीति कराता है ,शब्द का स्वरूप वाक्य के अनुरूप बदल जाता है। अतः उसमें अर्थ भिन्नता देखने को मिलता है इस दृष्टि से हम शब्दों को चार प्रकार से अध्...

काल किसे कहते है

Kal Ke Kitne Bhed Hote Hain काल के भेद :- काल के तीन भेद होते है। • वर्तमान काल • भूतकाल • भविष्यत् काल 1. वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- • वह गाना गा रहा है। • सीता खा रही है। • मैं खेल रहा हूं। वर्तमान काल के तीन उपभेद होते हैं- • सामान्य वर्तमान • अपूर्ण वर्तमान • संदिग्ध वर्तमान। सामान्य वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है जैसे- • वह अच्छा गाना गाती है। • मोहन खेलता है। अपूर्ण वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे- • मैं गा रही हूँ। • तुम नहा रहे हो। संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- • राधा नाच रही होगी। • मोहन पढ़ रहा होगा। 2. भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- • राम ने पत्र लिखा। • वह चली गई। भूतकाल के छह भेद होते हैं- सामान्य भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे – • राधा ने खाना खाया। आसन्न भूतकाल- आसन्न भूतकाल से यह जाना जाता है कि काम भूतकाल से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। जैसे – • मैं खाना खा चुका हूँ। पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत काल कहते हैं। जैसे – • डॉ. रोगी को देख चुका था। • रोगी ठीक हो चुका था। अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे...

काल किसे कहते है

Kal Ke Kitne Bhed Hote Hain काल के भेद :- काल के तीन भेद होते है। • वर्तमान काल • भूतकाल • भविष्यत् काल 1. वर्तमान काल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम अभी चल रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- • वह गाना गा रहा है। • सीता खा रही है। • मैं खेल रहा हूं। वर्तमान काल के तीन उपभेद होते हैं- • सामान्य वर्तमान • अपूर्ण वर्तमान • संदिग्ध वर्तमान। सामान्य वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान होता है जैसे- • वह अच्छा गाना गाती है। • मोहन खेलता है। अपूर्ण वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमान कहते हैं। जैसे- • मैं गा रही हूँ। • तुम नहा रहे हो। संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- • राधा नाच रही होगी। • मोहन पढ़ रहा होगा। 2. भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं। जैसे- • राम ने पत्र लिखा। • वह चली गई। भूतकाल के छह भेद होते हैं- सामान्य भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना पाया जाये उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं। जैसे – • राधा ने खाना खाया। आसन्न भूतकाल- आसन्न भूतकाल से यह जाना जाता है कि काम भूतकाल से शुरू होकर अभी-अभी समाप्त हुआ है। जैसे – • मैं खाना खा चुका हूँ। पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप में काम का बहुत समय पहले बीत जाने का बोध होता है उसे पूर्णभूत काल कहते हैं। जैसे – • डॉ. रोगी को देख चुका था। • रोगी ठीक हो चुका था। अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे...