या देवी सर्व भूतेषु इन हिंदी

  1. Ya Devi Sarva Bhuteshu
  2. या देवी सर्वभूतेषु
  3. सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र हिंदी अर्थ सहित
  4. या देवी सर्वभूतेषु मंत्र
  5. या देवी सर्वभूतेषु मंत्र जाप
  6. Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning and significance in Hindi
  7. [PDF] या देवी सर्वभूतेषु मंत्र


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Ya Devi Sarva Bhuteshu

माना जाता है कि देवी सूक्तं जगत जननी माँ जगदम्बा को अति प्रिय है. Ya Devi Sarva Bhuteshu Meaning जानना अत्यंत आवश्यक है. या देवी सर्व भूतेषु मंत्र जापऔर नियमित प्रयोग से व्यक्ति धन, संपत्ति , ऐश्वर्य, बल आदि की प्राप्ति करता है । तो आइये मित्रों Ya Devi Sarva Bhuteshu Mantraके हिंदी अर्थ के साथ इसकी महिमा भी जाने. इस श्लोक का अर्थ है कि जो देवी शक्ति के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार , नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार। या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस श्लोक का अर्थ है जो देवी माता के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार। या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस श्लोक का अर्थ है की जो देवी चेतना के रूप में सभी प्राणियों में विराजमान है उन देवी को मेरा नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार । (चेतना किसी भी प्राणी के आस-पास के वातावरण को समझने और उनका मूल्यांकन करने की शक्ति को कहते हैं।) या देवी सर्वभूतेषू कान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में ऊर्जा और तेज के रूप में विराजमान है उन देवी को नमस्कार, नमस्कार कोटि कोटि नमस्कार या देवी सर्वभूतेषू जाति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी जीव जंतुओं के जन्म का मुख्य कारण है उन देवी को नमस्कार, नमस्कार, कोटि कोटि नमस्कार या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस श्लोक का अर्थ है जो देवी सभी प्राणियों में दया के रूप मे...

या देवी सर्वभूतेषु

माँ भगवती को यह स्तोत्र बहुत प्रिय जो भी भक्त Ya Devi Sarvabhuteshu Lyrics स्त्रोत्र या देवीसूक्तम्‌ देवी सर्वभूतेषु को सच्चे मन से स्मरण करता है मा भगवती की कृपा उस पर सदैव बनी रहती है इस स्तोत्र की महिमा बहुत अद्भुद है सबका मंगल करने वाली माँ भगवती के चरणों में प्रणाम | Ya Devi Sarvabhuteshu Lyrics Detais: मंत्र : या देवी सर्वभूतेषु शैली : सूत्र : मूल भाषा : संस्कृत संबधित : आदिशक्ति माँ दुर्गा Table of Contents • • • • • • या देवी सर्वभूतेषु – Ya Devi Sarvabhuteshu Lyrics in Hindi माना जाता है कि हजारों साल पहले, एक महिला ने एक ही अहसास के बाद परमानंद में नृत्य करना शुरू कर दिया था जिसने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया: उसका जीवन अनंत चेतना से उत्पन्न हुआ जो निराकार और हर रूप में मौजूद है। जो उभर कर आया वह उस चेतना की स्तुति में इस परमानंद की एक सहज अभिव्यक्ति थी जिसे आज हम ‘या देवी सर्वभूतेषु’ के नाम से जानते हैं। सर्व मंगल मांगल्ये सभी मंगलो मे मंगल (शुभ) शिवे भगवान शिव (कल्याणकारी) सर्व अर्थ साधिके सभी मनोरथ (इच्छओ) को पूर्ण करने वाली शरण्ये शरण मे आना त्रयम्बके तीन नेत्रो (आंखो) वाली गौरी भगवान शिव की अर्धांगिनी नारायणी भगवान विष्णु की पत्नी नम: अस्तुते प्रणाम करते है। तंत्रोक्त देवी सूक्तम् : Tantroktam Devi Suktam Lyrics : Yaa Devi Sarvbhuteshu सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥ हिंदी में अर्थ : हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार...

सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र हिंदी अर्थ सहित

सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र का अर्थ सब प्रकार के शुभ करने वाली मंगलमयी माता आप कल्याणकारी एवं सब मनोरथों को पूरा करने वाली हो (अर्थात सदबुद्धि देने वाली हो)। हे माँ गौरी (जिनका गौर वर्ण है), आप शरण ग्रहण करने योग्य एवम त्रिकालदर्शी अर्थात वर्तमान भूत एवम भविष्य को प्रत्यक्ष देखने वाली हो। हे नारायणी (जो सब में व्याप्त हैं) आपको नमस्कार है। हर प्रकार की शुभ करने वाली और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली (अर्थात अच्छी बुद्धि देने वाली) आप एक दयालु माता भव। हे माँ गौरी (जिनकी गोरी त्वचा है), आप शरण ले सकती हैं और त्रिकालदर्शी हैं, अर्थात् जो वर्तमान, भूत और भविष्य को प्रत्यक्ष रूप से देखती हैं, हे नारायणी (जो सब कुछ समेटे हुए हैं) आपको नमस्कार। सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र इन हिंदी (sarva mangala mangalye mantra in hindi) मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंत्रों में से एक है, सर्व मंगल मंगलये मंत्र। यह मंत्र इतना अच्छा और शुभ है कि इसे किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले किया जाता है। शादी हो या मां दुर्गा की रस्में, यह मंत्र हर जगह सुनाई देगा। नवरात्रि की आठवीं शक्ति महागौरी को समर्पित यह मंत्र अत्यंत शुभ, सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाला है। आप भी इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करके इसका लाभ उठा सकते हैं। इस मंत्र का शुद्ध जप दिन में कम से कम 108 बार (नवरात्रि के 9 दिनों तक) करना चाहिए। नवरात्रि के बाद भी अगर आप इसे जारी रखना चाहते हैं तो इसे सेव कर सकते हैं। Sarva Mangala Mangalye Mantra in English सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।। Sarva Mangala Mangalye Shive Sarvartha Saadhike Sharanye Trayambake Gauri Narayani Namostute सब प्रकार के सुख देन...

या देवी सर्वभूतेषु मंत्र

Ya Devi Sarvabhuteshu – Durga Devi Mantra – Hindi Meaning सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥ हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है। शक्ति या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। चेतना या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि -धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। (चेतना : sense, consciousness – स्वयं के और अपने आसपास के वातावरण के तत्वों का बोध होने, उन्हें समझने तथा उनकी बातों का मूल्यांकन करने की शक्ति) मातृ (माता) या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। दया या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में दया के रूप में विद्यमान हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। क्षान्ति (क्षमा) या देवी सर्वभूतेषू क्षान्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ जो देवी सब प्राणियों में सहनशीलता, क्षमा के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। बुद्धि या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्त...

या देवी सर्वभूतेषु मंत्र जाप

देवी दुर्गा संपूर्ण सृष्टि की जननी हैं। तीन नेत्रों से संपन्न, इस ब्रह्मांड में विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए देवी माँ ने हजारों रूपों में अवतार लिया है देवी भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों काल का प्रतिनिधित्व करती हैं। माता के कुछ सबसे महत्वपूर्ण कार्य राक्षसों का नाश करना और पवित्र लोगों की रक्षा करना है। वह उन जगहों पर रहती है जहां उनके नाम का जाप भक्ति और विश्वास के साथ किया जाता है। देवी मंत्र हमारे जीवन के अंत को सुरक्षित करने के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद जीतने के लिए शक्तिशाली जप हैं। सफलता और समृद्धि के लिए देवी मंत्रों का जाप अति आवश्यक है।। माँ दुर्गा सबसे शुभ हैं और सभी दुनिया को समृद्धि और शुभ का आशीर्वाद देती हैं। पवित्र और पवित्र माँ उन लोगों की रक्षा करती है जो उसके सामने आत्मसमर्पण करते हैं और वह गौरी के रूप में अवतार लेने पर पर्वत राजा की बेटी हैं। हम दिव्य माता को नमन करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। देवी दुर्गा सर्वव्यापी हैं। वह सार्वभौमिक मां की पहचान है। वह सभी प्राणियों में शक्ति, शांति और बुद्धि का अवतार है। माना जाता है कि हजारों साल पहले, एक युवा महिला ने एक ही अहसास के बाद परमानंद में नृत्य करना शुरू कर दिया था जिसने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया: उसका जीवन अनंत चेतना से उत्पन्न हुआ जो निराकार और हर रूप में मौजूद है। जो उभर कर आया वह उस चेतना की प्रशंसा में इस परमानंद की एक सहज अभिव्यक्ति थी जिसे आज हम ‘या देवी सर्व भुतेसु’ के नाम से जानते हैं। संगीतकार ऋषि वाक ने मानव अस्तित्व के हर हिस्से पर कब्जा कर लिया है और इसका श्रेय देवी माँ को दिया है। ऋग्वेद में उत्पन्न होने वाला यह मंत्र दैनिक नवरात्रि की प्रार्थना और साधना का अंग बन गया है। सर...

Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning and significance in Hindi

Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning in Hindi नवरात्रों में माता रानी के मंत्रो के जाप करने का विशेष महत्व हैं।कहा जाता है कि मां दुर्गा के मंत्रो का जाप करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की इच्छा को पूर्ण करती हैं। शक्ति अथवा ऊर्जा प्रकृति के रूप में, उल्लास के रूप में, क्रियाशीलता के रूप में, प्रसन्नता आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है। देखा जाए तो नवरात्रि का पदार्पण भी ऐसे समय में होता है, जब प्रकृति नई ऊर्जा से भरी होती है। शक्ति के प्रवाह को सकारात्मकता की ओर लाने के लिए नौ दिन शक्ति की आराधना का प्रावधान किया गया होगा। प्रस्तुत लेख में या देवी सर्वभूतेषु श्लोक का हिंदी अर्थ एवं महत्व (Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning in Hindi) संकलित है जिसे आप पढ़ सकते है। ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi उस देवी के लिए जो सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में निवास करती है, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार। Sanskrit Shloka या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi उस देवी को जो सभी प्राणियों में विष्णुमाया कहलाती हैं, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार। और पढ़े: Sanskrit Shloka या देवी सर्वभूतेषु चेतनत्य अभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi उस देवी के लिए जो सभी प्राणियों में चेतना के रूप में परिलक्षित होती है, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार। Sanskrit Shloka या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। ya devi sarva bhuteshu...

[PDF] या देवी सर्वभूतेषु मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मंत्र – Ya Devi Sarva Bhuteshu Lyrics या देवी सर्व भूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१|| या देवी सर्व भूतेषु चेतनेत्य भिधीयते | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||२|| या देवी सर्व भूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||३|| या देवी सर्व भूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||४|| या देवी सर्व भूतेषु क्षुद्धारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||५|| या देवी सर्व भूतेषु छायारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||६|| या देवी सर्व भूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||७|| या देवी सर्व भूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||८|| या देवी सर्व भूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||९|| या देवी सर्व भूतेषु जातिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१०|| या देवी सर्व भूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||११|| या देवी सर्व भूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१२|| या देवी सर्व भूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१३|| या देवी सर्व भूतेषु कांतिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१४|| या देवी सर्व भूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१५|| या देवी सर्व भूतेषु वृतत्तिरूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||१६|| या देवी सर्व स्मृतिभूतेषु रूपेण संस्थिता | नमस...